यूरोप के साथ भारत के बढते सम्बंधो को पुनः एक नई उर्जा मिली है। भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने दो यूरोपीय राष्ट्रों - पुर्तगाल तथा नीदरलैंड का जून २०१७ में दौरा किया। लगभग एक माह के अंतराल के बाद यह भारत के प्रधानमंत्री की दूसरी यूरोप यात्रा थी। इससे पहले प्रधानमंत्री मोदी, स्पेन, जर्मनी और फ्रांस का दौरा मई २०१७ में कर चुके थे । वर्तमान सामरिक, राजनैतिक तथा आर्थिक परिदृश्य में भारत और यूरोपीय संघ एवम् उसके सदस्य राष्ट्रों के साथ द्विपक्षीय और बहुपक्षीय सम्बन्धों की एक अहम् भूमिका हैं। यूरोप-भारत के आर्थिक सम्बन्धों के साथ उनके बीच वैश्विक मुद्दों पर सहयोग और नीतिगत सामजस्य महत्वपूर्ण है। प्रधानमंत्री मोदी के इस दौरे का उद्देश्य यह था कि यूरोपीय देशों के साथ द्विपक्षीय सम्बंधो का विस्तार किया जाए तथा भारत में आर्थिक सुधारों के चलते व्यापारिक माहौल तथा निवेश के बढ़ते अवसर की ओर उनका ध्यान आकर्षित किया जाए। गौरतलब है कि अन्तर्राष्ट्रीय विषयों पर भारत के साथ यूरोपीय देशों का सहयोग आवश्यक प्रतीत होता है। भारत और यूरोपीय देशो की सोच है कि आतंकवाद, जलवायु परिवर्तन इत्यादि जैसी वैश्विक चुनौतियों से निपटने के लिए बहुपक्षीय सहयोग जरुरी है। अतः पुर्तगाल तथा नीदरलैंड में प्रधानमंत्री मोदी ने इन मुद्दो पर चर्चा की और इन देशो से आपसी सहयोग की सम्भावना की तलाश की। राजनैतिक सम्बन्धों के अलावा, प्रधानमंत्री व्यावसायिक वर्ग से भी मिले तथा दोनों देशों में बसे भारतीयों से भी मुलाकात की और उनको सम्बोधित किया। इस तरह से भारत एक बहुपक्षीय तथा व्यापक दृष्टिकोण से यूरोपीय देशों के साथ अपने भविष्य के सम्बन्धो को आगे बढ़ा रहा है।
पुर्तगाल की यात्रा
भारत और पुर्तगाल के सम्बन्ध सदियों पुराने हैं। भारत की आज़ादी के बाद दोनों देशों ने १९४९ में अपने कूटनीतिक सम्बद्ध स्थापित किये लेकिन गोवा मामले को लेकर दोनों देशों के बीच के कूटनीतिक सम्बन्ध टूट गये। जो पुनः १९७४ में स्थापित हुए। पुर्तगाल के राष्ट्रपति कावाको सिल्वा ने २००७ में भारत की यात्रा की। पुर्तगाल के प्रधानमंत्री जोस सोक्रेटस भी २००७ में भारत और यूरोपीय संघ की ८वे शिखर सम्मलेन में भाग लेने के लिए नई दिल्ली के दौरे पर आये थे। मारिओ सोअरेस १९९२ में भारत के गणतंत्र दिवस पर मुख्य अतिथि भी थे। भारत की तरफ से राष्ट्रपति आर. वेंकटरमण १९९० और राष्ट्रपति के. आर. नारायणन १९९८ में पुर्तगाल की यात्रा पर गए थे। भारत के प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेयी वर्ष २००० में पुर्तगाल की राजधानी लिस्बन में हुए यूरोपीय संघ और भारत के शिखर सम्मलेन में भाग लेने गए थे। अतः प्रधानमंत्री मोदी की पुर्तगाल यात्रा भारत के किसी प्रधानमंत्री की पहली द्विपक्षीय यात्रा थी। फिर भी ऐसा लगता है कि समय के साथ दोनों देशो में राजनैतिक संवाद बढ़ाने के प्रयास होते रहे हैं, जैसे कि भारत और पुर्तगाल के बीच संसदीय मित्रता समूह भी है जो दोनों राष्ट्रों के बीच राजनैतिक सम्पर्क को व्यापक और समृद्ध बनाता हैं।1
