दिसंबर 2024 में, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने पनामा नहर पर नियंत्रण करने के बारे में बयान दिया और ऐसा करने के लिए सैन्य बल के इस्तेमाल से इनकार नहीं किया। उन्होंने कहा कि अमेरिकी जहाजों से पारगमन के लिए अधिक पैसे लिए जा रहे हैं और पनामा नहर में चीनी निवेश और उपस्थिति अमेरिका के लिए पर्याप्त खतरे पैदा कर रही है। बदले में, पनामा के राष्ट्रपति जोस राउल मुलिनो ने कहा कि नहर पनामा की है और यथास्थिति को बदला नहीं जा सकता। उन्होंने आगे कहा कि पनामा नहर बाहरी कर्ताओं के प्रभाव के बिना संचालित होती है और प्रशुल्क दरें उचित हैं एवं औपचारिक बैठकों में तय की जाती हैं।
पनामा नहर पर राष्ट्रपति ट्रम्प की टिप्पणी अमेरिकी सुरक्षा हितों को शामिल करते हुए एक बड़े भू– राजनीतिक संदर्भ की बात करती है और गोलार्ध में चीन की भूमिका को कम करने की बात करती है। चीन ने 2017 से ही पनामा नहर में रणनीतिक गहराई प्राप्त करने के लिए बड़ा वित्तीय निवेश किया है। इसलिए, अमेरिका और चीन के बीच प्रतिस्पर्धा को देखते हुए, पनामा नहर भू– राजनीतिक फ्लैशप्वाइंट में बदलने की क्षमता रखती है।
यह शोधपत्र पनामा नहर के महत्व, इससे संबंधित उलझन और संभावित परिणामों की जांच करता है।
अमेरिका और पनामा नहर का भू– राजनीतिक महत्व
पनामा नहर के बारे में राष्ट्रपति ट्रम्प के बयानों को समझना
राष्ट्रपति ट्रम्प ने बयान जारी कर कहा कि पनामा नहर के अधिकारी अमेरिकी जहाजों पर अधिक शुल्क लगा रहे हैं और चीन इस पर बहुत नियंत्रण रखता है जो अमेरिकी सुरक्षा हितों के लिए हानिकारक है। राष्ट्रपति ने कहा कि पनामा नहर को चीन के हाथों में जाते देखना अमेरिका के सर्वोत्तम हित में नहीं होगा और यदि आवश्यकता हुई तो अमेरिका नहर को वापस अपने कब्जे में ले सकता है, यदि पनामा नहर की तटस्थता बनाए नहीं रख सकता है। अमेरिकी राष्ट्रपति ने ऐसी स्थिति में सैन्य कार्रवाई से इनकार नहीं किया है।
इन बयानों से अमेरिका में खलबली मच सकती है लेकिन इसे इस क्षेत्र में अमेरिकी हितों को सुरक्षित करने के लिए एक बड़े भू–राजनीतिक प्रयास के रूप में देखा जाना चाहिए। पनामा नहर[i] भले ही अमेरिका द्वारा बनाई गई हो लेकिन यह अतीत में अमेरिका और पनामा के बीच विवाद का विषय रही है। हालांकि पनामा को नहर सौंपने से हितों का टकराव खत्म हो गया लेकिन चीन का पनामा में निवेश, वित्तीय और तकनीकी निकटता एवं विशेष रूप से नहर के संदर्भ में अमेरिका के साथ हमेशा से ही एक मुद्दा रहा है। हाल के वर्षों में चीन और अमेरिका के बीच वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धा के कारण यह मुद्दा प्रमुखता से उभरा है। इसलिए, नहर के बारे में राष्ट्रपति ट्रंप के बयानों से अमेरिका की चीन की अपने क्षेत्रों में गहरी दखलंदाजी के प्रति नापसंदगी उजागर होती है, जिसे वह अपना प्रभाव क्षेत्र मानता है।
