तृतीय भारत-चीन विचार मंथन मंच
(20-21 दिसंबर, 2018)
पर
प्रेस विज्ञप्ति
तृतीय भारत-चीन विचार मंथन मंच का आयोजन नई दिल्ली स्थित सप्रू हाउस में 20-21 दिसंबर, 2018 को किया गया। इस मंच की मेजबानी भारतीय विश्व मामले परिषद द्वारा की गई, जिसमें चीनी सामाजिक विज्ञान अकादमी (CASS) ने भाग लिया। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी की मई 2015 में चीन यात्रा के दौरान एक समझौता ज्ञापन द्वारा स्थापित फोरम एक द्विपक्षीय मंच है। फोरम का पिछला संस्करण सीएएसएस (CASS) द्वारा जून 2017 में बीजिंग में आयोजित किया गया था।
चीनी सामाजिक विज्ञान अकादमी के उपाध्यक्ष प्रो गाओ पियॉन्ग ने फोरम में भाग लेने के लिए 20 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व किया। भारतीय विश्व मामले परिषद में भारत के विभिन्न हिस्सों के 20 थिंक-टैंक, विश्वविद्यालय और संस्थानों के प्रतिभागी शामिल थे।
"एशियन शताब्दी की ओर सभ्यता का जुड़ाव" थीम के तहत फोरम ने पारस्परिक हित के द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर गहन चर्चा की जिसमें रणनीतिक संचार और रणनीतिक वास्तविकता; वैश्विक अर्थव्यवस्था की स्थिति तथा भारत और चीन की स्थिति, सामाजिक विकास और दोनों देशों के सामने चुनौतियां, और संस्कृति एवं साहित्य के माध्यम से लोगों को जोड़ना शामिल हैं। चर्चा सौहार्द और खुलेपन की भावना के साथ हुई।
दोनों पक्षों के विशेषज्ञों ने कहा कि फोरम बहुत कम समय में दोनों देशों के बीच आपसी समझ को बढ़ावा देने तथा मित्रता और सहयोग को मजबूत करने में सफल रहा है। उन्होंने सार्थक वार्ता को बढ़ाने में भारत-चीन संबंधों में थिंक-टैंक की महत्वपूर्ण भूमिका पर प्रकाश डाला।
उद्घाटन सत्र में पढ़े गए भारत के विदेश मंत्री के संदेश को इस विज्ञप्ति के अनुलग्नक के रूप में देखा जा सकता है।
चौथा भारत-चीन थिंक-टैंक फोरम चीन में 2019 में आयोजित किया जाएगा।
नई दिल्ली
21 दिसंबर, 2018
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अनुलग्नक:
तृतीय भारत-चीन थिंक-टैंक फोरम को विदेश मंत्री का संदेश
मुझे यह जानकर प्रसन्नता हुई है कि तृतीय भारत-चीन थिंक-टैंक फोरम नई दिल्ली में 20-21 दिसंबर 2018 को आयोजित किया जा रहा है, जिसका नेतृत्व हमारे देश की ओर से इंडियन काउंसिल ऑफ वर्ल्ड अफेयर्स (ICWA) और चीनी पक्ष पर की ओर से चीनी सामाजिक विज्ञान अकादमी जैसे दो प्रमुख संस्थान द्वारा किया जा रहा है।
अपने पिछले दो संस्करणों में गुणवत्तापूर्ण विचार-विमर्श के माध्यम से, इस फोरम ने खुद को हमारे शिक्षाविदों और विद्वानों के बीच नियमित और निरंतर चर्चा के लिए एक उपयोगी ढांचे के रूप में स्थापित किया है और उन्हें दोनों पक्षों की सरकारों को संरचित सलाह और सिफारिशें प्रदान करने में सक्षम बनाया है। मित्रता और खुलेपन की भावना से आयोजित इन चर्चाओं ने हमारे दोनों देशों के बीच आपसी विश्वास और समझ बढ़ाने में बहुत योगदान दिया है।
मुझे यह जानकर खुशी हुई कि फोरम का यह संस्करण" एशियन शताब्दी की ओर सभ्यता का जुड़ाव " की थीम के तहत आयोजित किया जा रहा है। जैसा कि हम अपने सभ्यतागत बंधनों का पता लगाते हैं और अपने प्राचीन विद्वानों द्वारा संकलित आपसी सीखने की भावना से प्रेरणा लेते हैं, हमारे दोनों देशों के बीच निहित बौद्धिक जुड़ाव में विश्वास पुनःस्थापित हुआ है। जैसा कि हमारे संबंध गहरे हो रहे हैं तथा हमारी क्षेत्रीय और अंतर्राष्ट्रीय भूमिका विकसित हो रही है, हम दोनों देशों से एशिया का नेतृत्व करने और एक 'एशियाई शताब्दी' की शुरुआत करने की उम्मीदें हैं।
फोरम के इस संस्करण को सांस्कृतिक और जनता से जनता का आदान-प्रदान पर नव-गठित भारत-चीन उच्च स्तरीय तंत्र के एक महत्वपूर्ण घटक के रूप में आयोजित किया जा रहा है, जिसे प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति शी जिनपिंग के इस साल अप्रैल में वुहान में अपने अनौपचारिक शिखर सम्मेलन में लिए गए निर्णय के अनुसार स्थापित किया गया है। यह हमारे जनता से जनता के संबंधों में शैक्षणिक और विद्वानों के आदान-प्रदान की महत्वपूर्ण भूमिका को रेखांकित करता है।
मुझे विश्वास है कि इस फोरम में सरल और स्पष्ट विचार-विमर्श होगा और मैं इन विचार-विमर्शों से उत्पन्न होने वाले सकारात्मक परिणामों को देखने के लिए उत्सुक हूं। हमारे दोनों देशों के बीच निकट विकासपरक भागीदारी को और गहरा करने के लिए ये बहुत महत्वपूर्ण नीतिगत साधन होंगे।
मैं तृतीय भारत-चीन थिंक-टैंक फोरम के सफल आयोजन के लिए अपनी शुभकामनाएं देता हूं।
नई दिल्ली
20 दिसंबर 2018