थाईलैंड के आगामी चुनावों का स्वागत किया जाना है, लेकिन यह देखना बाकी है कि नई सरकार के पास कितनी गुंजाइश होगी।
सार संक्षेप
थाईलैंड लगभग पांच वर्षों में 23 मार्च 2019 को होने वाले अपने पहले चुनाव के लिए कमर कस रहा है। यह शोध आलेख 23 जनवरी, 2019 को थाई चुनाव आयोग की घोषणा के मद्देनजर घटनाओं की श्रृंखला पर एक संक्षिप्त विवरण है। 2017 में थाईलैंड के नए संविधान को अपनाना गया, जिसने चुनाव से पहले आवश्यक संस्थागत सुधारों को अनिवार्य बनाया है, शोश्पत्र में इन्हीं पर प्रकाश डाला जाएगा। इन संस्थागत सुधारों को लागू करने की प्रक्रिया के चलते चुनावों को कई बार स्थगित किया गया था और लोकतंत्र समर्थक प्रदर्शनों द्वारा चिह्नित किया गया था, जिसमें मांग की गई थी कि सैन्य सरकार राजनीतिक गतिविधियों पर प्रतिबंध हटा ले और वादे के मुताबिक चुनाव प्रक्रिया शुरू करे। मई 2014 में देश में सैन्य शासन शुरू होने के बाद पहला संसदीय चुनाव थाईलैंड के लिए महत्वपूर्ण हैं।
नए संविधान के तहत थाईलैंड का संसद
6 अप्रैल, 2017 को बैंकाक के अनंतसमाकोम थ्रोन हॉल में एक समारोह के दौरान राजा महावजिरालोंगकोर्न ने थाईलैंड के 20 वें संविधान पर हस्ताक्षर किए।
अप्रैल 2017 में राजा वजिरालोंगकोर्न ने नया चार्टर पर हस्ताक्षर किया, 1932 में एक निरंकुश राजशाही से संविधानिक लोकतंत्र के लिए संक्रमण काल के बाद यह थाईलैंड के लिए 20 वां संविधान है। नए संविधान ने चुनाव प्रक्रिया में सुधारों की शुरुआत करते हुए संसदीय चुनावों के संचालन का मार्ग प्रशस्त किया। थाई संसद में प्रतिनिधि सभा और सीनेट में क्रमशः 500 और 250 सदस्य होते हैं। सदन के सदस्यों को चार साल की अवधि के लिए चुना जाता है, जबकि सीनेटरों का कार्यकाल पांच साल का होता है। सदन के सदस्यों सर्वाधिक मत प्राप्ति को और आनुपातिक प्रतिनिधित्व के माध्यम से चुना जाता है। नए संविधान में कहा गया है कि 500 सदस्यों में से 350 का चयन सर्वाधिक मत प्राप्ति से जीत निर्धारित प्रणाली के तहत किया जाएगा और शेष 150 को आनुपातिक प्रतिनिधित्व के अनुसार चुना जाएगा। इस व्यवस्था ने पूर्व विन्यास को पलट दिया, जिसमें पहली-पिछली प्रणाली के तहत 375 सदस्यों को सर्वाधिक मत प्राप्ति से चुना जाता था और शेष 125 को आनुपातिक प्रतिनिधित्व के अनुसार चुना जा रहा था। आनुपातिक प्रतिनिधित्व का भी स्वरूप बदल गया है। 2011 के चुनाव में प्रत्येक मतदाता ने दो मतपत्र डाले - एक अपने निर्वाचन क्षेत्र से खड़े उम्मीदवार के लिए, और दूसरा पार्टियों के लिए। आगामी चुनाव में मिश्रित-सदस्य आनुपातिक प्रतिनिधित्व नामक प्रणाली लागू की गई है, जिसके तहत मतदाता केवल एक ही मतपत्र डालेंगे। उनके वोट को दो बार गिना जाएगा - एक बार उम्मीदवार के लिए, और दूसरी बार उम्मीदवार की पार्टी के लिए।¹
