सार
यूरोपीय संघ, अमेरिका और चीन के बाद सबसे बड़ा ऊर्जा उपभोक्ता बना हुआ है। ऊर्जा संसाधनों के आयात पर यूरोपीय संघ की कुल निर्भरता, कुल खपत का 55% है। मध्य एशियाई क्षेत्र,विशेष रूप से कज़ाकिस्तान, तुर्कमेनिस्तान और उज़बेकिस्तान, ऊर्जा संसाधनों में समृद्ध हैं, जिनका अधिकांश हिस्सा अभी भी अप्रयुक्त है। यूरोपीय संघ और मध्य एशिया के बीच ऊर्जा सहयोग निर्यात से बढ़ा है तथा ऊर्जा संसाधनों का सतत विकास एवं क्षमता निर्माण हुआ है। इस लेख में मध्य एशियाई देशों के साथ यूरोपीय संघ के जुड़ाव का विश्लेषण किया गया है और उनके ऊर्जा संबंधों को जानने का प्रयास किया गया है तथा साथ ही यह भी जानने का प्रयास किया गया है कि किस प्रकार यह क्षेत्र ऊर्जा स्रोतों के विविधीकरण की यूरोपीय संघ की खोज में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।
परिचय
यूरोप और एशिया के चौराहे पर मध्य एशिया की महत्वपूर्ण भौगोलिक स्थिति के कारण यह क्षेत्र यूरोपीय संघ (ईयू) का एक महत्वपूर्ण भागीदार बन गया है। मध्य एशियाई क्षेत्र, विशेष रूप से कजाकिस्तान, तुर्कमेनिस्तान और उज़बेकिस्तान, ऊर्जा संसाधनों में समृद्ध हैं और इनका अधिकांश भाग अभी भी अप्रयुक्त है। ऊर्जा सुरक्षा के साथ, हाल के वर्षों में स्रोतों के विविधीकरण और क्षमता निर्माण की आवश्यकता के बढ़ते महत्व के कारण यूरोपीय संघ नए सिरे से इस क्षेत्र की ओर देख रहा है।यद्यपि इन दोनों का संबंध 1990 के दशक से ही चला आ रहा है, तथापि हाल ही में प्रकाशित मध्य एशिया पर यूरोपीय संघ की कार्यनीति के संबंध में यूरोपीय संसद एवं परिषद् के साथ किए गए संयुक्त पत्राचार (मई 2019) द्वारा संबंधों को, विशेषकर ऊर्जा के क्षेत्र में, पुन: सक्रिय करने के प्रयास किए जा रहे हैं l यह उस कार्यनीति में स्पष्ट रूप से परिलक्षित हुआजिसमें यूरोपीय संघ ने ऊर्जा स्रोत के विविधीकरण के अपने प्रयासों में सहायता के लिए मध्य एशियाई देशों के साथ संबंधों में प्रगाढ़ता लाने का आह्वान किया। उक्त कार्यनीति के अनुसार, "यूरोपीय संघ और मध्य एशिया के बीच ऊर्जा सहयोग के केंद्र मेंनए ऊर्जा स्रोतों, विशेषकर नवीकरणीय ऊर्जा के वास्तविक विकास एवं उपयोग के लिए ऊर्जा संसाधनों के सतत विकास को बढ़ावा देना,आपूर्ति मार्गों का विविधीकरण, तकनीकी जानकारी का आदान-प्रदान है”l
मध्य एशिया में यूरोपीय संघ के जुड़ाव का विहंगावलोकन
साझेदारी और सहयोग समझौते (पीसीए) तथा वर्धित साझेदारी और सहयोग समझौते (ईपीसीए) मध्य एशियाई देशों में यूरोपीय संघ के जुड़ाव की आधारशिला बने हुए हैं। यूरोपीय संघ ने कज़ाकिस्तान, किर्गिस्तान, ताज़िकिस्तान और उज़बेकिस्तान के साथ पीसीए पर हस्ताक्षर किए हैं। इसने तुर्कमेनिस्तान के साथ भी पीसीए पर हस्ताक्षर किए लेकिन यूरोपीय संसद द्वारा अभी तक इसकी पुष्टि नहीं की गई है। जहाँ तक ईपीसीए का संबंध है, यह केवल कज़ाकिस्तान के साथ हस्ताक्षरित किया गया है तथा किर्गिस्तान और उज़बेकिस्तान के साथ बातचीत चल रही है। मध्य एशियाई देशों के साथ यूरोपीय संघ के संबंधों को मध्य एशिया पर संघ की 2007 की कार्यनीति के जरिए परिभाषित किया गया lइस कार्यनीति में इस क्षेत्र में यूरोपीय संघ की छह प्राथमिकताओं को रेखांकित किया गया - जिनमें शामिल हैं -मानव अधिकारों की रक्षा करना; सुरक्षा खतरों पर प्रतिक्रिया; परिवहन और ऊर्जा संयोजन का विकास; आर्थिक विकास; युवा और शिक्षा; तथा पर्यावरण और पानी। इस नीति को 2019 में अद्यतित किया गया और तीन परस्पर सम्बद्ध प्राथमिकताओं पर ध्यान केन्द्रित किया गया- पहला, लचीलापन के लिए भागीदारी,जहां यूरोपीय संघ मध्य एशियाई देशों के साथ सामाजिक-आर्थिक लक्ष्यों से संबंधित चुनौतियों का समाधान करने और सुधार एवं आधुनिकीकरण के लिए अपनी क्षमता बढ़ाने हेतु भागीदारी करेगा; दूसरा, समृद्धि के लिए भागीदारी, जिसमें उनकी विकास क्षमता को बढ़ावा मिलेगा तथा प्रतिस्पर्धी निजी क्षेत्र का विकास होगा; और तीसरा, एक साथ बेहतर काम करना, जिससे भागीदारी का ढांचा मजबूत होगा, नागरिक समाज की भागीदारी बढ़ेगी और राजनीतिक संवाद में सुधार होगा।1