साथ ही, राष्ट्रपति ट्रम्प के बयानों को लैटिन अमेरिकी देशों को एक पक्ष चुनने के लिए मजबूर करने के व्यापक तरीके से देखा जा सकता है जो कि अमेरिका और चीन के बीच है। चीन एक बड़ा निवेशक है और बीते कुछ वर्षों में उसने कई लैटिन अमेरिकी देशों के साथ घनिष्ठ संबंध बनाए हैं, अमेरिका अभी भी इन देशों के सबसे करीबी आर्थिक साझेदारों में से एक है और भौगोलिक निकटता का उल्लेख नहीं करना है। यह सच्चाई है कि लैटिन अमेरिका के कई लोग अमेरिका में रहते हैं और काम करते हैं। वास्तव में, कई देशों को सकल घरेलू उत्पाद का एक बड़ा हिस्सा अमेरिका से आने वाले धन से मिलता है। इसलिए पनामा जैसे देश ऐसी स्थिति में है जहाँ उन्हें अब सीमाएं निर्धारित करने और धीरे– धीरे अमेरिका और चीन के साथ निकटता बनाने के लिए विवश किया जा रहा है। प्रश्न यह है कि क्या पनामा जैसे देश ऐसी चुनौतीपूर्ण भूल– भुलैयाओं से कुशलतापूर्वक पार पा सकेंगे तथा अपनी भौगोलिक एवं सामरिक बढ़त को दर्शा सकेंगे और दोनों के साथ सौहार्दपूर्ण संबंध बनाए रख सकेंगे या फिर वे दूसरे के साथ संबंधों में कटौती की कीमत पर एक के साथ निकटता बढ़ाएंगे।
पनामा नहर का भू– राजनीतिक महत्व
पनामा नहर वैश्विक व्यापार एवं आपूर्ति नेटवर्क की एक महत्वपूर्ण कड़ी है। यह विश्व में समुद्री व्यापार का 6% हिस्सा है। प्रत्येक वर्ष लगभग 40% अमेरिकी कंटेनर इसी से होकर गुज़रते हैं और अमेरिका पनामा नहर का सबसे बड़ा उपयोगकर्ता भी है। वर्ष 2023 में नहर से गुजरने वाले 73% से अधिक जहाज अमेरिकी बंदरगाहों पर जा रहे थे या वहाँ से वापस आ रहे थे।[ii] पनामा नहर के जरिए प्रतिवर्ष 270 अरब अमेरिकी डॉलर[iii] का व्यापार होता है जिसमें मुख्य रूप से पेट्रोलियम उत्पाद[iv], एलपीटी, कंटेनर कार्गो, अनाज, रसायन और पेट्रोलियम रसायन, धातु और मशीनरी होती हैं।[v]
यह महत्वपूर्ण अनुपात प्रशांत और अटलांटिक महासागरों के बीच पारगमन समय को कम करने[vi] व्यापार दक्षता और प्रतिस्पर्धात्मकता को बढ़ाने में नहर की महत्वपूर्ण भूमिका पर ज़ोर देता है। यह निर्भरता दर्शाती है कि किसी भी गड़बड़ी या नियंत्रण का वैश्विक अर्थव्यवस्था और विशेष रूप से अमेरिका पर गहरा प्रभाव पड़ सकता है जो इस पर बहुत अधिक निर्भर करता है। हालांकि ऐसे वैकल्पिक भूमि मार्ग हैं जो दो महान महासागरों को जोड़ने वाले अमेरिका को पार करते हैं लेकिन पनामा नहर के करीब कुछ भी नहीं आता है और इसलिए, इसका रणनीतिक और भू– राजनीतिक मूल्य शिखर पर रहता है।
