लीबिया के हालिया संघर्ष से लीबिया में किसी आसन्न राजनीतिक समाधान की सभी आशाएँ लगभग समाप्त हो गयी हैं। संयुक्त राष्ट्र से मान्यता प्राप्त सेराज सरकार के विरुद्ध त्रिपोली में कर्नल हिफ्तर के नये आक्रमण से युद्धग्रस्त लीबिया में एक अन्य हिंसा की लहर उठने की सम्भावना उत्पन्न हो गयी है।
जब युद्ध से त्रस्त लीबिया एक राजनीतिक सामंजस्य की दिशा में आगे बढ़ता दिखाई दे रहा था तो एक बार फिर यह देश गृह युद्ध की स्थिति में पहुँच गया है। यह सब कुछ अप्रैल, 2019 के प्रथम सप्ताह में घटित हुआ जब लीबियाई राष्ट्रीय सेना (एलएनए) के स्वघोषित नेता और ऑपरेशन डिग्निटी के प्रमुख (2014 में प्रारम्भ) कर्नल खलीफा हिफ्तर ने अपनी सेनाओं को त्रिपोली के विरुद्ध आक्रमण करने का निर्देश दिया। यह घटना तब घटित हुई जब संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एन्टोनियो गुतेरस चुनाव के लिए उपाय तथा समय-सीमा निर्धारित करने के लिए 14-16 अप्रैल, 2019 को निर्धारित संयुक्त राष्ट्र की मध्यस्थता वाले सम्मेलन के लिए एक प्राथमिक वार्ता हेतु उस शहर में उपस्थित थे। आक्रामक चुनौतियों के इस काल में संयुक्त राष्ट्र इस संघर्ष रत देश में मध्यस्थता तथा शान्ति की स्थापना के लिए प्रयासरत था।
त्रिपोली के विरुद्ध हुआ यह अचानक संघर्ष आश्चर्यजनक रहा क्योंकि संयुक्त राष्ट्र द्वारा मान्यता प्राप्त गवर्नमेंट ऑफ नेशनल एकॉर्ड (जीएनए) के प्रधानमन्त्री सेराज केवल कर्नल हिफ्तर से फरवरी में संयुक्त अरब अमीरात में मिले थे और दोनों इस नाजुक स्थिति से देश को निकालने के लिए आवश्यक कदम के रूप में तुरन्त चुनाव कराने पर सहमत हो गये थे। इसी बीच लीबिया स्थित संयुक्त राष्ट्र के प्रतिनिधि घस्सन सलामी ने त्रिपोली में हिंसा के कारण संयुक्त राष्ट्र समर्थित सम्मेलन को स्थगित करने की घोषणा कर दी। नाजुक सुरक्षा तथा अनिश्चितता के कारण भारत ने इस प्रकार अचानक स्थिति को बिगड़ते हुए देखकर 15 केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) कार्मिकों वाले समस्त शान्ति सैनिकों को वहाँ से निकालने की घोषणा कर दी।1 अमेरिका ने भी निकृष्ट सुरक्षा व्यवस्था के कारण अपनी कुछ सुरक्षा सेनाओं को हटा लिया। ट्यूनिस स्थित भारतीय मिशन संघर्ष की इस नवीन स्थिति में त्रिपोली की स्थिति पर नजर गड़ाए हुए है और वर्तमान में त्रिपोली में रह रहे भारतीयों के लिए मिशन के अधिकारियों के दूरभाष नम्बर उपलब्ध कराये जा रहे हैं ताकि किसी आपदा की स्थिति में उन्हें सहायता पहुँचाई जा सके।
4 अप्रैल, 2019 को कर्नल हिफ्तर से सम्बद्ध एलएनए वायु सेना तथा इसके अनुषंगी स्थानीय मिलिशिया (नागरिक सेना) ने दक्षिणी त्रिपोली के विरुद्ध हवाई हमले प्रारम्भ कर दिये और नगर के राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर अधिकार कर लिया। निरन्तर हवाई हमलों तथा गोलाबारी के कारण एकमात्र सेवारत अन्तर्राष्ट्रीय मितिगा हवाई अड्डे की हवाई सेवाएँ लम्बित कर दी गयीं क्योंकि इस हवाई अड्डे का प्रमुख भाग नष्ट हो चुका था। यह ज्ञात हुआ कि एलएनए तथा सेराज समर्थित मिलिशिया तथा उनकी सेना के मध्य संघर्ष में नागरिकों सहित दो सौ से अधिक लोगों की मृत्यु हो गयी जबकि अनेक लोग घायल हो गये। एलएनए से सहानुभूति रखने वाली स्थानीय मिलिशिया ने त्रिपोली के सम्पूर्ण दक्षिणी भाग पर अधिकार कर लिया। यह ध्यान दिया जाना चाहिए कि वे पहले से ही कुछ प्रमुख तेल पत्तनों सहित देश के दक्षिणी तथा पूर्वी भाग के नियन्त्रण में हैं।