यूरोपीय संघ मध्य एशिया का सबसे बड़ा आर्थिक भागीदार है, जिसकी भागीदारी इस क्षेत्र के कुल व्यापार का लगभग 30% और प्रत्यक्ष निवेश €62 बिलियन का है। इस क्षेत्र में कज़ाकिस्तान यूरोपीय संघ का सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार है; इसके तेल क्षेत्र का लगभग 85% हिस्सा यूरोपीय संघ को निर्यात किया जाता है तथा यह यूरोपीय संघ के प्रत्यक्ष निवेश का सबसे बड़ा प्राप्तकर्ता भी है। मध्य एशियाई देशों को उसके विकास सहयोग साधन के जरिए यूरोपीय संघ से धन प्राप्त होता है। यह सहायता काफी हद तक क्षेत्रीय सुरक्षा, शिक्षा, आर्थिक-विकास, प्राकृतिक संसाधनों के स्थायी प्रबंधन आदि पर केंद्रित है।कालान्तर में मध्य एशिया के लिए सहायता में वृद्धि हुई हैl इस क्षेत्र को वर्ष 2007-2013 के लिए €675 मिलियन प्राप्त हुए थे2 जबकि वर्ष 2014-2020 के लिए उसे €1.1बिलियन प्राप्त हुएl इसके अलावा, यूरोपीय बैंक ऑफ रिकंस्ट्रक्शन एंड डेवलपमेंट और यूरोपीय निवेश बैंक, मध्य एशियाई देशों को वित्तीय सहायता प्रदान करते हैं। दोनों संस्थानों ने इस क्षेत्र में €11.3 बिलियन का निवेश किया है।3 यूरोपीय संघ द्वारा शुरू की गई एक अन्य महत्वपूर्ण पहल 'मध्य एशिया निवेश' कार्यक्रम है, जिसे 2007 में स्थापित किया गया था। इस पहल का उद्देश्य नीतियों का संवर्धन कर उस क्षेत्र में लघु और मध्यम आकार के उद्यमों को प्रोत्साहित करना और उन्हें सहायता प्रदान करना है जिससे निवेश की सुविधा मिलती है,नए बाजार खुलते हैं,और प्रतिस्पर्धा मजबूत होती है।4
यूरोप और मध्य एशिया में ऊर्जा संसाधन
यूरोपीय संघ अमेरिका और चीन के बाद सबसे बड़ा ऊर्जा उपभोक्ता बना हुआ है। ऊर्जा संसाधनों के आयात पर यूरोपीय संघ की कुल निर्भरता कुल खपत का 55% है। सबसे अधिक दबाव वाली स्थिति तेल के साथ है जहां कुल आयात निर्भरता 87% है, जबकि प्राकृतिक गैस आयात के लिए यह 70% है, इसके बाद अन्य जीवाश्म ईंधन हैं जहां निर्भरता प्रतिशत 42% तक है।5 वर्ष 2017-18 के लिए रूस यूरोपीय संघ के लिए प्राकृतिक गैस का सबसे बड़ा आपूर्तिकर्ता था जिसकी कुल हिस्सेदारी 40.2% थी । अन्य प्रमुख आपूर्तिकर्ता हैं-नॉर्वे (35%), अल्जीरिया (11.3%) और कतर (5.8%) ।
चित्र 1: यूरोप में प्राकृतिक गैस का आयात
अतिरिक्त-यूरोपीय संघ के मुख्य व्यापारिक भागीदारों से प्राकृतिक गैस का आयात, 2017 और 2018
(मूल्य में व्यापार का हिस्सा (%)
स्रोत; यूरोस्टैट डेटाबेस (कॉमेक्स्ट) और यूरोस्टैट अनुमान
यूरोस्टैट
इसी तरह, पेट्रोलियम तेलों की आपूर्ति में, प्राप्त किए जानेवाले कुल तेल का लगभग 27.3% रूस से और 11.2% नॉर्वे से आयात किया जाता है l जिन अन्य प्रमुख भागीदारों से आयात किया जाता है, वे हैं - कज़ाकिस्तान (7.1%), ईराक (6.9%), नाइजीरिया (8.1%)और सऊदी अरब (6.6%)6(चित्र 2)l ठोस ईंधन के संदर्भ में, लगभग तीन चौथाई ठोस ईंधन (ज्यादातर कोयला) का आयात रूस (30%), कोलंबिया (23%) और ऑस्ट्रेलिया (15%) से किया जाता है ।
चित्र 2: यूरोप में तेल का आयात
अतिरिक्त-यूरोपीय संघ के मुख्य व्यापारिक भागीदारों से पेट्रोलियम तेल का आयात, 2017 और 2018
(मूल्य में व्यापार का हिस्सा (%))
स्रोत; यूरोस्टैट डेटाबेस (कॉमेक्स्ट) और यूरोस्टैट अनुमान
यूरोस्टैट दूसरी ओर, मध्य एशियाई देश संसाधन संपन्न हैं (तालिका 1)। इस क्षेत्र में सबसे बड़ा तेल भंडार कज़ाकिस्तान में स्थित है, जो दुनिया के साबित तेल भंडार का लगभग 1.7% है। इसी तरह, प्राकृतिक गैस के लिए, तुर्कमेनिस्तान में दुनिया के साबित भंडार का लगभग 9.9% हिस्सा है, इसके बाद उजबेकिस्तान में 0.6% और कज़ाकिस्तान में 0.5% है।
