1970 के बाद से कई मुद्दों पर गतिरोध का सामना कर रहे ग्रीस और तुर्की का भूमध्य सागर में तनाव कोई नई बात नहीं है। हाल ही में तनाव की शुरुआत जुलाई 2020 में हुई जब तुर्की सरकार ने ग्रीस सरकार द्वारा दावा किए गए जल सीमा क्षेत्र में अनुसंधान जहाजों को भेजने का इरादा जताया। इस कदम को पूर्वी भूमध्य सागर में अंकारा के व्यापक ऊर्जा अन्वेषण के प्रयासों का हिस्सा माना गया । इस फैसले ने तुर्की को ग्रीस और सिप्रस के खिलाफ खड़ा कर दिया है, जो अन्वेषण क्षेत्रों को अपने महाद्वीपीय क्षेत्र मानते हैं। फ्रांस, मिस्र और लीबिया जैसे कई देशों की भागीदारी ने इस क्षेत्र को एक सक्रिय संघर्ष क्षेत्र में बदल दिया है जिसमें यूरोपीय संघ और एमईएनए क्षेत्र के मुद्दे और देश शामिल हो रहे हैं। शोध-पत्र में इन मतभेदों का विश्लेषण करने और पूर्वी भूमध्यसागरीय में संघर्ष के बढ़ने के प्रभाव का आकलन करने का प्रयास किया गया है।
फॉल्ट-लाइनों का गहराना - संघर्ष बढ़ना
इस क्षेत्र में मौजूदा और उभरती हुई फॉल्ट लाइनें हैं जिनके परिणामस्वरूप संघर्ष बढ़ गया है।
1. समुद्री सीमाओं का परिसीमन
पूर्वी भूमध्य सागर में संसाधनों की खोज, अन्वेषण और दोहन ने समुद्री सीमाओं के परिसीमन के मुद्दे को आगे बढ़ाया है। यूएनसीएलओएस के अनुसार, "किसी देश की समुद्री सीमा तट से 12 समुद्री मील (22.2 किमी) तक होती है और , इसका विशेष आर्थिक क्षेत्र (ईईजेड) तट से 200 समुद्री मील (370 किमी) तक विस्तारित होता है" [i]. । अर्थात, इस परिसीमन क्षेत्र के भीतर या उसके पानी के भीतर पाया जाने वाला कुछ भी विशेष रूप से उक्त देश का होता है। तुर्की यूएनसीएलओएस का सदस्य नहीं है, और उसने यह तर्क दिया है कि देश के महाद्वीपीय क्षेत्र को इसकी मुख्य भूमि से मापा जाना चाहिए। परिसीमन की इस परिभाषा के अनुसार, ग्रीस के कई द्वीप जो तुर्की के दक्षिणी तट से दूर हैं, तुर्की विशेष क्षेत्र के अंतर्गत आने चाहिए, जिसपर ग्रीस को आपत्ति है। यूएनसीएलओएस के सदस्य के रूप में, ग्रीस ने तर्क दिया है कि देश के महाद्वीपीय क्षेत्र का परिसीमन करते समय द्वीपों को भी ध्यान में रखा जाना चाहिए, जैसा कि यूएनसीएलओएस में निर्धारित किया गया है। ग्रीस के पास लगभग 6,000 द्वीप हैं और ईजियन और आयोनियन सागरों[ii] में छोटे टापू हैं, तुर्की ने इस दावे का विरोध किया है और ग्रीस के लिए यह अंतर्राष्ट्रीय कानून का उल्लंघन है।
एक और स्थायी मुद्दा सिप्रस का है। तुर्की ने बार-बार यह तर्क दिया है कि सिप्रस केवल 12 समुद्री मील विशेष आर्थिक क्षेत्र का हकदार है जब तक कि द्वीप की स्थिति पर कोई संकल्प नहीं आता है और उत्तरी सिप्रस के पास ग्रीक-सिपराइट जलीय क्षेत्र में अन्वेषण करने का अधिकार हैं। इस उद्देश्य के लिए, इसने संसाधनों के उपयोग और दोहन के लिए समुद्र में अन्वेषण जहाजों को तैनात किया है।
