Page 18 - ICWA Newsletter Hindi October_December 2020
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िव� मामल� क�                       स�ू हाउस
                                      भारतीय प�रषद


                                                                                                  ं
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            चरंतन करने और आगे क कायक्रम बनाने का यह उपय्ति     और तनवेश प्वाह को रोकती है। क्षेत्ीय मल्य श्ृखलाओं को
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            अवसर है। आरआईएस क अध्यक्ष डॉ. मोहन कमार न  े       प्ोत्ादहत करक भारत और मेकांग क बीर आर्थक सहयोग
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            सयोजकता क महत्व और कसे सम्ेलन में आर्थक सबधों को   को बढ़ाने की आवश्यकता है।
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            और मजब्यूत करने क ललए एमजीसी दशों क सामने आने वाली   'न्य्यू इकोनॉमी एड सेक्ोरल कोऑपरशन' पर तीसरा
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            बाधाओं की तवशेष रूप से पहरान की जाए, पर प्काश डाला।  सत्- गेटवे हाउस क तवभशष् फलो राजीव भादटया और
                                                                                     े
                                                                              े
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            सम्ेलन क पहल सत् का शीषक साझी सस्तत और तवरासत      आईसीडब्ल्यूए क प्यूव्ड महातनदशक अम्ब की अध्यक्षता में
                                                                                              े
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            था और इसकी अध्यक्षता डॉ. प्बीर द ने की। सत् में वतिाओं   हुआ। सत् में वतिाओं डॉ. हुय होअन गयन, तवयतनाम
                                                                                              ्
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            में दभक्षण और दभक्षणप्यूव्ड एभशयाई क एसोधसएट प्ोफसर डॉ.   सामाश्जक तवज्ान अकादमी, हनोई; डॉ. सनील शक्ा,
                                                                                    ं
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            पारूल पड्ा धर, इततहास तवभाग, ददल्ी तवश्वतवद्ालय म  ें  तनदशक, उद्ममता तवकास सस्ान, अहमदाबाद; डॉ. रीना
                                                                                 े
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            कला इततहास; डॉ. सधा गोपालकष्णन तनदशक और सश्ी       मारवाह, एसोधसएट प्ोफसर, जीसस एड मैरी कॉलज, ददल्ी
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            तनहाररका ग्तिा की एक सय्ति प्स्त्तत तनदशक (शोध),   तवश्वतवद्ालय, नई ददल्ी; और आईआईटी ददल्ी क
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            सहपीदडया, नई ददल्ी हैं; प्ो. डॉ. सोफाना श्ीरमारा, रयर   आधसयान पीएरडी फलोभशप प्ोग्राम क राष्ट्रीय समन्वयक डॉ.
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            सेंटर फॉर भारत ्टडीज, एभशया की भाषा और सस्तत       नोमेश बोललया थे। सत् में इस बात पर प्काश डाला गया दक
                                                                                                    े
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            सस्ान, मदहडोल तवश्वतवद्ालय, थाईलड; और डॉ. तपयानत   कसे एमजीसी न कवल सांस्ततक सहयोग क बार में है बग्कि
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            सोईखाम, राजनीतत और अंतरा्डष् टट्रीय सबधों में य्यूबोन रत् राथ् नी   अन्य क्षेत्ों में साझेदारी बनाने का मर बन रहा है श्जसमें ऊजा्ड,
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            तवश्वतवद्ालय, थाईलड में व्याख्ाता थे। इस सत् में भारत और   क्षमता तनमा्डण, उद्ोग, भशक्षा आदद शाममल हैं। सत् में इस
                                                                                ै
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            मेकांग दशों क बीर मौज्यूद सभ्यतागत सपकमों क माध्यम स  े  बात पर ररा्ड हुई दक कसे एमजीसी को पानी और खाद् सरक्षा
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            साझा ऐततहाधसक सबधों क पहलओं पर ररा्ड की गई।        जैसे उभरती रनौततयों वाल क्षेत्ों और तनरल मेकांग क्षेत् में
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                                                               पाररस्स्ततकी तत् क खतर से तनपटने क ललए बहुपक्षीय तत्
                                                                          ं
                                                                              े
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            आर्थक सबधों पर दूसर सत् की अध्यक्षता राजदूत सधीर टी   बनाने की आवश्यकता है।
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            दवर, प्यूव्ड सचरव (प्यूव्ड) तवदश मत्ालय और आईसीडब्ल्यूए क
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            प्यूव्ड महातनदशक ने की। इस सत् में, वतिाओं में श्ी मध्रज्य   'जन-जन सपक' पर रौथे सत् की अध्यक्षता तवदश मत्ालय
            क दत्ता, तनदशक, व्यापार स्तवधा प्भाग, मेकांग सस्ान, खॉन   की प्यूव्ड सचरव (प्यूव्ड) प्यूव्ड सचरव प्ीतत सरन ने की। इस सत् में
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            काएन, थाईलड; डॉ. वो. थी. ममन ल, उपाध् यक्ष, तवयतनाम   वतिाओं में कबोदडयन इस्टट््यूट फॉर कोऑपरशन एड पीस,
                                                                                           ें
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            सामाश्जक तवज्ान अकादमी, हनोई, डॉ. टरूओंग कांग होन,   पोंम पेंह क वररष्ठ फलो डॉ. वन्नाररथ छग थे; डॉ. वो जआन
                                                                              े
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            तवयतनाम एकडमी ऑफ सोशल साइसेज, हनोई; डॉ. नीलांजन    तवन, तवयतनाम एकडमी ऑफ सोशल साइसेज, हनोई, डॉ.
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            घोष, तनदशक, ऑब्जव्डर ररसर फाउडशन, कोलकाता; श्ी     श्ी्टी पखरम, सीतनयर अध्येता, इदडया फाउडशन; और
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            प्णव कमार, प्मख, अंतरा्डष्ट्रीय नीतत, भारतीय उद्ोग पररसघ   डॉ. राजीव रजन रतववेदी, प्यूव्ड तवश्जदटंग फलो, आरआईएस
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            (सीआईआई), नई ददल्ी; और डॉ. टमजेनमेरन एओ,           थे। ररा्ड लोगों क बीर आयाम पर कदरित है, जो लोक नृत्,
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            अध्येता, आईसीडब्ल्यूए थे। इस सत् में एमजीसी दशों क बीर   सगीत, रामायण, कला और भशल्, बौद्ध धम्ड क सबधों,
                                                     े
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            बढ़ते आर्थक सबधों और तवशेष रूप से वत्डमान महामारी क   बॉलीव्ड की लोकतप्यता और योग, जातीय और सांस्ततक
            समय सबधों में तेजी लाने में मदद करने क ललए व्यापार और   समानताओं जैसे महाकाव्यों में समानताओं पर आधाररत
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            सस्ागत सधारों जैसे कायमों को आगे बढ़ाकर इसे कसे आग  े  एमजीसी का एक प्मख कारक है।
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            बढ़ाया जाए, पर ररा्ड की गई। सभापीठ और वतिाओं ने सत्   एमजीसी क तीसर दशक की ओर जाने वाल पांरवें और
                                                                                                े
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            में इस बात पर जोर ददया दक कसे खराब सयोजकता एक अहम   अंततम सत् की अध्यक्षता आईसीडब्लए, आईसीडब्लए,
                                                                                                        ्यू
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            समसा ह जो भारत और मेकांग दशों क बीर आगे व्यापार    नई ददल्ी की शासी पररषद् क सदस डॉ. सजया बारू ने
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            अक: 23  |  अक्बर -दिसंबर 2020                                                                  18
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