सारांश : एलडीपी से जुड़ा राजनीतिक घोटाला जापान की सत्तारूढ़ पार्टी की राजनीति, घरेलू स्थिरता और अर्थव्यवस्था के साथ-साथ लोगों के विश्वास व भरोसे के संदर्भ में अच्छा नहीं रहा। 27 अक्टूबर 2024 को हुए आकस्मिक आम चुनाव के नतीजों से पता चलता है कि मतदाता सत्तारूढ़ एलडीपी-कोमीतो गठबंधन से नाराज़ है, जिससे संसद में अस्थिरता पैदा हुई। 11 नवंबर 2024 को हुए एक विशेष संसदीय सत्र में आखिरकार फैसला लिया गया कि निचले सदन में बहुमत के बिना ही शिगेरू इशिबा जापान के अगले प्रधानमंत्री बने रहेंगे।
पृष्ठभूमि
जैसा कि अपेक्षित था, सत्तारूढ़ लिबरल डेमोक्रेटिक पार्टी (एलडीपी) का नेता चुने जाने और निचले सदन में एलडीपी-कोमीतो गठबंधन के बहुमत की वजह से अंतरिम प्रधानमंत्री के रूप में कार्यभार संभालने के महज़ आठ दिन बाद 9 अक्टूबर 2024 को, शिगेरू इशिबा ने निचले सदन को भंग कर दिया और 27 अक्टूबर 2024 को आकस्मिक चुनावों की घोषणा की। उनके सत्ता संभालने और अगले आम चुनावों के बीच महज 26 दिनों का अंतराल होने की वजह से वो युद्ध के बाद जापान के इतिहास में सबसे कम समय के कार्यकाल वाले प्रधानमंत्री बन गए। यह किसी भी एलडीपी नेता के प्रधानमंत्री बनने का सबसे छोटा कार्यकाल साबित होता, अगर 11 नवंबर 2024 को आयोजित विशेष संसदीय सत्र के दौरान 30 वर्षों में अप्रत्याशित पहला रनऑफ वोट नहीं होता, जहां शिगेरू इशिबा को अंततः जापान के 103वें प्रधानमंत्री के रूप में फिर से चुना गया।[1]
इशिबा और उनके सत्तारूढ़ एलडीपी ने राजनीति से गदंगी दूर करने और कई घोटालों के बाद सदियों पुरानी पार्टी को फिर से खड़ा करने का वादा किया था, जिसमें यूनिफिकेशन चर्च से जुड़ाव से लेकर पार्टी द्वारा धन का गबन तक के घोटाले शामिल थे, जिसकी वजह से सत्तारूढ़ एलडीपी को काफी आलोचना का सामना करना पड़ा था। आम चुनावों में घरेलू मतदाता शामिल थे, जिनके वोटिंग पैटर्न पार्टी नेतृत्व के चुनावों के दौरान एलडीपी सदस्यों के पैटर्न को जरूरी नहीं दर्शाते थे। आम चुनाव को एलडीपी के लिए निर्णायक क्षण और यहां तक कि पार्टी के भविष्य को लेकर खेला गया एक जुआ माना जाता था।
जैसे ही 27 अक्टूबर 2024 को आम चुनाव के नतीजे घोषित किए गए, इसमें मतदाताओं के बीच चुनाव पूर्व सर्वे से अलग नतीजे देखने को मिले, जिसके कारण एलडीपी ने अपना संसदीय बहुमत खो दिया।[2] पिछली बार एलडीपी आम चुनाव 2009 में हारी थी, जब डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ जापान (डीपीजे) ने 2009 के निचले सदन के चुनाव में भारी बहुमत (480 में से 308 सीटें) हासिल किया था।[3]
आम चुनावों के नतीजे