प्रतिनिधि सभा के सदस्यों की तरह सीनेट सदस्य जनता द्वारा सीधे नहीं चुने जाते हैं। नए संविधान के तहत 250 सीटों के सदस्यों में से 194 सीनेटरों का चयन वर्तमान सत्ताधारी सैन्य सरकार द्वारा किया जाएगा, जिसे नेशनल काउंसिल फॉर पीस एंड ऑर्डर (एनसीपीओ)² के रूप में भी जाना जाता है, छह सीटें सशस्त्र बलों के नेताओं, सुप्रीम कमांडर, रक्षा मामले के स्थायी सचिव और राष्ट्रीय पुलिस प्रमुख के लिए आरक्षित हैं। शेष 50 सीनेटरों को विशेष पैनल द्वारा चुना जाता है और इनमें 10 पेशेवर और सामाजिक समूह हैं - जिनमें नौकरशाह, शिक्षक, न्यायाधीश, किसान और निजी कंपनियां शामिल हैं - इनमें से प्रत्येक की विस्तृत पृष्ठभूमि की जांच होती है, इसके बाद चुनाव आयोग द्वारा इन्हें अनुमोदित किया जाता है। 2017 के नए संविधान ने यह भी तय किया कि नया सीनेट नवनिर्वाचित प्रतिनिधि सभा के साथ बैठक करेगा। इसके अलावा थाईलैंड के अगले प्रधान मंत्री को चुनने के लिए सदन के सभी 500 सदस्यों के साथ-साथ 250 गैर-निर्वाचित सीनेटर भी वोट में शामिल होंगे। इस तरह जिस उम्मीदवार को संसद के दोनों सदनों में संयुक्त बहुमत प्राप्त होता है, उसे प्रधान मंत्री के रूप में चुना जाएगा, इसके बाद वह नई सरकार बनाएगा।³
अंतिम र्घषणा का कार्यक्रम
संविधान मसौदा समिति के अध्यक्ष श्री मेचाई रुचूपन
नए संविधान की प्रस्तावना में कहा गया है कि थाईलैंड हमेशा सरकार के लोकतांत्रिक शासन में राज्य के प्रमुख के रूप में राजा के अभिप्राय को दृढ़ता से कायम रखने का इरादा रखता है। संविधान के अनुरूप 12 सितंबर, 2017 को थाईलैंड के प्रधान मंत्री प्रयुत चान-ओ-चा ने कहा कि चुनाव मध्य अक्टूबर और दिसंबर 2018 के बीच होंगे। चार मूलभूत विधेयक थे, जिन्हें राष्ट्रीय विधान सभा (एनएलए) द्वारा मंजूरी दिए जाने की जरूरत थी, ताकि चुनाव के लिए शाही समर्थन हासिल हो जाए। नए संविधान की धारा 268 के अनुसार इन चार विधेयकों के प्रभावी होने के 150 दिनों के भीतर आम चुनाव हो जाने चाहिए। ये चार मूलभूत विधेयक चुनाव आयोग, राजनीतिक दलों, संसद सदस्यों के चुनाव और उच्च सदन या सीनेट के लिए सीनेटरों के अधिग्रहण से संबंधित हैं।⁴
10 अक्टूबर 2017 को कैबिनेट और एनसीपीओ की संयुक्त बैठक के बाद पीएम प्रयुत चान-ओ-चा ने नवंबर 2018 का लक्ष्य रखते हुए कहा कि जून 2018 में वे चुनाव के सटीक तारीख की घोषणा करेंगे। इसके अलावा उन्होंने यह भी कहा कि शासन राजनीतिक प्रतिबंधों को आसान बनाने पर विचार करेगा ताकि नए कानून के अनुपालन में पार्टियां अपनी राजनीतिक गतिविधियों को फिर से शुरू कर सकें।⁵ 2014 के सैन्य तख्तापलट के बाद से राजनीतिक दलों के साथ ही साथ पांच से अधिक व्यक्तियों के इकट्ठा होने पर प्रतिबंध था। सैन्य सरकार ने प्रधानमंत्री यिंगलकसिनावतार की नागरिक सरकार के खिलाफ सड़क पर विरोध-प्रदर्शन के महीनों के बाद शांति और व्यवस्था को सुनिश्चित करने के लिए इस आवश्यकता का हवाला दिया था। एनएलए के उपाध्यक्ष सुरचाई लियांगबोलेर्तेची ने आश्वासन दिया कि जून 2018 तक कानून बनाने वाली विधानसभा चुनावों के संचालन के लिए आवश्यक चार विधेयकों की जांच को समाप्त कर देगी। एनएलए के उपाध्यक्ष सुरचाई लियांगबोलेर्तेची ने आश्वासन दिया कि जून 2018 तक कानून बनाने वाली विधानसभा चुनावों के संचालन के लिए आवश्यक पूवाकांक्षित चार विधेयकों की जांच को समाप्त कर देगी। इस बीच थाईलैंड की प्रमुख राजनीतिक पार्टी, फेयू थाई पार्टी के सदस्य समर्थकेवमेचाई ने उस राजनीतिक प्रतिबंध, जो उन पर लगाया गया था, को हटाने की मांग करते हुए घोषणा का स्वागत किया।