परिचय
इमरान खान ने 18 अगस्त 2018 को पाकिस्तान के 22 वें प्रधान मंत्री के रूप में पद ग्रहण किया। पीटीआई (पाकिस्तान तेहरीक-ए-इंसाफ) के सुधार एजेंडे में पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था को स्थिर उच्च विकास के मार्ग पर लाने की परिकल्पना की गई थी। पीटीआई के अनुसार, समस्या का मूल दोष त्रुटिपूर्ण ऊर्जा नीतियों, सर्पिल राजकोषीय घाटा, कर और सकल घरेलू उत्पाद का मोटे तौर पर अपर्याप्त अनुपात, अंतर्राष्ट्रीय एजेंसियों का पीछे हटना, शिक्षा, स्वास्थ्य और कौशल क्षेत्रों में अल्प निवेश होना है। पीटीआई ने अप्रचलित शासन और सर्व व्यापित भ्रष्टाचार और राजनीतिक नेतृत्व की कमी को अर्थव्यवस्था में दीर्घकालिक गिरावट के कारणों के रूप में पहचाना। पीटीआई ने कहा कि हमेशा की तरह व्यापार संधारणीय नहीं है, क्योंकि पाकिस्तान पीकेआर 145000 प्रति पाकिस्तानी प्रतिव्यक्ति के कर्ज के साथ “21 वीं सदी का गरीब व्यक्ति” बन जाएगा।
पीटीआई के आर्थिक सुधार कार्यक्रम में कर संग्रह में 5 प्रतिशत वृद्धि, व्यर्थ व्यय में 2 प्रतिशत की कमी और पीएसई के नुकसान में 2 प्रतिशत की कमी के साथ 9 प्रतिशत जीडीपी का राजकोषीय अधर बनाने की परिकल्पना की गई थी। इसके अलावा आर्थिक सुधारों की दृष्टि से 6 प्रतिशत की वृद्धि दर, मुद्रास्फीति को 7 प्रतिशत तक घटाने, राजकोषीय घाटे को 4.5 प्रतिशत तक घटाने, कर राजस्व में 15 प्रतिशत की वृद्धि लाने और कल्याणकारी व्ययों में चार गुना वृद्धि का अनुमान लगाया गया था। ऊर्जा क्षेत्र, व्यय सुधार, राजस्व संग्रह और मानव पूंजी विकास में संरचनात्मक सुधारों की परिकल्पना की गई थी। रेल मंत्रालय को समाप्त कर इसके बदले रेलवे बोर्ड को लाना था, जो पूर्ण रूप से एक स्वायत्त बोर्ड होता और जो मलेशिया के खज़ाना के समान पीएसई का प्रबंधन करता। सभी गवर्नर आवासों सहित व्यय आपातकाल की घोषणा होनी थी, प्रधान मंत्री आवास को सार्वजनिक उपयोग के स्थानों में परिवर्तित किया जाना था और राष्ट्रपति के व्ययों में आधी तक कटौती की जानी थी। संघीय मंत्रालयों की संख्या 37 से घटाकर 17 की जानी थी, सांसदों के लिए कोई विकास निधि नहीं रखना था और सभी विवेकाधीन कोषों को समाप्त करना था।
यह स्पष्ट था कि इमरान खान सरकार को विकट व्यापक आर्थिक चुनौतियों का सामना करना पड़ा। चालू खाता के घाटे बढ़ रहे थे, राजकोषीय विसर्पण हो रहा था, और एक समझौतापरक मौद्रिक नीति स्वरूप ले रही थी। विदेशी मुद्रा भंडार घटकर मात्र 2.3 महीने का आयात पूरा करने लायक हो गई थी और ऋण संबंधी संवेदनशीलताएं बढ़ रही थीं। अर्थव्यवस्था के लिए सबसे बड़ी चुनौती विकास दर को बढ़ाना था जबकि ऐसा करने के लिए कोई उचित संसाधन मौजूद नहीं थे, जिससे राजकोषीय और विदेशी खातों में घाटे बढ़ गए। इस गंभीर व्यापक आर्थिक अस्थिरता को दूर करने के लिए, पाकिस्तान को एक सख्त मौद्रिक नीति रुख अपनाने के अलावा, वित्तीय अनुशासन बनाए रखने, सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों के नुकसान को सीमित करने और संरचनात्मक सुधारों को अपनाने के उद्देश्य के साथ नीतिगत उपाय अपनाने की आवश्यकता थी।