27 अक्टूबर 2024 को अचानक हुए आम चुनाव के नतीजों से पता चलता है कि शिगेरु इशिदा का राजनीतिक दांव उल्टा पड़ गया है। एलडीपी-कोमीतो गठबंधन लोगों के अविश्वास और गुस्से को ठीक से न आंक सका और सिर्फ़ 215 सीटें ही जीत सके, जो बहुमत के 233 अंक से 18 कम है।[4] बताया गया है कि एलडीपी स्लश फंड घोटाले में शामिल 60 प्रतिशत से अधिक उम्मीदवार अपनी सीट जीतने करने में असफल रहे।[5] जापान की मुख्य विपक्षी कॉन्स्टिट्यूशनल डेमोक्रेटिक पार्टी (सीडीपीजे) 98 सीटों से बढ़कर 148 सीटें हासिल करने में सफल रही।[6] क्योडो न्यूज की सर्वे रिपोर्ट बताती है कि चुनाव के बाद इशिबा के मंत्रिमंडल का समर्थन दर 32 प्रतिशत तक गिर गया, और 53 प्रतिशत लोग नहीं चाहते थे कि एलडीपी का सत्तारूढ़ गठबंधन सत्ता में बना रहे।[7] कई मतदाता विपक्षी दलों की ओर मुड़ गए, ऐसे विकल्पों की तलाश में जो दबावपूर्ण आर्थिक चुनौतियों का समाधान करने और शासन पर कोई नया दृष्टिकोण प्रदान करने का वादा करते हों। मौजूदा राजनीतिक माहौल मौजूदा स्थिति से असंतोष की सामान्य भावना से जटिल है, जो आम चुनाव के नतीजों से स्पष्ट था क्योंकि ऐसा आबादी के विभिन्न वर्गों में नज़र आ रहा था।
|
पार्टी |
जीती गई सीटें |
चुनाव पूर्व |
परिवर्तन |
सत्तारूढ़ |
लिबरल डेमोक्रेटिक पार्टी (एलडीपी) |
191 |
256 |
−65 |
कोमीतो |
24 |
32 |
−8 |
|
सत्तारूढ़ गठबंधन समर्थक निर्दलीय |
6 |
7 |
−1 |
|
विपक्ष, स्वतंत्र और अन्य |
विपक्ष से जुड़े निर्दलीय |
6 |
7 |
−1 |
अन्य |
3 |
0 |
+ 3 |
|
सांसीतो |
3 |
1 |
+ 2 |
|
सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी |
1 |
1 |
0 |
|
रीवा शिनसेंगुमी |
9 |
3 |
+ 6 |
|
डेमोक्रेटिक पार्टी फॉर द पीपल (डीपीपी) |
28 |
7 |
+21 |
|
जापानी कम्युनिस्ट पार्टी |
8 |
10 |
−2 |
|
जापान इनोवेशन पार्टी |
38 |
43 |
−5 |
|
जापान कॉन्स्टिट्यूशनल डेमोक्रेटिक पार्टी (सीडीपीजे) |
148 |
98 |
+50 |
स्रोत: https://english.kyodonews.net/news/2024/10/17a98663e6d7-japanese-go-to-polls-as-new-pm-eyes-fresh-mandate-amid-money-scandal.html
स्रोत: https://english.kyodonews.net/news/2024/10/17a98663e6d7-japanese-go-to-polls-as-new-pm-eyes-fresh-mandate-amid-money-scandal.html
इस असाधारण घटनाक्रम की वजह से सत्तारूढ़ एलडीपी-कोमितो गठबंधन को विपक्षी डेमोक्रेटिक पार्टी फॉर द पीपल (डीपीपी) से संपर्क करने हेतु मजबूर कर दिया ताकि मिलकर अल्पमत सरकार बनाई जा सके।[8] डीपीपी ने कुल 28 सीटें जीतीं, जो पहले की 7 सीटों से 21 अधिक है, जबकि जापान इनोवेशन पार्टी (जेआईपी) नामक एक अन्य विपक्षी समूह की सीटें 43 से घटकर 38 रह गईं।[9] मतदाताओं के आक्रोश के कारण संसद में अस्थिरता की वजह से विपक्षी दल निचले सदन में एलडीपी के बहुमत खोने का फायदा उठाने हेतु रणनीति बनाने के लिए प्रेरित हो रहे हैं। डीपीपी ने कहा था कि वह एलडीपी-कोमितो गठबंधन में शामिल नहीं होगी, लेकिन कुछ मामलों में उनकी कुछ नीतियों का समर्थन कर सकती है।[10]
विशेष संसदीय सत्र का परिणाम
अचानक हुए आम चुनाव के परिणाम में त्रिशंकु संसद बनने की वजह से 11 नवंबर 2024 को एक विशेष संसदीय सत्र निर्धारित किया गया, जिसमें शीर्ष दो नेताओं, एलडीपी की ओर से शिगेरु इशिबा और सीडीपीजे की ओर से योशीहिको नोडा के बीच प्रधानमंत्री चुनने के लिए तीस वर्षों में पहली बार रनऑफ वोटिंग होगी। इस घटनाक्रम की वजह से विपक्षी दलों के बीच एक जटिल स्थिति भी बन गई क्योंकि वे आम सहमति वाले उम्मीदवार को चुनकर एकजुट विपक्ष बनाने के लिए आपसी समझौता नहीं कर सके।