समुद्री सीमाओं और विशेष आर्थिक क्षेत्र पर प्रतिस्पर्धा के इन दावों में अब ऊर्जा संसाधनों पर दावे भी शामिल हो गए हैं जिससे तुर्की, और सिप्रस और ग्रीस एक-दूसरे के खिलाफ खड़े हो गए हैं। 2011 में अपतटीय गैस की खोज से, सिप्रस और तुर्की के बीच मतभेद बढ़ गए हैं। साइप्रस ने कई बहुराष्ट्रीय तेल कंपनियों को अन्वेषण लाइसेंस दिए हैं। तुर्की ने कहा है कि कई ऐसे क्षेत्र जहाँ सिप्रस या तो संसाधनों की खोज कर रहा है या लाइसेंस दे रहा है, वे या तो तुर्की महाद्वीपीय क्षेत्र में हैं या फिर ऐसे क्षेत्र हैं जहाँ उत्तरी सिप्रस को अन्वेषण के अधिकार हैं[iii]। इसके अलावा तुर्की ने तर्क दिया है कि सिप्रस को "जब तक देश के लंबे समय से चल रहे विवाद का राजनीतिक समाधान नहीं हो जाता है, तब तक अपतटीय गैस भंडारों के व्यावसायीकरण के प्रयासों को शुरू नहीं करना चाहिए[iv]।"
2. ऊर्जा संसाधनों की खोज
2010 में संयुक्त राज्य अमेरिका के भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण द्वारा के अध्ययन के बाद से अनुमान लगाया गया है कि सिप्रस, मिस्र, इजरायल, लेबनान, और फिलिस्तीन के जलीय क्षेत्र में 122.4 ट्रिलियन क्यूबिक फीट ऊर्जा संसाधन हैं जिनका इस्तेमाल नहीं किया गया है[v], जो पूर्वी भूमध्य सागर में ऊर्जा भू-राजनीति के विषय को गम्भीर बना रहे हैं। ऊर्जा संपन्न होने के कारण, इस क्षेत्र को अब विभिन्न देशों और इकाइयों द्वारा सक्रिय रूप से खोजा और विकसित किया जा रहा है।
पूर्वी भूमध्यसागरीय के प्राकृतिक गैस भंडार, समुद्र तट के देशों के लिए महत्वपूर्ण हैं क्योंकि वे अपनी ऊर्जा सुरक्षा बढ़ाने और आर्थिक विकास को बढ़ावा देते हैं। सिप्रस, मिस्र और इजरायल जैसे देशों ने पर्याप्त गैस भंडारों की खोज की है जिससे इन राष्ट्रों के बीच सहयोग को और अधिक बढ़ावा दिया है । इस क्षेत्र के प्रमुख हितधारकों में इटली की एनी शामिल हैं जिसके मिस्र में बड़े हिस्से हैं और सिप्रस और लेबनान के अन्वेषण खंड हैं। इसी प्रकार, अन्य हितधारक बीजी (यूनाइटेड किंगडम), टोटल (फ्रांस), कोगास (कोरिया), एक्सॉनमोबिल (यूएस) हैं जो सिप्रस में एनी के साथ हैं। बीपी (यूके) मिस्र में मौजूद है, जबकि नोबल (यूएस) और इजरायली कंपनियां इजरायली क्षेत्र की मालिक हैं[vi] ।
एनी द्वारा 2015 में मिस्र के समुद्री क्षेत्र में जोहर प्राकृतिक गैस क्षेत्र की खोज क्षेत्र में निर्णायक बन गया है। यह अब तक का सबसे बड़ा भूमध्यसागरीय गैस क्षेत्र है। इसने एनी को भूमध्यसागरीय केंद्र बनाने के लिए एक महत्वाकांक्षी योजना को आगे बढ़ाने और सिप्रस, मिस्र और इजरायल के गैस संसाधनों का भंडार बनाने और यूरोपीय देशों में इसे प्रभावी ढंग से बेचने के लिए प्रेरित किया।