प्रधान मंत्री इमरान खान ने राष्ट्र के लिए अपने पहले संबोधन में, लागत में कटौती की पहल के तहत सरकारी व्यय में कटौती करने पर जोर दिया और कई मितोपभोग उपायों की घोषणा की थी। पीटीआई सरकार ने राज्य कोष के विवेकाधीन उपयोग को प्रतिबंधित कर दिया, और राष्ट्रपति और प्रधान मंत्री समेत अन्य अधिकारियों और नेताओं के प्रथम श्रेणी की हवाई यात्रा पर प्रतिबंध लगा दिया। कुछ ही समय बाद पीटीआई सरकार ने मितोपभोग अभियान के तहत प्रधानमंत्री आवास की 100 लक्जरी कारों की बिक्री की घोषणा की। यह बिक्री प्रधान मंत्री आवास के लॉन में आयोजित की गई थी। पीटीआई सरकार को इस बिक्री से 16 मिलियन अमेरिकी डॉलर प्राप्त होने की उम्मीद थी, लेकिन 70 कारों की बिक्री से केवल 600,000 अमेरिकी डॉलर कमाने में कामयाब रही। उन व्ययों, जो आवश्यक थे जैसे कि रक्षा व्ययों में कटौती करना आसान नहीं था, शिक्षा के लिए अतिरिक्त आवंटन संभव नहीं था। मीडिया ने पीटीआई सरकार द्वारा प्रधान मंत्री आवास को इस्लामाबाद नेशनल यूनिवर्सिटी नामक एक शोध विश्वविद्यालय में परिवर्तित करने के यू-टर्न और प्रस्तावित शिक्षा सुधारों या स्वास्थ्य देखभाल सुधारों में किसी भी प्रकार का विकास करने में विफल रहने पर पीटीआई सरकार की आलोचना की। यह बहुत स्पष्ट था कि व्यापक आर्थिक स्थिरीकरण की चुनौतियों ने विकास के मुद्दों पर वरीयता ले ली थी।
ऊर्जा की तलाश और सीपीईसी
पाकिस्तान ने अपने दीर्घकालिक अभावों के उपशमन, देश के ईंधन मिश्रण में विविधता लाने और व्यापार कनेक्टिविटी में सुधार लाने के लिए ऊर्जा और अवसंरचना के क्षेत्र में विशाल निवेश योजनाएं शुरू कीं। चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा (सीपीईसी), एक दशक की अवधि के लिए लगभग कुल 55 बिलियन अमेरिकी डॉलर (सकल घरेलू उत्पाद का 20 प्रतिशत) मूल्य के निवेश परियोजनाओं का एक बड़ा पैकेज है। कुल 19 सीपीईसी परियोजनाएं हैं - ऊर्जा क्षेत्र में 17.7 बिलियन अमेरिकी डॉलर की, अवसंरचना में 5.9 बिलियन अमेरिकी डॉलर की, जो विनियोजन और कार्यान्वयन के उन्नत चरणों में हैं। सीपीईसी की अवसंरचना और परिवहन परियोजनाओं को चीन सरकार की ओर से दीर्घकालिक रियायत के आधार पर वित्त पोषण किया जाता है, जबकि सीपीईसी के ऊर्जा क्षेत्र की परियोजनाओं में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश और चीनी वित्तीय संस्थानों से वाणिज्यिक ऋण के माध्यम से वित्त पोषण शामिल हैं। सीपीईसी परियोजनाओं से अपेक्षा थी की यह एक दशक की अवधि के दौरान पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था में लगभग 13 बिलियन अमेरिकी डॉलर का योगदान देगा। उसी समय, पाकिस्तान को ऋण चुकौती, लाभ प्रत्यावर्तन और इनपुट ईंधन के आयात के रूप में दीर्घकालिक भुगतान बहिर्वाह का सामना करना पड़ा। यह पुनर्भुगतान प्रति वर्ष बढ़ने की उम्मीद है और वित्तीय वर्ष 2024/25 तक 3.5 - 4.5 बिलियन अमेरिकी डॉलर के शिखर तक पहुंचने की संभावना है। पाकिस्तान के लिए यह महत्वपूर्ण है कि वह बढ़े हुए भुगतानों के प्रभाव को कम करने के लिए विदेशी मुद्रा भंडार बनाए। इसके लिए राजकोषीय अनुशासन में बड़ा इज़ाफा करने, कर राजस्व बढ़ाने, लागत वसूली सुनिश्चित करने हेतु सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों का पुनर्गठन करने, और नई विदेशी ऋण प्रतिबद्धताओं को क्रमिक रूप से चरणबद्ध करने की आवश्यक है।
एक अन्य आईएमएफ कार्यक्रम की अपरिहार्यता
