भारतीय वैश्विक परिषद (आईसीडब्ल्यूए) में अपने उद्देश्यों एवं अधिदेश के अनुसार अंतर्राष्ट्रीय संबंधों और विदेश नीति के अच्छी तरह अनुसंधान किए गए विषयों पर मूल पांडुलिपियां तैयार करने की व्यवस्था है, जिसे इसकी वेबसाइट www.icwa.in पर देखा जा सकता है।
उद्देश्य
आईसीडब्ल्यूए के पुस्तक अनुसंधान अनुदान का उद्देश्य इस क्षेत्र के प्रसिद्ध विशेषज्ञों द्वारा अंतर्राष्ट्रीय संबंधों पर पुस्तकें प्रकाशित कराना और साथ ही क्षेत्रीय अध्ययन एवं भारतीय विदेश नीति के युवा विद्वानों के पेशेवर विकास को प्रोत्साहित करना है।
आईसीडब्ल्यूए पुस्तक अनुदान के विषय
निम्नलिखित विषयों पर आधारित पुस्तक अनुदान संबंधी आवेदनों पर विचार किया जाएगा:
- भारत का विश्व दृष्टिकोण - इसकी रूपरेखा, इसके अतीत एवं वर्तमान की दिशाएँ, इसके ऐतिहासिक और आध्यात्मिक आधार।
- भारत की विदेश नीति, इसके निर्धारक, इसका प्रक्षेप पथ।
- एशिया, हिंद-प्रशांत, अफ्रीका, यूरोप और अमेरिका की राजनीतिक-रणनीतिक गतिशीलता और भारत तथा इसके विश्व दृष्टिकोण पर उनके निहितार्थ।
- भारत के अपने पड़ोसियों और विस्तारित पड़ोस के साथ संबंध।
- द्वितीय विश्व युद्ध के बाद की महाशक्तियों के साथ भारत के संबंध।
- बहुपक्षवाद के प्रति भारत की प्रतिबद्धता; वैश्विक शासन संस्थाओं में सुधार।
- अंतर्राष्ट्रीय संबंधों में क्षेत्रवाद को बढ़ावा।
- भारत के सहयोगी देशों की विदेश नीति की दिशाएँ और द्विपक्षीय संबंधों पर उनके निहितार्थ।
- भारत में दैनिक जीवन पर विदेश नीति का प्रभाव।
- विषयगत मुद्दे: तकनीकी और अंतर्राष्ट्रीय संबंध, लोक नीति के मुद्दों और विदेश नीति के उद्देश्यों के बीच संबंध, वैश्विक साझा हित, रक्षा व सुरक्षा, आतंकवाद और कट्टरपंथ का मुकाबला, परमाणु अप्रसार, असैन्य परमाणु ऊर्जा, ऊर्जा नीतियाँ, निरस्त्रीकरण, विशिष्ट अंतर्राष्ट्रीय और क्षेत्रीय संगठन और उनके अधिदेश, आदि।
पुस्तकों की भाषा
अनुदान हेतु मूल पुस्तकों के प्रस्ताव अंग्रेजी या हिंदी में लिखे जा सकते हैं।
पात्रता
आवेदक:
- यूजीसी द्वारा मान्यता प्राप्त किसी ऐसे भारतीय विश्वविद्यालय से संबद्ध होना चाहिए जिसके साथ उसके विभाग या व्यक्ति का कार्य संबंध हो। वह प्रारंभिक कैरियर शोधकर्ता और पोस्ट-डॉक्टरल विद्वान हो जो अंतर्राष्ट्रीय संबंधों में अनुसंधान के क्षेत्र में अपना अकादमिक करियर बनाना चाहते हो। (प्रारंभिक कैरियर शोधकर्ता वे शोधकर्ता हैं जिन्होंने आवेदन की अंतिम तिथि से 10 वर्ष से कम समय में अपनी डॉक्टरेट की उपाधि हासिल की हो।)