भारतीय प्रधानमंत्री मोदी के दौर के दौरान भारत और पुर्तगाल के बीच अंतरिक्ष सहयोग गठबंधन (space alliance), दोहरे कराधान विमुक्तिकरण का प्रोटोकाल संशोधन (Protocol amending the Double Taxation Avoidance Agreement) और ९ ऍम. ओ. उ. (MoUs) पर हस्ताक्षर किए गए। ये समझौते और MoUs दोनों देशो में अंतरिक्ष, नैनो टेक्नोलॉजी, लोक प्रशासन और शासन सुधार, सांस्क्रतिक सहयोग, युवा और खेल, उच्च शिक्षा और वैज्ञानिक अनुसंधान, जैव प्रौद्योगिकी, व्यापार, इत्यादि क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने पर बल देंगे।2 पुर्तगाल भारत की सयुक्त राष्ट्र संघ की सुरक्षा परिषद् की स्थायी सदस्यता का समर्थन करता है। पुर्तगाल भारत को एन. एस. जी. में शामिल करने का भी समर्थन करता है। प्रधानमंत्री मोदी ने दोनों देशो के बीच आर्थिक रिश्ते और मजबूत करने की बात किया। यह बात गौर करने लायक है कि भारत और पुर्तगाल के बीच व्यापारिक सम्बन्ध धीरे-धीरे बढे हैं। दोनों देशो के बीच २०११-१२ में ८२८.८९ मिलियन डॉलर का व्यापार होता था, जो २०१३-१४ में बढ़ कर १.०० बिलियन डॉलर तक पहुच गया। लेकिन पिछले दो वर्ष में व्यापार में उतार की प्रवृत्ति देखी गयी हैं। वर्ष २०१४-१५ में व्यापार १९.१८ प्रतिशत कम होकर ७८१.४८ मिलियन डॉलर तक पहुच गया, वर्ष २०१५-२०१६ में उतार का दौर जारी रहा और व्यापार में ११.४३ प्रतिशत कि गिरावट दर्ज की गयी और यह ७०० मिलियन डॉलर तक पहुच गया।3 दोनों देशों के बीच आधारभूत ढांचा, सूचना तकनीक, नवीनीकरण उर्जा, फार्मास्युटिकल्स के क्षेत्र में व्यापर होता हैं। दोनों राष्ट्रों के आर्थिक और व्यावसायिक संघो - जैसे कि फिक्की (Federation of Indian Chambers of Commerce and Industry) और Portuguese Foreign Trade and Investment Agency (AICEP); तथा Portuguese Association of Industries (AIP) और कॉन्फ़ेडरेशन ऑफ़ इंडियन इंडस्ट्री (Confederation of Indian Industry) के बीच का समझौते आपसी व्पापार को विस्तृत करने में सहयोग प्रदान करने की दिशा में प्रयास हैं।4 प्रधानमंत्री मोदी के यात्रा और आर्थिक सम्बन्धों को विस्तृत करने पर बल देने से ऐसी आशा है कि इस दिशा में सकारात्मक प्रभाव पड़े।
भारत और पुर्तगाल बीच निवेश की सम्भावनाओं को देखते हुए यह कहा जा सकता है कि दोनों देशों के बीच वर्तमान निवेश कम हैं। पुर्तगाल ने भारत में मार्च २०१६ तक ३६.४९ मिलियन डालर का निवेश किया हैं। भारतीय निवेशकर्ता भी पुर्तगाल के गोल्डन वीसा स्कीम (Golden Visa Scheme) का लाभ उठाकर वहा निवेश कर रहे हैं। भारतीय निवेश होटल, सौर उर्जा, सॉफ्टवेयर, खाद्य उद्योग में हैं। अब तक के उपलब्ध आकड़ो के अनुसार, भारत का पुर्तगाल में प्रमुख निवेश, होटल के क्षेत्र में ५० मिलियन यूरो का हैं। इसके अलावा शक्थी ऑटो कॉम्पोनेन्ट में पुर्तगाल के ऑटो क्षेत्र में ३० मिलियन डालर तथा ज़मातो ने ११ मिलियन यूरो का निवेश किया हैं।5