यह समझना आसान है कि अमेरिका और चीन जैसे देशों के लिए पनामा नहर में और उसके आस– पास अपनी रणनीतिक जड़े मजबूत करने की संभावना क्यों मायने रखती है। इससे उन्हें समुद्री व्यापार पर नज़र रखने, आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति को नियंत्रित करने और सैन्य हार्डवेयर एवं सैनिकों के सरल परिवहन करने का अवसर मिलेगा।
पनामा की विवशता
पनामा से प्रतिक्रिया
राष्ट्रपति ट्रंप के बयानों को पनामा में अच्छी प्रतिक्रिया नहीं मिली और इसके राष्ट्रपति जोस राउल मुलिनो ने एक बयान जारी किया जिसमें उन्होंने नहर और उसके आस– पास के क्षेत्रों पर पनामा की गैर– परक्राम्य संप्रभुता व्यक्त की। उन्होंने नहर की स्थायी तटस्थता पर जोर दिया जिससे सभी देशों के लिए इसकी उपलब्धता सुनिश्चित हुई और इस बात से इनकार किया कि नहर पर किसी देश का नियंत्रण है। राष्ट्रपति ट्रंप के बयान के विरोध में देश में स्वतंत्र समूहों द्वारा विरोध प्रदर्शन आयोजित किए गए और सबसे बड़े ट्रेड यूनियन SUNTRACS[vii] ने भी इसका नेतृत्व किया। इन घटनाओं के कारण अमेरिका और पनामा के बीच द्विपक्षीय संबंधों में कुछ तनाव पैदा हो गया है।
गणतंत्र के लिए पनामा नहर की प्रधानता
देश के लिए पनामा नहर सबसे महत्वपूर्ण आधारभूत संरचना है और माल ढुलाई के जरिए होने वाली आमदनी पनामा के वार्षिक सकल घरेलू उत्पाद में 7.7 प्रतिशत का योगदान करती है जो लगभग 2.5 अरब अमेरिकी डॉलर से 3 अरब अमेरिकी डॉलर सालाना है।[viii] यह नहर देश में कुल रोजगार का लगभग 3 प्रतिशत रोजगार प्रदान करती है। अनुमान के अनुसार पनामा नहर 2030 तक सकल घरेलू उत्पाद में 3.45 फीसदी की वृद्धि में योगदान देगी जबकि 2030 तक निर्यात में 5.78 फीसदी और रोज़गार में 2.12 फीसदी की वृद्धि में योगदान देगी।[ix] आर्थिक कारणों के अलावा, नहर देश की पहचान और विरासत का भी एक बहुत महत्वपूर्ण हिस्सा है और इसे अमेरिका में भू– राजनीतिक रूप से महत्वपूर्ण स्थान प्रदान करती है। पनामा नहर पर नियंत्रण खोने से पनामा का भू– राजनीतिक महत्व कम हो जाएगा, इसकी संप्रभुता को झटका लगेगा और गंभीर वित्तीय तनाव पैदा होगा।
अमेरिका के साथ पनामा का संबंध
अंतरराष्ट्रीय सहयोग और कूटनीति के संबंध में पनामा के अमेरिका के साथ घनिष्ठ आर्थिक संबंध हैं और वह लभग 2.7 अरब अमेरिकी डॉलर का सामना आयात करता है जो उसके कुल आयात का लगभग 18 फीसदी है और नागरिकों का एक अच्छा– खासा हिस्सा अमेरिका से भेजा हुआ धन प्राप्त करता है।[x] इसके अलावा अमेरिका पनामा में सबसे बड़ा निवेशक है और 2023 में विभिन्न परियोजनाओं में 1.9 अरब अमेरिकी डॉलर का निवेश किया और 2023 में द्विपक्षीय व्यापार 13 अरब अमेरिकी डॉलर का था।