- किसी प्रतिष्ठित शोध संस्थान से संबद्ध होना चाहिए। मेजबान संगठन यह दर्शाने में सक्षम होना चाहिए कि वे आवेदक को अपने अनुदान का प्रभावी ढंग से उपयोग करने हेतु उपयुक्त बौद्धिक सहायता और सुविधाएँ प्रदान कर सकते हैं।
- यूजीसी द्वारा मान्यता प्राप्त भारतीय विश्वविद्यालयों, थिंक टैंक/संस्थानों या अन्य शोध संगठनों में कार्यरत होना चाहिए। हालाँकि यह सभी विषयों के लिए भी खुला है, लेकिन शोध आईसीडब्ल्यूए के अनुसंधान प्राथमिकता क्षेत्रों में सूचीबद्ध क्षेत्रों में से किसी एक से संबंधित होना चाहिए।
- आवेदक भारतीय नागरिक होना चाहिए।
- कार्यक्षेत्र का ज्ञान रखने वाला सेवारत या सेवानिवृत्त सरकारी अधिकारी/राजनयिक/कार्यकारी होना चाहिए।
पुस्तक प्रस्ताव पेश करने का प्रारूप
पुस्तक अनुसंधान प्रस्ताव हेतु आईसीडब्ल्यूए दिशानिर्देश देखने के लिए यहां क्लिक करें।
आईसीडब्ल्यूए शैक्षणिक शैली का पत्रक
आईसीडब्ल्यूए शैक्षणिक शैली का पत्रक देखने के लिए यहां क्लिक करें।
नियम
- आवेदकों को इसका प्रमाण देना होगा कि उनके पास शोध संबंधी ज़रुरी योग्यताएँ हैं और वे 18 महीने की समय-सीमा के भीतर शोध पूरा करना चाहते हैं।
- सफल आवेदकों को अधिनिर्णय की अधिसूचना मिलने पर अपना शोध शुरू करना होगा और उसे आवंटित अवधि, जो आमतौर पर अठारह महीने होती है, के भीतर जमा करना होगा। इस अवधि को कुछ विशेष मामलों में बढ़ाया जा सकता है।
- आवेदकों को शोध प्रस्ताव जमा करने से पहले आईसीडब्ल्यूए के कार्य सूची एवं आईसीडब्ल्यूए के रुचि के क्षेत्रों से परिचित होना चाहिए।
- आईसीडब्ल्यूए का निर्णय अंतिम और बाध्यकारी होगा। आईसीडब्ल्यूए तीन किश्तों में अधिकतम 3 लाख रुपये का अनुदान प्रदान करेगा। 1 लाख रुपये की पहली किश्त आईसीडब्ल्यूए द्वारा प्रस्ताव को मंजूरी मिलने और संभावित लेखक द्वारा आवश्यक वचनबद्धता पर हस्ताक्षर होने के बाद जारी की जाएगी। 1 लाख रुपये के अनुदान की दूसरी किश्त का भुगतान मसौदा पांडुलिपि की समीक्षा के बाद किया जाता है। पहले पाँच अध्यायों का प्रारंभिक मसौदा जमा किया जा जाएगा और लेखक को दूसरी किश्त जारी करने से पहले परिषद इनकी समीक्षा करेगी। समीक्षा प्रक्रिया में कम से कम दो विशेषज्ञों द्वारा ब्लाइंड रिव्यू यानी सहकर्मी समीक्षा की जाएगी।
- तीसरी और अंतिम किस्त का भुगतान पुस्तक के अंतिम प्रकाशन के बाद, उचित समीक्षा करने के पश्चात किया जाएगा। लेखक, समीक्षा के दौरान की गई टिप्पणियों पर कार्य करते हुए, संशोधित पांडुलिपि प्रस्तुत करेगा, जिसे आंतरिक समीक्षा के पश्चात प्रकाशन हेतु भेजा जाएगा।