पुर्तगाल के वर्तमान प्रधानमंत्री अंतोनियो कोस्टा का एक तरह से भारतीय राज्य गोवा से एक पुराना पारिवारिक रिश्ता हैं। उनके पिता गोवा के ही थे। इसी साल २०१७ में जब वो भारत के दौरे पर आये थे तो उन्होंने गोवा की भी यात्रा की थी। उन्होंने कहा कि इस यात्रा का एक मजबूत भावनात्मक पक्ष और एक व्यक्तिगत प्रेरणा है। भारतीय मूल का व्यक्ति होने के नाते मै प्रधानमंत्री मोदी के आमंत्रण पर सम्मानित महसूस कर रहा हूँ। (the visit has a strong emotional side and a personal motivation. As a person of Indian origin I am honoured by invitation of Prime Minister Modi.) पुर्तगाल के प्रधानमंत्री कोस्टा २०१७ में बेंगलुरु में आयोजित प्रवासी भारतीय दिवस पर मुख्य आतिथि भी थे। वे ‘Vibrant Gujarat Global Summit’ में भी शामिल हुए थे। प्रधानमंत्री अंतोनियो कोस्टा के यात्रा के दौरान, दोनों देशों में व्यापार और निवेश का विस्तार करने पर बल दिया गया। साझा वक्तव्य (Joint Statement) में नवीकरणीय ऊर्जा, रक्षा, शहरी विकास, स्मार्ट सिटीज इत्यादि के क्षेत्र में सहयोग पर बल दिया गया। नए बिज़नेस को प्रारम्भ करने तथा उसको प्रोत्साहित करने की दिशा में एक तरह के सहयोग पर बल दिया गया हैं। भारत और पुर्तगाल में स्टार्ट अप्स (Starte-Ups) पर निरंतर विचारों के आदान प्रदान के लिए एक ऍम. ओ. उ. (MoU) पर भी हस्ताक्षर किये गए । भारत और पुर्तगाल में द्विपक्षीय संबंधों के अलावा, एक वैश्विक सहयोग पर भी बल दिया हैं। सयुक्त राष्ट्र संघ की सुरक्षा परिषद् में सुधार तथा उसमे भारत की स्थायी सदस्यता का पुर्तगाल द्वारा समर्थन की चर्चा की गयी। आतकंवाद के मुद्दे पर भी दोनों देशों ने सहयोग बढ़ाने पर सहमत जताई।6
भारत और पुर्तगाल ने पर्यटन और शिक्षा के क्षेत्र में सहयोग किया हैं। भारत में ई-वीसा की सुविधा से सरलता और बढ़ेगी, जिससे पर्यटन की संभावनाओं का विस्तार हो सकता हैं। पुर्तगाल में भारतीय अप्रवासी लोगो की संख्या ६५००० के आस पास हैं। दोनो देशों ने पर्यटन के क्षेत्र सहयोग पर बल दिया हैं। पुराने सांस्कृतिक और लोकसम्बंध पर्यटन का विस्तार करने में सहायक होंगे। इधर बीच भारत की विदेश नीति में योग का प्रसार करने का प्रयास धीरे धीरे बढ़ता जा रहा हैं। पुर्तगाल में भी योगा को लोकलुभावन बनाने का प्रयास कर रहे हैं। भारतीय राजदूतावास के माध्यम से पुर्तगाल में योगा दिवस मनाया जा रहा हैं।
नीदरलैंड की यात्रा