तालिका 1: मध्य एशिया में तेल और प्राकृतिक गैस संसाधन
देश |
मध्य एशिया में तेल संसाधन |
मध्य एशिया में प्राकृतिक गैस संसाधन |
||||||||
उत्पादन (मिलियन टन में ) |
खपत(मिलियन टन तेल समतुल्य में) |
साबित रिज़र्व |
उत्पादन (बिलियन घन मीटर में) |
खपत(बिलियन घन मीटर में ) |
साबित रिज़र्व |
|||||
2017 |
2018 |
2017 |
2018 |
2017 |
2018 |
2017 |
2018 |
|||
|
|
|
|
|||||||
कज़ाकिस्तान |
87.0 |
91.2 |
6.7 |
6.8 |
1.7% |
23.4 |
24.4 |
10.6 |
10.8 |
0.5% |
तुर्कमेनिस्तान |
11.2 |
10.6 |
6.9 |
7.1 |
** |
58.7 |
61.5 |
15.9 |
19.4 |
99% |
उज़बेकिस्तान
|
2.8
|
2.9 |
2.7 |
2.6 |
** |
53.4 |
56.6 |
25.3 |
28.4 |
0.6% |
स्रोत : ब्रिटिश पेट्रोलियम स्टैस्टिकल रिव्यू ऑफ़ वर्ल्ड एनर्जी 2019 |
यूरोपीय संघ और मध्य एशिया के बीच ऊर्जा गतिकी
ऊर्जा स्रोतों के विविधीकरण के उद्देश्य से, यूरोपीय संघ नए भागीदारों की पहचान करने की कोशिश कर रहा है और किसी एक प्रमुख आपूर्तिकर्ता पर अपनी निर्भरता को कम करने के लिए नए आपूर्ति मार्गों का निर्माण कर रहा है। यहीं पर मध्य एशियाई क्षेत्र महत्वपूर्ण हो जाता है। ऊर्जा विविधीकरण के मुद्दे पर इन देशों का आपसी सहयोग 1991सेहैजब स्वतंत्र राष्ट्रों के राष्ट्रमंडल के तकनीकी सहायता (टीएसीआईएस)iकार्यक्रम की स्थापना हुई, जिसमें ऊर्जा का महत्वपूर्ण स्थानथा। टीएसीआईएस का उद्देश्य ऊर्जा उत्पादन से संबंधित कई मुद्दों, यथा- निवेश की कमी, पर्यावरण के मुद्दे आदि को हल करना था।इस कार्यक्रम के तहत, तकनीकी सहायता के अलावा, इस क्षेत्र के ऊर्जा नेटवर्क के आधुनिकीकरण के लिए पर्याप्त धन आवंटित किए गए थे। वर्ष 1995 तक, टीएसीआईएस कार्यक्रम द्वारा अंतरराष्ट्रीय तेल और गैस परिवहन की यूरोप परियोजना (आईएनओजीएटीई)स्थापित की गई ।
आईएनओजीएटीई में तीन भौगोलिक क्षेत्रों के भागीदार देश शामिल थे - पूर्वी यूरोप (बेलारूस, माल्डोवा और यूक्रेन), काकेशस (आर्मेनिया, अज़रबैजान और जॉर्जिया), तथा मध्यएशिया(कज़ाकिस्तान,तुर्कमेनिस्तान,उज़बेकिस्तान)।इसके चार प्रमुख उद्देश्य हैं: “यूरोपीय संघ के आंतरिक ऊर्जा बाजार के सिद्धांतों के आधार पर ऊर्जा बाजारों को अभिमुख करना, भागीदार देशों की विशिष्टताओं को ध्यान में रखना; सतत ऊर्जा विकास को सहायता देना; विभिन्न परियोजनाओं में निवेश आकर्षित करना, और आपूर्ति विविधीकरण, ऊर्जा पारगमन एवं मांग के मुद्दों को हल करके ऊर्जा सुरक्षा को बढ़ाना ”। अब तक आईएनओजीएटीई ने भागीदार देशों में 70 परियोजनाओं को सफलतापूर्वक लागू किया है।आपूर्तिकर्ता और पारगमन देशों को एक साथ एक मंच पर लाने के लिए, यूरोपीय संघ ने नवंबर 2004 में बाकू में ऊर्जा मंत्रिस्तरीय सम्मेलन के दौरान बाकू पहल की शुरुआत की।iiइस पहल से यूरोपीय संघ के साथ कैस्पियन सागर के समुद्र तटीय राष्ट्र और पूर्वी यूरोप एवं मध्य एशिया के देश एकसाथ आए। बाकू पहल से ऊर्जा के मुद्दों पर भविष्य में जुड़ाव के लिए कई मापदंडों की स्थापना हुई, जिसमें नए बुनियादी ढांचे का आधुनिकीकरण और कार्यान्वयन शामिल है ताकि नए अंतर-संबंध विकसित हो सकें, नई वाणिज्यिक परियोजनाओं के लिए निवेश को बढ़ावा मिले, ऊर्जा प्रणालियों का एकीकरण तथा कानूनी एवं तकनीकी मानकों का उन्नयन हो सके।8
