सारांश
भारत और ताजिकिस्तान के सम्बन्ध का इतिहास रेशम मार्ग युग से ही बना हुआ है| सोवियत संघ के विघटन के बाद, दोनों देशो द्वारा द्विपक्षीय संबंधो को तेज़ करने के लिए नियमित रूप से उच्च स्तरीय राजनयिक यात्राओ को अंजाम दिया जाता रहा है जैसे भारत के प्रधानमंत्री की 2015 में ताजिकिस्तान की यात्रा और ताजिकिस्तान के राष्ट्रपति की वर्ष 2016 में भारत की यात्रा| पिछले 25 वर्षो में, दोनों देशो द्वारा नए विकल्पों की खोज और निवेश को मजबूती प्रदान की गई है| दोनों देशो ने दवाई, पर्यावरण, पर्यटन सुविधा, तकनीकी, तथा अंतकवाद, उग्रवाद, मानव व ड्रग्स तस्करी, और अफ़ग़ानिस्तान में अस्थाई व अशांति की समस्या आदि क्षेत्र में साथ मिल काम करने पर सहमती जताई है|
ताजिकिस्तान की भोगौलिक सीमा उज़्बेकिस्तान, किर्गिज़स्तान, दक्षिण में अफ़ग़ानिस्तान और पूर्व में चीन की सीमा से मिलती है| ताजिकिस्तान की पहचान उसकी पनबिजली ऊर्जा क्षमता से भी जानी जाती है| ताजिकस्तान के पास क्षेत्र का सबसे बड़ा प्राकृतिक जल संसाधन है| यह विश्व का चोथा सबसे बड़ा हाइड्रो इलेक्ट्रिसिटी उत्पादक देश है जो मध्य एशिया के सभी जल संसाधन का 60% है|1 ताजिकिस्तान में कीमती पत्थर, एल्यूमीनियम,सोने और चांदी, पारा, भूरा कोयला, सीसा, कार्बोनेट, फ्लोराइट जस्ता, सुरमा और टंगस्टन आदि के बड़े भंडार हैं|2 ये संसाधन ताजिकिस्तान को एक महत्वपूर्ण देश बनाते है जो भारत को व्यापार के कई अवसर प्रदान कर सकते है|
ताजिकिस्तान मानचित्र
Source: http://www.un.org/Depts/Cartographic/map/profile/tajikist.pdf
सोवियत काल में ताजिकिस्तान और भारत के लोगो के बीच पारस्परिक सम्बन्धो का आधार कई कारको से निर्धारित होता है, जैसे भौगौलिक निकटता, व्यापरिक लेन- देन, विद्वानों का आना-जाना, और विचारो का आदान प्रदान आदि| भारत की विदेश नीति में ताजिकिस्तान तीन कारको से महत्वपूर्ण है| पहला, ताजिकिस्तान का भू-रणनीतिक स्थान| भारत की क्षेत्रीय सुरक्षा में ताजिकिस्तान महत्वपूर्ण हो सकता है क्योंकि यह देश चीन, अफ़ग़ानिस्तान, उज्बेकिस्तान एवं किर्गिस्तान से सीमा साझा करता है| यह पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (PoK) के निकट स्थित है|3 दूसरा, ताजिकस्तान में इड्रोइलेक्ट्रिसिटी ऊर्जा के भंडार से भारत के समक्ष अनेक अवसरों में निवेश व व्यापार को खोजा जा सकता है व मानव संसधान का ताजिकिस्तान के छोटे उद्योगों मे निवेश करके आर्थिक विकास किया जा सकता है| तीसरा, ताजिकिस्तान की भौगौलिक स्थिति के कारण, जो एशिया को यूरोप से जोड़ने के लिए एक गलियारे के रूप में मदद करेगा|
राजनयिक सम्बन्ध
