अगस्त 2023 से शुरू होकर, अभूतपूर्व सूखे के कारण, 82-किलोमीटर लंबी पनामा नहर के जल स्तर में कमी आई जिसके कारण नहर से जहाज गुजर नहीं पाए और नहर से पहले जहाजों की बड़ी भीड़ देखी गई। बारिश की कमी का करण अल नीनो कारक को बताया गया। नहर में पानी की आपूर्ति गैटुन और अलाजुएला झीलों द्वारा की जाती है और यह नहर जहाजों को पार करने के लिए जल स्तर बढ़ाने हेतु एक लॉक सिस्टम पर निर्भर करती है। पानी की मात्रा में कमी का मतलब था कि एक तरफ जहाँ भारी जहाज वहाँ से गुज़र नहीं सकते, वहीं दूसरी तरफ छोटे जहाजों को नहर पार करने के लिए लंबा इंतज़ार करना पड़ेगा। इसके कारण अधिकारियों को नहर से होकर गुजरने वाले शिपिंग यातायात पर प्रतिबंध लगाना पड़ा, जिससे देरी हुई। जहाजों के माध्यम से माल को गंतव्य तक पहुँचाने के लिए नहर के एक छोर पर माल को उतारने और सड़क मार्ग से दूसरे छोर तक पहुँचाए जाने की खबरें भी थीं। गतिरोध से बचने के लिए कई जहाजों ने लातिन अमेरिका के दक्षिणी मैगलन जलडमरूमध्य (स्ट्रेट्स ऑफ मैगलन) और ड्रेक पैसेज का खतरनाक मार्ग अपनाया। संपूर्ण प्रकरण पनामा नहर के काम करने संबंधी समस्याओं और इसकी दीर्घकालिक व्यवहार्यता पर सवाल उठाता है। दूसरी ओर, पनामा में अधिकारी पनामा नहर की कार्यक्षमता को बनाए रखने के लिए पानी की अतिरिक्त आपूर्ति के विकल्पों को तलाशने पर विचार कर रहे हैं। इसलिए, पनामा नहर की दीर्घकालिक कार्यक्षमता और व्यवहार्य विकल्पों पर प्रश्न तो हैं।
रसद, परिवहन और नहर की व्यवहार्यता के संकट के अलावा, अमेरिका और चीन के बीच भू–राजनीतिक खींचातानी भी बढ़ती जा रही है। वर्ष 1999 में, पनामा सरकार ने तटस्थता, सभी तक पहुँच की अनुमति और भेदभावपूर्ण टोल न लगाने की शर्त पर नहर पर स्वामित्व का प्रयोग किया था। चीन ने नहर के किनारे बंदरगाहों, रसद और बुनियादी ढांचों में निवेश किया है जिससे अमेरिका बहुत चिंतित है। एक तरफ जहाँ पनामा को निवेश, उन्नयन और नए आधारभूत संरचनाओं की आवश्यकता है और वह अपनी अर्थव्यवस्था में विविधता लाना चाहता है, वहीं दूसरी तरफ अमेरिका इस क्षेत्र पर अपने अधिकार को बनाए रखना चाहता है।
पनामा नहर के मुद्दे को समझें
पनामा नहर जहाजों को अटलांटिक या प्रशांत महासागर से पार करने का रास्ता देती है जिससे परिवहन लागत और समय दोनों बचता है। साल 1914 में अमेरिका द्वारा निर्मित इस नहर को 1999 में पनामा को सौंप दिया गया था और अब इसका प्रबंधन पनामा ही करता है। यह देश के राजस्व का भी एक प्रमुख स्रोत है। पनामा नहर के संचालन से पनामा को प्रतिवर्ष औसतन करीब तीन (3) अबर अमेरिकी डॉलर[i] की आय होती है। क्षेत्र के भूगोल के कारण, नहर एक प्रकार के लॉक सिस्टम और दो लेन, जो वाटर एलिवेटर्स (पानी के स्तर को उपर उठाने वाले) के रूप में काम करते हैं, का प्रयोग करती है। ये लेन जल के स्तर को समुद्र के स्तर से