31 अगस्त की मध्यरात्रि से एक मिनट पहले, अमेरिका के आखिरी सैन्य विमान ने काबुल से उड़ान भरी और इसके साथ ही अफगानिस्तान में अमेरिका के सबसे लंबे युद्ध और अमेरिकी नतृत्व वाले युग का भी अंत हो गया। इसके तुरंत बाद तालिबान ने अफगानिस्तान में पूर्ण स्वतंत्रता की घोषणा कर दी। अमेरिका के वापस जाने के बाद काबुल के हवाईअड्डे पर उतरने वाला पहला विमान क़तर एयरवेज़ का था। तालिबान के अनुरोध को स्वीकार करते हुए हवाईअड्डे के परिचालन में सहयोग करने के लिए विमान में तकनीकी विशेषज्ञों की टीम भेजी गई थी। इससे पहले, 15 अगस्त को काबुल पर तालिबान द्वारा कब्ज़ा किए जाने के बाद, अराजकता एवं अफरा–तफरी के माहौल से हज़ारों लोगों को निकालने में मदद करने के लिए अमेरिका ने क़तर से मदद ली थी। वाशिंगटन और तालिबान, दोनों के साथ अपने संबंधों को ध्यान में रखते हुए आज यह एक छोटा प्रायद्वीपीय अरब देश अफगानिस्तान में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।
तालिबान और क़तर
क़तर और तालिबान के बीच का रिश्ता नया नहीं है। अफगानिस्तान में अमेरिकी नेतृत्व वाले हस्तक्षेप में लगभग एक दशक तक, वाशिंगटन में इस बात को स्वीकार करने वालों की संख्या बढ़ रही थी कि तालिबान के खिलाफ कभी भी एकबार में सैन्य विजय प्राप्त नहीं की जा सकती और इसलिए एक राजनीतिक समाधान की आवश्यकता ने जोर पकड़ा। अमेरिका के नेतृत्व में अंतरराष्ट्रीय बल इस निष्कर्ष पर पहुंचे कि अफगानिस्तान में युद्ध को हमेशा के लिए समाप्त करने हेतु तालिबान के साथ बातचीत करना अनिवार्य है।
वर्ष 2010 में तालिबान के सदस्यों की पहचान करने और उन्हें शांति प्रक्रिया में शामिल होने के लिए मनाने हेतु अफगानिस्तान में एक आदिवासी परिषद् की स्थापना की गई थी। इसका उद्देश्य किसी दूसरे देश में कुछ तालिबानी नेताओं को सुरक्षा प्रदान करना था ताकि अफगानिस्तान की सरकार और तालिबान शांति वार्ता के माध्यम से सुलह की प्रक्रिया आरंभ कर सकें।[i] इसके बाद इस्लामी मिलिशिया के साथ बातचीत के लिए एक तटस्थ स्थान की तलाश शुरु हुई। साल 2013 में, कई दौर की वार्ताओं के बाद, क़तर ने बराक ओबामा के अमेरिकी प्रशासन के सहयोग से तालिबान को दोहा में राजनीतिक कार्यालय खोलने की अनुमति दे दी। साल 2018 में, तालिबान का सह–संस्थापक, मुल्ला अब्दुल गनी बरादर को, कथित तौर पर वाशिंगटन के इशारे पर, पाकिस्तान की जेल से रिहा कर दिया गया था, जहां वह 2010 से बंद था।[ii] आगे चल कर मुल्ला बिरादर दोहा में तालिबान के राजनीतिक कार्यालय का प्रमुख बना। अमेरिका और तालिबान के बीच कई दौर की वार्ताओं के बाद फरवरी 2020 में दोहा, क़तर में अमेरिका–तालिबान शांति समझौते पर हस्ताक्षर किया गया। हालांकि सत्ता में तालिबान के तेज़ी से उदय ने समझौते को महत्वहीन कर दिया लेकिन अफगानिस्तान में सुलह के लिए अमेरिका के विशेष प्रतिनिधि ज़ल्मय खालिलज़ाद और मुल्ला बिरादर की क़तर की राजधानी दोहा में हाथ मिलाते हुए तस्वीर, समझौते पर हस्ताक्षर के बाद, अफगानिस्तान के हालिया इतिहास की प्रतीकात्मक तस्वीर बनी रहेगी।