पाकिस्तान 2013-2016 से आईएमएफ कार्यक्रम के साथ जुड़ा रहा था। एक दीर्घकालीन आईएमएफ कार्यक्रम का हिस्सा होने के बावजूद नीति का एजेंडा अधूरा रहा था, परिणामस्वरूप व्यापक आर्थिक स्थिरता लाने और संरचनात्मक सुधारों में सहायता हेतु विकास लाने के लिए निरंतर प्रयासों की आवश्यकता है। पाकिस्तान और आईएमएफ के बीच 2018 पश्च कार्यक्रम अनुवीक्षण चर्चाओं ने उजागर किया कि तत्काल नीतियों की दृष्टि से आईएमएफ का ऋण चुकाने की पाकिस्तान की मध्यम-अवधि क्षमता जोखिमों के अधीन है, और वर्ष 2019-2024 में धन की चुकौती और भी बढ़ जाएगी। आईएमएफ को पाकिस्तान की ओर से पुनर्भुगतान 2018 में एसडीआर 243 मिलियन के साथ शुरू होना था और 2021 में एसडीआर 820 मिलियन के शिखर पर पहुंचना था, जिसके साथ-साथ 2026 तक इस अनुसूची में धीरे-धीरे गिरावट आने की अपेक्षा थी। पुनर्भुगतान की रकम 2022 के विदेशी मुद्रा भंडार के 22 प्रतिशत तक बढ़ गया था। इसके अलावा, रिपोर्ट में यह भी बताया गया कि विदेशी असंतुलन में वृद्धि हुई है, अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा भंडार में गिरावट आई है और बाजार पर विश्वास खत्म हो गया था। पाकिस्तान इंटरनेशनल एयरलाइंस, पाकिस्तान स्टील मिल्स और पाकिस्तान रेलवे के पुनर्गठन में कोई प्रगति नहीं हुई थी और वित्तीय घाटे संचयित होना जारी हैं और ऊर्जा क्षेत्र की कंपनियां ने नए कर्जे लेना जारी रखा है। सीपीईसी निवेश के कारण विदेशी पुनर्भुगतान उत्तरदायित्व भी बने हुए थे। स्पष्ट था कि पाकिस्तान की पुनर्भुगतान करने की क्षमता पहले से ही उच्च जोखिमों से भरी थी। ऐसे परिदृश्य में पाकिस्तान को 22 वीं बार अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष से संपर्क करने की आवश्यकता थी।
19 जून, 2019 को, पाकिस्तानी स्टेट बैंक के गवर्नर रेज़ा बाक़िर ने आईएमएफ के प्रबंध निदेशक को पत्र लिखा और विस्तारित निधि सुविधा (ईएफएफ) के तहत आईएमएफ से सहायता मांगी, इस आधार पर कि अंतर्राष्ट्रीय भंडार गंभीर रूप से निम्न स्तर पर पहुंच गए हैं, सीमित बाजार पहुंच के वातावरण में अब भी बहुत अधिक पुनर्भुगतान बकाया रहा है। परिस्थिति बहुत ही विकट और बेहद चिंताजनक है। कमजोर नीतियों के कारण व्यापक आर्थिक संकट बढ़ी हैं, और अग्र-चक्रीय राजकोषीय नीतियों के परिणामस्वरूप राजकोषीय घाटा और समझौतापरक मौद्रिक नीतियां तेजी से बढ़ी हैं, नतीजतन चालू खाता में बड़ा घाटा हुआ है। दूसरे साल के लिए राजकोषीय घाटा 7.3 प्रतिशत बढ़ा है और चालू खाता घाटा जो वर्ष 2018-19 में 6.3 प्रतिशत था, वह 19 प्रतिशत रुपया मूल्यह्रास के आधार पर संकुचित हुआ है।
रेज़ा बाक़िर ने कहा कि यद्यपि व्यापक आर्थिक चुनौतियों का सामना करने के लिए महत्वपूर्ण उपाय किए गए थे, लेकिन संरचनात्मक चुनौतियों को संबोधित नहीं किया गया है और आर्थिक अनुशासन सुनिश्चित करने के लिए संस्थानों को मजबूत नहीं बनाया गया है। इसके अलावा एक कम अनुकूल विदेशी वातावरण ने भी मुश्किलें बढ़ा दी हैं। क्रमिक नीतिगत उपाय - रुपये का मूल्यह्रास, कुछ मौद्रिक सख्त नीतियाँ, गैस की कीमतों में वृद्धि करना मात्र, अर्थव्यवस्था को स्थिर करने के लिए पर्याप्त नहीं थे। वित्तीय व्यवस्था को कसने और आने वाले वर्षों में परिपक्व ऋण दायित्वों को संबोधित करने के लिए व्यापक सुधार लाना आवश्यक बन गया है। पाकिस्तान की आर्थिक गतिविधियां काफी धीमी हो गई थीं और कृषि, विनिर्माण और निर्माण क्षेत्रों में सरकारी व्ययों की कमी के कारण काफी संकुचन देखा गया था। आर्थिक विकास दर 2018 में 5.5 प्रतिशत की तुलना में 2019 में 3.3 प्रतिशत तक गिर गया, जबकि मुद्रास्फीति 2018 में 4.2 से तेजी से बढ़कर 2019 में 9.1 प्रतिशत पर पहुँच गई।