ऊपर उठाने में मदद करते हैं जिससे जहाजों को गुजरने में मदद मिलती है, किसी भी किनारे पर पहुंचने में जहाजों को 8 से 10 घंटे का समय लगता है। पानी दो झीलों– गैटुन झील और अलाजुएला झील[ii] से मिलता है। गैटुन झील में जल का स्तर आर्दर्श रूप से 87 फीट से ऊपर होना चाहिए जबकि यह 80 फीट से नीचे के स्तर पर काम कर रही थी, इसी तरह अलाजुएला झील में जल का स्तर 215 के मुकाबले 209 फीट था, नहर को अपनी पूरी क्षमता से काम करने के लिए इसका जल स्तर 215 फीट होना अनिवार्य है। इस बात को ध्यान में रखना भी महत्वपूर्ण है कि गैटुन झील पूरे देश के पेयजल का मुख्य स्रोत है और चग्रेस नदी पर बांध बनाकर कृत्रिम रूप से इसे बनाया गया है।
मध्य अमेरिका के साथ– साथ पनामा में भी 2023 में भयंकर सूखा पड़ा और यहां वार्षिक औसत से 43 फीसदी[iii] कम बारिश हुई। यहां तक कि वसंत और गर्मी के मौसम में भी पनामा में बहुत कम बारिश हुई जिसके कारण दोनों झीलों में पानी की मात्रा कम हो गई। हालात को और खराब अल नीनो ने बना दिया, अल नीनो के कारण गर्म हवाएं चलती हैं और वर्षा कराने वाली हवाओं का मार्ग अवरुद्ध होता है जिससे बारिश कम होती है। इसके कारण ही नहर ठीक से काम नहीं कर रही और शिपिंग प्रतिबंध भी लाने पड़ रहे हैं।
यह स्थिति दर्शाती है कि कैसे जलवायु की बदलती परिस्थितियां बुनियादी ढांचे, परिवहन और रसद को प्रभावित करती हैं जिसके कारण अंतरराष्ट्रीय व्यापार और शिपिंग में बाधा आती है।
स्रोत: मेनार्गुएज़ एंड फ्लोर (2017). “द न्यू पनामा कैनाल”, इंटेक, https://www.researchgate.net/figure/General-map-of-the-Panama-Canal-and-its-enlargement-Below-longitudinal-cut-of-the_fig1_319400464.
पनामा नहर की कार्यक्षमता के कम होने के प्रभाव
पनामा नहर के उचित संचालन को बनाए रखने में असमर्थता के कारण, प्राथमिक प्रभाव शिपिंग पर पड़ता है। यह नहर खुद पर निर्भर लैटिन अमेरिकी देशों के अलावा अमेरिका, कनाडा, जापान, चीन और दक्षिण कोरिया जैसे देशों के साथ वैश्विक शिपिंग के 6 प्रतिशत[iv] कारोबार का उत्तरदायी है। पानी के मात्रा में कमी का मतलब है कि पनामा नहर प्राधिकारण को शिपिंग पर प्रतिबंध लगाने के लिए विवश होना पड़ा, जिसमें प्रतिदिन केवल 30 से लेकर 24 जहाजों को[v] गुजरने की अनुमति थी। इन परिस्थितियों के कारण, जहाजों को या तो लातिन अमेरिका के दक्षिणी सिरे के आसपास फिर से जाना पड़ा या सड़क मार्ग से परिवहन की तलाश करनी पड़ी। चिकित्सीय और जल्द खराब हो जाने वाली वस्तुओं से भरे जहाजों को प्राथमिकता दी गई जबकि कई अन्य ने नहर के दोनों छोर पर अपने माल को उतारने और चढ़ाने का विकल्प चुना और गंतव्य की ओर बढ़े। छोटे जहाज अभी भी नहर से गुजर पा रहे हैं जबकि बड़े जहाज सबसे अधिक प्रभावित हुए क्योंकि उन्हें नहर से पार होने की अनुमति देने के लिए पर्याप्त पानी नहीं