क्षेत्रीय स्तर के सहयोग के अलावा, ऊर्जा के मुद्दे पर यूरोपीय संघ भी द्विपक्षीय रूप से मध्य एशिया के देशों के साथ जुड़ता है। जैसा कि वर्ष 2015 में हस्ताक्षरित संवर्धित भागीदारी और सहयोग समझौते में और यूरोपीय संघ के कई सदस्य राष्ट्रों में अनुसमर्थन प्रक्रिया अभी भी लंबित रहने के कारण वर्ष 2016 से अनंतिम आवेदन में निहित है, यूरोपीय संघ और कज़ाकिस्तान के बीच संबंधों के 29 प्रमुख नीतिगत क्षेत्रों में से एक ऊर्जा है l यूरोपीय संघ कज़ाकिस्तान का सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार है, जिसका कुल व्यापार में 40% हिस्सा है। यूरोपीय संघ को किए जानेवाले प्रमुख निर्यात में तेल और गैस शामिल हैं, जो उसे किए जानेवाले कुल निर्यात का लगभग 80% है।9यूरोपीय संघ आधारित कंपनियां भी देश में मौजूद हैं। इतालवी ईएनआई कज़ाकिस्तान में 1992 से सक्रिय रूप से मौजूद है lयह कराचंक क्षेत्र (29.25% हित)में सहयोगी और उत्तर कैस्पियन सागर उत्पादन साझाकरण समझौते (एनसीएसपीएसए ) में भागीदार है, जिसमें इसका16.81% हित है। एनसीएसपीएसए काशगन क्षेत्र में अन्वेषण और विकास के लिए शर्तें निर्धारित करता है। यह कज़ाख राष्ट्र की कंपनी कज़मुनायगैस के साथ संयुक्त रूप से सहयोग करता है और इसने इसाटे ब्लॉक का 50% प्राप्त करने के लिए समझौता किया है जिसमें महत्वपूर्ण संभावित तेल भंडार हैं।10 इसी तरह, फ्रेंच तेल कंपनी टोटल 1992 से कज़ाकिस्तान में मौजूद है। टोटल द्वारा वर्ष 2017 मेंडैनिश कंपनी मीर्स्क ऑयल का 7.45 बिलियन अमरीकी डालर में अधिग्रहण किए जाने के बाद इस देश में उसका निवेश भी बढ़ाl11एनसीएसपीएसए के सदस्य के रूप में, इसका काशगन क्षेत्र में 16.81% हिस्सा है। इसके पास दक्षिण-पश्चिमी मंगिसाऊ क्षेत्र में स्थित, डूंगा क्षेत्र का 60% हिस्सा भी है। डूंगा क्षेत्र वर्ष 2000 से ऑन-स्ट्रीम है और फिलहाल प्रतिदिन लगभग 15,000 बैरल तेल का उत्पादन करता है।12
यूरोपीय संघ-तुर्कमेनिस्तान ऊर्जा संबंध ऊर्जा के क्षेत्र में आपसी सहयोग को मजबूत करने परवर्ष 2008 में हस्ताक्षरित समझौता ज्ञापन द्वारा नियंत्रित होते हैं। इस समझौता ज्ञापन का उद्देश्य उत्पादन, ऊर्जा प्रौद्योगिकी, ऊर्जा दक्षता, परिवहन और ऊर्जा उत्पादों के व्यापार आदि जैसे क्षेत्रों में द्विपक्षीय ऊर्जा सहयोग को बढ़ाना है।13 हालाँकि, यूरोपीय कंपनियों की उपस्थिति इतालवी कंपनी ईएनआई तक सीमित है। ईएनआई ने वर्ष 2008 में तुर्कमेनिस्तान में अपनी गतिविधियां शुरू कीं।14 इसने वर्ष 2014 में पश्चिमी तुर्कमेनिस्तान में स्थित ऑनशोर नेबिट डाग एरिया के लिए प्रोडक्शन शेयरिंग एग्रीमेंट (पीएसए) पर हस्ताक्षर करके इस देश में अपनी उपस्थिति भी बढ़ा दी है। इस समझौते से पीएसए की अवधि वर्ष 2032 तक बढ़ गई है। इसके अलावा, इसने कैस्पियन सागर में तुर्कमेनिस्तान के अपतटीय क्षेत्र में अन्वेषण एवं अपनी गतिविधियों के विस्तार के लिए हाइड्रोकार्बन संसाधनों के प्रबंध एवं उपयोग हेतु तुर्कमेन स्टेट एजेंसी के साथ वर्ष 2014 में एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किएl15
यूरोपीय संघ-उजबेकिस्तान संबंध ऊर्जा के क्षेत्र में सहयोग पर 2011 में हस्ताक्षरित समझौता ज्ञापन के अधीन हैं। दोनों भागीदारों के बीच ऊर्जा संबंध अवसंरचनात्मक विकास की कमी, उज़बेकिस्तान की अधिक घरेलू आवश्यकता जैसे विभिन्न कारणों से बहुत अच्छी तरह विकसित नहीं हुए हैं। इसके अलावा, यूरोपीय कंपनियों की उज़बेकिस्तान में न्यूनतम उपस्थिति है। तथापि, विशेष रूप से देश में नई सरकार के आने के बाद पिछले दो वर्षों में कुछ विकास हुए हैं। ग्रेट ब्रिटेन ने वर्ष 2018 में तेल एवं गैस, ऊर्जा दक्षता और नवीकरणीय ऊर्जा में निवेश परियोजनाओं के वित्तपोषण के लिए पुनर्निर्माण तथा विकास हेतु उज़बेकिस्तान फंड के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए। ग्रेट ब्रिटेन ने इन परियोजनाओं के वित्तपोषण के लिए £1.25 बिलियन का भुगतान कियाl16नवीकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में, कैस्पियन सागर क्षेत्र का विशेष रूप से उल्लेख किया जाना आवश्यक है,जो यूरोपीय देशों के लिए विशेष रुचि का क्षेत्र बनकर उभरा है। ईआईए के अनुमानों के अनुसार, कैस्पियन सागर के देशों-अजरबैजान, कजाकिस्तान, तुर्कमेनिस्तान, उजबेकिस्तान और ईरान ने मिलकर साबित और संभावित भंडार से लगभग 48 बिलियन बैरल तेल और 292 ट्रिलियन क्यूबिक फीट प्राकृतिक गैस का उत्पादन किया है।