लीबिया स्थित संयुक्त राष्ट्र मिशन ने वहाँ फँसे हुए नागरिकों को निकटवर्ती सुरक्षित स्थानों तक पहुँचाने के लिए दो घण्टे के युद्ध विराम का आग्रह किया। रिपोर्टों के अनुसार त्रिपोली में लगभग 2,200 नागरिक पहले ही सुरक्षित स्थानों की ओर पलायन कर चुके हैं। इसी बीच पड़ोसी देश अल्जीरिया ने अपने प्रभाव को दिखाने तथा अपने देश में अवैध अप्रवासन के प्रवेश को रोकने के लिए अतिरिक्त सेनाओं की तैनाती कर दी है। लीबिया की छ: हजार किलोमीटर लम्बी सीमा अल्जीरिया के साथ मिलती है जो स्वयं ही गम्भीर राजनीतिक संकट में है। लगभग पाँच सौ ट्यूनीशियाई लोगों ने पहले ही लीबिया में युद्ध क्षेत्र से बचने के लिए ट्यूनीशिया के परामर्श पर त्रिपोली से पलायन कर लिया है।2 यह भी पता चला है कि अनेक लोग घायल होने के पश्चात उपचार के लिए सीमा पार करके ट्यूनीशिया में प्रवेश कर रहे हैं और ट्यूनीशिया के अस्पताल सूत्र बताते हैं कि उनके यहाँ युद्धरत दोनों पक्षों के घायल लोग पहुंच रहे हैं।
प्रधानमन्त्री सेराज ने हिफ्तर पर धोखा देने का आरोप लगाया है।3 स्थानीय मिलिशिया सहित सेराज की सेनाओं ने हिफ्तर के आक्रमण का भरपूर जवाब देने तथा एलएनए के आगे बढ़ने की गति को धीमा करने का दावा किया है। सेराज के नेतृत्व वाली सेनाओं के प्रवक्ता ने हिफ्तर की सेनाओं के विरुद्ध किये गये आक्रमण को 'क्रोध के ज्वालामुखी' की संज्ञा दी है ताकि त्रिपोली को सभी आक्रान्ताओं4 और हिफ्तर के नेतृत्व वाली गैर-कानूनी सेनाओं से मुक्त किया जा सके। जीएनए के एक परामर्शदाता निकाय राज्य के सुप्रीम काउंसिल के प्रमुख श्री खालिद अल मिश्री ने सरकार से कर्नल हिफ्तर को गिरफ्तार करने के लिए गिरफ्तारी का वारंट निर्गत करने के लिए कहा है जो राजधानी में शान्ति प्रक्रिया को भंग करने और राष्ट्र को नष्ट करने के लिए राजधानी में प्रवेश कर गया है।5 दूसरी ओर हिफ्तर ने दावा किया है कि वह सेराज के शासन से सम्बद्ध कट्टरपन्थी इस्लामी ताकतों के विरुद्ध संघर्ष कर रहा है। उसे आशा है कि सेराज के शासन से सम्बद्ध स्थानीय त्रिपोली मिलिशिया सेराज को भगा देगी और उसकी सेनाओं में शामिल हो जायेगी।
संयुक्त राष्ट्र महासचिव एन्टोनियो गुतेरस तथा अमेरिकी राज्य सचिव माइक पोम्पियो ने सभी पक्षों से युद्ध रोकने तथा लीबिया में शान्ति स्थापित करने के लिए जारी प्रयासों को बाधित न करने के लिए कहा है। यूरोपीय संघ के विदेश मन्त्री ने भी यही भावना व्यक्त की और युद्धरत सभी पक्षों से युद्ध रोकने और बातचीत के लिए साथ बैठने के लिए कहा है।6
बाहरी शक्तियों की भूमिका : शान्ति की एक बाधा
सीरिया, इराक तथा यमन की भाँति लीबिया अरब विद्रोह के फलस्वरूप क्षेत्रीय तथा वैश्विक शक्तियों के राजनीतिक प्रभाव तथा रणनीतिक महत्त्वाकांक्षाओं के विरुद्ध रक्षा करने में समर्थ नहीं हो पाया। त्रिपोली में एलएनए तथा सेराज की वफादार सेनाओं के मध्य हालिया संघर्ष को केवल दो गुटों के संघर्ष के रूप में नहीं देखा जाना चाहिए बल्कि इसकी शाखाएँ लीबियाई क्षेत्र से परे हैं। त्रिपोली के विरुद्ध ताजा हमले को फ्रांस, इंग्लैण्ड तथा इटली के आर्थिक हितों के साथ-साथ लीबिया की आन्तरिक राजनीति में संयुक्त अरब अमीरात, मिस्र, सऊदी अरब, कतर तथा तुर्की जैसे देशों की वैचारिक तथा राजनीतिक मोर्चेबन्दी के रूप में भी देखा जा सकता है। 