था[vi]। इससे पहले, जहाज मार्ग को बुक कर सकते थे और लगभग 3 से 5 दिनों की प्रतीक्षा कर सकते थे या बिना स्लॉट बुक किए भी प्रतीक्षा कर सकते थे[vii]। हालांकि, अब प्रतीक्षा का समय कई गुना बढ़ गया है और कुछ मामलों में, सबसे अधिक बोली लाने वाले को स्लॉट दिए गए। इन संपूर्ण प्रक्रियाओं का अर्थ या परिवहन की लागत में वृद्धि, माल की क्षति और निकासी के लिए अंतहीन प्रतीक्षा के साथ कुछ जहाजों को नहर से पार होने की अनुमति देने से पहले 10 से 21 दिनों[viii] तक की प्रतीक्षा करनी पड़ रही है।
इन घटनाओं के कारण व्यापार और रसद में व्यवधान पैदा हुआ है लेकिन पनामा, जो नहर से मिलने वाले राजस्व और अपने स्वयं के रसद के लिए इस पर बहुत अधिक निर्भर है, जितना कोई अन्य देश प्रभावित नहीं हुआ है। जैसे, यह नहर के रास्ते पारगमन अधिकार देने के माध्यम से अपने सकल घरेलू उत्पाद का 6.6 प्रतिशत आय करता है और शिपिंग में देरी के कारण उसे पहले ही लगभग 20 करोड़ (200 मिलियन) अमेरिकी डॉलर का नुकसान हो चुका है।
पनामा नहर के संभावित समाधान और विकल्प
नहर प्राधिकरण ने अभी तक शिपिंग पर दैनिक प्रतिबंध नहीं हटाया है और झीलों में पानी की मात्रा बढ़ाने के तरीके तलाश रहे हैं। प्रस्तावित समाधान एक कृत्रिम जलाशय बनाने के लिए नहर के पश्चिम से गुजरने वाली इंडियो[ix] नदी पर बांध बनाना है जिससे पानी गैटुन झील में डाला जा सके और उसके जल का स्तर बढ़ सके। सुझाव यह दिया गया है कि इससे न केवल गैटुन झील में जल स्तर की समस्या कम हो सकता है, बल्कि पीने योग्य पानी की कमी का समाधान भी हो सकता है। दूसरी ओर, क्षेत्र की पारिस्थितिकी को देखते हुए ऐसे बांध का निर्माण एक जोखिम भरा कार्य हो सकता है और ऐसा जलाशय पर्याप्त वर्षा पर भी निर्भर करेगा। इसी तरह, बायनों झील से पानी लेना संभव है जो नहर के पूर्व में है, एक मात्र समस्या पारिस्थितिकी को नुकसान पहुंचाने और दोनों के बीच की लंबी दूरी है।
विकल्प के रूप में, निकारागुआ ने 2013 में निकारागुआ नहर[x] बनाने की योजना बनाई और चीन की एक कंपनी एचके निकारागुआ कैनाल डेवलपमेंट इन्वेस्टमेंट ग्रुप, को, 50- वर्ष की रियायतें दीं[xi]। धन की अनुपलब्धता, भूवैज्ञानिक और पर्यावरणीय कारणों से परियोजना को रद्द कर दिया गया था केवल प्रशांत जेटी का ही निर्माण किया जा सकता था। मैक्सिको जैसे दूसरे लातिन अमेरिकी देश विकल्प तलाश रहे हैं। मैक्सिको का इंटरोसेनिक कॉरिडोर[xii] 300- किलोमीटर लंबे रेल मार्ग को आधुनिक बनाने की परियोजना है जो प्रशांत और अटलांटिक के तटों को जोड़ती है। हालांकि यात्री ट्रेनों का परिचालन जारी है, माल ढुलाई के लिए कोटज़ाकोलकोस और सलीना क्रूज़ के दोनों ओर के बंदरगाहों को अपग्रेड करने की जरूरत है।
स्रोत: कॉन्सटेंट जियोग्राफी (2021, https://constantgeography.com/introduction-to-world-geography/central-america/.