मुख्य विपक्षी सीडीपीजे ने अपने नेता योशीहिको नोडा के लिए वोट दिया, जबकि अन्य विपक्षी दलों, जैसे डीपीपी और जापानी इनोवेशन पार्टी, ने अपने-अपने नेताओं के लिए वोट करने का फैसला किया। इसकी वजह से निचले सदन के सदस्यों द्वारा डाले गए 465 मतों में से, एलडीपी नेता शिगेरु इशिबा को 221 वोट मिले, नोडा को 160 वोट मिले, और 84 मत अवैध हो गए थे क्योंकि वे रनऑफ में सूचीबद्ध नहीं किए गए अन्य उम्मीदवारों को दिए गए थे।[11] लेकिन, इशिबा को लेकर विपक्षी दल आपसी सहमति से उम्मीदवार चुनने सहमत नहीं हो पाए। यदि विपक्षी दल आपसी सहमति बना लेते, तो वे संभवतः सर्वसम्मति से प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार के लिए लगभग 244 (160 + 84) वोटों के साथ सरकार बना सकते थे।
जैसे-जैसे इशिबा के राजनीतिक दांव से धूल जमती जा रही है और चीजें सामान्य हो रही हैं, एलडीपी-कोमीतो गठबंधन सत्ता पर काबिज होने को लेकर संघर्ष कर रहा है। अब एलडीपी गठबंधन के लिए विपक्ष को बड़ी रियायतें देकर अल्पमत सरकार चलाने का मंच तैयार है। इन बड़ी रियायतों में से पहली यह होगी कि सीडीपीजे[12] का एक विपक्षी सदस्य तीन दशकों में पहली बार प्रभावशाली निचले सदन की बजट समिति की अध्यक्षता करेगा।[13] राजनीतिक सुधार से जुड़ा एक अन्य महत्वपूर्ण पद, संसद के सबसे महत्वपूर्ण निचले सदन, प्रतिनिधि सभा गठन आयोग, भी सीडीपीजे को दिया गया।[14]
इशिदा मंत्रिमंडल को सरकार चलाने में परेशानी होने की उम्मीद है, खासकर वर्ष के अंत तक अतिरिक्त बजट विधेयक पारित करने हेतु बजट समिति में विपक्षी सदस्यों से सहयोग की आवश्यकता के कारण।[15] इशिबा के कार्यकाल को लेकर भी अटकलें लगाई जा रही हैं क्योंकि अविश्वास प्रस्ताव के कारण उनकी स्थिति खतरे में पड़ सकती है, विश्लेषकों का सुझाव है कि बजट विधेयक पर विपक्षी दलों की प्रतिबद्धताओं के बदले में वे अगले वर्ष मार्च की शुरुआत में ही पद छोड़ सकते हैं।[16]
इसके अलावा, विपक्षी नेता योशीहिको नोडा भी एलडीपी के नेतृत्व वाली अल्पमत सरकार पर राजनीतिक निधि नियंत्रण कानून में अतिरिक्त संशोधन करने का दबाव डालना चाहते हैं, जो पहले से ही डीपीपी और जापान इनोवेशन पार्टी जैसे अन्य विपक्षी दलों को स्वीकार्य है।[17] एलडीपी गठबंधन को दशकों में पहली बार, यह पता चलेगा कि बहुमत के बिना, भविष्य की चर्चाएँ अधिक समय वाली क्यों होंगी और किसी भी विधेयक को पारित करने हेतु विपक्ष की मांगों को और अधिक महत्व देना होगा।
निष्कर्ष
इस तरह की राजनीतिक उलझन के बीच शिगेरू इशिबा का दोबारा चुना जाना इस बात को दर्शाएगा कि एलडीपी के नेतृत्व वाली अल्पमत सरकार विपक्ष की मांगों को लेकर किस तरह का रुख अपनाती है। आर्थिक उपायों और राजनीतिक सुधारों पर आम सहमति बनाने हेतु इशिबा की अल्पमत सरकार जो कदम उठाएगी, उससे अंततः यह तय होगा कि उनकी गठबंधन पार्टी अपना कार्यकाल पूरा कर पाएगी या नहीं।