- पुस्तक के लेखन की प्रगति की निगरानी आईसीडब्ल्यूए और लेखक के बीच संवाद के ज़रिए नियमित अंतराल पर की जाएगी।
- स्वीकृत किए गए प्रत्येक पुस्तक अनुदान हेतु क्षेत्रीय दौरे के लिए 4 लाख रुपये तक का अतिरिक्त यात्रा अनुदान प्रदान किया जा सकता है, बशर्ते कि यात्रा/क्षेत्र के दौरे का प्रस्ताव परिषद के समक्ष पेश और अनुमोदित किया गया हो। इस राशि की प्रतिपूर्ति वास्तविक आंकड़ों के आधार पर और आवश्यक रसीदें/वाउचर पेश करने के बाद की जाती है। परिषद, लेखक द्वारा बताये गए औचित्य के आधार पर, अपवाद के रूप में, लेखक को क्षेत्रीय दौरा करने में मदद करने हेतु आंशिक या पूर्ण अग्रिम राशि देने पर विचार कर सकती है। क्षेत्रीय दौरे के बाद मूल बिल वाउचर, बोर्डिंग पास, टिकट आदि के साथ प्रस्तुत किए गए यात्रा भत्ता बिल से समायोजन करके अग्रिम राशि की वसूली की जाएगी। इसका दावा भारत सरकार के मौजूदा यात्रा भत्ता नियमों के अनुसार प्रस्तुत किया जाना चाहिए।
- कोई भी पुस्तक परियोजना 7 लाख रुपये से अधिक नहीं होगी। इसके दो घटक होंगे: 3 लाख रुपये तक का पुस्तक लेखन अनुदान; और 4 लाख रुपये तक का क्षेत्रीय दौरे का अनुदान।
- आईसीडब्ल्यूए द्वारा लेखक को कोई अन्य वित्तीय, रसद या लिपिकीय सहायता प्रदान नहीं की जाएगी।
- किसी पुस्तक को एक से अधिक लेखकों द्वारा लिखा जा सकता है।
- लेखकों के बीच अनुदान वितरण की शर्तें आईसीडब्ल्यूए और लेखकों के बीच आपसी सहमति के अनुसार होंगी।
- पुस्तक अभारोक्ति, फुटनोट्स और अनुलग्नकों को छोड़कर न्यूनतम 60,000 शब्दों की होनी चाहिए। स्वीकृत पांडुलिपि का कॉपीराइट आईसीडब्ल्यूए के पास रहेगा, जो पुस्तक की प्रतियों की बिक्री से प्राप्त रॉयल्टी को लेखक के साथ साझा कर सकता है।
- पुस्तक अनुदान से संबंधित सभी प्रस्ताव आईसीडब्ल्यूए द्वारा निर्धारित प्रारूप में होने चाहिए।
- शैक्षणिक और शोध संस्थानों तथा थिंक-टैंक से जुड़े आवेदकों को केंद्र/थिंक-टैंक के संकायाध्यक्ष या विभागाध्यक्ष का एक अग्रेषण पत्र संलग्न करना होगा जिसमें मांगे जा रहे अनुदान को लेकर उनकी अनापत्ति हो।
- निर्धारित प्रारूप में सीलबंद लिफाफे में (और ईमेल के माध्यम से) प्रस्ताव, जिसमें बाएँ कोने पर "पुस्तक परियोजना का विषय" और "पुस्तक अनुसंधान अनुदान" स्पष्ट रूप से लिखा हो, निम्नलिखित पते पर भेजे जा सकते हैं:
निदेशक (अनुसंधान)
भारतीय वैश्विक परिषद
सप्रू हाउस, बाराखंभा रोड
नई दिल्ली- 110001
टेलीफोन नंबर 011-23311902
ईमेल आईडी: directorresearch[at]icwa[dot]in