प्रस्तावित 2250- किलोमीटर वाली बायोसेनिक कॉरिडोर[xiii], जिसमें राजमार्गों और रेलवे का नेटवर्क भी है, चिली, बोलीविया, अर्जेंटीना, पैराग्वे औऱ ब्राज़ील को जोड़ने का प्रयास है, और इसका उद्देश्य लैटिन अमेरिकी तटों को जोड़ना है। हालांकि आधारभूत सुविधाओं से संबंधित कुछ काम[xiv] पूरे किए जा चुके हैं, पैराग्वे नदी पर पुल के निर्माण से जुड़ी कुछ चिंताएं और स्थानीय समुदायों की आपत्तियां हैं।
हालांकि पनामा नहर के समान विकल्प का निर्माण करना इस समय मुश्किल लग सकता है, भूमि–आधारित मार्ग पनामा नहर पर निर्भरता को कम करने में मदद तो करेंगे लेकिन सड़क और रेल मार्ग द्वारा धीमी गति और कार्गों की कम क्षमता जैसे नकारात्मक पहलू भी हैं।
स्रोत: मोंगबे. (2023). बायोसेनिक कॉरिडोर https://news.mongabay.com/2023/06/a-mega-highway-threatens-south-americas-vulnerable-gran-chaco/.
पनामा नहर पर अमेरिका और चीन के भूराजनीतिक मुद्दे
साल 1999 में पनामा द्वारा आधिकारिक तौर पर नहर का स्वामित्व लेने के साथ इसकी अर्थव्यवस्था में सुधार आया और इस बीच अमेरिका नहर की तटस्थता, गैर–भेदभावपूर्ण टोल नीति और सभी तक पहुँच से संतुष्ट था। अमेरिका गोलार्ध में अपनी स्थिति को मजबूत बनाने के लिए पनामा नहर को रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण मानता है। पहले, यह नहर द्वितीय विश्व युद्ध और वियतनाम युद्ध के दौरान युद्ध सामग्रियों के परिवहन मार्ग के रूप में काम करती थी। नहर का उपयोग करने वाले जहाजों के मूल और गंतव्य में अमेरिका शीर्ष स्थान पर है[xv], इसके बाद चीन, जापान, दक्षिण कोरिया और मैक्सिको आते हैं। वर्ष 2016 में नहर के विस्तार के बाद, तीन प्रमुख व्यापार मार्गों– अमेरिका के खाड़ी तट और पूर्वी तट से एशिया तक, अमेरिका से लैटिन अमेरिका और अमेरिका से यूरोप तक[xvi], के संबंध में इस पर अमेरिका की निर्भरता कई गुना बढ़ गई है। ये व्यापार मार्ग[xvii] अमेरिकी अर्थव्यवस्था के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण हैं और पनामा नहर के निर्बाध कामकाज पर निर्भर करते हैं। इसलिए, अमेरिका के लिए नहर पर मजबूत रणनीतिक पकड़ बनाए रखना अत्यंत महत्वपूर्ण है।
चीन ने स्पष्ट कारणों से, अमेरिकी प्रभाव का मुकाबला करने एवं उसके खिलाफ रणनीतिक मजबूती प्राप्त करने के लिए पनामा में अपनी उपस्थिति को बढ़ाने का प्रयास किया है। वर्ष 2017 में चीन और पनामा द्वारा राजनयिक संबंध स्थापित करने के बाद से चीन ने बुनियादी ढांचे, जल शोधन के क्षेत्र में बहुत अधिक निवेश किया, 4 अरब अमेरिकी डॉलर मूल्य वाले हाई स्पीड रेल मार्ग का निर्माण किया[xviii], और 90 करोड़ (900 मिलियन) अमेरिकी डॉलर लागत से बिजली संयंत्र बनवाया। इसके अलावा, यह पनामा नहर के साथ दो बंदरगाहों, बाल्बोआ और क्रिस्टोबल में हचिसन– व्हामपोआ का भी संचालन करता है और 90 करोड़ (900 मिलियन) अमेरिकी डॉलर मूल्य के सौदे के जरिए चीन के लैंडब्रिज ग्रुप ने मार्गारीटा द्वीपसमूह और कोलन मुक्त व्यापार के क्षेत्र के सबसे बड़े बंदरगाह का शासन