भारत तथा नीदरलैंड के आपसी सम्बन्ध सहयोगात्मक और गतिशील रहे हैं। दोनों देशों के बीच ऐतिहासिक सम्पर्क लगभग ४०० साल से ज्यादे पुराने हैं, हालंकि भारत की आज़ादी के बाद दोनों देशों ने आधिकारिक तौर पर कूटनीतिक सम्बन्ध स्थापित किए। वर्ष २०१७ दोनों देशों के बीच कूटनीतिक संबंधो का सत्तरवां साल है। इन सत्तर सालो में भारत और नीदरलैंड के सम्बन्ध बहुत व्यापक और गहरे हुए हैं। दोनों देशों के बीच उच्च सत्तर के राजनैतिक दौरे होते रहे हैं। १९५७ में भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरु ने नीदरलैंड का दौरा किया था। उसके बाद प्रधानमंत्री राजीव गाँधी १९८५ में तथा राष्ट्रपति आर. वेंकटरमण १९८८ में नीदरलैंड के दौरे पर गए थे। इक्कीसवीं सदी में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह २००४ में नीदरलैंड की यात्रा पर गए थे।
यदि नीदरलैंड की विदेश नीति के संदर्भ में देखा जाए तो भारत को एक महत्वपूर्ण देश माना जा सकता हैं। नीदरलैंड के प्रधानमंत्री जन पीटर बल्केनेंदे ने २००६ में भारत की यात्रा की थी। पीटर बल्केनेंदे ने डच विदेश नीति में भारत के साथ रिश्ते को और विकसित करने प्रयास किया था। उनसे पहले भी नीदरलैंड के उच्च राजनीतिक नेतृत्व द्वारा भारत की यात्रा की गयी। वर्तमान समय में डच प्रधानमंत्री मार्क रुटे ने भी २०१५ में भारत की यात्रा की। उच्च स्तर की राजनैतिक मुलाकातों से दोनों देशों के सम्बन्धों में विस्तार हुआ और आपसी सहयोग के नए आयाम विकसित हुए।
प्रधानमंत्री मोदी की हाल की नीदरलैंड की यात्रा राजनैतिक तथा आर्थिक रूप से बहुत महत्वपूर्ण थी। नीदरलैंड भी भारत को सयुक्त राष्ट्र संघ की सुरक्षा परिषद् तथा एन. एस. जी. में सदस्यता का समर्थन करता हैं। आतंकवाद के मुद्दे पर भी नीदरलैंड और भारत ने स्पष्ट किया कि आतंकवाद पर दोहरा मापदंड नहीं होना चाहिए। प्रधानमंत्री मोदी और प्रधानमंत्री रुटे ने माना कि विश्व बिरादरी को आतंकवाद के खिलाफ एक एकीकृत और सामूहिक (unified and collective) प्रयास करने की जरुरत हैं।7 दोनों देशों ने नवीनीकरण उर्जा के विषय पर भी सहयोग को व्यापक करने पर चर्चा की। नीदरलैंड भारत में एक बड़ा निवेशक है, वर्तमान में नीदरलैंड भारत में पाचवाँ, यदि पिछले तीन साल के निवेश तो देखा जाए तो वह तीसरा बड़ा निवेशक हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने नीदरलैंड को भारत में आर्थिक प्रगति और विकास में “नेचुरल पार्टनर”8 कहा। डच कम्पनिओं के सी. इ. ओ. के साथ मुलाकात में प्रधानमंत्री ने भारत में लागू किये गए आर्थिक सुधारों की चर्चा की। उन्होंने ने कहा कि भारत व्यापार करने कि सहजता में और सुधार लाएगा और उसे विश्व स्तरीय बनाएगा। उन्होंने ने कहा कि भारत ने ७००० सुधारों को लागू किया हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने भारत को “अवसरों की जगह” बताया, जहाँ आर्थिक विकास दर ७ प्रतिशत, जनसख्या १.२५ बिलियन और ८०० मिलियन लोग ३५ साल कि आयु से नीचे हैं।9