2014 में लीबिया में हिफ्तर के प्रभुत्व से संयुक्त अरब अमीरात, सऊदी अरब तथा मिस्र अपने इस्लाम विरोधी प्रचालनों के लिए सभी प्रकार की सैन्य एवं आर्थिक सहायता में वृद्धि कर रहे हैं क्योंकि वे कट्टरपन्थी तथा आतंकवादी ताकतों के प्रभुत्व के विरुद्ध उसे एक सशक्त सैन्य अभिकर्ता के रूप में देखते हैं। ये शक्तियाँ अपने सम्बद्ध देशों में अपने ही इस्लाम-विरोधी युद्ध में संघर्षरत हैं। यह मात्र संयोग नहीं है कि हिफ्तर ने यह कट्टरपन्थी आक्रमण मार्च, 2019 में रियाद में सऊदी अरब के किंग सुलेमान से मुलाकात के पश्चात ही किया और इससे पूर्व उन्होंने मिस्र तथा रूस का भी दौरा किया था।
दूसरी ओर, तुर्की तथा कतर हिफ्तर के विरुद्ध हैं क्योंकि वे कट्टर इस्लामी ताकतों से सहानुभूति रखने वाले एक गुट का प्रतिनिधित्व करते हैं। कतर ने मिस्र के अनेक प्रभावशाली मुस्लिम ब्रदरहुट (एमबीएच) को शरण देने का प्रस्ताव किया है जिन्हें नये मिस्री कानून के तहत दण्डित किया गया है। यह केवल सैन्य सहायता ही नहीं है बल्कि क्षेत्रीय मीडिया भी इस युद्ध शामिल प्रतीत होती है और अलजजीरा पूरी तरह से प्रधानमन्त्री सेराज के पक्ष में है जबकि हिफ्तर को अपने सेराज विरोधी आक्रमणों के लिए सूडानी विपक्षी नेताओं का समर्थन मिल रहा है।
यहाँ यह उल्लेख करना महत्त्वपूर्ण है कि नवम्बर, 2018 में लीबिया पर इटली के सिसली सम्मेलन में हिफ्तर ने तुर्की तथा कतर को शामिल करने के विरोध में इसमें भाग लेने से इन्कार कर दिया। कहा जाता है कि कर्नल हिफ्तर को फ्रांस की सरकार का समर्थन प्राप्त है जिसने परोक्ष रूप से परामर्श प्रदान किया है। माना जाता है कि फ्रांस के इस परोक्ष हस्तक्षेप से लीबिया में शान्ति स्थापना के प्रयासों को धक्का लगा है।7 कहा जाता है कि प्रधानमन्त्री सेराज ने त्रिपोली में हिफ्तर की सेनाओं के प्रवेश के तुरन्त बाद फ्रांसीसी राष्ट्रपति मैक्रों से बात की और इस अभियान के विरुद्ध हिफ्तर को उचित परामर्श देने के लिए कहा।8 फ्रांस ने हिफ्तर से अपनी घनिष्ठता को कभी नहीं छिपाया और वह उसे आतंकवाद के विरुद्ध संघर्ष करने तथा अवैध अप्रवासन में अपना घनिष्ठ सहयोगी मानता है किन्तु यह भी कहा जाता है कि हिफ्तर को सत्तासीन करने की कोई ऐसा गुप्त योजना नहीं है और फ्रांस ने लीबिया में सभी पक्षों से बातचीत के लिए सहमत होने के लिए कहा है।9
यहाँ यह बताना सार्थक है कि जुलाई 2016 में फ्रांसीसी सेनाओं ने हिफ्तर की सेनाओं के साथ मिलकर युद्ध किया था जिसमें इसके तीन सैन्य कर्मियों की मृत्यु हो गयी थी।
हिफ्तर से इस लगाव के लिए इटली ने फ्रांस की आलोचना की और यूरोपीय संघ के वर्तमान राष्ट्रपति श्री तजानी जो इटली के राजनीतिक दल के नेता भी हैं, ने लीबिया के वर्तमान उथल-पुथल का कारण होने के लिए फ्रांस को दोषी ठहराया है और आरोप लगाया कि कुछ देश लीबिया में अपने आर्थिक हितों को सिद्ध करने के लिए लीबिया में संकट को भड़का रहे हैं।10 रूस ने हिफ्तर से वैध सरकार के विरुद्ध युद्ध रोकने के लिए कहते हुए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) में इंग्लैण्ड के प्रस्ताव के विरुद्ध वीटो किया और माँग की कि इस प्रस्ताव में प्रत्येक पक्ष को युद्ध रोकने का आह्वान करने का प्रस्ताव शामिल किया जाये। जहाँ तक अमेरिका का प्रश्न है तो उसने फ्रांस तथा मिस्र की भाँति किसी का खुलकर पक्ष नहीं लिया।