अधिकार हासिल किया है। इसके अलावा, चीन ने चाइना कम्युनिकेशंस कंस्ट्रक्शन कंपनी की मदद से पनामा– कोलोन कंटेन्ड पोर्ट भी बनाया है और पनामा नहर पर चौथा पुल[xix] बनाने के लिए 1.4 अरब अमेरिकी डॉलर का अनुबंध भी हासिल किया है। पनामा नहर पर अपना अधिकार बढ़ाने के लिए चीन के लक्ष्य आर्थिक एवं रणनीतिक उद्देश्य को पूरा करते हैं। किसी भी प्रकार के विवाद की स्थिति में, पनामा नहर से व्यापार और रसद के गुजरने को रोका जा सकता है जो अमेरिका की स्थिति को कमज़ोर बना सकता है।
चीन के रवैये ने अमेरिका के लिए बहुत चिंताएं पैदा कर दी हैं, जो नहर में तटस्थ स्थिति बनाए रखना चाहता है[xx] और वैश्विक चीन– अमेरिका प्रतिस्पर्धा को ध्यान में रखते हुए चीन को अपने आसपास से किसी भी रणनीतिक लाभ उठाने नहीं देना चाहता। पनामा और मध्य अमेरिका का बड़ा क्षेत्र प्रवासियों के साथ– साथ नशीले पदार्थों का पारगमन बिन्दु भी है, जो परेशानी को और बढ़ाता है। चीन– अमेरिका के प्रतिस्पर्धा की परवाह किए बिना पनामा चीन और अमेरिका दोनों से अधिकतम अवसर[xxi] प्राप्त करना चाहता है। यह निवेश, संपत्तियों एवं अवसंरचनाओं का निर्माण और आर्थिक समृद्धि चाहता है।
पनामा नहर एवं चीन– अमेरिका भू–राजनीतिक प्रतिस्पर्धा के संबंध में पनामा की स्थिति
कुछ मुख्य बातें हैं जो पनामा नहर के संदर्भ में पनामा की स्थिति और अमेरिका एवं चीन के बीच भू–राजनीतिक खींचतान को दर्शाती हैं।
पनामा नहर न केवल राजस्व और रोज़गार के मामले में बल्कि इसकी राष्ट्रीय पहचान के एक हिस्से के रूप में भी देश में एक महत्वपूर्ण स्थान रखती है[xxii]। पनामा के दृष्टिकोण से, कमियों के बावजूद, पनामा नहर की प्रधानता बनाए रखना एक महत्वपूर्ण उद्देश्य है। पनामा में 5 मई 2024 को चुनाव होने वाले हैं और कई राजनीतिक दलों ने पानी की कमी और पनामा नहर के काम करने के संबंध में चिंता जताई है। सभी राजनीतिक दलों के बीच इस बात पर आम सहमति है कि पर्यावरणीय कारकों से उत्पन्न चुनौतियों पर ध्यान देने की आवश्यकता है[xxiii]। जो कुछ व्यापक प्रस्ताव सामने आए हैं उनमें हाइड्रोग्राफिक बेसिन का विस्तार करना और अधिक पानी तक पहुँच बनाना[xxiv], और नहर के साथ–साथ खपत हेतु पानी के उपयोग को तर्कसंगत बनाना शामिल है। नहर के साथ परिचालन संबंधी समस्याएं हैं और इसलिए वैकल्पिक शिपिंग मार्गों को तलाशने की जरूरत है। हालांकि लैटिन अमेरिका में भूमि– गलियारे काम कर रहे हैं, लेकिन अभी तक पनामा नहर का कोई तत्काल विकल्प नहीं मिल सका है।
अमेरिका और चीन के बीच भू–राजनीतिक खींचातानी के संबंध में, पनामा दोनों देशों के साथ अच्छे संबंध बनाए रखना चाहते है और अपने लाभों को बढ़ाना चाहता है। जुआन कार्लोस वेरेला की अध्यक्षता में 2017 में पनामा द्वारा चीन को दी गई स्वीकृति ने न केवल अमेरिका में बल्कि घरेलू हलकों में भी चिंता बढ़ा दी है। उदाहरण के लिए, जहां कृषि क्षेत्र में सकारात्मकता देखने को मिली वहीं पशुधन क्षेत्र ने चीन के साथ व्यापार करने पर चिंता जताई क्योंकि उन्हें नुकसान की आशंका