नीदरलैंड के प्रधानमंत्री रुटे ने भारत के प्रभावशाली विकास को राजनैतिक तथा आर्थिक तौर पर स्वागत योग्य माना और कहा कि भारत अब एक वैश्विक आर्थिक शक्ति है। हम कई क्षेत्रों में विस्तृत सहयोग कर सकते है। (India is now a global economic power. We have a plenty to offer to India too.) प्रधानमंत्री रुटे ने स्पष्ट कहा कि यूरोप भारत का सबसे बड़ा व्यासायिक भागीदार है और भारत का २० प्रतिशत यूरोपीय निर्यात नीदरलैंड के रास्ते से जाता हैं। यदि भारत और नीदरलैंड के आर्थिक संबंधों कि विवेचना कि जाये तो स्पष्ट होता है कि समय के साथ साथ जैसे जैसे उदारीकरण कि नीति चलती गयी आर्थिक सम्बंधों में सहयोग और विस्तार भी होते गए। यदि इक्कीसवीं सदी में आर्थिक संबंधों कि विवेचना की जाए तो स्पष्ट होता है कि इसमें व्यापक परिवर्तन आया हैं। भारत और नीदरलैंड के बीच व्यापार २००२ में १३७४.५९ मिलियन यूरो था जो बढ़ कर २०१२ में ६३८३ मिलियन यूरो हो गया। हाल के वर्षों में आर्थिक सम्बन्धों में कुछ उतार चढाव आये है, और वर्ष २०१३ तथा वर्ष २०१४ में व्यापार में गिरावट भी आयी हैं । वर्ष २०१४ में यह गिर कर ४५४६.५२ मिलियन यूरो तक पहुँच गया। वर्ष २०१५ में फिर एक बार सकारात्मक रुझान मिला और व्यापार में ८.४० प्रतिशत के बढ़ोत्तरी से ४९२८.५८ मिलियन यूरो तक पहुच गया। लेकिन २०१६ में पुनः गिरावट देखी गयी है। नीदरलैंड का भारत में निवेश व्यापक है। नीदरलैंड भारत में अप्रैल २००० से दिसम्बर २०१६ तक लगभग १९.८१ बिलियन डॉलर का निवेश का चुका हैं। प्रधानमंत्री मोदी के यात्रा के दौरान जारी किये गए संयुक्त विज्ञप्ति (Joint Communique) में आधारभूत ढांचे में डच तथा यूरोपीय प्राइवेट कैपिटल के निवेश को बढ़ाने की बात की गयी हैं। प्रधान मंत्री मोदी ने डच पेंशन फंड्स को भारत के इन्फ्रास्ट्रक्चर नेशनल इन्वेस्टमेंट फण्ड में शामिल होने के लिए उत्साहित किया।10 अपनी भारत की यात्रा के दौरान, नीदरलैंड के प्रधान मंत्री रुटे ने भी कहा था कि नीदरलैंड के पास १.५ ट्रिलियन पेंशन फण्ड हैं। उचित व्यापारिक माहौल में उसके भारत में निवेश की सम्भावना बनेगी।11 नीदरलैंड कम्पनियों का भारत में विस्तार हुआ हैं, आज २०० से ज्यादा नीदरलैंड की कंपनियां भारत में काम कर रही है।12 नीदरलैंड की कम्पनियों ने भारत में जल प्रबंधन, अवशेष/कूडा प्रबंधन, कृषि, आधारभूत ढांचा, स्मार्ट सिटी, बैंकिंग और पेंशन फंड्स में निवेश की इच्छा जताई है।13
भारत और नीदरलैंड के बीच तकनीकी सहयोग तथा शिक्षा के क्षेत्र में सहयोग भी महत्वपूर्ण हैं। दोनों देशो में तकनीक के क्षेत्र में व्यापक संभावनाए हैं। प्रधानमंत्री मोदी के दौरे में भारत और नीदरलैंड साथ जल के क्षेत्र में समझौता हुआ हैं। जल के सदुपयोग पर दोनों देशों में सहयोग की काफी सम्भावना हैं। भारत में खाद्य सुरक्षा और रोजगार कृषि बहुत ही महत्वपूर्ण हैं। प्रधानमंत्री मोदी का यह लक्ष्य हैं कि कृषि के क्षेत्र में विकास किया जाये तथा किसानों की आमदनी में इजाफा किया जाए। कृषि में विकास से देश में खाद्य सुरक्षा को बढ़ाने में बल मिलेगा। नीदरलैंड के साथ कृषि और बायो तकनिकी में इस दिशा में सहयोग कृषि तथा उससे सम्बंधित क्षेत्रो में सहायक साबित हो सकता हैं। वर्ष २०१५ में नीदरलैंड के प्रधानमंत्री रुटे के भारत दौरे के दौरान, एक इंटरव्यू में शिरों दिज्क्स्मा, जो उस समय नीदरलैंड की कृषि मंत्री थी, कहा कि नीदरलैंड भारतीय किसानों को डच तकनिकी का प्रशिक्षण दे सकता हैं जिससे की वह उसका इस्तेमाल भारतीय परिस्थियों में अपने से कर सके। जल प्रबंधन, जैव प्रौद्योगिकी, कृषि, एग्रो प्रोसेसिंग, डेयरी फार्मिंग, बागवानी, और फूलों की खेती के क्षेत्रो में सहयोग की बहुत सम्भावना व्यक्त की गयी है।14
