चौथा
भारत-मध्य एशिया वार्ता’
(1-2 दिसंबर, 2016) पर कार्यक्रम-पूर्व प्रेस-विज्ञप्ति
भारत मध्य एशिया को अपना 'विस्तारित पड़ोसी' मानता है और यह क्षेत्र भारतीय नीति निर्माताओं, रणनीतिकारों, चिकित्सकों और शिक्षाविदों के लिए प्राथमिकता का क्षेत्र रहा है। 2012 में बिश्केक द्वारा घोषित भारत की "कनेक्ट सेंट्रल एशिया" नीति के साथ, ट्रैक-II स्तर पर वार्षिक भारत-मध्य एशिया वार्ता विदेश मंत्रालय (MEA) द्वारा समर्थित और भारतीय विश्व मामले परिषद (ICWA) द्वारा आयोजित की जाती है। संवाद द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और बहुपक्षीय संबंधों की पूरी श्रृंखला पर बातचीत को और समृद्ध करने के लिए विद्वानों की चर्चा हेतु एक महत्वपूर्ण मंच प्रदान करता है। पहला संवाद 2012 में किर्गिज़ गणराज्य में आयोजित किया गया था। दूसरा और तीसरा संवाद 2013 में कजाकिस्तान और 2014 में तजाकिस्तान में क्रमशः आयोजित किया गया था।1-2 दिसंबर, 2016 को सप्रू हाउस, नई दिल्ली में आयोजित किया जा रहा चौथा भारत-मध्य एशिया वार्ता 2016, इस क्षेत्र के साथ भारत के 25 वर्षों के संबंधों का स्मरण करेगा।
संवाद में भारत और मध्य एशिया के बीच सहयोग और संबंधित मुद्दों पर चर्चा होगी। उद्घाटन सत्र और समापन सत्र के अलावा, दो दिवसीय कार्यक्रम को पांच तकनीकी सत्रों में विभाजित किया गया है, जिसमें वैश्विक परिदृश्य में परिवर्तन, क्षेत्रीय एकीकरण और बहुपक्षीय प्रक्रियाओं, भवन ऊर्जा और भूतल परिवहन कनेक्टिविटी, क्षेत्रीय सुरक्षा स्थिति और निष्कर्ष; आर्थिक, राजनीतिक और सांस्कृतिक अनुकूलता शामिल हैं। यह संवाद पांच मध्य एशियाई देशों के 15 प्रतिभागियों और दस भारतीय प्रतिभागियों का साक्षी होगा।
इस कार्यक्रम में आमंत्रित सदस्य ही भाग ले सकते है।
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