थी। शेष भुगतान में होने वाली देरी और अमेरिका के साथ संभावित टकराव मुख्य मुद्दे थे। साल 2019 में लॉरेंटिनो कॉर्टिज़ो के राष्ट्रपति चुने जाने के बाद चीन की कई परियोजनाओं की समीक्षा की गई और कुछ को रोक दिया गया[xxv]। पनामा और चीन के बीच गहरे होते संबंधों के बावजूद, अमेरिका महत्वपूर्ण भागीदार बना हुआ है, हालांकि उसे चीन से प्रतिस्पर्धा का सामना करना पड़ रहा है[xxvi]। पनामा और अमेरिका के बीच कुछ पूरक हितों में अमेरिकी प्रवासन तक पहुँच, अवैध नशीली दवाओं और मानव तस्करी से निपटना एवं अमेरिका से आर्थिक सहयोग प्राप्त करना शामिल है। अमेरिका पनामा नहर का सबसे अधिक उपयोग भी करता है और द्विपक्षीय निवेश संधि एवं व्यापार संवर्धन अनुबंध के दायरे में पनामा के साथ उसके गहरे आर्थिक संबंध हैं[xxvii]।
हालाँकि अमेरिका और चीन पनामा और विशेष रूप से पनामा नहर के प्रति अपने नज़रिए के संबंध में एक– दूसरे के प्रति चौकन्ना हैं, पनामा क्या चाहता है– अपनी रणनीतिक स्थिति को लाभ बिन्दु बनाकर दोनों से बड़े आर्थिक लाभ प्राप्त करना।
निष्कर्ष
पनामा नहर से संबंधित संकट इस बात पर रौशनी डालता है कि जलवायु की बदलती परिस्थितियां किस प्रकार बड़े पैमाने पर परिवहन, व्यापार और अर्थव्यवस्था को प्रभावित करती हैं। यह नहर, जो न केवल पनामा के लिए राजस्व का एक प्रमुख स्रोत है, बल्कि इसकी पहचान भी है, कम वर्षा और परिणामस्वरूप घटते जल स्तर के कारण गंभीर समस्याओं का सामना कर रही है। हालांकि वैश्विक व्यापार निश्चित रूप से प्रभावित हुआ है और यह प्रवृत्ति तब तक जारी रहेगी जब तक कि नहर की पूर्ण–कार्यक्षमता बहाल नहीं हो जाती, अल्पावधि में ऐसे विकल्पों की तलाश करना मुश्किल है जो पनामा नहर के रूप में आर्थिक रूप से टिकाऊ हो सकते हैं। इससे पनामा की अर्थव्यवस्था को भी झटका लगा है क्योंकि नहर से देश को बहुत अधिक राजस्व मिलता है। इसके अलावा, पनामा में लगातार चीन– अमेरिका प्रतिस्पर्धा देखी जा रही है और वह समान दूरी बनाए रखते हुए निवेश की मांग कर रहा है और दोनों के साथ सहयोग कर रहा है। ऐसे में जबकि पनामा नहर प्राधिकरण इसकी पूर्ण कार्यक्षमता के बारे में आशावादी है, यह पूरा प्रकरण पनामा नहर पर निर्भरता, चीन और अमेरिका के बीच बढ़ती भूराजनीतिक प्रतिस्पर्धा और तत्काल विकल्पों की कमी को उजागर करता है।
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*डॉ. अर्नब चक्रवर्ती, शोधकर्ता, भारतीय वैश्विक परिषद, नई दिल्ली।
अस्वीकरण: व्यक्त किए गए विचार व्यक्तिगत हैं।
डिस्क्लेमर: इस अनुवादित लेख में यदि किसी प्रकार की त्रुटी पाई जाती है तो पाठक अंग्रेजी में लिखे मूल लेख को ही मान्य माने ।
अंत टिप्पण
[i] Barrons. (18th December 2023). Panama says its canal produced record revenue despite drought. Accessed 11th April 2024. https://www.barrons.com/news/panama-says-its-canal-produced-record-revenue-despite-drought-8368e0aa.
[ii] Smithsonian Tropical Research Institute. (17th January 2024). More trees, more water. Accessed 12th April 2024. https://stri.si.edu/es/node/889.