प्रधानमंत्री मोदी भारतीय मूल के लोगो से मिलना तथा उनसे जुड़ना पसन्द करते हैं। पुर्तगाल और नीदरलैंड दोनों जगह पर उन्होंने भारतीय मूल के लोगों से मुलाकात की तथा उनको संबोधित भी किया। नीदरलैंड में उन्होंने एक भावनात्मक लगाव की बात कही। नीदरलैंड में भारतीय मूल के लोगो को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि ‘पासपोर्ट के रंग के आधार पर रिश्ते नाते न जोड़े पासपोर्ट का रंग कुछ भी क्यों न हो उसके और मेरे पूर्वज एक हैं ।‘15 प्रधानमंत्री अपने भाषण में भारत की सस्कृति, सामाजिक समरसता, देश की आर्थिक नीतिओ की चर्चा की। भारतीय लोगो तथा भारतीय मूल के लोगो से जुड़ने की प्रधानमंत्री की पहल उनके विदेश दौरे में देखी गयी है। उनकी इस नीति के प्रति भारतीय मूल के लोगो में भारत के प्रति एक भावनामत्क और सामाजिक लगाव की ओर पुनः एक झुकाव बढ़ा है और रिश्तो को एक नई उर्जा मिली है। इसके अलावा उससे दोनों देशों बीच राजनीतिक सम्बन्ध और भी प्रगाढ़ होते हैं।
दोनों देशो के सास्कृतिक सम्बन्धों को विकसित करने में फिल्मों की भी एक भूमिका हैं। इससे पर्यटन तथा लोक जागरूकता भी बढती हैं। द नीदरलैंड बोर्ड ऑफ़ टूरिज्म एंड कन्वेंशन (The Netherlands Board of Tourism & Conventions) ने कहा है कि नीदरलैंड में भारतीय पर्यटकों की सख्या बढ़ रही हैं। नीदरलैंड के पर्यटन स्थल भारतीयों में काफी लोकप्रिय हैं। आजकल बहुत भारतीय लोग नीदरलैंड जाना पसंद करते हैं। द नीदरलैंड बोर्ड ऑफ़ टूरिज्म एंड कन्वेंशन के अनुसार, अंतरराष्ट्रीय पर्यटकों में भारतीय पर्यटकों का प्रमुख हिस्सा हैं। दोनों देशों में रोज की फ्लाइट की सुविधा होने से पर्यटको की सख्या में वृद्धि हुई है।16 भारतीय फिल्म निर्माताओ को लुभाने के लिए नीदरलैंड और पुर्तगाल टैक्स छूट भी दे रहे हैं। जिससे कि भारत के फिल्म निर्माता उनके यहाँ शूटिंग करने में इच्छुक हो।17 एक सफल फिल्म से पर्यटन क्षेत्र लाभान्वित होता हैं। भारत और स्पेन के बीच पर्यटन को बढ़ाने में फिल्म ‘ये जिन्दगी ना मिलेगी दुबारा’ की बहुत सकारात्मक भूमिका रही हैं। इस फिल्म के बाद दोनों देशों में पर्यटन बढ़ा हैं। यह उदाहरण और देशों में भी लागू हो सकता हैं।
निष्कर्ष