किन्तु अमेरिका का हिफ्तर के प्रति कुछ रणनीतिक झुकाव है क्योंकि उसने बेंगाजी नगर में अमेरिका को सैनिक अड्डा स्थापित करने की अनुमति दी थी और पुन: उसके घनिष्ठ मित्र संयुक्त अरब अमीरात और सऊदी अरब पूरी तरह हिफ्तर का समर्थन करते हैं।
निष्कर्ष :
लीबिया के वर्तमान संकट से प्रतीत होता है कि इस देश में शान्ति एक मरीचिका बन गयी है। समन्वयन के अभाव, अनेक हितधारकों के आर्थिक हितों की संलिप्तता तथा मध्यस्थों के बीच उद्देश्यों की समानता की अनुपस्थिति के कारण कोई समाधान हो पाना एक दूर की कौड़ी लगती है। इस आक्रमण को प्रारम्भ करके कर्नल हिफ्तर ने शान्ति के लिए अपनी घृणा स्पष्ट कर दी है। रोचक रूप से उन्होंने घोषणा की कि लीबिया में अभी लोकतन्त्र की स्थापना नहीं हो सकती है।12 यह अव्यवस्था कट्टरपन्थी इस्लामवादियों को सशक्त करेगी जिनका हाल के महीनों में आधार समाप्त हो गया था किन्तु इन परिस्थितियों में उन्हें पुन: उभरने के सुन्दर अवसर प्राप्त हो जायेगा। ऐसी खबरें हैं कि शहर में उथल-पुथल प्रारम्भ होने के बाद आईएस के लोगों ने तीन नागरिकों की हत्या कर दी है।
लीबिया में शान्ति स्थापना के मार्ग को लीबिया की प्रचुर प्राकृतिक सम्पदा तथा यूरोप एवं अन्य शक्तियों की इस सम्पदा की लालसा ने और अधिक कठिन बना दिया है। अफ्रीका में लीबिया के पास सबसे बड़ा तेल भण्डार है और यह प्रतिदिन 300,000 बैरल तेल यूरोप को निर्यात करता है। लीबिया के पास 177 मिलियन घन मीटर का विशाल गैस भण्डार है और यह अमेरिका, रूस, अर्जेण्टीना तथा चीन के बाद पाँच सबसे बड़ा शेल गैस का भण्डार रखने वाला देश है। वेनेजुएला संकट के पश्चात लीबिया के संकट से तेल बाजार में उथल-पुथल हो सकती है क्योंकि हिफ्तर ने पूर्व के गल्फ ऑफ सिरते क्षेत्र में तेल भण्डारों पर पहले ही नियन्त्रण कर लिया है जिसमें चार प्रमुख तेल पत्तन हैं तथा यह पूरे देश के तेल भण्डार का एक विशाल भाग है। हाल ही की एक बैठक में लीबिया को ओपेक तेल उत्पादन कटौती से छूट दी गयी और नवम्बर, 2018 में इसने 1.28 मिलियन बैरल प्रतिदिन का उत्पादन किया (जो गत पाँच वर्षों में सबसे अधिक था) किन्तु वर्तमान संकट का वैश्विक बाजार पर गहरा प्रभाव पड़ सकता है।
लीबिया की जनता राजनीतिक रूप से हिफ्तर, जीएनए तथा इस्लामी शक्तियों के समर्थकों के रूप में विभाजित है। जो लोग त्रिपोली पर नियन्त्रण करते हैं वे वास्तविक विजेता होंगे किन्तु शान्ति कौन स्थापित करेगा यह उतना स्पष्ट नहीं है। कर्नल हिफ्तर प्रधानमन्त्री सेराज को अपदस्थ करने के लिए एक सशक्त अवरोध तैयार करने हेतु सहयोगियों की तलाश में है और ऐसी सूचनाएँ हैं कि वह कर्नल गद्दाफी के पुत्र और गद्दाफी समर्थक जनजातियों14 के अन्य प्रमुखों के सम्पर्क में हैं तथा राजनीतिक प्रक्रिया प्रारम्भ होने पर वे सरकार बनाने के लिए एकजुट हो सकते हैं।
बिगड़ती हुई स्थिति के कारण अमेरिका तथा संयुक्त राष्ट्र की कुछ सेनाओं की वापसी के साथ यह देखना शेष है कि अन्य विदेश हितधारक क्या मामले का संज्ञान लेंगे और क्या लीबिया को अपने मुद्दों के समाधान के लिए लीबियाई जनता के भरोसे छोड़ दिया जायेगा और एक स्थायी सरकार की स्थापना हो सकेगी। लीबिया में ऐसी स्थिति भी हो सकती है कि सभी बाह्य शक्तियाँ युद्धरत लीबियाई गुटों का खुलकर समर्थन करें।