[vii] यह विचार इजरायल और सिप्रस के उप-क्षेत्रों को मिस्र के पाइपलाइन नेटवर्क से जोड़ने के लिए था। इसके बाद एनी ने 2018 में सिप्रस में कैलिप्सो क्षेत्रों में महत्वपूर्ण गैस भंडार की उपस्थिति की घोषणा की । इसके बाद चार बड़े घटनाक्रम हुए - पहला, सिप्रस में अपने सभी विकास कार्यों में एनी के साथ परियोजनाओं में सहयोग में फ्रांस की टोटल का प्रवेश, जिसने फ्रांस को एक हितधारक बनाया; दूसरा, सिप्रस ने निर्यात के लिए अपने तरलीकृत प्राकृतिक गैस संयंत्रों को गैस की आपूर्ति करने के लिए मिस्र के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किए; तीसरा, इजरायल ने अपने सबसे बड़े अपतटीय क्षेत्र, लेवियाथन से प्राकृतिक गैस के निर्यात के लिए मिस्र के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किए; और चौथा, 2017 के बाद से मिस्र, ग्रीस, सिप्रस और इजरायल इस क्षेत्र में एक ऊर्जा योजना बनाने के लिए बातचीत कर रहे हैं जिससे तुर्की कमोबेश बाहर करता है। मिस्र के एलएनजी संयंत्रों का उपयोग करके क्षेत्र से यूरोप तक गैस की आपूर्ति करने के लिए भूमध्यसागरीय ऊर्जा केंद्र बनाने के लिए वार्ता तुर्की की पाइपलाइनों को बाईपास करेगी। इसने तुर्की को विभिन्न तरीकों से अपने असंतोष को व्यक्त करने के लिए प्रेरित किया है - सबसे प्रमुख सिप्रस के जलीय क्षेत्र में अन्वेषण और ड्रिलिंग जहाज भेजना, एनी के ड्रिलिंग जहाज को रोकना था, इससे पहले कि यह सिप्रस के जलीय क्षेत्र में अपने स्थल तक पहुंच सके, कंपनी को पोत वापस लेने के लिए मजबूर किया आदि।
3. ईस्टमेड पाइपलाइन और पूर्वी भूमध्यसागरीय गैस फोरम
पूर्वी भूमध्यसागरीय (ईस्टमेड) एक 1,900 किमी की प्राकृतिक गैस पाइपलाइन परियोजना है जो पूर्वी भूमध्य सागर के गैस भंडार को ग्रीस और फिर इटली से जोड़ेगी। विकास के दूसरे चरण में पाइपलाइन की प्रारंभिक क्षमता 10 बिलियन क्यूबिक मीटर / वर्ष (बीसीएम / वाई) होने की आशा है, दूसरे चरण में जिसे बढ़ाकर 20 बीसीएम / वाई किया जाएगा[viii]। पाइपलाइन के निर्माण में लगभग 6.7 बिलियन डॉलर का खर्च आएगा और गैस वितरण शुरू होने की आशा है। पाइपलाइन लेवियाथन (इज़राइल) और एफ़्रोडाइट (सिप्रस) गैस क्षेत्रों को पूर्वी भूमध्यसागर में यूरोप से जोड़ेगी। जनवरी 2020 में, ग्रीस, सिप्रस और इजरायल ने पूर्वी भूमध्यसागरीय पाइपलाइन समझौते पर हस्ताक्षर किए।
तुर्की ने पाइपलाइन परियोजना पर कड़ी आपत्ति जताते हुए कहा कि उसे जानबूझकर बाहर रखा गया है। इसके अलावा, इज़राइल, साइप्रस और ग्रीस के साथ तुर्की के अच्छे संबंध नहीं हैं। सिप्रस की स्थिति और ग्रीस और तुर्की के बीच समुद्री सीमा परिसीमन विवाद जैसे लंबे समय से चल रहे मुद्दे पूर्वी भूमध्यसागरीय क्षेत्र में वर्तमान विकास को प्रभावित कर रहे हैं। इसी प्रकार, 2010 की मावी मम्मारा घटना के बाद से इजरायल के साथ तुर्की के संबंध तनावपूर्ण रहे हैं[ix]। हालांकि, 2016 में सुलह समझौते और प्राकृतिक गैस के परिवहन पर सहयोग समझौते पर हस्ताक्षर के साथ सामान्यीकरण का प्रयास किया गया था, तथापि, दोनों पक्ष ऊर्जा संसाधनों के परिवहन की आर्थिक शर्तों पर सहमत होने में विफल रहे।