भारत और ताजिकिस्तान के सीधे राजनयिक सम्बन्धो की शुरुआत सोवियत संघ के विघटन के बाद से हुई| ताजिकिस्तान के प्रधानमंत्री अब्दुल्मालिक अब्दुल्लोजनोव की 1993 में भारत की यात्रा के दौरान सिद्धांतों और सहयोग की दिशा पर घोषणा, क्रेडिट समझौता और हवाई सेवाओं पर MoU पर हस्ताक्षर किए गए| तजिकिस्तान के राष्ट्रपति द्वारा भारत की यात्रा 1995, 2001, 2006, 2012 तथा 2016 में गयी| दोनों देशो के राजनयिक संबंधो को संस्थागत रूप 2003 में भारत के प्रधानमंत्री अटल विहारी वाजपेयी द्वारा ताजिकिस्तान की उच्च स्तरीय यात्रा के दौरान दिया गया, उस दौरान दोनों देशो के बीच संयुक्त रूप से आतंकवाद का मुकाबला करने, रक्षा सहयोग का विस्तार करने और राजमार्ग के निर्माण सहित क्षेत्रीय सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए Joint Working Group on Counter-Terrorism और एक प्रत्यर्पण संधि (Extradition Treaty) पर हस्ताक्षर किए गए|4 भारतीय प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी ने 12 -13 जुलाई 2015 को ताजिकिस्तान में उच्च स्तरीय वार्ता की| इस दौरान दोनों देशो के बीच व्यापार एवं आर्थिक सम्बन्धो, रक्षा तथा संपर्क के क्षेत्र में सहयोग तेज़ करने का निर्णय लिया गया, आंतकवाद के विरुद्ध एक साझा संकल्प किया गया|5 आर्थिक एवं रणनीतिक रूप से भारत को महत्वपूर्ण मानते हुए, राष्ट्रपति एमोमाली रहमान (Emomali Rahmon) ने 2016 में भारत की यात्रा की| इस यात्रा के दौरान दोनों देशो के बीच ऑडियो विजुअल कार्यक्रमों के आदान- प्रदान एवं प्रसारण पर सहयोग का समझौता हुआ, अपराधों और आतंकवाद के वित्त पोषण से संबंधित वित्तीय खुफिया सूचनाओ के आदान-प्रदान में सहयोग के विषय में, सुरक्षा और शांति पर भी ज़ोर दिया गया और दोनों पक्षों के बीच द्विपक्षीय निवेश संधि की घोषणा की गयी|6
ताजिकिस्तान - भारत वर्तमान विदेशी सहायता व विभिन्न वित्तीय सहायता
ताजिकिस्तान भारत के निकटतम मध्य एशियाई देशो में से एक है, सोवियत संघ के विघटन के बाद ताजिकिस्तान में 1992- 1997 तक गृह युद्ध हुआ और देश को आर्थिक संकट का सामना करना पड़ा| गृहयुद्ध के बाद, भारत ने ताजिकिस्तान के पुनर्निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, खाद्य प्रसंस्करण, आईटी, पनबिजली, तकनीकी जनशक्ति आदि के विकास में योगदान दिया| 2014 में 22 मिलियन डॉलर की बिज़ली निर्माण में विकास बैंक (Asian Development Bank) के साथ मिल कर वित्तीय सहयता व ताजिकिस्तान में शिक्षा ओर संस्कृति के आदान– प्रदान के लिए 2016 तक 37 स्कूलो का निर्माण, होटल, मेडिकल सहायता, फार्मास्यूटिकल प्लांट व कृषि क्षेत्र में सहयोग के निर्माण करने बात कही गयी|7 जनवरी 2017 में ताजिकिस्तान में हिमस्खलन के कारण हुए क्षति के लिए भारत द्वारा मानवीय सहायता में 100,000 US डॉलर देने का निर्णय लिया गया|8 निष्कर्ष रूप से भारत और ताजिकिस्तान ने अपने संबंधो को केवल लाभ के स्तर पर तय न करके पारस्परिक सहयोग व विकास पर आधरित किया है|9
Geographical division of India grants to CAR |
India Foreign Aid to Central Asia |
source:Indian Development Cooperation Research (IDCR) Program at the Centre for Policy Research |
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व्यापरिक सम्बन्ध व नए अवसर