18 अकेले, अज़रबैजान स्रोतों की विविधता की यूरोपीय संघ की खोज में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। अनुमान है कि दक्षिण गैस कॉरिडोर (चित्र 3) के विकास के कारण दक्षिणी यूरोप में शाह डेनिज़ प्राकृतिक गैस क्षेत्र को जोड़ने की योजना पर यूरोपीय संघ द्वारा विचार किए जाने से निकट भविष्य में अजरबैजान से यूरोपीय देशों में प्राकृतिक गैस का निर्यात बढ़ेगा । दक्षिणी गैस कॉरिडोर यूरोपीय संघ की एक महत्वाकांक्षी योजना है जिसका उद्देश्य रूस की आपूर्ति पर यूरोप की निर्भरता को कम करना है।इसकी कुल संभावित लम्बाई 3,500 किलोमीटर होने और उसमें 40 बिलियन अमरीकी डॉलर के निवेश किए जाने का अनुमान है l गैस कॉरिडोर की परिकल्पना अंत:-संबद्ध पाइपलाइन प्रणाली के रूप में की गई है जो कैस्पियन सागर क्षेत्र से होकर तुर्की की ओर दक्षिण-पूर्वी और मध्य यूरोप तक जाएगी। अंत:-संबद्ध पाइपलाइन में शामिल हैं - दक्षिण काकेशस पाइपलाइन, जो वर्ष 2006 से चालू है और अज़रबैजान से जॉर्जिया-तुर्की तक जाती है; ट्रांस-अनातोलियन नेचुरल गैस पाइपलाइन (टीएएनएपी) का, जो तुर्की की पूर्वी सीमा से यूनान की सीमा तक जाती है,परिचालनवर्ष 2018 में शुरू हुआ और ट्रांस-एड्रियाटिक पाइपलाइन (टीएपी)के, जो यूनान से अल्बानिया होते हुए इटली तक जाती है, वर्ष 2020 में पूरा होने की उम्मीद है। ऊर्जा सूचना प्रशासन अनुमान के अनुसार, शाह डेनिज़ में प्राकृतिक गैस के अनुमानित 565 बीसीएफ (बिलियन क्यूबिक फीट ) उत्पादन में से तुर्की को 211 बीसीएफ प्राप्त होने का अनुमान है और शेष यूनान, बुल्गारिया,iiiअल्बानिया एवं इटली के पास जाएगा जहाँ से वह संभवतः उत्तर की ओर मध्य यूरोप तक जाएगाl19
यूरोपीय संघ और मध्य एशियाई देशों के बीच सहयोग का एक अन्य क्षेत्र यूरेनियम का निर्यात है। वर्ष 2018 में कज़ाकिस्तान दुनिया का अग्रणी यूरेनियम उत्पादक देश रहा, और उसका उत्पादन विश्व के कुल यूरेनियम उत्पादन का 41% रहा । इस देश का यूरेनियम उत्पादन वर्ष 2018 में 21,540 टन था। उज़बेकिस्तान ने वर्ष2018 में अनुमानित 2423 टन यूरेनियम का उत्पादन किया जो दुनिया भर में किए गए यूरेनियम उत्पादन का 5% हिस्सा है। ईयूआरएटीओएम के अनुमान के अनुसार, यूरोपीय संघ के 14 सदस्य देशों में 126 वाणिज्यिक परमाणु ऊर्जा रिएक्टर संचालित हैं जिनके लिए यूरोपीय संघ विविध स्रोतों से लगभग 92.4% यूरेनियम का आयात करता है। मध्य एशियाई देश इस संबंध में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करते हैंl यूरोपीय संघ को यूरेनियम का 5वां सबसे बड़ा निर्यातक कज़ाकिस्तान है जिसके द्वारा किया जानेवाला निर्यात कुल निर्यात का लगभग 13.7%(1,754 टन) है और 7वां सबसे बड़ा निर्यातक उज़बेकिस्तान है जिसके द्वारा किया जानेवाला निर्यात कुल निर्यात का 1.3%(166 टन)हैl20यूरोपीय संघ भी इस क्षेत्र में यूरेनियम खनन के बाद उत्पन्न "जहरीले रासायनिक और रेडियोधर्मी कचरे" के निपटान की समस्या को दूर करने के लिए पर्यावरणीय उपचार के उपायों द्वारा मध्य एशियाई देशों के साथ सक्रिय रूप से सहयोग कर रहा है।21 यूरोपियन बैंक फॉर रिकंस्ट्रक्शन एंड डेवलपमेंट(ईबीआरडी)नेकिर्गिज़गणराज्य,ताजिकिस्तानऔर उज़बेकिस्तान में सोवियत-युग यूरेनियम खनन और प्रसंस्करण से उत्पन्न रेडियोधर्मी दूषित सामग्री के निपटान के लिए वर्ष 2015 में €8मिलियन की प्रारंभिक लागत से एन्वायरनमेंटल रिमेडिएसन अकाउंट फॉर सेंट्रल एशिया (ईआरए) नामक एक फंड स्थापित कियाl अगस्त, 2016 में किर्गिस्तान सरकार ने ईबीआरडी द्वारा प्रदत्त वित्त से और ताजिकिस्तान एवं रूस के सहयोग से 2017 के मध्य में शुरू होने वाले पुनर्वास कार्य की घोषणा कीl ईबीआरडी ने जनवरी 2017 में उज़बेकिस्तान, किर्गिज़ गणराज्य और ताज़िकिस्तान के साथ फ्रेमवर्क समझौतों पर हस्ताक्षर किए। आज तक फंड में €17 मिलियन का योगदान किया गया हैं।22