राजकोषीय घाटा होना जारी रहा, यह पतन राजस्व की कमी, विशेष रूप से व्यक्तिगत आयकर संग्रह में कमी के कारण हुआ था। कर और जीडीपी का अनुपात घटकर 13 प्रतिशत रह गया, जो दक्षिण एशिया में सबसे कम है। उसी समय, उच्चतर ब्याज भुगतान, सब्सिडी और रक्षा संबंधी व्ययों के कारण व्यय बढ़ते रहें। राजकोषीय घाटे को वित्त पोषित करने के लिए पाकिस्तानी स्टेट बैंक से बड़े पैमाने पर उधार लिया गया। पिछले 2 वर्षों में बिजली क्षेत्र से ऋणशेष संचयित होते रहे, और टैरिफ में समायोजन, नीतियों के व्युत्क्रमण में विलम्ब होने और सरकार द्वारा अनिवार्य सब्सिडी का भुगतान न करने के परिणामस्वरूप यह 4 प्रतिशत जीडीपी के करीब पहुंच गया। पाकिस्तान इंटरनेशनल एयरलाइंस, पाकिस्तान स्टील मिल्स और पाकिस्तान रेलवे के प्रमुख सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों में भी नुकसान देखा गया, जो सभी 2 प्रतिशत जीडीपी का कारण बने। बैंकिंग क्षेत्र स्थिर रहा लेकिन सरकार को ऋण देने में संकोच था। बैंकों ने पूंजी पर्याप्तता के मानदंडों को कायम रखा और कृषि और एसएमई में गैर-निष्पादित ऋण 15 प्रतिशत के समान उच्च बने रहें। बेरोजगारी 6 प्रतिशत थी और 30 प्रतिशत आबादी गरीबी रेखा से नीचे रही।
विदेशी क्षेत्र काफी हद तक कमजोर हो गया था। निर्यात सपाट थे, वित्त वर्ष 2018/19 में पाकिस्तान के रुपये में 21 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई और विदेशी प्रत्यक्ष निवेश प्रवाह कमजोर था।
पाकिस्तान के दोहरे घाटे - राजकोषीय और चालू खाता घाटा, अनिश्चित क्षेत्र में चले गए हैं। व्यापक आर्थिक स्थिरता एक बहुत बड़ी चुनौती है। कम बचत, कम राजस्व सृजन और व्यापार में वृहद रिक्तियां की समग्र परिस्थिति एक विकट आर्थिक तस्वीर प्रस्तुत करती है जिससे तुरंत बाहर निकलने की आवश्यकता है।
आईएमएफ कार्यक्रम 2019-2022
3 जुलाई, 2019 को आईएमएफ कार्यकारी बोर्ड ने पाकिस्तान के लिए विस्तारित निधि सुविधा के तहत 6 बिलियन अमेरिकी डॉलर रकम की 39 महीने की विस्तारित ऋण व्यवस्था की मंजूरी दी। 1950 में आईएमएफ में पाकिस्तान की सदस्यता के बाद से यह आईएमएफ के साथ पाकिस्तान के 22 वें कार्यक्रम को दर्शाता है। जिस गति से पाकिस्तान के आईएमएफ कार्यक्रम को मंजूरी दी गई है, वह कम सोपाधिकता के साथ, आईएमएफ के बड़े शेयरधारकों - यूएसए, जापान और यूरोपीय संघ के सदस्य देशों के मजबूत समर्थन का संकेत देता है। आईएमएफ ने कार्यक्रम अवधि के दौरान पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था में निर्णायक मोड़ लाने का पर्याप्त सकारात्मक अनुमान लगाया है, जो कि वर्तमान के मंद वैश्विक आर्थिक माहौल में होना संभव नहीं है।
ईएफएफ द्वारा समर्थित पाकिस्तान के आर्थिक सुधार कार्यक्रम में 2 मुख्य स्तंभ हैं (क) व्यापक आर्थिक स्थिरीकरण और (ख) संस्थानों को मजबूत बनाना और निर्माण करना। निम्नलिखित मुख्य तत्व हैं:
पाकिस्तान का ईएफएफ कार्यक्रम जो 3 जुलाई, 2019 से 2 सितंबर, 2022 तक 210 प्रतिशत कोटा पर 39 महीने की अवधि के लिए चलेगा, एसडीआर 716 मिलियन (कोटा का 35 प्रतिशत) वाला एक फ्रंटलोड कार्यक्रम है, जिसकी पहली क़िस्त 3 जुलाई, 2019 को जारी की गई थी। एसडीआर 328 मिलियन (कोटा का 16 प्रतिशत) के अगले 4 क़िस्त 6 दिसंबर, 2019 और 4 सितंबर, 2020 के बीच जारी होने वाले हैं। एसडीआर 560 मिलियन (कोटा का 28 प्रतिशत) के अंतिम 4 क़िस्त 5 मार्च, 2021 से 2 सितंबर, 2022 तक जारी होने हैं। कुल मिलाकर, इस कार्यक्रम के तहत 4 तिमाही और 4 अर्ध-वार्षिक समीक्षाएं निर्धारित की गई हैं।
ऋण स्थायित्व