प्रधानमंत्री मोदी की यात्रा से भारत के साथ पुर्तगाल और नीदरलैंड के राजनैतिक,आर्थिक और सांस्कृतिक सम्बन्धों में प्रगाढ़ता बढ़ी हैं। आपसी व्यापार तथा राजनैतिक सहयोग के विस्तार के अवसर बढ़ने की पूरी सम्भावना हैं। भारत अपने सामजिक तथा आर्थिक कार्यक्रमों का पुरजोर प्रचार कर रहा हैं जिससे की ज्यादा से ज्यादा वैश्विक सहयोग प्राप्त हो सके। यूरोपीय देशों के साथ रिश्तों की इसमें अति महत्वपूर्ण भूमिका हैं। भारत के सफल आर्थिक सुधार, आर्थिक विकास दर तथा एक राजनीतिक और विदेश नीति की सक्रियता से यूरोपीय देशों की भारत में रूचि बढ़ी है और वे अपने सम्बन्धों को और आगे बढाना चाह रहे हैं। आजकल में भारतीय बाज़ार में निवेश की ज्यादा सम्भावना देख रहे हैं। आजकल यूरोपीय संघ अपने आंतरिक समस्याओं का समाधान करते हुए आर्थिक सुधार और विकास की दर को हासिल करना चाह रहा हैं। नीदरलैंड और फ्रांस में चुनाव के बाद यूरोपीय संघ में राजनैतिक माहौल बदला हैं और यूरोपीय एकीकरण के विचार को एक नया उत्साह और उर्जा मिली हैं। इस कथन का सीधे तौर पर तार्किक सम्बन्ध नहीं हैं परन्तु प्रधानमंत्री मोदी की यूरोपीय देशों की यात्राओं से यूरोपीय संघ के साथ भी सम्बन्ध और विकसित होंगे। भारत और यूरोपीय संघ का अगला शिखर सम्म्लेन्न नई दिल्ली में होना हैं।
बदलते आर्थिक वातावरण में भारत की भी यही कोशिश हैं कि यूरोप के साथ राजनैतिक, आर्थिक तथा सामाजिक सहयोग में प्रगति और विस्तार हो। अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर भी यूरोपीय देश भारत के साथ रहे और सहयोग करे। भारत की इच्छा हैं कि यूरोपीय देशों के उसके प्रमुख सामजिक और आर्थिक प्रोग्रामों में सहयोग और बढे। निवेश, तकनीकी सहयोग, ट्रेनिंग, कार्यकुशलता जैसे क्षेत्रों में सहयोग की व्यापक संम्भावना हैं। इससे भारत को एक संतुलित तथा समग्र विकास में बल मिलेगा। आज भारत के पास एक बहुत बड़ी युवा शक्ति हैं, एक बड़ा बाज़ार हैं, और सबसे मह्त्तपूर्ण बात यह हैं कि यह देश लोकतान्त्रिक परम्पराओं और सिद्धांतों को मानने वाला देश हैं। नैतिक और कानून सम्मत अन्तर्राष्ट्रीय व्यवस्था में भारत की आस्था है। अतः सिद्धान्तिक दृष्टिकोण तथा आर्थिक और सामाजिक परिस्थियां भारत और यूरोपीय देशों के आपसी सम्बन्धो को एक नया आयाम प्रदान कर रही है।
***
* लेखक, शोध अध्येता, विश्व मामलों की भारतीय परिषद, सप्रू भवन, नई दिल्ली | व्यक्त विचार शोधकर्ता के हैं, परिषद के नहीं |
डिस्क्लेमर: आलेख में दिये गए विचार लेखक के मौलिक विचार हैं और काउंसिल के विचारों को प्रतिबिम्बित नहीं करते।
Endnotes
1 Ministry of External Affairs, Government of India, India-Portugal Relations, https://www.mea.gov.in/Portal/ForeignRelation/Portugal_January_2014.pdf (Accessed on July 17, 2017)
2 Ministry of External affairs, Government of India, List of MoUs/Agreements signed during the Visit of Prime Minister to Portugal, June 23, 2017, http://mea.gov.in/outoging-visit-detail.htm?28554/List+of+MoUsAgreements+signed+during+the+visit+of+Prime+Minister+to+Portugal (Accessed on July 11, 2017)
3 Embassy of India, Lisbon, Portugal, India-Portugal Relations, http://www.eoilisbon.in/eoi.php?id=Bilateral (Accessed on July 17, 2017).