⁶ दिसंबर 2017 को थाईलैंड के प्रधानमंत्री ने आश्वासन दिया कि राजनीतिक दलों पर लगाए गए प्रतिबंध के मुद्दे का हल करने के लिए अनुच्छेद 44 के तहत विशेष आदेश का उपयोग करेंगे। यह विशेष आदेश राजनीतिक दलों को आम चुनाव की तैयारी के लिए व्यापक सैन्य अधिकार प्रदान करेगा। इस तरह के सकारात्मक घटनाक्रमों का अंतरराष्ट्रीय समुदाय, खासतौर पर यूरोपीय संघ ने स्वागत किया गया, जिन्होंने थाईलैंड से अपने संबंधों को विराम देने के बाद सभी स्तरों पर फिर से राजनीतिक संपर्क स्थापित करने शुरू किया।
हालांकि फरवरी 2018 में एनएलए के अध्यक्ष प्रोनेपेत्चविचचलोचाई ने संकेत दिया कि सांसदों के चुनाव और सीनेटरों के चयन से संबंधित मूलभू्त विधेयक, जो 2019 के आम चुनाव में देरी कर सकता है, को रद्दी में डाल दिया जा सकता है। एनएलए अध्यक्ष के अनुसार, इन दोनों विधेयकों का विस्तृत अध्ययन करने के लिए पहले ही संविधान मसौदा समिति (सीडीसी) और चुनाव आयोग (ईसी) को भेज दिया गया था और उनके संबंधित विधेयकों की जांच के बाद दोनों संस्थान यह तय करेगा कि क्या अन्य मुद्दे थे कि और जांच की जरूरत है। एनएलए अध्यक्ष के अनुसार इन दोनों विधेयकों को विस्तृत अध्ययन के लिए पहले ही संविधान मसौदा समिति (सीडीसी) और चुनाव आयोग (ईसी) को भेज दिया गया था और उनके संबंधित विधेयकों की जांच के बाद दोनों संस्थान यह तय करेंगे कि अन्य मुद्दे थे या नहीं; जिनकी जांच की जरूरत है। इसके अलावा अगर सांसदों ने दो मूलभूत विधेयकों को एक मत के लिए संवैधानिक न्यायालय में पेश कर दिया कि यह नए संविधान का अनुपालन करता है या नहीं, तो यह संभवत: चुनाव को फरवरी 2019 तक और यहां तक कि उससे भी आगे बढ़ सकता है।⁸
मार्च 2018 को सेना मुख्यालय के करीब लोकतंत्र समर्थक प्रदर्शनकारी
चुनावों के करनाे के लिए समय सारणी पर अडिग रहने में निरंतर अफलता और राजनीतिक गतिविधियों पर प्रतिबंधों, जिसमें बिना अनुमति के सार्वजनिक सभाएं या सार्वजनिक रूप से नीति पर चर्चा करना शामिल था; को कम करने की दिशा में सरकार की निष्क्रियता राजनीतिक अस्थिरता में इजाफा करती। 24 मार्च 2018 को 300 से अधिक थाई लोकतंत्र समर्थक प्रदर्शनकारियों ने बैंकॉक में सेना मुख्यालय तक मार्च किया। प्रदर्शनकारियों ने सैनिकों से सत्तारूढ़ सैन्य सरकार से अपना समर्थन वापस लेने का आह्वान किया। समय पर चुनाव कराने के मुद्दे पर अडिग रहने पर सरकार की नाकामी और भ्रष्टाचार के खिलाफ विरोध प्रदर्शनों की बड़ी लहरों में से यह एक थी।⁹ इस बीच थाई राजनीतिक दलों ने सरकार से चुनाव प्रचार पर प्रतिबंध हटाने की अपील की और चुनाव कराने की अपनी मांगों पर दृढ़ता बने रहे। थाई विपक्षी दलों समेत सैन्य सरकार के आलोचकों ने वोट में जानबूझकर देरी करने के लिए सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया और चुनावों के बाद राजनीति पर अपना दबदबा कायम रखने के लिए अपने स्थिति को मजबूत करने का प्रयास करने का भी आरोप लगाया।
25 जून 2018 को प्रधानमंत्री चान-ओ-चा प्रांस में एक सेमिनार को संबोधित करते हुए
