दुनिया जलवायु परिवर्तन के विनाशकारी प्रभावों का सामना कर रही है। जलवायु परिवर्तन के खिलाफ लड़ाई 1997 में क्योटो प्रोटोकॉल के साथ शुरू हुई थी जिसका स्थान 2016 में पेरिस समझौते ने ले लिया। पश्चिम एशिया क्षेत्र, विशेष रूप से, जलवायु प्रभावों से सबसे बुरी तरह प्रभावित है। यह क्षेत्र मरुस्थलीकरण, खाद्य असुरक्षा, बलपूर्वक विस्थापन और अत्यधिक गर्मी की लहरों से प्रभावित है। चिंताजनक स्थिति के कारण, सऊदी अरब ने प्रिंस मुहम्मद बिन सलमान के नेतृत्व में 23 अक्टूबर, 2021 को 'हरित मध्य पूर्व पहल' शिखर सम्मेलन का शुभारंभ किया गया। यह शिखर सम्मेलन यूनाइटेड नेशंस फ्रेमवर्क कन्वेंशन ऑन क्लाइमेट चेंज (यूएनएफसीसीसी) के ग्लासगो, यूनाइटेड किंगडम में आयोजित सम्मेलन के अनुसरण में है, जिसे 31 अक्टूबर, 2021 को आयोजित किया गया और इसे सीओपी 26 के रूप में जाना जाता है। सीओपी 26 सभी पक्षों को पेरिस समझौते की दिशा में कार्रवाई में तेजी लाने के लिए एक मंच प्रदान करता है। इस संदर्भ में, सऊदी सरकार ने 'शुद्ध शून्य तटस्थता' का लक्ष्य प्राप्त करने की तिथि निर्धारित की है [I] जिसका उपयोग जलवायु परिवर्तन के मुद्दों को हल करने और पर्यावरण की रक्षा करने में देश के प्रयासों को निर्धारित करने के लिए जलवायु शमन की भाषा में किया जाता है। [II] हुकूमत की प्राथमिकता जलवायु परिवर्तन शमन प्रौद्योगिकियों का प्रसार करना, अनुभवों को साझा करना और पश्चिम एशिया क्षेत्र में आर्थिक संसाधनों का वितरण करना है। 'हरित मध्य पूर्व पहल' करते हुए, सऊदी पारंपरिक कठोर शक्ति की राजनीति से परे जाने का प्रयास कर रहा है जिसमें सांप्रदायिक संघर्ष और क्षेत्रीय आधिपत्य की इच्छा ‘वेरियेबल सम-गेम’ को अपनाने के लिए 'जीरो-सम गेम' पैदा करती है ताकि सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) के तहत क्षेत्र के लिए समावेशी और लाभकारी समाधान खोजे जा सकें । [III]
पेरिस समझौता, सऊदी दृष्टिकोण 2030, और हरित सऊदी पहल
पेरिस समझौते ने एक ऐतिहासिक निर्णय लिया जिसमें प्रत्येक देश ग्लोबल वार्मिंग को 2 डिग्री से नीचे सीमित करने और 1.5 डिग्री के लक्ष्य के लिए एकसाथ मिलकर काम करने, बदलती जलवायु के प्रभावों के अनुकूल होने और इन उद्देश्यों को पूरा करने के लिए धन उपलब्ध कराने पर सहमत हुआ। [IV] पेरिस समझौते की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए, 25 अप्रैल 2016 को सऊदी अरब के राज्य ने दृष्टिकोण 2030 आरंभ किया है, जिसका उद्देश्य आर्थिक संसाधनों में विविधता लाना, तेल पर निर्भरता को कम करना और पर्यावरण की रक्षा करना तथा प्राकृतिक संसाधनों की वैज्ञानिक उपयोगिता सुनिश्चित करना है। यह रेखांकित करता है कि "भावी पीढ़ियों के लिए संरक्षण हमारी जिम्मेदारी है और हमारे दैनिक जीवन की गुणवत्ता के लिए आवश्यक है। हम अपने अपशिष्ट प्रबंधन की दक्षता बढ़ाकर, व्यापक पुनर्चक्रण परियोजनाओं की स्थापना, सभी प्रकार के प्रदूषण को कम करके और मरुस्थलीकरण से लड़कर अपने पर्यावरण की रक्षा करेंगे। हम खपत को कम करके और उपचारित और नवीकरणीय जल का उपयोग करके जल संसाधनों के इष्टतम उपयोग को भी बढ़ावा देंगे। इसके अतिरिक्त, हुकूमत पहल के लिए धन एकत्र करने के लिए सार्वजनिक और निजी दोनों क्षेत्रों को लक्षित करता है। [V]