[iii] Sarah Ruiz & Christina Shintani. (20th February 2024). Drought in Panama is disrupting global shipping. These 7 graphics show how. Woodwell Climate Research Center. Accessed 11th April 2024. https://www.woodwellclimate.org/drought-panama-canal-7-graphics/.
[iv] Ibid.
[v] Canal de Panama (2023). Panama Canal faces high demand of vessels. Accessed 11th April 2024. https://pancanal.com/en/panama-canal-faces-high-demand-of-vessels/.
[vi] Since September 2023 the number of ships traversing through the canal continued to drop to an average of 12 per day in December 2023. Even since the start of January 2024 and till date less than 30 ships are allowed to use the canal. As on April 2024, 36 ships are still waiting for transit. Under normal circumstances, around 1000 ships pass through the canal each month.
[vii] David Becker. (12th October 2023). Shipping faces challenge to adapt to latest Panama Canal transit limit and booking system changes for the long haul. Inchape Shipping Services, Accessed 23rd April 2024. https://www.iss-shipping.com/shipping-faces-challenge-to-adapt-to-latest-panama-canal-transit-limit-and-booking-system-changes-for-the-long-haul/#:~:text=Battle%20to%20curb%20waiting%20times&text=Ayala%20said%20daily%20transits%20have,waiting%20to%20traverse%20the%20canal..
[viii] Rebecca Cohen (23rd August 2023). More than 200 ships are in a traffic jam outside the Panama Canal, showing we can’t get through a year without big boats getting stuck. Business Insider, Accessed 23rd April 2024. https://www.businessinsider.in/thelife/news/more-than-200-ships-are-in-a-traffic-jam-outside-the-panama-canal-showing-we-cant-get-through-a-year-without-big-boats-getting-stuck/articleshow/102956147.cms.
[ix] The proposed project is estimated at around US$ 900 million and may take around 6 years to complete. Even then, there are diverse groups within the country that oppose such projects considering the pristine ecology of the country.
[x] Similar to the Panama Canal, the Nicaragua Canal sought to create a route based on Lake Nicaragua and connect the Atlantic and Pacific coasts of the country. If completed, it is estimated that it could surpass the capacity of the Panama Canal owing to the large amount of water reserves in Lake Nicaragua.
[xi] Jean Paul Rodrigue & Theo Notteboom. (2022). The Nicaragua Canal Project. Port Economics, Management and Policy. Accessed 24th April 2024. https://porteconomicsmanagement.org/pemp/contents/part9/nicaragua-canal-project/.