अफगानिस्तान से जुड़ी कई उच्च–स्तरीय बैठकों और कार्यक्रमों की मेज़बानी क़तर ने की है, इसमें अशरफ़ गनी के नेतृत्व वाली अफगान सरकार और तालिबान के प्रतिनिधियों के बीच 12 सितंबर 2020 को कई प्रमुख हितधारकों एवं अंतरराष्ट्रीय संगठनों की उपस्थिति में बहुप्रचारित अंतर–अफगान वार्ताएं भी शामिल हैं। यह तर्क दिया जा सकता है कि दोहा में तालिबान के राजनीतिक कार्यालय की स्थापना के कारण क़तर की पहुँच इस्लामी समूह तक आसान हो गई थी, इसके अलावा, अफगानिस्तान के भविष्य को लेकर कई हाई–प्रोफाइल बैठकों और चर्चाओं का आयोजक होने के नाते, क़तर धीरे–धीरे अफगानिस्तान में महत्वपूर्ण खिलाड़ी के रूप में उभरने लगा।
अमेरिका और क़तर
काबुल के पतन के बाद, ‘विजेता’ तालिबान के साथ दोहा के संबंधों ने इसे अभूतपूर्व स्थिति में ला दिया। काबुल पर तालिबान के कब्जे के तुरंत बाद, अफगानिस्तान से 124,000 लोगों को निकालने के अमेरिकी प्रयासों में क़तर को महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हुए देखा गया था।[iii] मध्यपूर्व में सबसे बड़े अमेरिकी सैन्य अड्डे के रूप में अफगानिस्तान से बाहर निकाले गए लगभग 55,000 लोगों के लिए क़तर, प्रमुख प्रवेश द्वार बना, यह आंकड़ा अमेरिका–नीत बलों द्वारा निकाले गए कुल लोगों का लगभग आधा है।4 राष्ट्रपति बाइडेन ने क़तर के अमीर शेख तमीम बिन हमद अल–थानी को उनके “उदार समर्थन” के लिए धन्यवाद देते समय दोहा के योगदान को स्वीकार किया था।5 अफगानिस्तान से वापसी का काम पूरा होने के बाद, अमेरिकी विदेश मंत्री, एंथनी ब्लिंकन ने घोषणा की कि अफगानिस्तान में अमेरिकी सैन्य मिशन समाप्त हो चुका है और देश के साथ राजनयिक संबंधों का “नया अध्याय” शुरु हो गया है।6 अपने उसी बयान में उन्होंने काबुल (सुरक्षा चिंताओं के बीच) में अपनी राजनयिक उपस्थिति को निलंबित करने और राजनयिक संचालनों को क़तर स्थानांतरित किए जाने की भी घोषणा की। इससे पहले वाशिंगटन ने कनाडा, फ्रांस, जर्मनी, इटली, जापान, तुर्की, यूनाइटेड किंगडम, यूरोपीय संघ और नाटो के साथ अफगानिस्तान के लिए समन्वित दृष्टिकोण पर चर्चा करने के लिए होने वाली महत्वपूर्ण वर्चुअल मीटिंग में क़तर को भी आमंत्रित किया था।7 पश्चिम और तालिबान के बीच लंबे समय से सूत्रधार और मध्यस्थ की भूमिका निभा रहा वाशिंगटन संभव है कि आने वाले दिनों में दोनों पक्षों के बीच समन्वय में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिए क़तर का रूख करे। इसलिए, अमेरिका के विदेश मंत्री द्वारा तालिबान के अधिग्रहण के बाद अराजकता से हिले हुए सहयोगियों के साथ संयुक्त मोर्चा बनाने के लिए अपनी पहली यात्रा के लिए 6 सितंबर को क़तर जाने के फैसले से शायद ही आश्चर्य हो।
क़तर की अभूतपूर्व स्थिति
यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि दोहा ने मध्यपूर्व के कई प्रमुख युद्धों में प्रतिस्पर्धी गुटों के बीच बातचीत में मध्यस्थता की है। लेकिन अरब की स्थितियों के मद्देनज़र, खाड़ी के प्रतिद्वंद्वियों ने उस पर इस्लामवादियों का पक्ष लेने का आरोप लगाया। साल 2017 में सउदी अरब, यूएई, मिस्र और बहरीन ने क़तर पर ईरान के बहुत करीब होने और राष्ट्रीय समाचार चैनल अल ज़जीरा के माध्यम से अस्थिरता को बढ़ावा देने का आरोप लगाते हुए संबंध तोड़ (जिसे बाद में फिर से बहाल कर लिया गया) दिया था।8 अफगानिस्तान से संबंधित क़तर के विचारों को सामने रखने में अल ज़जीरा की भूमिका पर ध्यान देना महत्वपूर्ण है। क़तर का यह मीडिया प्लेटफॉर्म तालिबान को वर्षों से जनता को संबोधित करने का मंच देता रहा है और अफगानिस्तान–एआरजी9 के राष्ट्रपति महल में तालिबान के दाखिल होने की घटना को प्रसारित करने वाला यह एकमात्र नेटवर्क था, जिस दिन काबुल पर कब्ज़ा किया गया।
एक तरह से, अफगानिस्तान के क़तर को सत्ता में धीरे– धीरे उपस्थिति दर्ज कराने का अनोखा अवसर दिया था। कुछ सौ सैनिकों और अपने सैन्य विमानों के साथ, तालिबान द्वारा काबुल में सत्ता पर अधिकार कर लेने के बाद क़तर ने बचाव कार्य किए। कथित तौर पर, अफगानिस्तान में क़तर के राजदूत सईद बिन मुबारक अल खयारिन ने व्यक्तिगत रूप से हजारों अफगानिस्तानियों को तालिबान और अमेरिका के चेकप्वाइंट्स के साथ– साथ हवाईअड्डे को घेर लेने वाले अफगानियों की भीड़ से निकलने में मदद की थी।10 क़तर के अधिकारियों ने लड़कियों की रोबोटिक्स टीम, लड़कियों के बोर्डिंग स्कूल, 250 से ज्यादा छात्रों और स्टाफ के सदस्यों के साथ–साथ अंतरराष्ट्रीय मीडिया आउटलेट्स के लिए काम कर रहे पत्रकारों को भी बाहर निकाला।11 संयुक्त राष्ट्र के शरणार्थी प्रमुख फिलिपो ग्रांडी ने अफगानिस्तान में मानवीय सहायता के लिए क़तर की भूमिका की सराहना की।12
31 अगस्त को काबुल से उड़ान भरने वाली आखिरी निकासी हवाईज़हाज के बाद कई देशों ने वहां बाकी बचे अपने संबंधित नागरिकों के प्रति चिंता जताई और लोगों को निकाले जाने की आवश्यकता पर जोर दिया। मानवीय सहायता और आने–जाने की स्वतंत्रता प्रदान करने के लिए काबुल हवाईअड्डे पर विमानों के परिचालन में मदद करने के लिए क़तर और तुर्की द्वारा किए जा रहे प्रयास, जिसमें लोगों को निकाले जाने के प्रयासों को फिर से शुरु करना भी शामिल है, ने क़तर की प्रतिष्ठा को और बढ़ाया है। 12 सितंबर को, क़तर के विदेश मंत्री मोहम्मद बिन अब्दुलरहमान अल थानी ने काबुल का दौरा किया और तालिबान के नई सरकार के कार्यवाहक प्रधानमंत्री मुल्ला मोहम्मद हसन अखुंद से मुलाकात की। बीते माह तालिबान द्वारा राजधानी पर कब्ज़ा किए जाने के बाद काबुल की पहली उच्च स्तरीय स्तरीय विदेश दौरे में, क़तर के विदेश मंत्री ने देश के नए शासकों से " राष्ट्रीय सुलह में सभी अफगान दलों को शामिल करने" का आह्वाहन किया। 13 आज क़तर स्वयं को जिस अभूतपूर्व स्थिति में देख रहा है, यह समूह के राजनीतिक कार्यालय के मेजबान होने के नाते न केवल समूह के साथ इसके घनिष्ठ संबंधों और पहुँच का परिणाम है बल्कि इसलिए भी है क्योंकि तालिबान ने इसे विश्वसनीय और तटस्थ राष्ट्र के रूप में मान्यता दी थी हालांकि तालिबान पर क़तर का कितना प्रभाव पड़ा है, यह अभी स्पष्ट होना बाकी है।