25 जून, 2018 को फ्रांस में "ट्रांसफॉर्मिंग थाईलैंड: थाईलैंड-फ्रांस पार्टनरशिप" पर आयोजित एक सेमिनार में, जिसमें नेताओं और व्यापारिक अभिजात वर्ग शामिल थे, पीएम चान-ओ-चा ने सभा का वादा किया कि सैन्य सरकार, जो चार साल पहले तख्तापलट कर सत्ता पर काबिज हुई, 2019 की शुरुआत में चुनाव कराएगी।¹¹ सितंबर 2018 में राजनीतिक दलों पर कुछ प्रतिबंधों पर सरकार ने ढील दी और उन्हें 2019 में आम चुनाव से पहले खुद को फिर से संगठित करने की मंजूरी दी। हालांकि अभी भी पांच से अधिक व्यक्तियों की सार्वजनिक सभा और राजनीतिक चुनाव प्रचार पर प्रतिबंध को बरकरार रखा।¹² 12 सितंबर 2018 को सांसदों के चुनाव और सीनेटरों के चयन पर दो प्रमुख मूलभूत कानूनों को शाही मंजूरी मिली और शाही राजपत्र में इसे प्रकाशित किया गया। इससे संसदीय चुनाव का मार्ग प्रशस्त हुआ। चुनाव आयोग के अधिकारियों के अनुसार शाही समर्थन प्राप्त करने के 90 दिनों के बाद दोनों कानून लागू होंगे। संविधान ने दिसंबर 2018 में एक बार कानून लागू होने के बाद 150 दिनों के भीतर प्रतिनिधि सभा के 500 सदस्यों का चुनाव कराने का आदेश दिया था। इसका आशय यह था कि चुनाव आयोग मई 2019 से पहले चुनाव कराने के लिए बाध्य था।¹³
इस बीच सरकार के आलोचकों और विपक्ष को चिंता इस बात की थी कि चुनावों को आगे के लिए स्थगित किया जा सकता है। 3 अक्टूबर 2018 को उप प्रधानमंत्री प्रोग्वोंगसुवान ने प्रेस को संबोधित किया और कहा कि कोई देरी नहीं होगी। 2019 में फरवरी और मई के बीच चुनाव होंगे।¹⁴ अक्टूबर 2018 में प्रधानमंत्री ने घोषणा की कि आसन्न चुनाव को देखते हुए राजनीतिक गतिविधियों पर प्रतिबंध दिसंबर 2018 तक हटा दिया जाएगा।¹⁵ 11 दिसंबर, 2018 को सत्तारूढ़ सैन्य सरकार ने राजनीतिक गतिविधियों पर लगभग पांच साल पुराने प्रतिबंध को तत्काल प्रभाव से हटा लिया। इस आदेश पर एनसीपीओ के प्रमुख, प्रधानमंत्री चान-ओ-चा ने हस्ताक्षर किए थे और 11 दिसंबर 2018 को शाही राजपत्र में इसे प्रकाशित किया गया था। सैन्य सरकार ने सार्वजनिक और राजनीतिक दलों को आगामी चुनावों के लिए स्वतंत्र रूप से प्रचार करने की आवश्यकता का हवाला दिया। सैन्य सरकार ने राजनीतिक दलों को आगामी चुनावों के लिए स्वतंत्र रूप से प्रचार करने की आवश्यकता का उल्लेख किया। नया आदेश का उद्देश्य 2014 के तख्तापलट के मद्देनजर सैन्य सरकार द्वारा दिए गए पिछले ढेर सारे आदेशों, जिनमें राजनीतिक उद्देश्यों के लिए राजनीतिक विधानसभा और वित्तीय गतिविधियों पर प्रतिबंध शामिल था, को खत्म करने के लिए था।¹⁶ अंतत: 23 जनवरी 2019 को, राजा महावजिरालोंगकोर्न ने एक शाही फरमान जारी किया, जिसमें 2019 में देश में होने वाले आम चुनाव का आह्वान किया गया था। इसके कुछ ही घंटों के बाद चुनाव आयोग के अध्यक्ष इट्टिपोर्न बूनप्राकोंग ने 24 मार्च 2019 को आम चुनाव की तारीख की घोषणा की, जिसमें प्रतिनिधि सभा के 500 सदस्यों के लिए मतदान होगा।¹⁷
23 जनवरी 2019 को थाईलैंड के चुनाव आयोग के अध्यक्ष इट्टिपोर्न बूनप्राकोंग ने आम चुनाव की तारीख की घोषणा करते हुए
निष्कर्ष