पाकिस्तान की मौजूदा विदेशी देयताएं 85.48 बिलियन अमेरिकी डॉलर हैं जो सकल घरेलू उत्पाद का 43.4 प्रतिशत है। चीन के प्रति विदेशी ऋण 15.15 बिलियन अमेरिकी डॉलर, जापान के प्रति 5.67 बिलियन अमेरिकी डॉलर और सऊदी अरब के प्रति 6.41 बिलियन अमेरिकी डॉलर है। चीन के प्रति बकाया विदेशी ऋण पूरे पेरिस क्लब के ऋण से कहीं अधिक है। विदेशी ऋण जोखिम उच्च बना हुआ है, आईएमएफ ने अनुमान लगाया है कि वित्तीय वर्ष 2021 में चरम पर पहुँचने के बाद विदेशी ऋण घटने लगेगा।
आधिकारिक/ द्विपक्षीय उधारदाताओं से मजबूत और सामयिक समर्थन के बिना स्थायी ऋण पथ पर वापसी करना संभव नहीं है। सामान्य सरकारी ऋण और सरकार द्वारा गारंटीकृत ऋण जीडीपी के 80.5 प्रतिशत के समान है और सार्वजनिक ऋण की परिपक्वता संरचना की हालत और भी बुरी हो गई है क्योंकि 57 प्रतिशत सार्वजनिक ऋण की परिपक्वता की अवधि एक वर्ष से कम की है। ऋण प्रबंधन रणनीति का उद्देश्य परिपक्वता प्रोफ़ाइल का को दीर्घ बनाना और निवेशक आधार को विस्तारित करना है। वर्तमान में 11.2 बिलियन अमेरिकी डॉलर का सकल आधिकारिक विदेशी मुद्रा भंडार है, जो 2 महीने के आयातों को कवर करने के लिए मुश्किल से पर्याप्त है, और यह 28.1 बिलियन अमेरिकी डॉलर तक बढ़ने का अनुमान है, जो कि कार्यक्रम अवधि में 4 महीने का आयात कवर करने के लिए पर्याप्त होगा।
कार्यक्रम की अवधि के दौरान, अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष की मंजूरी से पाकिस्तान को अपने अंतर्राष्ट्रीय भागीदारों से लगभग 38 बिलियन अमेरिकी डॉलर की रकम मिलेगी।
द्विपक्षीय और बहुपक्षीय लेनदारों से अपेक्षित सहायता निम्नानुसार है:
बहुपक्षीय और द्विपक्षीय संवितरण का सकल अंतर्प्रवाह निम्नानुसार होगा
जुलाई – सितम्बर 2019 |
3 बिलियन अमेरिकी डॉलर |
अक्टूबर – दिसंबर 2019 |
5 बिलियन अमेरिकी डॉलर |
जनवरी – मार्च 2020 |
6.5 बिलियन अमेरिकी डॉलर |
अप्रैल – जून 2020 |
4.8 बिलियन अमेरिकी डॉलर |
यदि इन पैसों को व्यवहार में लाना है, तो ऋण स्थायित्व कार्यक्रम का एक अखंड भाग होगा।
राजकोषीय कार्यक्रम
आईएमएफ ने कहा है कि राजकोषीय और अर्ध-राजकोषीय घाटे को कम करने और मजबूती के साथ राजस्व जुटाने की आवश्यकता है। पाकिस्तान एक व्यापक-आधारित कर नीति के माध्यम से राजस्व संग्रह बढ़ाने और राजकोषीय घाटे को कम करने का प्रयास करता है। सामान्य सरकारी ऋण जो जीडीपी का 80 प्रतिशत है, उसे घटाकर जीडीपी के 67 प्रतिशत तक लाने की आवश्यकता है ताकि निवेश के लिए स्थान बनाया जा सके। तदनुसार, 2019-20 के बजट में 1.7 प्रतिशत के उच्च राजस्व उपायों का प्रस्ताव किया गया है और बिजली क्षेत्र की सब्सिडी का बजट बनाया गया है। हालांकि, सामाजिक क्षेत्र के व्ययों में बड़ी कटौतियां नहीं की गई हैं जबकि बेनज़ीर आय सहायता कार्यक्रम (बीआईएसपी) के आवंटन में मामूली बढ़ोतरी देखी गई है। बीआईएसपी कार्यक्रम 5 मिलियन से अधिक परिवारों तक पहुंचता है। अगस्त 2019 के अंत तक बीआईएसपी के सभी लाभार्थियों को 1000 रुपये का संवितरण और अक्टूबर 2019 के अंत तक वित्तीय समावेशन के तहत 6 मिलियन महिलाओं को लाने के लिए “एक महिला-एक खाता” योजना की शुरुआत एक महत्वपूर्ण पहल है।