ऊर्जा संबंधों का आकलन
मध्य एशिया पर 2007 और 2019 की यूरोपीय संघ की कार्यनीतियों द्वारा साझेदारी की प्राथमिकताओं को निर्धारित किया गया और प्रत्येक देश की आकांक्षाओं को ध्यान में रखते हुए एक योजना तैयार करने का लक्ष्य रखा गया । जैसा कि 2019 की कार्य नीति में कहा गया है, “अपने मध्य एशियाई सहयोगियों में से प्रत्येक की आकांक्षाओं और हितों का सम्मान करते हुए, साथ ही देश की विशिष्ट स्थितियों में भेद करने की आवश्यकता को बनाए रखते हुए, यूरोपीय संघ ऐसे मध्य एशियाई देशों के साथ अपने जुड़ाव को मजबूत करना चाहेगा जो संबंधों को प्रगाढ़ करने की इच्छा रखते हैं और वैसा करने में सक्षम हैं।”23यूरोपीय संघ पिछले तीन दशकों से इस क्षेत्र में सक्रिय है और इस क्षेत्र के विकास के लिए धन मुहैया कराने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। यूरोपीय संघ के ऊर्जा स्रोतों के विविधीकरण के दृष्टिकोण में मध्य एशिया प्रमुखता से शामिल है। कई यूरोपीय कंपनियां पहले से उस क्षेत्र में मौजूद हैं या उनमें वहां पैर जमाने की होड़ है।
इस क्षेत्र के लिए प्रतिबद्धता के बावजूद, यूरोपीय संघ अभी भी मध्य एशिया में अपना ठोस प्रभाव बढ़ाने का प्रयास कर रहा है। यह तीन कारकों के कारण है - पहला है, इस क्षेत्र में रूस की उपस्थिति। रूस न केवल उन देशों का एक प्रमुख व्यापारिक भागीदार है, बल्कि उनके साथ सांस्कृतिक, राजनीतिक और सामाजिक संबंध भी साझा करता है। रूस ने यूरोप में लाभदायक पुनर्विक्रय मूल्य पर इस क्षेत्र से तेल और प्राकृतिक गैस का काफी हिस्सा प्राप्त करके मध्य एशिया के ऊर्जा बाजार में लगभग एकाधिकार उपस्थिति भी दर्ज की है।24 रूस इन देशों से बड़ी संख्या में प्रवासी श्रमिकों की मेजबानी भी करता है।दूसरा है, पिछले कुछ वर्षों में चीन का इन देशों के एक प्रमुख व्यापारिक भागीदार के रूप में उभरना। चीन ने अपने इलाके और सड़क के लिए पहल के जरिए, इस क्षेत्र में बुनियादी ढांचे और विनिर्माण क्षेत्र के विकास में काफी धन लगाया है। बीजिंग ने कज़ाकिस्तान और उज़बेकिस्तान के साथ बड़े ऊर्जा सौदों पर भी हस्ताक्षर किए हैं। तीसरा है, यूरोप के मानवाधिकारों और शासन के प्रति आग्रह को मध्य एशियाई देशों द्वारा पसंद नहीं कियाजानाlअक्सर यूरोपीय संघ के इस दृष्टिकोण से संबंधों को मजबूत करने की राह में लाभ की तुलना में अधिक बाधाएं उत्पन्न हुई हैं।
बहरहाल, यूरोप इस क्षेत्र में पैर जमाने की कोशिश कर रहा है। यूरोपीय संघ ने ऊर्जा आवश्यकताओं के लिए संभावित वैकल्पिक स्रोतों की पहचान करने के अपने प्रयासों में मध्य एशियाई देशों को आवश्यक साझेदार के रूप में देखना शुरू कर दिया है। ऐसा नहीं है कि ऊर्जा क्षेत्र में कोई द्विपक्षीय व्यापार नहीं था, समस्या काफी हद तक इस क्षेत्र में यूरोपीय कंपनियों और भागीदारों की सीमित उपस्थिति और मध्य एशिया के प्रति यूरोपीय संघ की नीतियों में निहित विरोधाभास है जो एक तरफ ऊर्जा स्रोतों के विविधीकरण पर जोर देता है एवं दूसरी ओर रूस के साथ संबंधों को स्थिर बनाए रखने की कोशिश करता है। यूरोपीय संघ के लिए, रूसी स्रोतों से दूर, ऊर्जा विविधीकरण का विचार प्रधान मुद्दा बन गया है।वर्ष 2006 और 2009 में रूस एवं यूक्रेन के बीच मूल्य विवाद और फिर 2014 में क्रीमिया संकट तथा यूरोपीय संघ द्वारा रूस पर लगाए गए प्रतिबंधों के बाद स्थिति गंभीर हो गई है। इसके अलावा, चूँकि मध्य एशियाई क्षेत्र में पर्याप्त रूसी उपस्थिति है, अत: यूरोपीय संघ, रूस के साथ अपने संबंधों को प्रतिकूल रूप से प्रभावित किए बिना सावधानीपूर्वक पैंतरेबाज़ी करने की कोशिश कर रहा है।