सोवियत संघ के विघटन के बाद, ताजिकिस्तान गृह युद्ध और घोर आर्थिक संकटो से गुजर रहा था| ताजिकिस्तान द्वारा अपनी आर्थिक स्थिति में सुधार के लिए व्यापक आर्थिक क्षेत्र में स्थिरता, मूल्य और बाजार का उदारीकरण, एक्सचेंज और ट्रेड सिस्टम का निजीकरण व आर्थिक क्षेत्र में राज्य की भूमिका को कम करना आदि पर ध्यान दिया गया|10 भारत और ताजिकिस्तान के बीच व्यापरिक संबंधो को मजबूती प्रदान करने के लिए 2003 में Joint Commission on Trade, Economic, Scientific and Technical Cooperation तथा 2008 में Avoidance of Double Taxation व Prevention of Fiscal Evasion with Respect to Taxes on Income11 पर हस्ताक्षर किए गए| 2012 के दौरान ताजिकिस्तान और भारत के बीच व्यापार और निवेश के क्षेत्र को बढाने के लिए ताजिकिस्तान के राष्ट्रपति ने भारत को ताजिकिस्तान के मुक्त आर्थिक क्षेत्रो (Tajikistan’s free economic zones) में निवेश के लिए आमंत्रित किया|12
भारत का ताजिकिस्तान से विभिन्न वस्तुओ का आयात व निर्यात
भारत से ताजिकिस्तान को निर्यात |
भारत में ताजिकिस्तान से आयात |
फार्मास्यूटिकल्स, मांस और मांस उत्पाद, apparel कपड़ों के सामान और लोहा और इस्पात आद| |
ओरेस, लागा और राख, कार्बनिक रसायन, हर्बल तेल, सूखे फल, कपास और एल्यूमिनियम आदि| |
Source: Ministry of Commerce and Industry, Government of India.
भारत- ताजिकिस्तान सकल आयात- निर्यात (Values in US $ Millions)
Sr.No. |
Year |
2011-12 |
2012-13 |
2013-14 |
2014-15 |
2015-16 |
2016-17 |
1. |
निर्यात |
21.28 |
35.16 |
54.27 |
53.71 |
22.26 |
20.51 |
2. |
आयात |
8.86 |
12.86 |
0.86 |
4.39 |
9.98 |
21.82 |
3. |
कुल व्यापार |
30.13 |
48.01 |
55.13 |
58.09 |
32.24 |
42.33 |
source: http://commerce.nic.in/eidb/iecnt.asp
पहाड़ी क्षेत्रो में रेल लाइन बिछाने में भारतीय रेलवे कंपनी समृद्ध अनुभव रखती है| जिसके कारण भारत, प्रस्तावित एनर्जी लाइन (2012 में ताजिकिस्तान के राष्ट्रपति एमोमाली रहमान द्वारा घोषित) में तीन देशों (ईरान, अफ़ग़ानिस्तान और ताजिकिस्तान) के बीच भाग ले सकता है| इसी तरह, भारत की रेलवे निर्माण कंपनी Ircon International Limited (IRCON) अन्य भारतीय रेलवे कंपनी Container Corporation of India (CONCOR), के साथ ताजिकिस्तान व अफ़ग़ानिस्तान में त्रिपक्षीय प्रोजेक्ट में भागीदारी बना सकती है इसी तरह भारत की ऊर्जा कंपनी पश्चिम एशिया, दक्षिण एशिया और मध्य एशिया के तीन फारसी भाषी देशों को जोड़ने वाली परियोजना में नए अवसरों को खोज सकती है|13 पनबिज़ली (हाइड्रो एलेक्टिरसिटी) के क्षेत्र में भारत हैवी इलेक्ट्रॉनिक लिमिटेड (भेल) और नेशनल हाइड्रो पॉवर निगम (NHPC) के माध्यम से VARZOB-1 जल विधुत केंद्र के सफल आधुनिकीकारण में सहयोग और भारत ताजिकिस्तान के विशेषज्ञों के साथ पनबिजली के क्षेत्र में विभिन्न प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित कर रहा है| 2016 में निवेश और व्यापार का विस्तार करने के लिए जल-बिजली, सूचना प्रौद्योगिकी, औषधि और स्वास्थ्य और विस्तृत सर्फेस कनेक्टिविटी से दोनों देशो की आर्थिक साझेदारी को बढाने पर बल मिला| 2016 की ताजिकिस्तान के राष्ट्रपति की भारत यात्रा के दौरान भारतीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि "राष्ट्रपति और मैंने, हमारे आर्थिक संबंधों की गुंजाइश एवं पैमाने, विशेष रूप से व्यापार एवं निवेश यातायात को बढ़ाने की जरूरत पर सहमति जताई है|”14