प्रमुख कर नीति सुधारों में, कर प्रणालियों की विकृतियों को कम करने और कर आधार को वृहद बनाने के लिए छूट और अधिमानी व्यवहार को हटाने के उद्देश्य से उपाय किए गए हैं। पहला कदम पेट्रोलियम उत्पादों पर बिक्री कर को बढ़ाना है। चीनी, स्टील, खाद्य तेल, मध्यम और बड़े खुदरा विक्रेताओं के लिए अधिमानी बिक्री कर की दरें मौजूद हैं। बिक्री कर छूट को हटाना, दाखिल करने की प्रक्रियाओं को सरल बनाना और अनुपालन बढ़ाना प्रस्तावित है। पाकिस्तान रियल एस्टेट और कृषि कारोबार पर कराधान को मजबूत करना चाहता है। आने वाले वर्षों में बिक्री कर हटाकर वैट लाने का प्रस्ताव किया गया है। एक अर्ध-स्वतंत्र कर प्राधिकरण बनाया जाना है और आगे कोई कर माफी नहीं दी जाएगी। यह आईएमएफ कार्यक्रम के तहत एक स्थायी संरचनात्मक बेंचमार्क है। वेतनभोगी और अवेतनभोगी व्यक्तियों के लिए आयकर सीमा कम कर दी गई है। एक उपहार कर लगाया गया है। सिगरेट, वातित पेय और सीमेंट पर संघीय उत्पाद शुल्क लगाया गया है, एलपीजी पर सीमा शुल्क की छूट को समाप्त कर दिया गया है।
राजकोषीय अनुशासन बढ़ाने के लिए, पाकिस्तान ने एक सार्वजनिक राजकोषीय प्रबंधन अधिनियम अपनाया, जिसके अधीन बजट के प्राधिकार के लिए संसदीय अनुमोदन की आवश्यकता है।
मौद्रिक नीति कार्यक्रम
व्यापक आर्थिक स्थिरता इस कार्यक्रम के तहत एक महत्वपूर्ण क्षेत्र बना हुआ है। इसके लिए मौद्रिक नीति को और सख्त बनाने की जरूरत है। 2017 के बाद से नीतिगत दर में 450 आधार अंकों का संचयी ऊपरी संशोधन हुआ है और रुपया डॉलर के मुकाबले 31 प्रतिशत बढ़ा है। ब्याज दरों में 10 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि हुई है। जबकि पाकिस्तानी स्टेट बैंक के गवर्नर ने कर और जीडीपी अनुपात को 15 प्रतिशत पर लाने का दबाव डाला है, लेकिन प्राथमिक और राजस्व अधिशेष केवल एक मृगतृष्णा बन कर रह गया है, जहाँ कर और गैर-कर राजस्व दोनों अपने लक्ष्य से काफी नीचे बने हुए हैं। पाकिस्तानी स्टेट बैंक तेल भुगतान व्यवस्था को स्थगित करने, चीन, सऊदी अरब और यूएई से वित्तपोषण की व्यवस्था करने हेतु सरकार पर अपने प्रयास बढ़ाने के लिए दबाव डाल रहा है, जिससे पाकिस्तान को विपरीत परिस्थितियों में कुछ मदद मिल सके।
मौद्रिक नीति को सख्त किया गया है और 5-7 प्रतिशत की मुद्रास्फीति का उद्देश्य रखा गया है। पाकिस्तानी स्टेट बैंक से बजट घाटे के लिए वित्तपोषण प्राप्ति समाप्त करना कार्यक्रम के तहत परिकल्पित महत्वपूर्ण कदमों में से एक है। राजकोषीय प्रभुत्व ने पाकिस्तानी स्टेट बैंक की स्वायत्तता के हर सादृश्य को समाप्त कर दिया था और एसबीपी द्वारा बजट के नए प्रत्यक्ष वित्तपोषण से परहेज पर निरंतर प्रदर्शन मानदंड संस्थान की स्वायत्तता के लिए महत्वपूर्ण है। एसबीपी अधिनियम में संशोधन लाने का प्रस्ताव है ताकि परिचालन स्वतंत्रता, शासन और गवर्नर के कार्यकाल को बढ़ाया जा सके।
आईएमएफ के कार्यक्रम चल रहे सामाजिक क्षेत्र के कार्यक्रमों - राष्ट्रीय वित्तीय समावेशन रणनीति, दीर्घकालिक वित्तपोषण सुविधा, निर्यात वित्तपोषण योजना, निम्न लागत वाली आवास योजना, एसएमई वित्तपोषण योजना और डिजिटल भुगतान को प्रोत्साहित करने की योजना में हस्तक्षेप नहीं करता है। आईएमएफ ने कहा है कि समायोजन नीतियों के प्रभाव से सबसे कमजोर वर्ग की रक्षा करना एक बड़ी प्राथमिकता है। सतत विकास के लिए गरीबी उन्मूलन और सामाजिक समावेशन का उद्धरण देते हुए सबसे संवेदनशील वर्ग की सहायता हेतु सामाजिक व्ययों पर एक सांकेतिक सीमा निर्धारित की गई है। निम्न आय वाले परिवारों को ऊर्जा की बढ़ी हुई कीमतों से बचाने की पाकिस्तान की नीति जारी रहेगी, हालांकि गैस शुल्क में एक विशिष्ट ऊपरी सुधार किया जाएगा।
जैसा कि आईएमएफ के प्रत्येक कार्यक्रम में होता है, इसमें भी संरचनात्मक नीतियों पर बल दिया गया है। बिजली क्षेत्र के नुकसान को स्थायी रूप से खत्म करने के लिए नए सिरे से मूल्य निर्धारण और शासन तथा अवसंरचना में सुधार की आवश्यकता होगी। 7 चयनित सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों का निजीकरण, पाकिस्तान इंटरनेशनल एयरलाइंस और पाकिस्तान स्टील मिल्स की लेखापरीक्षा, एसओई का ट्राइएज और एसओई के कानूनी रूपरेखा को बढ़ाना निर्धारित किया गया है।