* लेखक, शोधकतार्, वैश्विक मामलों की भारतीय परिषद, नई दिल्ली।
अस्वीकरण : यहाँ व्यक्त विचार शोधकर्ता के हैं न कि परिषद के।
1 Indian Peace Keeper Pulled out of Tripoli, Indian Express, April 8, 2019, Accessed
https://indianexpress.com/article/world/indian-peacekeepers-pulled-out-of-tripoli-amid-libya-escalation-5663974/
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2 Ikhbar-e- Libya (Libya News) A Libyan Arabic Daily, Accessed https://www.libyaakhbar.com/libyanews/915311.html 9 April, 2019
3US pulls forces from Libya as fighting approaches capital, CNBC, April 8, 2019,
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4US pulls forces from Libya as fighting approaches capital, CNBC, April 8, 2019,
https://www.cnbc.com/amp/2019/04/08/us-pulls-forces-from-libya-as-fighting-approaches-capital.html Accessed
April 9, 2019
5Head of HCS calls for immediate arrest of Hifter, Rail Youm, An Arabic Daily, April 7, 20119 Accessed
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6 UN calls on rival Libyan faction to end war, The New Arab , An English Daily, Accessed
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7 Fredrick Wehrey and Jeffery Feltman, Libya is entering another civil war : America can stop it, Carnegie
Endowment for International Peace, April 5, 2019 Accessed https://carnegieendowment.org/2019/04/05/libya-isentering-another-civil-war.-america-can-stop-it-pub-78807 April 10,2019
8Amid allegation , Sarraj calls French President over Hifter operationAljazeera Arabic Daily, April 9 2019,
Accessed https://www.aljazeera.net/news/politics/2019/4/9/ April 10, 2019
9 https://www.raialyoum.com/index.php
10 EU President accuses Franc of being behind the Tripoli war The Libya Observer, A Libyan English Daily,
Accessed https://www.libyaobserver.ly/news/eu-president-accuses-france-being-behind-libya%E2%80%99s-tripoliwar April 8, 2019
11 Ikhbar-e-Libya ( Libya News) A Libyan Arabic Daily, Accessed https://www.libyaakhbar.com/libyanews/914396.htm l9 April, 2019
12 Fredrick Wehrey and Jeffery Feltman, Libya is entering another civil war : America can stop it, Carnegie
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13 http://www.siyassa.org.eg/News/16789/%D8%AA%D8%AD%D9%84%D9%8A%D9%84%D8%A7%D8%AA/%
D9%85%D8%A4%D8%AA%D9%85%D8%B1%D8%A8%D8%A7%D9%84%D9%8A%D8%B1%D9%85%D9%88D8%AD%D9%88%D9%84%D9%84%D9%8A%D8%A8%D9%8A%D8%A7%D8%AF%D9%84%D8%A7%D9%84%D8%A7%D8%AA%D9%87%D9%88%D8%AA%D8%AF%D8%A7%D8%B9%D9%8A%D8%A7%D8%AA%D9%87.aspx
14 Rail Youm ( Daily Opinion) An Arabic Daily Accessed https://www.raialyoum.com/index.php/%D8%A7% April
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