दोहा चैनल
अफगानिस्तान पर तालिबान द्वारा कब्ज़ा किए जाने के बाद, कई देशों ने दोहा चैनल के माध्यम से तालिबान के साथ कुछ संपर्क बनाए रखने की कोशिश की है। तालिबान के साथ भारत का पहला औपचारिक राजनयिक जुड़ाव14 कुछ दिन पहले दोहा में हुआ था जब भारतीय दूत ने भारत के लिए तात्कालिक चिंता के मुद्दों पर चर्चा करने के लिए दोहा में तालिबान के राजनीतिक कार्यालय के प्रमुख शेर मोहम्मद अब्बास स्टेनकजई से मुलाकात की थी। यूनाइटेड किंग्डम ने भी अफगानिस्तान से अपने नागरिकों के लिए सुरक्षित मार्ग सुनिश्चित करने के लिए दोहा चैनल के माध्यम से तालिबान से संपर्क करने की कोशिश की है। 25 अगस्त को जर्मनी के राजदूत मार्कस पोटज़ेल ने दोहा में तालिबान से बातचीत की15 और यूरोपीय संघ द्वारा भी तालिबान से होने वाली वार्ता में क़तर संबंधों का उपयोग किए जाने की संभावना है।
जैसा कि अफगानिस्तान में रहने की स्थिति बहुत खराब हो चुकी है, अंतरराष्ट्रीय संयुक्त राष्ट्र एजेंसियों ने दोहा की मदद से देश में सहायता पहुँचाने की मांग की है। ऐसे समय में जब अफगानिस्तान में इस्लामी शासन की वापसी के बीच दुनिया के शक्तिशाली देश उस पर दबाव बनाने के लिए प्रयास कर रहे हैं, दोहा स्वयं को नरम रूख अपनाते हुए खुद को निष्पक्ष सूत्रधार के रूप में स्थापित करने की कोशिश कर रहा है। वास्तव में, क़तर एक व्यावहारिक कर्ता है जो बाकी देशों की ही तरह ही अपना प्रभाव बढ़ाना चाहता है। करीब 300,000 से थोड़े अधिक आबादी वाला यह छोटा ऊर्जा संपन्न राष्ट्र सुरक्षा के लिए अमेरिका पर बहुत अधिक निर्भर है और चाहता है कि देश में अमेरिका का सैन्य हवाईअड्डा बना रहे। अफगानिस्तान ने इसे अंतरराष्ट्रीय समुदाय में अपनी भूमिका को मज़बूत करने और क्षेत्रीय एवं वैश्विक राजनीति के मानचित्र पर उभरने का अभूतपूर्व अवसर प्रदान किया है और यह इसका सबसे अच्छी तरह से उपयोग करने की कोशिश कर रहा है।
आखिर में, यह कहा जा सकता है कि अमेरिका और तालिबान के बीच विश्वसनीय और भरोसेमंद सूत्रधार होने के कारण क़तर अफगानिस्तान में महत्वपूर्ण खिलाड़ी के रूप में उभरा है। संभव है दोहा ने अफगानिस्तान को पश्चिमी ताकतों के साथ अपने संबंधों को मज़बूत करने के अवसर के रूप में देखा हो और यह उस अवसर का अच्छी तरह से उपयोग भी कर रहा है। ऐसे समय में जब दुनिया की ताकतें अफगानिस्तान में नई व्यवस्था से निपटने के तरीके तलाशने में जुटी हैं, क़तर खुद को पश्चिम और तालिबान के बीच मध्यस्थ और सूत्रधार के रूप में स्थापित करने के लिए स्वयं द्वारा किए गए कार्यों का फायदा उठा रहा है और अंतरराष्ट्रीय समुदाय में अपनी भूमिका को मज़बूत बना रहा है।
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*डॉ. अन्वेषा घोष, रिसर्च फेलो, इंडियन काउंसिल ऑफ़ वर्ल्ड अफेयर्स।
अस्वीकरण: व्यक्त किए गए विचार व्यक्तिगत हैं।
डिस्क्लेमर: इस अनुवादित लेख में यदि किसी प्रकार की त्रुटी पाई जाती है तो पाठक अंग्रेजी में लिखे मूल लेख को ही मान्य माने ।
संदर्भ:
[i]“How Qatar came to host the Taliban.” BBC, News, June22, 2013. Available at: https://www.bbc.com/news/world-asia-23007401 (Accessed on 7.9.2021)
[ii] “Pakistan releases top-ranking Taliban prisoner Baradar”.DuetscheWelle, Sep 21, 2013. Available at:https://www.dw.com/en/pakistan-releases-top-ranking-taliban-prisoner-baradar/a-17103880(Accessed on 7.9.2021)
[iii] “Blinken arrives in Qatar as four Americans leave Afghanistan.”Reuters, Sep6, 2021. Available at:https://www.reuters.com/world/middle-east/blinken-arrives-qatar-four-americans-leave-afghanistan-2021-09-06/(Accessed on 7.9.2021)
4 “Blinken arrives in Qatar as four Americans leave Afghanistan.”Reuters, Sep6, 2021. Available at:https://www.reuters.com/world/middle-east/blinken-arrives-qatar-four-americans-leave-afghanistan-2021-09-06/(Accessed on 7.9.2021)
5 “Biden thanks Qatar's emir for help in Afghanistan -White House.”Reuters,Aug 21, 2021. Available at:https://www.reuters.com/world/middle-east/biden-thanks-qatars-emir-help-afghanistan-white-house-2021-08-21/
6 “Secretary of State Tony Blinken on U.S. withdrawal from Afghanistan” CNBC News, August 31, 2021. Available at: https://www.youtube.com/watch?app=desktop&v=8xfQv8Sp1uw(Accessed on 7.9.2021)
7 “Qatar lauded for its role in Afghanistan evacuations. “AL Jazeera, August 30 2021. Available athttps://www.aljazeera.com/news/2021/8/30/qatar-emerges-as-key-player-in-afghanistan-after-us-pullout
8 “Afghanistan: Qatar and Turkey become Taliban's lifeline to the outside world” BBC, Sep5 , 2021. Available at:https://www.bbc.com/news/world-middle-east-58394438(Accessed on 7.9.2021)
9“Taliban enters Afghan presidential palace after Ghani flees.” Al Jazeera, Aug 15, 2021. Available at:https://www.aljazeera.com/news/2021/8/15/taliban-continues-advances-captures-key-city-of-jalalabad (Accessed on 07.09.2021)
10 “Taliban Takeover propels tiny Qatar into outsize role”. The Washington Post, Aug 31, 2021. Available at: https://www.washingtonpost.com/world/taliban-qatar-mediator-afghanistan/2021/08/31/6a787b2c-0992-11ec-a7c8-61bb7b3bf628_story.html(Accessed on 8.9.2021)
11“Afghanistan’s all girl robotic team evacuated safely to Qatar.” CBS News, Aug 20, 2021. Available at: https://www.cbsnews.com/news/afghanistan-girls-robotics-team-evacuated-qatar/ (Accessed on 8.9.2021)
12 “UN refugee chief thanks Qatar for global humanitarian assistance amid Afghan crisis “. Doha News, Aug 19, 2021. Available at: https://www.dohanews.co/un-refugee-chief-thanks-qatar-for-global-humanitarian-assistance-amid-afghan-crisis/ (Accessed on 8.9.2021)