बहुत लोगों को उम्मीद है कि आगामी चुनाव, जो दक्षिण-पूर्व एशिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था में लोकतंत्र को बहाल करेगा, का बहुत स्वागत है। बहरहाल, अंदेशा है कि नए संविधान के माध्यम से चुनाव प्रक्रिया में संशोधन नई सरकार की शक्ति को सीमित करने के लिए डिज़ाइन किया गया हो। थाइलैंड के राजनीतिक परिदृश्य पर सेना के दब दबे के लंबे इतिहास को देखते हुए, उच्च सदन या सीनेट को, जो अतिरिक्त अधिकार दिया गयी, का चुनाव के साथ-साथ अगली सरकार को चलाने पर भी प्रभाव पड़ेगा। सीनेट में सैन्य नियुक्तियों के लिए अनिवार्य नया संविधान है और यह देखा जाना अभी बाकी है कि नवनिर्वाचित सरकार के पास कितनी गुंजाइश होगी। हालांकि इस अवधि के दौरान थाईलैंड में ढेर सारे राजनीतिक बदलाव हुए हैं, पर इन 70 वर्षों के दौरान भारत-थाईलैंड का मैत्रीपूर्ण राजनायिक संबंध सुचारू और स्थिर रूप से चलता रहा है। उम्मीद है आगामी चुनावों के परिणाम का इस पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा।
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* लेखक, रिसर्च फेलो, इंडियन काउंसिल ऑफ वर्ल्ड अफेयर्सँ , नई दिल्ली।
अस्वीकरण: व्यक्त किए गए विचार शोधकर्ता के हैं, और परिषद के नहीं।
संदर्भ:
¹ डेव केंडल। "एक्प्लेनर: न्यू रूल्स फॉर द हाउस ऑफ रिप्रेसेंटेटिव्स।" बैंकॉक पोस्ट, (जनवरी 6, 2019). https://www.bangkokpost.com/news/politics/1605898/explainer-new-rules-for-the-house-of- representatives (6 फरवरी 2019 को एक्सेस)
² मई 2014 में यिंगलकसिनवात्रा की अगुवाई वाली थाई नागरिक सरकार को सैन्य तख्तापलट के बाद, देश को चलाने के लिए नई सैन्य सरकार द्वारा पीएम चान-ओ-चा की अध्यक्षता में एनसीपीओ स्थापित किया गया था। सैद्धांतिक रूप से, चुनाव के बाद एक नागरिक सरकार के बहाल हो जाने के बाद एनसीपीओ का अस्तित्व में खत्म हो जाना चाहिए था।
³ डेव केंडल। "एक्प्लेनर: द अप्वाइंटेड सीनेट" बैंकॉक पोस्ट (28 जनवरी 2019) https://www.bangkokpost.com/news/politics/1617850/explainer-the-appointed-senate(Accessed (फरवरी 2019 को एक्सेस)
⁴ " थाईलैंड में अक्टूबर 2018 के मध्य में जल्द से जल्द आम चुनाव कराने के लिए।" द स्ट्रेट्स टाइम्स, (12 सितंबर, 2017). http://www.straitstimes.com/asia/se-asia/thailand-to-hold-general-election-in-mid-oct-2018-at-the-earliest-dec- 2018-at-the (Accessed 12 सितंबर 2017 को एक्सेस)
⁵ "प्रधानमंत्री का नवंबर 2018 में मतदान का कराने का लक्ष्य" बैंकॉक पोस्ट, (11 अक्टूबर 2017). https://www.bangkokpost.com/news/politics/1340215/pm-targets-november-2018-poll (11 अक्टूबर 2017 को एक्सेस)
⁶ आकरैच सत्ताबुरथ। "ऑल ऑर्गेनिक फेस जून फिनिस", बैंकॉक पोस्ट (12 अक्टूबर, 2017). https://www.bangkokpost.com/news/politics/1340927/all-organic-laws-face-june-finish (12 अक्टूबर 2017 को एक्सेस)
⁷ "थाई मिलिटरी गवर्नमेंट टू एलाअओ पार्टीज टू गेट रेड फॉर 2018 पोल" द स्ट्रेट्स टाइम्स, (20 दिसंबर 2017). http://www.straitstimes.com/asia/se-asia/thai-military government-to-allow-parties-to-get-ready-for-2018-polls (20 दिसंबर 2017 को एक्सेस)
⁸ "एनएलए चीफ हिंट्स एट मोर डिलेज". बैंकॉक पोस्ट, (2 फरवरी, 2018).
