मुझे बांग्लादेश के सूचना और प्रसारण मंत्री माननीय डॉ. हसन महमूद का गर्मजोशी से स्वागत करते हुए बहुत खुशी हो रही है। हम ऑल इंडिया रेडियो के स्वर्गीय श्री यू.एल. बरुआ द्वारा “ए बांगलादेश वॉर कमेंट्री” शीर्षक से लिखी गई और विश्व मामलों की भारतीय परिषद द्वारा प्रकाशित पुस्तक का विमोचन करने के लिए हसन महमूद के सहमत होने पर गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं। मैं बांगलादेश के उच्चायुक्त महामहिम मुहम्मद इमरान और श्री यू.एल. बरुआ के परिजनों का जो आज हमारे बीच उपस्थित हैं का भी स्वागत करना चाहूंगी।
पुस्तक का विमोचन एक ऐसे ऐतिहासिक समय में हो रहा है जब बांग्लादेश अपनी स्वतंत्रता की स्वर्ण जयंती के साथ-साथ राष्ट्रपिता बंगबंधु - शेख मुजीर्बुरहमान की जन्म शताब्दी मना रहा है। इस वर्ष, भारत और बांग्लादेश भी अपने राजनयिक संबंधों की स्थापना के 50 वर्ष मना रहे हैं।
महामारी के खिलाफ लड़ाई में भी भारत और बांग्लादेश कोविड से संबंधित मुद्दों में बड़े पैमाने पर सहयोग कर रहे हैं। मार्च 2021 में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की बांग्लादेश की आधिकारिक यात्रा जो कि कोविड महामारी के प्रकोप के बाद से उनकी पहली विदेश यात्रा थी ने दोनों देशों द्वारा एक-दूसरे को दिए जाने वाले महत्व को रेखांकित किया था। अब वहां के मंत्री महमूद की भारत यात्रा हमारे द्विपक्षीय संबंधों की इस गति को बनाए रखने के लिए दोनों देशों की इच्छा को प्रतिबिंबित कर रही है।
हम प्रधानमंत्री शेख हसीना के गतिशील नेतृत्व में मानव विकास और आर्थिक प्रगति में बांग्लादेश की उल्लेखनीय उपलब्धियों की प्रशंसा करते हैं। यह एक आश्वस्त और समृद्ध बांग्लादेश है जो आज अपनी 50 साल की यात्रा का जश्न मना रहा है।
इस महत्वपूर्ण वर्ष में, पिछले पांच दशकों की लोमहर्षक घटनाओं को संस्मरणों, इतिहास और लेखन के माध्यम से दर्ज किया जा रहा है। श्री यू.एल. बरुआ की यह पुस्तक “ए बांग्लादेश वॉर कंमेंट्री” एक तरह से, अन्याय, भेदभाव और नरसंहार के खिलाफ लड़ाई में बांग्लादेश के बहादुर लोगों के बलिदान को श्रद्धांजलि है। बंगबंधु के दृढ़ विश्वास के नेतृत्व में, यह एक क्रूर और सशस्त्र उत्पीड़क सत्ता के खिलाफ दृढ़ संकल्प, साहस और धैर्य की कहानी है।
यह पुस्तक उन विभिन्न घटनाओं को बेहतर तरीके से समझने में मदद करती है जिनके कारण मुक्ति संग्राम हुआ और यह उन सर्वोच्च बलिदानों की याद दिलाती है जिन्होंने एक गौरवशाली राष्ट्र बांग्लादेश को जन्म दिया।
आईसीडब्ल्यूए को माननीय मंत्री जो बांग्लादेश के मुक्ति संग्राम और भारत-बांग्लादेश संबंधों की अपनी विद्वतापूर्ण समझ के लिए भी जाने जाते हैं,की गरिमामयी उपस्थिति में इस कार्यक्रम की मेजबानी करने में अति प्रसन्नता हो रही है।
मंत्री महोदय! आपकी उपस्थिति के लिए धन्यवाद।
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