4 Ministry of External Affairs, Government of India, India-Portugal Relations.
5 Embassy of India, Lisbon, Portugal, India-Portugal Relations, http://www.eoilisbon.in/eoi.php?id=Bilateral (Accessed on July 11, 2017).
6 Ministry of External Affairs, Government of India, India-Portugal Joint Statement during the State visit of Prime Minister of Portugal to India (India-Portugal relations: Historic Ties to a 21st Century Partnership Deepening bilateral relations), January 7, 2017, http://www.mea.gov.in/bilateral-documents.htm?dtl/27905/IndiaPortugal+Joint+Statement+during+the+State+visit+of+Prime+Minister+of+Portugal+to+India+IndiaPortugal+relations+Historic+Ties+to+a+21st+Century+Partnership+Deepening+bilateral+relations (Accessed on July 17, 2017)
7 Ministry of External Affairs, Government of India, India-Netherlands Joint Communique The Hague, (June 27, 2017), http://www.mea.gov.in/bilateral-documents.htm?dtl/28562/IndiaNetherlands_Joint_Communique_The_Hague_June_27_2017 (Accessed on July 11, 2017).
8 Ministry of External Affairs, Government of India, Press Statement by Prime Minister during his Visit to Netherlands, June 27, 2017, http://www.mea.gov.in/Speeches-Statements.htm?dtl/28565/Press+Statement+by+Prime+Minister+during+his+visit+to+Netherlands+June+27+2017 (Accessed on July 11, 2017).
9 India, Netherlands sign three MoUs, Modi invites Dutch CEOs for investment, Hindustan Times, June 27, 2017, http://www.hindustantimes.com/india-news/india-netherlands-sign-three-mous-modi-invites-dutch-ceos-for-investment/story-jcMU4pGgSB13mFmH8qtQIM.html (Accessed on 11, July 2017)
10 Ministry of External Affairs, Government of India, India-Netherlands Joint Communique The Hague, (June 27, 2017),
11 “Netherlands Keen to Invest in India, Says Dutch PM Mark Rutte,” DNA, June 5, 2015, http://www.dnaindia.com/money/report-netherlands-keen-to-invest-in-india-says-dutch-pm-mark-rutte-2092720 (Accessed on July 17, 2017)
12 India-Netherlands Bilateral Trade & Investment, Embassy of India, The Hague, The Netherlands, http://www.indianembassy.nl/eoi.php?id=Trade (Accessed on July 17, 2017)
13 “Netherlands Keen to Invest in India, Says Dutch PM Mark Rutte,” DNA, June 5, 2015, http://www.dnaindia.com/money/report-netherlands-keen-to-invest-in-india-says-dutch-pm-mark-rutte-2092720 (Accessed on July 17, 2017)
14 Aamir H Kaki, “India-Netherlands Agricultural Cooperation The Possibilities are Endless,” Business of Agriculture, May-June, 2015, http://www.businessofagriculture.com/international/int07082015.html /(Accessed on July 17, 2017).
15 Prime Minister of India, PM’s Speech at Dutch-Indian Community Reception at The Hague, Netherlands, http://www.pmindia.gov.in/en/news_updates/pms-speech-at-dutch-indian-community-reception-at-the-hague-netherlands/(Accessed on July 17, 2017).
16 J V Siva Prasanna Kumar, “India Emerges Tourism Market for Netherlands,” Deccan Chronicle, July 16, 2017, http://www.deccanchronicle.com/nation/current-affairs/160717/india-emerges-tourism-market-for-netherlands.html (Accessed on July 17, 2017)
17 Aneesh Phadnis, Foreign tourism boards offer sops to attract Indian filmmakers, Business Stndard, February 25, 2017, http://www.business-standard.com/article/beyond-business/foreign-tourism-boards-offer-sops-to-attract-indian-filmmakers-117022500510_1.html (Accessed on July 17, 2017)