आईएमएफ कार्यक्रम पाकिस्तान पर एएमएल/ सीएफटी शासन की प्रभावशीलता में सुधार लाने के लिए भी जोर देता है जिससे इसे आतंकवादी वित्तपोषण जोखिमों को प्रभावी ढंग से संबोधित करने में कमी के कारण अधिकार क्षेत्र के वित्तीय कार्रवाई कार्य बल (एफएटीएफ) की सूची से बाहर निकलने में मदद मिल सके। एफएटीएफ की राष्ट्रीय कार्यकारी समिति एफएटीएफ की कार्ययोजना को लागू करने के लिए प्रयासों की निगरानी और समन्वय कर रही है और अगस्त 2019 में धन शोधन पर एशिया प्रशांत समूह पाकिस्तान का मूल्यांकन रिपोर्ट प्रस्तुत करेगा।
आईएमएफ के प्रबंध निदेशक की पाकिस्तान के प्रधान मंत्री के साथ मुलाकात
21 जुलाई, 2019 को आईएमएफ के कार्यवाहक प्रबंध निदेशक डेविड लिप्टन ने पाकिस्तान के प्रधान मंत्री, इमरान खान से मुलाकात की। अपनी चर्चाओं में कार्यवाहक प्रबंध निदेशक ने हालिया आर्थिक विकास और आईएमएफ द्वारा समर्थित आर्थिक सुधार कार्यक्रम का पाकिस्तान द्वारा कार्यान्वयन पर चर्चा की। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान को अब घरेलू कर राजस्व जुटाने की जरूरत है और ऋण को मजबूती से नीचे की ओर ले जाना चाहिए।
8 नवंबर, 2019 को, आईएमएफ के कर्मचारी और पाकिस्तान के अधिकारीगण, कार्यक्रम के तहत पहली समीक्षा को पूरा करने के लिए आवश्यक नीतिगत सुधारों को लेकर एक समझौते पर पहुंचे और 450 मिलियन अमेरिकी डॉलर का संवितरण करने का निर्णय लिया, जो पाकिस्तान के लिए कई बड़ी द्विपक्षीय और बहुपक्षीय वित्त पोषण लेकर आएगा। आईएमएफ ने कहा कि प्रदर्शन मानदंड पूरे किए गए थे, जबकि संरचनात्मक बेंचमार्क को पूरा करने के लिए कार्य प्रगति पर था, और एएमएल/ सीएफटी रूपरेखा में सुधार लाने में प्रगति हुई थी किन्तु मार्च 2020 से पहले कुछ अतिरिक्त काम भी किए जाने हैं। सितंबर 2019 के अंत तक पांच सांकेतिक लक्ष्यों को पूरा करने से चूके थे, जिसमें संग्रहित कर राजस्व और बिजली क्षेत्र के ऋणशेष का संग्रह शामिल है। संरचनात्मक बेंचमार्क लागू किया गया था, लेकिन विलम्ब से, और पाकिस्तान इंटरनेशनल एयरलाइंस और पाकिस्तान स्टील मिल्स की लेखा परीक्षा के लिए आंतरिक लेखा परीक्षकों का चयन किया गया था। आईएमएफ ने उल्लेख किया कि अंतर्राष्ट्रीय भागीदार पाकिस्तान के सुधार प्रयासों के समर्थक बने रहे थे। 19 दिसंबर, 2019 को आईएमएफ के कार्यकारी बोर्ड ने आईएमएफ कर्मचारियों की सिफारिशों को विधिवत अनुसमर्थित किया। कार्यकारी बोर्ड ने एएमएल/ सीएफटी रूपरेखा में सुधार लाने के लिए तेजी से प्रगति करने और एएमएल/ सीएफटी कमियों सहित अधिकार क्षेत्र में एफएटीएफ की समस्त सूचियों से बाहर निकलने के लिए त्वरित उपाय करने का अनुरोध किया।
पाकिस्तान ने 8 जनवरी, 2020 को वित्तीय कार्रवाई कार्य बल (एफएटीएफ) के संयुक्त समूह को 500 पन्नों की रिपोर्ट सौंपी, जिसमें ग्रे लिस्ट से बाहर आने के लिए 22 बिंदुओं पर प्रगति के बारे में जानकारी साझा की गई थी। एफएटीएफ 21-24 जनवरी, 2020 तक अपनी बीजिंग बैठक में प्रस्तुत जवाबों की जांच करेगा। अपनी अंतिम पूर्ण बैठक में एफएटीएफ ने फरवरी 2020 तक पाकिस्तान को ग्रे सूची में बनाए रखा। मई 2020 के अंत तक एक और छूट प्रदान किए जाने की उम्मीद है।
क्या पाकिस्तान का ईएफएफ कार्यक्रम व्यवहार्य है?