मेडिकल टूरिज्म द्विपक्षीय सहयोग का एक अन्य विकल्प है जो दोनों देशो के बीच की कम दूरी होने के कारण बढा है| भारत की मेडिकल टूरिस्ट व्यासाय के मुताबिक भारत का मेडिकल टूरिज्म 2015 में 2 अरब डॉलर तक बढा था जिसमे 1.5 लाख से अधिक मरीज़ हर साल मध्य एशिया और पश्चिम एशिया से बड़ी संख्या में इलाज़ कराने भारत आते है|15 ताजिकिस्तान और मध्य एशिया से सामान्य रूप से भारत में चिकित्सा पर्यटन से सस्ती कीमत पर ओर गुणवत्ता के उपचार की वजह से वृद्धि हो रही है। KPMG व FICCI की मेडिकल वैल्यू ट्रैवल रिपोर्ट के मुताबिक़ एशिया में शीर्ष तीन मेडिकल टूरिस्टों में भारत का स्थान है| 2017 में ताजिकिस्तान में एक समारोह के संबोधन में भारतीय राजदूत सोमनाथ घोष (Mr. Somnath Ghosh) ने कहा कि ताजिकिस्तान से बड़ी संख्या में मरीज चिकित्सा सुविधाओ का लाभ उठाने के लिए भारत आते है|16 भारत का मेडिकल टूरिज्म के क्षेत्र में 2018 तक 22-25 फीसदी की वृद्धि से 6 अरब डॉलर तक बढने की संभावना है|17 तथा इस क्षेत्र में भारत और ताजिकिस्तान ने मेडिकल सुविधाओ को सुगम बनाने के लिए प्रतिष्ठित मल्टी स्पेशियल्टी अस्पतालों को चिकित्सा परामर्श एवं शिक्षा प्रदान करने के लिए ताजिकिस्तान के दुशांबे तथा अन्य क्षेत्रों में स्थित अस्पतालों के साथ जुड़कर एक टेली मेडिसीन परियोजना कार्यान्वित करने के लिए भारत के प्रस्ताव का स्वागत किया है| मेडिकल उपचार और ज्ञान के क्षेत्र में बेहतर डिलीवरी करने के लिए Joint Working Group (JWG) की स्थापना की गयी है|18
A1000 प्रोजेक्ट (Central Asia- South Asia Power Project) निर्माण का उद्देश्य किर्ग़िज़स्तान एवं ताजिकिस्तान द्वारा अफ़ग़ानिस्तान एवं पाकिस्तान को बिजली प्रदान करना है|19 लेकिन भारत इस परियोजना का भागीदार देश नहीं है| आगर भारत इस परियोजना से जुड़ता है तो भारत को हाइड्रो इलेक्ट्रिसिटी प्राप्त हो सकेगी| अफ़ग़ानिस्तान के ऊर्जा व जल मंत्रालय द्वारा मई 2017 को घोषणा की कि एक भारतीय कंपनी ने अफ़ग़ानिस्तान में CASA- 1000 पॉवर परियोजना में निवेश (लागू) करने में रूचि दिखाई है जिसकी शुरुआत जल्द होगी|20
भारत के साथ व्यापार सम्बन्ध बढानें के लिए 2016 में ताजिकिस्तान के राष्ट्रपति रहमान ने भारत यात्रा के दौरान चाबहार बंदरगाह और अन्तराष्ट्रीय उत्तर दक्षिण पारगमन गलियारे (INSTC) में भारत का समर्थन किया| 2010 में अफ़ग़ानिस्तान और पाकिस्तान के बीच द्विपक्षीय व्यापार समझौता (अफ़ग़ानिस्तान-पाकिस्तान पारगमन व्यापार समझौता, APTTA) किया गया था जिसका उद्देश्य दोनों देशो के बीच वस्तुओ के आदान- प्रदान को अधिक से अधिक सुविधाजानक बनाना है| APTTA समझौते के ज़रिये दोनों देश एक दूसरे के हवाई अड्डों, रेलवे, सड़कों, और निर्दिष्ट पारगमन गलियारों के साथ पारगमन व्यापार के लिए बंदरगाहों का उपयोग कर सकते है| इस समझौते से अफ़ग़ानिस्तान को पाकिस्तान के माध्यम से वाघा सीमा तक अफ़ग़ान ट्रक से