दृष्टिकोण 2030 स्वच्छ ऊर्जा पर लचीलापन बढ़ाने, जीवाश्म ईंधन के प्रभाव को कम करने और जलवायु परिवर्तन का मुकाबला करने के लिए सभी स्थिरता पहलों (किंग सलमान अक्षय ऊर्जा पहल, राष्ट्रीय अक्षय ऊर्जा कार्यक्रम, राष्ट्रीय पर्यावरण रणनीति, पर्यावरण सुरक्षा के लिए विशेष बल, और हरित बनाएं अभियान) को समेकित करता है। ये पहलें पूरे राज्य में पर्यावरणीय कार्रवाई को एकजुट करने के लिए 2021 में हरित सऊदी पहल में जाकर समाप्त हुईं। इस पहल में सऊदी अरब में 10 अरब पेड़ लगाए जाएंगे और संरक्षित क्षेत्रों को 30 प्रतिशत से अधिक भूमि में विस्तार दिया जाएगा। 2030 तक, देश के बिजली उत्पादन का 50 प्रतिशत नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों द्वारा प्रदान किया जाएगा, और अन्य 50 प्रतिशत गैस से प्राप्त होगा। [VI] हरित पश्चिम एशिया पहल के शीर्षक के तहत, मरुस्थलीकरण, जल संकट, और ऊर्जा संसाधनों के विविधीकरण, भूमि क्षरण और खाद्य असुरक्षा जैसी चुनौतियों की समानता के कारण हुकूमत ने क्षेत्रीय स्तर पर पहल का विस्तार किया है।
हरित पश्चिम एशिया पहल
मार्च 2021 में, राजकुमार सलमान ने पर्यावरणीय बदलावों का सामना करने और क्षेत्र तथा विश्व में जीवन की गुणवत्ता में सुधार के लिए 'हरित पश्चिम एशिया पहल' शुरू की। यह पहल पेरिस समझौते के अंतरराष्ट्रीय जलवायु परिवर्तन शमन लक्ष्यों को पूरा करने के लिए क्षेत्र की प्रतिबद्धता के संबंध में है। राजा ने क्षेत्रीय कार्बन उत्सर्जन को कम करने के प्रयासों के हिस्से के रूप में एक निवेश निधि और स्वच्छ ऊर्जा परियोजना के लिए 39 अरब रियाल (10.4 बिलियन डॉलर) प्राप्त करने का लक्ष्य रखा है। [VII] इस पहल के तीन स्तंभ हैं: ज्ञान का हस्तांतरण, पारिस्थितिक प्रबंधन, और आगे की सोच, नवोन्मेषी जलवायु समाधान। इसका लक्ष्य 50 अरब पेड़ लगाकर 200 मिलियन हेक्टेयर भूमि को पुनः हरा-भरा करना है जो वैश्विक कार्बन स्तर के 2.5 प्रतिशत को कम करेगा। [VIII]
हरित पश्चिम एशिया शिखर सम्मेलन के दौरान, हुकूमत ने वृतीय कार्बन अर्थव्यवस्था की अवधारणा को लागू करने, जलवायु परिवर्तन के लिए कई क्षेत्रीय केंद्र स्थापित करने, कार्बन निष्कर्षण, तूफानों की पूर्व चेतावनी और समुद्री जैव विविधता को बढ़ाने के लिए मत्स्य पालन के सतत विकास के लिए मोरक्को, ट्यूनीशिया, अल्जीरिया, बहरीन, कुवैत, जॉर्डन, संयुक्त राज्य अमेरिका, रूस, ग्रीस, भारत और पाकिस्तान के नेताओं, वैज्ञानिकों और पर्यावरणविदों के साथ अंतर्राष्ट्रीय सहयोग मंच की घोषणा की है। इसके अतिरिक्त, वर्षा में लगभग 20 प्रतिशत की वृद्धि के लिए क्लाउड सीडिंग के लिए एक क्षेत्रीय कार्यक्रम शुरू किया गया है। [IX] अपनी अर्थव्यवस्थाओं की 'किरायेदार' जैसी प्रकृति को महसूस करते हुए, उन्होंने निर्णय लिया कि क्षेत्रीय आर्थिक विकास को नुकसान से बचाने के लिए 'शुद्ध शून्य' प्रगति में हस्तांतरण को वृद्धिशील होना चाहिए। । आरंभ में, पहल का उद्देश्य ग्लोबल वार्मिंग के खिलाफ लड़ने के लिए क्षेत्रीय देशों के बीच सामूहिक कार्रवाई के एक नया युग लाना है।
हुकूमत के पर्यावरण संरक्षण प्रयासों का विस्तार करने के लिए, सऊदी अरब के ऊर्जा मंत्री राजकुमार अब्दुलअज़ीज़ बिन सलमान ने सीओपी 26 की बैठक में 'हरित सऊदी पहल' और 'हरित मध्य पूर्व पहल' का हवाला देते हुए जलवायु परिवर्तन का सामना करने के लिए हुकूमत की पहल पर प्रकाश डाला। उन्होंने सम्मेलन में कहा कि "पहलें पर्यावरण को संरक्षित करने के लिए सऊदी अरब के निरंतर दृष्टिकोण की पुष्टि है, क्योंकि यह हुकूमत के दृष्टिकोण 2030 के स्तंभों में से एक है"। [X] यह दर्शाता है कि जलवायु परिवर्तन और पर्यावरण संरक्षण के मुद्दे देश की महत्वपूर्ण चिंताएं हैं।
निष्कर्ष
