कार्यक्रम-पूर्व प्रेस-विज्ञप्ति
लैटिन अमेरिका और कैरिबियन
पर
अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन (24-25 अक्टूबर, 2016)
लैटिन अमेरिका और कैरिबियाई देशों के साथ भारत का संबंध बहुपक्षीय और क्षेत्रीय तंत्र के साथ-साथ द्विपक्षीय आदान-प्रदान के माध्यम से रहा है। भारत-सीईएलएसी ट्रोका विदेश मंत्रियों की पहली बैठक 7 अगस्त, 2012 को नई दिल्ली में आयोजित की गई थी। इस बैठक में व्यापार और निवेश, ऊर्जा, खनिज, कृषि,विज्ञान और प्रौद्योगिकी, संस्कृति, शिक्षा और जनता से जनता का संपर्क, और साथ ही क्षेत्रीय बहुपक्षीय संस्थानों में भागीदारी बढ़ाने जैसे मुद्दों पर चर्चा हुई। लैटिन अमेरिका क्षेत्र की आर्थिक क्षमता का दोहन करने के लिए 2007 में भारत ने अपना पहला भारत-एलएसी इन्वेस्टमेंट कॉन्क्लेव और उसके बाद 2009, 2010, 2013 और 2015 में वार्षिक सम्मेलन आयोजित किया। 2015 में निवेश कॉन्क्लेव में इस क्षेत्र के 23 देशों ने भाग लिया था। इसके बाद, भारतीय विदेश मंत्री ने 2015 में इक्वाडोर, कोस्टा रिका, डोमिनिकन गणराज्य और बारबाडोस के विदेश मंत्री के साथ भारत-सीईएलएसी (CELAC) चतुष्टय मंत्रिस्तरीय बैठक की मेजबानी की।
लैटिन अमेरिका और कैरिबियन के साथ जुड़ने के अपनी पहल के अंतर्गत भारतीय विश्व मामले परिषद (ICWA) ने फोकस लैटिन अमेरिका: एक प्रभावी कार्यक्रम की आवश्यकता, एक ट्रैक-II पहल, नामक अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन की मेजबानी करने का निर्णय किया जो 24-25 अक्टूबर 2016 को सप्रू हाउस, नई दिल्ली में आयोजित की जाएगी। डेढ़ दिन के सम्मेलन में पाँच प्रमुख विषयों, जैसे आर्थिक और व्यापार संपूरकता का निर्माण, क्षेत्रीय समूहीकरण: अभिसारिता, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन की ओर, सॉफ्ट पॉवर: कल्चरल एंड सोशल इंटरैक्शन एंड डायस्पोरा एंड इंटरल्ड आइडेंटिटीज, तथा वृद्धि एवं विकास की चुनौतियों पर विचार-विमर्श होगा। पांच तकनीकी सत्र उद्घाटन सत्र से पहले होगे, और सम्मेलन एक समापन सत्र के साथ समाप्त होगा जिसमें सम्मेलन के दौरान की गई सिफारिशों को संक्षेप में प्रस्तुत किया जाएगा। इस क्षेत्र के राजनयिक समूह के सदस्यों के अलावा, विभिन्न लैटिन अमेरिकी और कैरेबियाई देशों के 12 विद्वान/ विशेषज्ञ सम्मेलन में भाग लेंगे,जिसमें 14 भारतीय प्रतिभागी भी शामिल होंगे।
इस कार्यक्रम में आमंत्रित सदस्य ही भाग ले सकते है।
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