भारत को निर्यात करने की अनुमति है| लेकिन अफ़ग़ानिस्तान को पाकिस्तान के इलाके से भारतीय माल के आयात करने पर रोक है| 2012 में APTTA के विस्तार पर अफ़ग़ानिस्तान और पाकिस्तान ने ताजिकिस्तान को शामिल करने पर सहमती जताई और पाकिस्तान- अफ़ग़ानिस्तान और ताजिकिस्तान त्रिपक्षीय पारगमन व्यापार समझौता (PATTTTA) लागू होगा| जिसके ज़रिये ताजिकिस्तान को पाकिस्तान के बंदरगाह और वाघा सीमा पर वस्तुओ के आयात- निर्यात करने की सुविधा प्रदान हो सकेगी| तथा पाकिस्तान को ताजिकिस्तान के माध्यम से उज़्बेकिस्तान और किर्गिस्तान में माल का परिवहन करना सुविधाज़नक होगा|21 ताजिकिस्तान ने PATTTTA में भारत को शामिल करने पर आगे परामर्श किए जाने का निर्णय लिया है|22 इस समझौते से जुड़ने से भारत अपने व्यापार का दायरा ताजिकिस्तान व मध्य एशियाई क्षेत्र के देशो के बीच बढा सकेगा| अफ़ग़ानिस्तान, पाकिस्तान, और मध्य एशिया में नए रेल, सड़क नेटवर्क के माध्यम से मौजूदा बंदरगाह और परिवहन ढांचा विकास से क्षेत्रीय आर्थिक सहयोग बढनें की सम्भवना है|
भारत और ताजिकिस्तान: सुरक्षा सहयोग व चुनौतिया
भारत की सुरक्षा की दृष्टि से, ताजिकिस्तान मध्य एशियाई राज्यों में विशेष रूप से महत्वपूर्ण है क्योकि यह अफ़ग़ानिस्तान, चीन और पाकिस्तान के कब्ज़े वाली कश्मीर के निकट स्थित है| आंतकवाद तथा ड्रग्स तस्करी, इस्लामिक उग्रवाद और साइबर क्राइम जैसी बढती समस्या दोनों देशो के समक्ष चुनौती बनती जा रही है| दोनों देशो ने अफ़ग़ानिस्तान में तालिबान विरोधी ताकतों, उत्तरी गठबंधन का समर्थन किया था| भारत द्वारा ताजिकिस्तान में ऐनी में हवाई पट्टी के नवीकरण करने के लिए लगभग 70 मिलियन डॉलर की आर्थिक सहायता प्रदान करके रनवे को 3200 मीटर तक बढाया गया है|
2015 में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा राष्ट्रपति रहमान के साथ अपनी वार्ता के बाद हस्ताक्षर किए गए सबसे महत्वपूर्ण समझौतों में से एक आतंकवाद के खिलाफ संघर्ष, अन्य समझौता, मनी लॉन्ड्रिंग और आतंक वित्तपोषण के संबंधित मुद्दे थे|23 2016 में ताजिकिस्तान के राष्ट्रपति की भारत यात्रा के दौरान अंतकवाद, उग्रवाद, जैसी समस्यों से निपटने के लिए मिल कर Joint Working Group on Counter Terrorism24 व Comprehensive Convention on International Terrorism को प्रबल बनाने पर भी जोर दिया|25 भारत सक्रिय रूप से अफ़ग़ानिस्तान में स्थिरता और शांति की स्थपाना के लिए पुनर्निर्माण अभियान के लिए आर्थिक सहायता दे रहा है और अफगान प्रशासनिक और सैन्य अधिकारिओ को ट्रेनिंग प्रदान कर रहा है| भारत और ताजिकिस्तान ने आंतकवाद व अतिवाद की बढती हुई समस्यों के लिए सूचना का आदान- प्रदान करने वाली सुरक्षा संस्थाओ के बीच पारस्परिक सहयोग की आवश्कता पर बल दिया| दोनों देश SCO के सदस्य देश है| SCO इस समस्या को ख़त्म करने में सहायक हो सकता है इस क्षेत्र में SCO का RATS (शंघाई सहयोग संगठन का क्षेत्रीय आतंक- विरोधी ढांचा) सांझी समस्या से निपटने के लिए सूचना साझा करने में मंच प्रदान कर सकता है|26
सांस्कृतिक व शिक्षा का आदान- प्रदान