जापान का चुनाव काफी परिवर्तनकारी रहा है। पिछले एक दशक में हुए राजनीतिक घोटालों और आर्थिक चिंताओं की वजह से मतदाताओं की भावनाओं में बदलाव के कारण एलडीपी के प्रभुत्व को चुनौती मिली है। विपक्षी दलों का उदय यह दर्शाता है कि एक नया राजनीतिक युग आ गया है, और उनका लंबे समय तक बने रहना जापान में प्रशासन को पुनः परिभाषित कर सकता है। जैसे-जैसे राजनीतिक परिदृश्य सामने आएंगे, सभी की निगाहें इस बात पर होंगी कि ये गतिशीलता कैसे काम करती है और पूरे देश की दिशा को कैसे आकार देती है। इस बीच, यह कहा जा सकता है कि जापान में एक बार फिर राजनीतिक अस्थिरता देखने को मिलेगी।
*****
*डॉ. टुनचिनमंग लैंगेल, शोध अध्येता, भारतीय वैश्विक परिषद (आईसीडब्ल्यूए)
अस्वीकरण: व्यक्त किए गए विचार लेखक के व्यक्तिगत विचार हैं।
डिस्क्लेमर: इस अनुवादित लेख में यदि किसी प्रकार की त्रुटी पाई जाती है तो पाठक अंग्रेजी में लिखे मूल लेख को ही मान्य माने ।
अंत टिप्पण
[1] Prime Minister’s Office of Japan, 2024, “Designation of the Prime Minister,” November 11, 2024, https://japan.kantei.go.jp/103/actions/202411/11shimei.html (Accessed November 12, 2024)
[2] Kyodo News, 2024, “Japan ruling bloc struggling to retain lower house majority: poll,” October 22, 2024, https://english.kyodonews.net/news/2024/10/cc161ecd3253-japan-ruling-bloc-struggling-to-retain-lower-house-majority-poll.html (Accessed October 22, 2024)
[3] Weston S. Konishi, 2009, “Japan’s Historic 2009 Elections: Implications for U.S. Interests,” Congressional Research Service, September 8, 2009, https://sgp.fas.org/crs/row/R40758.pdf (Accessed October 22, 2024)
[4] The Asahi Shimbun, 2024, “Ruling coalition loses control of Lower House in rebuke by voters,” October 28, 2024, https://www.asahi.com/ajw/articles/15484108 (Accessed October 29, 2024)
[5] Jiji, 2024, “60% of 'slush fund' candidates lose in Japan Lower House poll,” The Japan Times, October 28, 2024, https://www.japantimes.co.jp/news/2024/10/28/japan/politics/japan-lower-house-election-slush-fund-scandal-loss/ (Accessed November 11, 2024)
[6] Kyodo News, 2024, “Japan PM seeks partners after ruling bloc loses lower house majority,” October 28, 2024, https://english.kyodonews.net/news/2024/10/33076ebdd8e3-japan-pm-seeks-partners-after-ruling-bloc-loses-lower-house-majority.html (Accessed November 11, 2024)
[7] Kyodo News, 2024, “Support rate for Ishiba's Cabinet falls to 32% after election: poll,” October 29, 2024, https://english.kyodonews.net/news/2024/10/4725ab69ef1d-urgent-support-rate-for-ishibas-cabinet-falls-to-32-after-election-poll.html (Accessed November 11, 2024)