[xii] Known as the Interoceanic Corridor of the Isthmus of Tehuantepec (CIIT), it is a revival of a century old Tehuantepec Railway built during the tenure of President Porfirio Diaz in 1907.
[xiii] in 2015 the governments of Brazil, Argentina, Chile, Paraguay signed the Asunción Declaration to create the Bioceanic Corridor. The objective was to strengthen transportation and logistics capacities such as railway, roads and tunnels to facilitate passenger and goods transportation.
[xiv] Mapfre Global Risks. (8th January 2024). Bioceanic Corridor- a transportation artery across Latin America. Accessed 24th April 2024. https://www.mapfreglobalrisks.com/en/risks-insurance-management/article/bi-oceanic-corridor-a-transportation-artery-across-latin-america/.
[xv] 72.5 percent of ships passing through the Canal has its origin or destination in the US, which also accounts for 40 percent of the total contained traffic annually.
[xvi] Nathaniel J. Swank. (2022). United States National Security Policy towards the Panama Canal in an era of Great Power Confict. Naval Postgraduate School. Accessed 24th April 2024. https://mail.google.com/mail/u/0/#sent/KtbxLvhKPbVWqTVsswVjwxGnRjXggxkVLq?projector=1&messagePartId=0.1.
[xvii] The US is a major supplier and importer of goods such as raw materials, agricultural goods, chemicals and petroleum products which depends on the functionality of the Panama Canal.
[xviii] Daniel Runde & Amy Doring. (21st May 2021). Key decision point coming for the Panama Canal. CSIS, Accessed 23rd April 2024. https://www.csis.org/analysis/key-decision-point-coming-panama-canal.
[xix] Selwyn Parker. (22nd January 2024). US, China clash over neutrality of drought-hit Panama Canal. Riviera, Accessed 23rd April 2024. https://www.rivieramm.com/news-content-hub/news-content-hub/us-and-china-clash-over-neutrality-of-drought-hit-panama-canal-79323.
[xx] John Grady. (24th March 2022). Chinese investment near Panama Canal, Strait of Magellan major concern for US Southern Command. USNI News, Accessed 24th April 2024. https://news.usni.org/2022/03/24/chinese-investment-near-panama-canal-strait-of-magellan-major-concern-for-u-s-southern-command.
[xxi] Michael Stott. (3rd May 2023). US-China rivalry could trample Panama underfoot. Financial Times, Accessed 23rd April 2023. https://www.ft.com/content/4ed2907c-4c9e-40e5-b6c8-dcbb832eba99.
[xxii] Seth O’Farrell. (14th November 2023). Climate change throws Panama into chaos. FDI Intelligence, Accessed 30th April 2024. https://www.fdiintelligence.com/content/news/climate-change-throws-panama-into-chaos-83162.
[xxiii] Maxwell Radwin. (30th April 2024). What’s at stake for the environment in Panama’s upcoming election? Mongbay, Accessed 30th April 2024. https://news.mongabay.com/2024/04/whats-at-stake-for-the-environment-in-panamas-upcoming-election/.
[xxiv] Some of these proposals range from building water treatment plants and inter-linking rivers to generate more volume of water. Others aim at forest conservation and reforestation that may positively impact the hydrological cycle over a longer period. Political parties have expressed concerns regarding mining, but there are sections of the society which believe that mining is crucial for revenue generation, despite environmental concerns and water consumption.
[xxv] Some of the Chinese funded projects that were reviewed or halted were a high-speed train, an electrical transmission project on the Caribbean coast and the Panama Metro project’s third line.
[xxvi] Loro Horta. (21st August 2020). China and Panama: Penetrating America’s Backyard, RSIS, Accessed 30th April 2024. https://www.rsis.edu.sg/rsis-publication/rsis/china-and-panama-penetrating-americas-backyard/.
[xxvii] US Department of State. (17th October 2023). US Relations with Panama. Accessed 30th April 2024. https://www.state.gov/u-s-relations-with-panama/.