कम सोपाधिकता वाले कार्यक्रम में ऋण जोखिम बहुत अधिक होता है। ठोस क्रियान्वयन के अभाव में ऋण अनुपात 2024 तक जीडीपी के 83 प्रतिशत पर बढ़ जाएगा और वित्त पोषण की आवश्यकताएं जीडीपी के 26 प्रतिशत पर रहेंगी। विदेशी ऋण जोखिम भी बहुत अधिक है, और अनुमान लगाया जाता है कि वर्तमान में 37 प्रतिशत जीडीपी वाला उच्च स्तर 2021 के बाद घटकर एक स्थिर पथ आ जाएगा। चालू खाते और विनिमय दर में भी बड़े जोखिम हैं और जब तक कि पाकिस्तान का आर्थिक कार्यक्रम आईएमएफ की सलाह अनुसार काम नहीं करता और जब तक वित्तपोषण के आश्वासन को क्रियान्वित नहीं किया जाता, तब तक इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता कि यह एक बहुत बड़ी आर्थिक संकट होगी जिसके लिए एक अधिक मजबूत समायोजन कार्यक्रम की आवश्यकता है। यह जानकारी बेहद अचंभित कर देती है कि अर्थव्यवस्था बहुत मन्दी में होने के बावजूद भी सेना प्रमुख को राष्ट्रीय विकास परिषद में नामांकित किया गया है।
यह ध्यान दिया जाना चाहिए कि पाकिस्तान को चीन, सऊदी अरब और यूएई से मजबूत वित्तीय सहायता प्राप्त होती रही है, जिसे परिपक्व ऋण को पूरी तरह से कवर करते हुए चीन से 700 मिलियन अमेरिकी डॉलर और सऊदी अरब से 3 बिलियन अमेरिकी डॉलर की नई वित्त पोषण मिली है और पाकिस्तान के साथ अपना ऋण जोखिम बढ़ाया है, एशियाई विकास बैंक ने भुगतान संतुलन को और मजबूत बनाने के लिए 1 बिलियन अमेरिकी डॉलर की नई विशेष नीति आधारित ऋण को मंजूरी दी है। अगले 12 महीनों के लिए, पाकिस्तान आईएमएफ कार्यक्रम के अधीन पूर्ण रूप से वित्त पोषित रहेगा और बहुपक्षीय तथा द्विपक्षित प्रतिबद्धताओं को पूरा करेगा। इसके बाद भी, सितंबर 2022 तक पाकिस्तान पर आईएमएफ का एसडीआर 6146 मिलियन का ऋण रहेगा और ऋण पुनर्भुगतान का जोखिम भी बना रहेगा।
इमरान खान के अधीन पाकिस्तान 2020
2020 में, प्रधान मंत्री इमरान खान अपने चुनावी कार्यकाल के मध्य अवधि की ओर बढ़ेंगे, वहां आर्थिक मोर्चे पर विशाल चुनौतियां मौजूद हैं और जनता की उम्मीदों को पूरा करना एक कठिन कार्य रहा है। सरकार को भ्रष्टाचार विरोधी प्रयासों में समर्थन, वित्तीय खुफिया इकाई की स्वतंत्रता सुनिश्चित करने और लोक सेवकों के लिए एक विश्वसनीय संपत्ति घोषणा प्रणाली स्थापित करने के लिए एएमएल उपकरणों के उपयोग को बढ़ाना होगा। भ्रष्टाचार के मामलों की जांच करने और उस पर मुकदमा चलाने में भ्रष्टाचार-रोधी संस्थानों की प्रभावशीलता को मजबूत बनाने की भी आवश्यकता है। सामाजिक क्षेत्र में, पाकिस्तान ने कहा है कि वह स्टाइपेंड संवितरण के लिए बैंकिंग अनुबंधों को अंतिम रूप देने के बाद अगस्त 2020 में बेनज़ीर आय सहायता कार्यक्रम के लाभार्थियों को 1000 पाकिस्तानी रुपये की अतिरिक्त एक-बार का संवितरण हस्तांतरित करने का आशय है। कई बड़े सामाजिक क्षेत्र के कार्यक्रम आरम्भ नहीं किए गए हैं, यद्यपि लड़कियों की शिक्षा के लिए मौजूदा योजनाओं जैसे कि वसीला ई-तालीम (डब्ल्यूईटी) और एहसास की किफायती आवास कार्यक्रम में संरचनात्मक संशोधन किए गए हैं।
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सन्दर्भ