[xi] अमेरिका अभी भी पनामा के नागरिकों के लिए शिक्षा प्राप्त करने और रोज़गार की तलाश करने का सबसे पसंदीदा जगह है। इस प्रकार के संबंधों के अलावा दोनों देशों के बीच नार्को– तस्करी[xii], प्रवासन[xiii] और अंतरराष्ट्रीय अपराध पर सहयोग करने में एक दूसरे के हित छिपे हैं।[xiv] अमेरिका पनामा को वित्तीय सहायता देने वाला सबसे बड़ा देश भी है और बीते बाइडेन प्रशासन ने द्विपक्षीय वित्तपोषण में 12 लाख अमेरिकी डॉलर और सुरक्षा बलों के लिए 20 लाख अमेरिकी डॉलर की राशि मांगी थी। इसी तरह, वैश्विक स्वास्थ्य कार्यक्रमों के माध्यम से 2023 से 125 लाख अमेरिकी डॉलर का योगदान दिया जा चुका है।[xv] आर्थिक समृद्धि के लिए अमेरिकी साझेदारी और लोकतंत्र में विकास हेतु गठबंधन के तहत, अमेरिका और पनामा आपूर्ति श्रृंखलाओं को बढ़ाने में सहयोग करते हैं जबकि अमेरिकी अंतरराष्ट्रीय विकास वित्त निगम पनामा में बुनियादी ढांचा संबंधी परियोजनाओं में अमेरिकी निवेश को प्राथमिकता देना चाहता है।
चीन से पनामा के संबंध
ऐसे ही, पनामा के लिए चीन, एक महत्वपूर्ण आर्थिक साझेदार है और 2017 में राजनयिक संबंध भी बनाए गए थे। बेल्ट एंड रोड[xvi] इनिशिएटिव (बीआरआई)[xvii] का एक साझेदार देश, पनामा से लगभग 39 प्रतिशत निर्यात चीन को होता है। चीन पनामा नहर का दूसरा सबसे बड़ा उपयोगकर्ता भी है और जब से इसने पनामा के साथ संबंध बनाए हैं इसने वित्तीय और मूलभूत सुविधाओं पर सहयोग की मांग की है। जैसे, चाइनीज़ कंसोर्टिम जिसमें चाइना कम्युनिकेशंस कंस्ट्रक्शन कंपनी (सीसीसीसी/ CCCC)[xviii] और चाइना हार्बर इंजनीयरिंग कंपनी (सीएचईसी/ CHEC) हैं, नहर पर चौथा पुल बनाने के लिए काम कर रहा है। नहर के आस– पास के 5 बंदरगाहों में से दो, बाल्बोआ और क्रिस्टोबल का प्रबंधन हांगकांग की फर्म, हचिसन– ह्वामपोआ कंपनी द्वारा किया जाता है और 1996 में रियात दी गई थी[xix]। 900 मिलियन अमेरिकी डॉलर के समझौते में, चाइनीज़ लैंडब्रिज ग्रुप ने मार्गारीटा द्वीप समूह और कोलोन मुक्त व्यापार क्षेत्र के प्रमुख बंदरगाह का स्वामित्व प्राप्त कर लिया है। इसके अलावा, चीन ने पनामा– कोलोन कंटेन्ड बंदरगाह भी बनाया है।
इसलिए, यह स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है कि पनामा के दोनों देशों के साथ मजबूत संबंध हैं और वह दोनों में से किसी के साथ अपने संबंधों को खतरे में डाले बिना और उनकी बड़ी भू– राजनीतिक चाल का हिस्सा बने बिना सौहार्दपूर्ण संबंध बनाए रखना चाहता है।
संभावित परिदृश्य