ऊर्जा परिवहन के लिए प्रमुख मार्ग दक्षिणी गैस कॉरिडोर (एसजीसी) से होकर गुजरते हैं, जो शाह डेनिज़ क्षेत्र से दक्षिणी इटली तक गैस संसाधनों को ले जाने वाली अंत:-संबद्ध पाइपलाइनों की(दक्षिण काकेशस, टीएएनएपी, टीएपी)एक श्रृंखला है। यूरोपीय संघ ने यूक्रेनी संकट के बाद से इस क्षेत्र पर, विशेष रूप से तुर्कमेनिस्तान पर, विशेष ध्यान देना शुरू कर दिया है।यूरोपीय संघ सक्रिय रूप से ट्रांस-कैस्पियन पाइपलाइन (टीसीपी) के निर्माण का समर्थन कर रहा है, जो तुर्कमेनबाशी के तटीय क्षेत्र तुर्कमेनिस्तान से अजरबैजान में बाकू तक फैली हुई पानी के नीचे बिछी पाइपलाइन है, जिसे भविष्य में तुर्कमेनबाशी को कजाकिस्तान में तेंगिज़ क्षेत्र से जोड़ने के लिए विस्तारित किया जा सकता है।25 इस परियोजना द्वारा प्राकृतिक गैस का परिवहनतुर्कमेनिस्तान और कज़ाकिस्तान से यूरोपीय संघ तक किए जाने की उम्मीद है, जिससे रूस को दरकिनार किया जा सकता है।रूसी विरोध के कारण यह परियोजना ठप है। कैस्पियन सागर के रास्ते एसजीसी के विस्तार के रूप में परिकल्पित इस पाइपलाइन से कैस्पियन सागर के देशों, विशेष रूप से अज़रबैजान और तुर्कमेनिस्तान को तुर्की के रास्ते यूरोप से जोड़े जाने की उम्मीद है। इस पाइपलाइन के कार्यशील होने के बाद, गजप्रॉम यूरोपीय बाजारों में अपना वर्तमान प्रमुख हिस्सा खो सकता है। चूँकि तुर्कमेन गैस के लिए रूस एक पारगमन स्थान भी है, अत: इन पाइपलाइनों के कार्यशील होने से, उसे जॉर्जिया तक के लिए पारगमन फीस की हानि हो सकती है। इसके अलावा, रूस ने कैस्पियन सागर के अन्दर बिछी पाइपलाइन के बारे में गंभीर पर्यावरणीय चिंता व्यक्त की हैl26
इस क्षेत्र के प्रति यूरोपीय संघ का नया दृष्टिकोण बदलती वैश्विक वास्तविकताओं को ध्यान में रखते हुए उसके हितों का पुनर्परिभाषित किया जाना प्रदर्शित करता है l मध्य एशिया पर 2007 की कार्यनीति में मध्य एशिया को कार्यनीतिक स्थल और संसाधनों के क्षेत्र के रूप में चित्रित किया गया था, जबकि वर्तमान कार्यनीति में इस क्षेत्र में सुरक्षा और स्थिरता बनाए रखने के साथ-साथ क्षेत्र की ऊर्जा और संबद्धता क्षमता का उपयोग करने का लक्ष्य सामने रखा गया है। चूँकि रूस की आपत्ति के परिप्रेक्ष्य में भविष्य में यूरोप को कज़ाख और तुर्कमेन गैस की आपूर्ति के समावेश के माध्यम से संवर्धित ऊर्जा सहयोग जटिल प्रतीत होता है,फिर भी रूस पर ऊर्जा निर्भरता कम करने के लिए टीसीपी चर्चा यूरोपीय संघ की अपनी ऊर्जा सुरक्षा नीति तैयार करने की इच्छा और उसकी दीर्घकालिक कार्यनीतिक दृष्टि को उजागर करती है।
*****
*डॉ। अंकिता दत्ता, भारतीय अनुसंधान परिषद, नई दिल्ली में रिसर्च फेलो।
अस्वीकरण: व्यक्त किए गए विचार शोधकर्ता के होते हैं, परिषद के नहीं।
End Notes
________________
iIn 2007, TACIS Programme was replaced with a broader instrument called Development Cooperation Instrument which has a wider range of objectives like poverty reduction, economic development, health governance etc.
iiThe Caspian Littoral States - Azerbaijan, Iran, Kazakhstan, Turkmenistan and the Russian Federation; and Armenia, Georgia, Kyrgyzstan, Moldova, Turkey, Ukraine and Uzbekistan
iiiGreece and Bulgaria have signed an agreement of construction of 220 million euros Interconnector Greece-Bulgaria in southern Bulgaria to receive gas from TAP.