ताजिकिस्तान भौगौलिक रूप से अन्य मध्य एशियाई देशो की तुलना में भारत के सबसे निकट देश है जिसके आधार पर यह कहा जा सकता है भारत और ताजिकिस्तान के बीच सांस्कृतिक सम्बन्ध मजबूत रहे है| 2006 में ताजिकिस्तान सरकार के साथ ईगवर्नस को बढावा देने, सूचना और संचार प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में मानव संसाधन विकसित करने के लिए Bedil-India Centre for Information Technology (BITCIT) को शुरू किया गया है| भारत द्वारा 2003 में ताजिकिस्तान में सूचना और प्रौद्योगिकी केंद्र के निर्माण में 600,000 डॉलर के सहायता की गई | भारत द्वारा Indian Technical and Economic Cooperation (ITEC) प्रोग्राम व Indian Council for Culture Relations (ICCR) स्कालरशिप ताजिकिस्तान के छात्रो को दी जाती है| भारतीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की यात्रा के दौरान ICCR का दायरा बढानें के लिए ताजिकिस्तान में हिंदी और योग कक्षाओ की शुरुआत व संस्कृति और कला में सहयोग पर 2016-18 पर हस्ताक्षर गए|27
निष्कर्ष
भारत और ताजिकिस्तान के सम्बन्ध अन्य मध्य एशियाई देशो से भौगौलिक रूप से करीब है| ऐतिहासिक रूप से ताजिकिस्तान इतिहास, सांस्कृतिक और आध्यात्मिक संबंधो के माध्यम से भारत की विस्तारित पड़ोस की नीति से जुड़ा हुआ है| लेकिन सुरक्षा सम्बंधित राष्ट्रीय हित दोनों देशो के लिए समान चिंता का विषय है| दोनों देशो की साझा सुरक्षा संबंधी चिंता एक-दूसरे के अधिक सहयोग के लिए प्रेरित करती है| दोनों देशो को राष्ट्रीय सुरक्षा के क्षेत्र में आतंकवाद, अतिवाद तथा ड्रग्स तस्करी के विरुद्ध आगे आकर कदम बढाना चाहिए| अफ़ग़ानिस्तान समस्या पर भी दोनों देश एक जैसे विचार रखते है| 2016 की ताजिकिस्तान के राष्ट्रपति की भारत यात्रा का एक मुख्य मुद्दा, अफ़ग़ानिस्तान के नेतृत्व एव अफ़ग़ानिस्तान के स्वामित्व वाली शांति प्रक्रिया के माध्यम से अफ़ग़ानिस्तान में शांति एवं सुरक्षा के लिए मिलकर इस समस्या का हल निकालना शामिल है|28
भारत ने ताजिकिस्तान के IT, ऊर्जा, और शिक्षा के क्षेत्र में क्षमता बढाकर काफी योगदान दिया है| लाभांश का दयारा बढानें के लिए अन्य क्षेत्रो जैसे फलो, सब्जी (Vegitables processing plants), भाषा केन्द्रों की स्थापना कृषि मशीनरी के औज़ोरो की आपूर्ति आदि में भारत निवेश कर रहा है29 जो भारत और ताजिकिस्तान के बीच विभिन्न क्षेत्रों में व्यावहारिक सहयोग को बढ़ावा देने में मदद करेगा|
***
* लेखिका इंडियन काउंसिल ऑफ वर्ल्ड अफेयर्स, नई दिल्ली में शोध प्रशिक्षु हैं।
डिस्क्लेमर: आलेख में दिये गए विचार लेखिका के मौलिक विचार हैं और काउंसिल के विचारों को प्रतिबिम्बित नहीं करते।
Endnotes
1Ministry of Foreign Affairs of the Republic of Tajikistan, online: web, accessed on 15 May 2017, http://mfa.tj/index.php?l=en&cat=19&art=224,
2 http://www.tajikembassy.in/?page_id=391&lang=en
4 Santhanam, K. & Dwivedi R. (2007), India- Tajikistan Cooperation: Perspectives and Prospects, India and Central Asia Foundation: India.