मई 2025 में राष्ट्रपति मुलिनो का कार्यकाल एक वर्ष के आस–पास है, ऐसे में कुछ अवसंरचनात्मक कमियां हैं जिन्हें अभी भी दूर किए जाने की आवश्यकता है जैसे कि बंदरगाह के बुनियादी ढांचे को अपग्रेड करना, पनामा– डेविड रेलवे का निर्माण और लर्निंग सेंटर के रूप में यूनिवर्सिटी सिटी बनाना। सड़क अवसंरचना के बारे में लोक निर्माण मंत्रालय ने सड़क संपर्क में सुधार और वर्तमान सड़कों की मरम्मत के विचारों पर चर्चा की। चूंकि पनामा नहर का संचालन अक्सर सूखे के समय में होता है इसलिए इन समस्याओं को दूर करने की जरूरत है। आशा की जाती है कि पनामा को दूसरे देशों के साथ अधिक विदेशी निवेश और साझेदारी की आवश्यकता हो। इस मोड़ पर, पनामा को अपनी अवसंरचनात्मक जरूरतों को पूरा करन एवं पनामा नहर पर नियंत्रण एवं उसके कामकाज को प्रभावशीलता को बनाए रखने के लिए अपने महाद्वीपीय पड़ोसी अमेरिका और दूरस्थ चीन के साथ अपने संबंधों को तौलान होगा।
अमेरिका के लिए, बलपूर्वक नहर को वापस लेने का कोई भी प्रयास पनामा की संप्रभुता का उल्लंघन होगा और इस बात की पूरी संभावना है कि ऐसा नहीं होगा। हालांकि, राष्ट्रपति ट्रम्प की विदेश नीति[xx] को ध्यान में रखते हुए बुनियादी ढांचे के अनुबंधों और दूसरी आर्थिक गतिविधियों को सुरक्षित करने के मामले में अमेरिका और चीन के बीच छाया विवाद बढ़ने की संभावना है। पनामा ने चीन को 90- दिनों का नोटिस दिया है क्योंकि वह बीआरआई से हटना चाहता है और हचिन्सन, जो पनामा नहर के किनारे दो बंदरगाहों का संचालन करता है, को दिए गए अनुबंध की समीक्षा करने और संभवतः उसे रद्द करने की प्रक्रिया में भी है[xxi]। चीन ने इन दोनों घटनाओं को खेदजनक बताया है और अमेरिका पर पनामा को ऐसे कदम उठाने के लिए विवश करने का आरोप लगाया है। इस प्रकार की घटनाओं से प्रस्तावित पनामा– चीन मुक्त व्यापार समझौते पर भी असर पड़ सकता है, जिस पर 2018 से पांच (5) दौर की बातचीत हो चुकी है। परिणामस्वरूप, चीन भी इस क्षेत्र में अपने हितों को सुरक्षित करने के लिए प्रतिस्पर्धा करेगा और इसलिए, इस बात की प्रबल संभावना है कि पनामा नहर एक नया भू– राजनीतिक फ्लैशप्वाइंट बन सकता है। इसके अलावा, पनामा में इन घटनाक्रमों से लाभ उठाने के लिए यह आशा की जा सकती है कि चीन अपने प्रभाव क्षेत्र में अपनी रणनीतिक गहराई का लाभ उठाकर अमेरिका के साथ एक ठोस सौदेबाज़ी खंड बन सकता है। यह भी आशा की जा रही है कि अमेरिका पनामा में चीन की भूमिका को कम करने के लिए अपने सभी वित्तीय और कूटनीतिक प्रभाव का लाभ उठाएगा। दूसरे शब्दों में, राष्ट्रपति ट्रम्प ने अपने आस– पास के भू– राजनीतिक जोखिमों और अमेरिकी हितों को ध्यान में रखा है और यह सुनिश्चित करने के लिए आगे कदम उठाएंगे कि कूटनीतिक तरीकों से या दबावपूर्ण संकेतों से उनके रणनीतिक लक्ष्य पूरे हों।
निष्कर्ष