1*Joint Communication on the EU and Central Asia – New Opportunities for a Stronger Partnership, EEAS, 15 May 2019, https://eeas.europa.eu/sites/eeas/files/joint_communication_-_the_eu_and_central_asia_-,_new_opportunities_for_a_stronger_partnership.pdf, Accessed on 25 July 2019
2*Central Asia, International Cooperation and Development, European Commission, https://ec.europa.eu/europeaid/regions/central-asia/central-asia_en, Accessed on 18 July 2019
3*The EU's new Central Asia strategy, Briefing, European Parliament, http://www.europarl.europa.eu/RegData/etudes/BRIE/2019/633162/EPRS_BRI(2019)633162_EN.pdf, Accessed on 19 July 2019
4*Central Asia Invest, International Cooperation and Development, European Commission, 2015, https://ec.europa.eu/europeaid/sites/devco/files/brochure-central-asia-invest-2015_en.pdf, Accessed on 19 July 2019
5*Energy Security – Diverse, Affordable and Reliable Energy, European Commission, https://ec.europa.eu/energy/en/topics/energy-security, Accessed on 19 July 2019
6*EU imports of energy products – recent developments, Statistics Explained, Eurostat, https://ec.europa.eu/eurostat/statistics-explained/index.php?title=EU_imports_of_energy_products_-_recent_developments#Overview, Accessed on 20 July 2019
7In Brief, INOGATE, http://www.inogate.org/pages/1?lang=en#, Accessed on 20 July 2019
8*CONCLUSIONS of the Ministerial Conference on Energy Co-operation between the EU, the Caspian Littoral States and their neighbouring countries, https://library.euneighbours.eu/content/baku-initiative-conclusions, Accessed on 20 July 2019
9*Kazakhstan, EU’s Relations with Country, EEAS, https://eeas.europa.eu/headquarters/headquarters-homepage/1367/kazakhstan-and-eu_en, Accessed on 21 July 2019
10Overview, ENI’s Activities in Kazakhstan, ENI,https://www.eni.com/enipedia/en_IT/international-presence/asia-oceania/enis-activities-in-kazakhstan.page, Accessed on 21 July 2019
11Total acquires Maersk Oil for $7.45 billion in a share and debt transaction, News, Total 21 August 2017, https://www.total.com/en/media/news/press-releases/total-acquires-maersk-oil-for-7-45-billion-dollars-in-share-and-debt-transaction, Accessed on 21 July 2019
12Total in Kazakhstan, 20 September 2017, Total,https://www.total.com/en/Kazakhstan, Accessed on 22 July 2019
13The EU and Turkmenistan strengthen their energy relations with a Memorandum of Understanding, EU Press Releases, 26 May 2008, European Commission, http://europa.eu/rapid/press-release_IP-08-799_en.htm, Accessed on 22 July 2019
14Overview, ENI’s Activities in Turkmenistan, ENI, https://www.eni.com/enipedia/en_IT/international-presence/asia-oceania/enis-activities-in-turkmenistan.page?lnkfrm=serp, Accessed on 23 July 2019
15Eni strengthens its presence in Turkmenistan, 18 November 2014, ENI, https://www.eni.com/en_IT/media/2014/11/eni-strengthens-its-presence-in-turkmenistan, Accessed on 23 July 2019
16The Tashkent Times, 19 April 2018, https://tashkenttimes.uz/economy/2287-uk-commits-1-25-billion-for-energy-sector-project-trade-financing-in-uzbekistan-of, Accessed on 23 July 2019
17Strategeast Post, 9 October 2018, https://www.strategeast.org/uzbekenergo-french-total-eren-ink-deal-for-solar-power-plant-in-uzbekistan/, Accessed on 24 July 2019
18Overview of oil and natural gas in the Caspian Sea region, EIA Estimates, 26 August 2013, https://www.eia.gov/beta/international/regions-topics.php?RegionTopicID=CSR, Accessed on 11 August 2019
19Azerbaijan to become a more significant supplier of natural gas to Southern Europe, EIA, 14 February 2019, https://www.eia.gov/todayinenergy/detail.php?id=38352, Accessed on 24 July 2019
20 EURATOM Supply Agency, Annual Report 2018, European Commission, https://ec.europa.eu/euratom/ar/last.pdf, Accessed on 27 August 2019
21 The EU and Central Asia: New Opportunities for a Stronger Partnership, JOINT COMMUNICATION TO THE EUROPEAN PARLIAMENT AND THE COUNCIL, European Commission, 15 May 2019, https://eeas.europa.eu/sites/eeas/files/joint_communication_-_the_eu_and_central_asia_-_new_opportunities_for_a_stronger_partnership.pdf, Accessed on 27 August 2019
22 Rallying support for Central Asia to address uranium mining legacy, EBRD News, 27 September 2018,
https://www.ebrd.com/news/2018/rallying-support-for-central-asia-to-address-uranium-mining-legacy.html, Accessed on 27 August 2019
23*Joint Communication on the EU and Central Asia – New Opportunities for a Stronger Partnership, EEAS, 15 May 2019, https://eeas.europa.eu/sites/eeas/files/joint_communication_-_the_eu_and_central_asia_-_new_opportunities_for_a_stronger_partnership.pdf, Accessed on 25 July 2019
24Martin C.Spechler and Dina R.Spechler, Russia’s lost position in Central Eurasia, Journal of Eurasian Studies, Volume 4, Issue 1, January 2013, Pages 1-7
25New Europe, 8 February 2018, https://www.neweurope.eu/article/trans-caspian-gas-pipeline-really-important-europe/, Accessed on 25 July 2019
26Still One Big Obstacle To Turkmen Gas To Europe, Radio Free Europe Radio Liberty, 5 May 2015, https://www.rferl.org/a/turkmenistan-natural-gas-europe-trans-caspian-pipeline/26996003.html, Accessed on 11 August 2019