[8] Kaoru Osawa, 2024, “Japan's Ishiba eyes minority government after opposition shuns coalition,” Nikkei Asia, October 30, 2024, https://asia.nikkei.com/Politics/Japan-election/Japan-s-Ishiba-eyes-minority-government-after-opposition-shuns-coalition (Accessed November 11, 2024)
[9] Noriyuki Suzuki, 2024, “Japan's ruling bloc loses lower house majority, a red flag for PM,” Kyodo News, October 28, 2024, https://english.kyodonews.net/news/2024/10/17a98663e6d7-japanese-go-to-polls-as-new-pm-eyes-fresh-mandate-amid-money-scandal.html (Accessed November 11, 2024)
[10] Yoshiaki Nohara and Akemi Terukina, 2024, “Japan's Key Opposition Party Supports Leader Despite Infidelity Report,” BNN Bloomberg, November 10, 2024, https://www.bnnbloomberg.ca/business/international/2024/11/11/japans-dpp-will-support-tamaki-for-premiership-as-planned/ (Accessed November 11, 2024)
[11] Doni Tani, 2024, “Ishiba elected prime minister in runoff at special Diet session,” The Asahi Shimbun, November 11, 2024, https://www.asahi.com/ajw/articles/15503139 (Accessed November 12, 2024)
[12] Doni Tani, 2024, “Ishiba elected prime minister in runoff at special Diet session,” The Asahi Shimbun, November 11, 2024, https://www.asahi.com/ajw/articles/15503139 (Accessed November 12, 2024)
[13] Noriyuki Suzuki, 2024, “Ishiba formally reelected as Japan PM, eyes minority gov't,” Kyodo News, November 12, 2024, https://english.kyodonews.net/news/2024/11/58a9cd9d684b-ishiba-poised-to-be-reelected-as-japan-pm-eyes-minority-govt.html (Accessed November 12, 2024)
[14] Jiji, 2024, “CDP's Yukio Edano to chair Lower House Constitution panel,” The Japan Times, November 9, 2024, https://www.japantimes.co.jp/news/2024/11/09/japan/politics/yukio-edano-lower-house-constitution-panel/ (Accessed November 12, 2024)
[15] Tomoyuki Tachikawa, 2024, “FOCUS: Japan PM Ishiba's minority gov't to struggle to pursue policy agenda,” Kyodo News, November 12, 2024, https://english.kyodonews.net/news/2024/11/99c48c75e853-focus-japan-pm-ishibas-minority-govt-to-struggle-to-pursue-policy-agenda.html (Accessed November 12, 2024)
[16] Tomoyuki Tachikawa, 2024, “FOCUS: Japan PM Ishiba's minority gov't to struggle to pursue policy agenda,” Kyodo News, November 12, 2024, https://english.kyodonews.net/news/2024/11/99c48c75e853-focus-japan-pm-ishibas-minority-govt-to-struggle-to-pursue-policy-agenda.html (Accessed November 12, 2024)
[17] Doni Tani, 2024, “Ishiba elected prime minister in runoff at special Diet session,” The Asahi Shimbun, November 11, 2024, https://www.asahi.com/ajw/articles/15503139 (Accessed November 12, 2024)