राष्ट्रपति ट्रम्प द्वारा प्रेरित मुखर विदेश नीति उपायों से कोई यह उम्मीद कर सकता है कि पनामा नहर जैसे महत्वपूर्ण गोलार्धीय अवसंरचना धीरे– धीरे भू– राजनीतिक फ्लैशप्वाइंट में बदल सकते हैं। अमेरिका और चीन एक– दूसरे से आगे निकलने के लिए पनामा में प्रभाव के लिए प्रतिस्पर्धा करेंगे। पनामा के लिए नहर की प्रधानता बहुत महत्वपूर्ण है और जैसा कि यह अपने बुनियादी ढांचे को बेहतर बनाने और नए निर्माण करने का प्रयास करता है, यह एक ऐसा रास्ता अपनाने की कोशिश करेगा जो इसके हितों और इसके लोगों के हितों के लिए सबसे अच्छा हो।
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*डॉ. अर्नब चक्रवर्ती, शोधकर्ता, भारतीय वैश्विक परिषद, नई दिल्ली।
अस्वीकरण: व्यक्त किए गए विचार व्यक्तिगत हैं।
डिस्क्लेमर: इस अनुवादित लेख में यदि किसी प्रकार की त्रुटी पाई जाती है तो पाठक अंग्रेजी में लिखे मूल लेख को ही मान्य माने ।
अंत टिप्पण
[i] पनामा नहर और अमेरिकी हित आपस में बहुत गहरे जुड़े हैं। साल 1903 में अमेरिका ने कोलंबिया से पनामा की स्वतंत्रता का समर्थन किया और राजनयिक मान्यता प्रदान की। इसके बाद अमेरिका और पनामा ने हे– बुनो वरिला संधि पर हस्ताक्षर किए जिसके तहत वाशिंगटन को पनामा नहर बनाने और नहर के आसपास के दस मील के क्षेत्र को 10 मिलियन अमेरिकी डॉलर और सालाना 250,000 अमेरिकी डॉलर के शुरुआती भुगतान पर प्राप्त करने की अनुमति दी गई। हालांकि, अमेरिका के स्वामित्व वाला पनामा नहर क्षेत्र संप्रभुता का विवादास्पद मुद्दा बन गया और 1964 में दंगे भड़क उठे, जिससे अमेरिका और पनामा में गहरा मतभेद पैदा हो गया।
[ii] EIA. (2024). U.S. energy flows through Panama Canal rose slightly in January. Accessed 24th January 2025. https://www.eia.gov/todayinenergy/detail.php?id=61443.
[iii] Upstox. (2025). Bridging continents: The Panama Canal and its global impact. Accessed 11th January 2025. https://upstox.com/news/upstox-originals/investing/bridging-continents-the-panama-canal-and-its-global-impact/article-142568/
[iv] अमेरिका के लिए, पनामा नहर के रास्ते व्यापार किए जाने वाले कुल माल में एलपीजी, ईथेन और पेट्रोलियम उत्पाद लगभग 63% है। इसलिए, नहर का संचालन अमेरिका की ऊर्जा सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण है। संक्षिप्त तुलना हेतु, जनवरी 2024 में पनामा नहर के रास्ते ईथेन और एलपीजी व्यापार प्रतिदिन 12 लाख बैरेल था, नहर जबकि इसी अवधि में स्वेज नहर और केप ऑफ गुड होप के रास्ते यह केवल 530 हज़ार बैरल और 300 हजार बैरल था। इस उदाहरण से अमेरिका के लिए पनामा नहर के महत्व का पता चलता है।
[v] Diana Roy. (2025). Who controls the Panama Canal? Council on Foreign Relations. Accessed 22nd January 2025. https://www.cfr.org/article/who-controls-panama-canal.