7 The Embassy of India, Dushanbe, Tajikistan, India-Tajikistan relations, http://mea.gov.in/Portal/ForeignRelation/Tajikistan_Jan_2016_english.pdf
8 http://indianembassytj.com/index.php?itfpage=contents&itemid=bilateral
9 The Embassy of India, Dushanbe, Tajikistan, India-Tajikistan relations, http://mea.gov.in/Portal/ForeignRelation/Tajikistan_Jan_2016_english.pdf
10 Santhanam, K. & Dwivedi R. (2007), India- Tajikistan Cooperation: Perspectives and Prospects, India and Central Asia Foundation: India.
11 “Agreement for Avoidance of Double Taxation and Prevention of Fiscal Evasion with the Government of the Republic of Tajikistan” http://www.taxsutra.com/sites/taxsutra.com/files/dtaa/Tajikistan.pdf
13 Dr. Athar Zafar, “Tajikistan’s alternative energy routes: Opportunities for India”, Indian Council of World Affairs, New Delhi 110001.
15 http://www.thehindubusinessline.com/blink/know/interpreters-of-maladies/article6085750.ece
16 http://indianembassytj.com/index.php?itfpage=newsevent&itemid=46
17 http://www.business-standard.com/article/companies/medical-tourist-arrivals-in-india-up-25-117041900577_1.html
18 विदेश मंत्रालय, भारत सरकार ताजिकिस्तान गणराज्य और भारत गणराज्य के बीच संयुक्त वक्तव्य, जुलाई 13, 2015, Online:webaccessed on 30 May 2017, http://mea.gov.in/outoging-visit-detail-hi.htm?25467/Joint+Statement+between+the+Republic+of+Tajikistan+and+the+Republic+of+India
19 Casa-1000 formally inaugurated, Daily Times News, Online: Web, Accessed on 27 February 2017, http://dailytimes.com.pk/opinion/17-May-16/casa-1000-formally-inaugurated
20 The Times Of Central Asia, Indian company selected for Afghan part of CASA-1000 power project Monday, 08 May 2017, online: web, accessed on 17 May 2017, URL: https://www.timesca.com/index.php/news/17996-indian-company-selected-for-afghan-part-of-casa-1000-power-project
21 http://www.firstpost.com/world/take-tajikistan-but-give-afghanistan-to-india-ghanis-proposal-to-pakistan-can-change-narrative-in-south-asia-2219246.html
22 http://mea.gov.in/outoging-visit-detail-hi.htm?25467/Joint+Statement+between+the+Republic+of+Tajikistan+and+the+Republic+of+India
24 Ashok Sajjanhar, Dec 20 2016,Tajikistan President visits India; gives big impetus to bilateral ties,Online: Web accessed on 25 May 2017, http://www.orfonline.org/expert-speaks/tajikistan-president-visits-india-impetus-bilateral-ties/
26 अतहर जफ़र (2014 ), भारत और शंघाई सहयोग संगठन: सांझी सम्पनता हेतु बढता सहयोग", इंडिया काउंसिल ऑफ़ वर्ल्ड अफेयर्स, नई दिल्ली
27 The Embassy of India, Dushanbe, Tajikistan, Online: Web, Accessed on 18 May 2017 http://www.indianembassytj.com/index.php?itfpage=contents&itemid=iccr
Warikoo, K (2011), Central Asia and South Asia: Energy Cooperation and Transport Linkages, Pentagon Press: New Delhi
28 http://mea.gov.in/outoging-visit-detail-hi.htm?25467/Joint+Statement+between+the+Republic+of+Tajikistan+and+the+Republic+of+India