नई दिल्ली स्थित, भारत का सबसे पुराना और सबसे प्रमुख विदेश नीति थिंक टैंक, भारतीय वैश्विक परिषद (आईसीडब्ल्यूए), जिसे आईसीडब्ल्यूए अधिनियम, 2001 द्वारा राष्ट्रीय महत्व के संस्थान के रूप में मान्यता प्राप्त है, एवं तिरुवनंतपुरम स्थित, अंतरराष्ट्रीय प्रवासन के सभी पहलुओं के लिए समर्पित अकादमिक अनुसंधान का केंद्र, अंतर्राष्ट्रीय प्रवासन एवं विकास संस्थान (आईआईएमएडी),त्रावणकोर-कोचीन साहित्यिक, वैज्ञानिक और धर्मार्थ सोसायटी पंजीकरण अधिनियम, 1955 के तहत पंजीकृत, ने अंतरराष्ट्रीय प्रवासन और गतिशीलता, अंतरराष्ट्रीय मामलों और भारतीय विदेश नीति के प्रति जागरूकता और ज्ञान बढ़ाने के अपने लक्ष्य की प्राप्ति के लिए सहयोग करने पर सहमति व्यक्त की है। समझौता ज्ञापन में संयुक्त अनुसंधान गतिविधियों जैसे अध्ययन, प्रकाशन, अंतर्राष्ट्रीय प्रवासन और गतिशीलता, अंतर्राष्ट्रीय मामलों और भारतीय विदेश नीति के सहमत विषयों पर सेमिनार आयोजित करने में सहयोग का प्रावधान है, साथ ही आईआईएमएडी के छात्रों को इंटर्नशिप की पेशकश भी की गई है।
आईसीडब्ल्यूए और आईआईएमएडी के बीच 27 मई 2025 को समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए और यह तीन वर्षों की अवधि के लिए वैध रहेगा।
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