[vi] तुलना के लिए, एक स्टैंडर्ड कंटेनर जहाज को लैटिन अमेरिका के दक्षिणी सिरे को पार करते हुए अमेरिका के पश्चिमी तट से पूर्वी तट तक जाने में 27 दिन का समय लगेगा (सामान्य मौसम, तूफान न आए और ईंधन भराने की जरूरों को ध्यान में रखते हुए) जबकि पनामा नहर को पार कर उसे पहुँचने में केवल 11 दिन का समय लगेगा।
[vii] El Sindicato Único Nacional de Trabajadores de la Industria de la Construcción y Similares या श्रमिकों एवं समान उद्योग का राष्ट्रीय संघ।
[viii] पनामा नहर देश के कुल निर्यात में 15.9% और वार्षिक आय में 23.6% का योगदान करती है।
[ix] Invest IDB. (2025). The Economic Contribution of the Panama Canal and its Sensitivity to Internal and External Shocks. Accessed 17th January 2025. https://idbinvest.org/en/publications/economic-contribution-panama-canal-and-its-sensitivity-internal-and-external-shocks.
[x] अमेरिका से प्राप्त होने वाली औसत प्रेषण राशि 530 मिलियन अमेरिकी डॉलर सालाना है।
[xi] S&P Global. (2024). Improved Panama Canal flows support US LPG over LNG. Accessed 13th January 2025. https://www.spglobal.com/commodity-insights/en/news-research/latest-news/crude-oil/022224-improved-panama-canal-flows-support-us-lpg-over-lng.
[xii] Congressional Research Service. (17th December 2024). Panama: Country Overview and U.S. Relations. CRS. Accessed 23rd January 2025. https://crsreports.congress.gov/product/pdf/IF/IF10430.
[xiii] अमेरिका और पनामा ने 2024 में प्रवासन मामलों में मदद एवं सहयोग पर एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए जो पनामा को वित्तीय मदद प्रदान करता है।
[xiv] David Shepardson & Marianna Parraga. (2025). Senators raise concern about Chinese influence on Panama Canal operations. Reuters. Accessed 13th January 2025. https://www.reuters.com/world/senators-raise-concern-about-chinese-influence-panama-canal-operations-2025-01-29/.
[xv] Lori Ann La Rocco. (2023). US trade dominates Panama Canal traffic. New restrictions due to severe drought are threatening the future of the shipping route. Accessed 15th January 2025. https://www.cnbc.com/2023/06/24/us-trade-dominates-panama-canal-traffic-a-drought-is-threatening-it.html.
[xvi] पनामा ने हाल ही में बीआरए से बाहर निकलने के लिए एक समन दिया है।
[xvii] The Guardian. (2025). Trump says China is ‘operating’ the Panama Canal- here are the facts. Accessed 17th January 2025. https://www.theguardian.com/world/2025/jan/23/donald-trump-panama-canal-operation-china-claims-explainer.
[xviii] Sabrina Nicholls. (2024). Panama: China’s Strategic Hub. Dialogo Americas. Accessed 12th January 2025. https://dialogo-americas.com/articles/panama-chinas-strategic-hub/.
[xix] ये बंदरगाह अब एक नए नाम, पनामा पोर्ट्स कंपनी के अधीन संचालित किए जाते हैं जो हचिंसन पोर्ट्स का एक अंग है और हांगकांग की सी के हचिसन होल्डिंग्स की सहायक कंपनी है। बंदरगाह को संचालित करने का अनुबंध 2021 में 25 साल के लिए बढ़ा दिया गया था।
[xx] वाणिज्य, विज्ञान और परिवहन पर अमेरिकी सीनेट समिति ने 28 जनवरी 2025 को पनामा नहर और अमेरिकी व्यापार एवं राष्ट्रीय सुरक्षा पर इसके प्रभाव की जांच करने के लिए एक दो– दलीय सुनवाई की और पनामा नहर में और उसके आसपास चीन की गतिविधियों के बारे में चिंता व्यक्त की।
[xxi] बाल्बोआ और क्रिस्टोबल में दो बंदरगाहों के प्रबंधन का अनुबंध मूल रूप से 1997 में दिया गया था, जिसे 2021 में नवीनीकृत किया गया था और 2047 में फिर से नवीनीकृत किया जा सकता है। इसके अलावा, पनामा बंदरगाहों का संचालन करने वाली कंपनी के ऑडिट की प्रक्रिया भी कर रहा है।