https://www.bangkokpost.com/news/politics/1406126/nla-chief-hints-at-more-election-delays
(2 फरवरी, 2018 को एक्सेस किया गया)
⁹ "थाई प्रो-डेमोक्रेसी प्रोटेस्टर मार्च इनटू आर्मी हेडर्क्वाटर्स" द स्ट्रेट्स टाइम्स, (24 मार्च 2018). http://www.straitstimes.com/asia/se-asia/thai-pro-democracy-protesters-march-into-army- headquarters (26 मार्च 2018 को एक्सेस)
¹⁰ "थाई पार्टीज कॉल फॉर मिलिटरी गवर्नमेंट टू फाइनली अनसैक्ल पॉलिटिक्स" द स्ट्रेट्स टाइम्स, 28 मार्च 2018 http://www.straitstimes.com/asia/se-asia/thai-parties-call-for-militarygovernment-to-finally-unshackle- politics (28 मार्च 2018 को एक्सेस)
¹¹ "कम ग्रो विद अस, प्रयुत टेल्स फ्रेंच कम्यूनिटी", द नेशन (26 जून 2018. http://www.nationmultimedia.com/detail/politics/30348603 (26 जून 2018 को एक्सेस)
¹² "थाई पीएम प्रयुत सेज बैन ऑन पॉलिटिकल एक्टिविटी टू बी लिफ्टेड बाई डिसेंबर". 30 अक्टूबर 2018. https://www.straitstimes.com/asia/se-asia/thai-pm-says-ban-on-political-activity-to-be-lifted-by- december (7 फरवरी 2019 को एक्सेस)
¹³ "सीनेट, एमपी ऑगनिक लॉज पब्लिज्ड, पेविंग वे फॉर पोल." बैंकॉक पोस्ट 12 सितंबर 2018 https://www.bangkokpost.com/news/politics/1538726/senate-mp-organic-laws-published-paving-way-for- poll (13 सितंबर 2018 को एक्सेस)
¹⁴ "थाईलैंड विल स्टिक टू 2019 डेट फॉर जनरल इलेक्शन, सेज इट्स डिप्टी पीएम". द स्ट्रेट्स टाइम्स, 3 अक्टूबर 2018. https://www.straitstimes.com/asia/se-asia/thailand-will-stick-to-2019-date-for-general-election-deputy-pm (एक्सेस तारीख ??)
¹⁵ "थाई पीएम प्रयुत सेज बैन ऑन पॉलिटिकल एक्टिविटी टू बी लिफ्टेड बाई डिसेंबर". द स्ट्रेट्स टाइम्स, 30 अक्टूबर 2019. https://www.straitstimes.com/asia/se-asia/thai-pm-says-ban-on-political-activity-to-be-lifted-by- december(Accessed (7 फरवरी 2019 को एक्सेस)
¹⁶ "थाईलैंड टू गो टू द पोल्स ऑन फेब 24 एज गवर्नमेंट लिफ्ट बैन ऑन पॉलिटिकल एक्टिविटीज." द स्ट्रेट्स टाइम्स, 11 दिसंबर 2018. https://www.straitstimes.com/asia/se-asia/thailands-election-commission-sets-feb-24-election- date (7 फरवरी 2018 को एक्सेस)
¹⁷ "कोचाआर्ल्लन और हेलेन रेगन, "थायस टू वोट इन इलेक्शन्स नियर्ली फाइव इयर्स मिलिटरी कूप।" सीएनएन, 23 जनवरी, 2019. https://edition.cnn.com/2019/01/23/asia/thailand-election-date-intl/index.html (6 फरवरी 2019 को एक्सेस)