वैश्विक स्थायी प्रतियोगिता सूचकांक [XI] ने अक्टूबर 2021 में अपनी दसवीं रिपोर्ट जारी की है। रिपोर्ट पश्चिम एशियाई क्षेत्र में कमजोर राजनीतिक व्यवस्था के बारे में चिंताओं को व्यक्त करती है जो पर्यावरण की सुरक्षा और जलवायु परिवर्तन के शमन की क्षेत्र की पहल में बाधा बन सकती है। । क्षेत्र के मौजूदा संघर्ष और हाइड्रोकार्बन संसाधनों पर निर्भरता उनके विनाशकारी प्रभावों को राजनीतिक क्षेत्र तक सीमित नहीं करती है क्योंकि वे स्वाभाविक रूप से इस क्षेत्र के प्राकृतिक और सामाजिक भूगोल से जुड़े हुए हैं। इसके अतिरिक्त, नागरिक समाज और मीडिया के दमन ने एक अवरोध पैदा किया है जिससे जलवायु परिवर्तन से उभरते संकट के संबंध में जागरूकता का प्रसार बाधित हुआ। कोई अखिल क्षेत्रीय पश्चिम एशियाई सुरक्षा ढांचा नहीं है जो सतत विकास लक्ष्यों और क्षेत्र में सुरक्षा मुद्दों को जोड़ सके। इसके अतिरिक्त, इस क्षेत्र के शासक अभिजात वर्ग अपने शासन को बनाए रखने के लिए तेल के क्षेत्र किराए पर देने पर निर्भर हैं। इस पृष्ठभूमि में, इस क्षेत्र की कई राजनीतिक समस्याएं, सतत विकास लक्ष्यों को प्राप्त करने के रास्ते में बड़ी बाधा हैं। फिर भी, राजकुमार सलमान की पहल इस क्षेत्र में हरित युग की ओर दीर्घकालीन प्रयास की शुरुआत है। यह पर्यावरण संरक्षण की चुनौतियों और ग्लोबल वार्मिंग के मुद्दों से व्यापक रूप से निपटने के लिए सॉफ्ट पावर राजनीति के लिए क्षेत्र खोलती है। हालांकि, यह देखना बाकी है कि पर्यावरण संरक्षण का ‘तनाव’ कारक वैचारिक और सांप्रदायिक चुनौतियों के बावजूद क्षेत्र को एक साथ 'खींचेगा' या नहीं।
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*डॉ. अरशद, अध्येता, भारतीय वैश्विक परिषद, नई दिल्ली।.
अस्वीकरण: व्यक्त विचार व्यक्तिगत हैं
डिस्क्लेमर: इस अनुवादित लेख में यदि किसी प्रकार की त्रुटी पाई जाती है तो पाठक अंग्रेजी में लिखे मूल लेख को ही मान्य माने ।
पाद-टिप्पणियां
[I] It explains the balance between the amount of greenhouse gas produced and the amount removed from the atmosphere.
[II] Saudi Crown Prince announces Green Era Initiatives for the Middle East, Ashraq Al-Awsat, March 27, 2021, accessed https://english.aawsat.com/home/article/2885311/crown-prince-announces-saudi-green-and-middle-east-green-initiatives, October 25, 2021.
[III] Sustainable Development Goals amalgamate the seventeen targets that the UN has set for the world to achieve by 2030. Some of the targets are mainly working in the field of nature, environment, and climate change.
[IV] UN Climate Change Conference UK 2021, accessed https://ukcop26.org/uk-presidency/what-is-a-cop/, October 26, 2021.
[V]Kingdom of Saudi Arabia, Vision 2030 Document, accessed https://www.vision2030.gov.sa/media/rc0b5oy1/saudi_vision203.pdf, October 26, 2021.
[VI] Green Saudi initiative, accessed https://www.saudigreeninitiative.org/, October 24, 2021.
[VII] Saudi Arabia pledges to more than $1 billion in new Climate Initiatives, The Arab Weekly, accessed https://thearabweekly.com/saudi-arabia-pledges-more-1-billion-new-climate-initiatives, October 26, 2021.
[VIII] Green Middle East Initiative, accessed https://www.saudigreeninitiative.org/about-middle-east-green-initiative/?gclid=Cj0KCQjw8eOLBhC1ARIsAOzx5cGWI-wjJlR7XwvCHJuIRrGjPR4DGPzW7FH0QSJaE0vE7nk68quahbIaAnnIEALw_wcB, October 24, 2021.
[IX] Presidential Statement of Green Middle East Initiative, Saudi Press Agency, accessed https://www.spa.gov.sa/viewfullstory.php?lang=en&newsid=2298600, October 25, 2021
[X] Saudi Arabia participates in COP26 Climate Change Summit in Glasgow, Al-Arabiya News, accessed https://english.alarabiya.net/News/gulf/2021/11/01/Saudi-Arabia-participates-in-COP26-climate-change-summit-in-Glasgow, November 14, 2021.
[XI] SolAbility foundation launches the Global Sustainable Competitive Index.