पूर्वी भूमध्यसागरीय गैस फोरम की स्थापना से, क्षेत्रीय ऊर्जा सुरक्षा योजना में एक और आयाम जुड़ा गया है। मिस्र की एक पहल, फोरम की स्थापना एक क्षेत्रीय ऊर्जा बाजार और यूरोप के लिए एक निर्यात केंद्र बनाने के विचार से की गई है। 2019 में फोरम को अमेरिका, यूरोपीय संघ के अतिरिक्त समर्थन सहित इटली, सिप्रस गणराज्य, ग्रीस, इजरायल, मिस्र, जॉर्डन और फिलिस्तीनी प्राधिकरण के ऊर्जा मंत्रियों की भागीदारी से आरम्भ किया गया था। तुर्की को इस पहल से भी बाहर रखा गया। तुर्की के विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि “यदि इस मंच का उद्देश्य वास्तव में सहयोग था, तो निश्चित रूप से, तुर्की और तुर्की साइप्रोट्स को भी फोरम में आमंत्रित किया जाना चाहिए… जिसे राजनीतिक उद्देश्यों से कुछ देशों द्वारा स्थापित किया गया है- जो तुर्की को पूर्वी भूमध्य सागर में ऊर्जा समीकरण से बाहर छोड़ने का सपना देख रहा है ।”[x]
4. समुद्री संधियां और प्रति- संधियां
नवंबर 2019 में, तुर्की ने लीबिया की राष्ट्रीय समझौते की सरकार (जीएनए) के साथ एक समुद्री समझौते पर हस्ताक्षर किए, जिससे प्रभावी रूप से तुर्की के दक्षिणी भूमध्यसागरीय तट से लीबिया के उत्तर-पूर्वी तट तक विशेष आर्थिक क्षेत्र बन गया। दिसंबर 2019 में तुर्की और लीबिया द्वारा स्वीकृत सौदे ने "18.6 मील की एक लंबी रेखा का सीमांकन किया जो समुद्री सीमा बनेगी जो उनके आर्थिक क्षेत्रों को अलग करेगी।”[xi] यह कदम भूमध्यसागरीय गैस भंडार को विकसित करने के लिए सिप्रस, मिस्र, ग्रीस और इजरायल के प्रयासों की प्रतिक्रिया के रूप में दिखाई दिया। ईस्ट-मेड पाइपलाइन जो इजरायल क्षेत्र से सिप्रस के जलीय क्षेत्र से क्रेते के ग्रीक द्वीप तक जाएगी, जिसे इस योजनाबद्ध तुर्की-लीबिया आर्थिक क्षेत्र को पार करना होगा। यह पाइपलाइन पर एक प्रश्न चिह्न लगाता है और इस क्षेत्र में समुद्री सीमाओं को पुन: व्यवस्थित करता है।
ग्रीस और सिप्रस, जिनके लंबे समय से तुर्की के साथ समुद्री विवाद हैं, ने कहा कि इस सौदे ने अंतर्राष्ट्रीय समुद्री कानून का उल्लंघन किया है और यह तुर्की द्वारा क्षेत्र को अस्थिर करने और पूर्वी भूमध्यसागरीय गैस भंडार के विकास को कुरेदने का एक प्रयास था। ग्रीस ने तर्क दिया है कि यह विशेष आर्थिक क्षेत्रों के लिए ग्रीक द्वीपों के अधिकारों की उपेक्षा है। अपने दिसंबर 2019 के शिखर सम्मेलन में यूरोपीय संघ ने एक वक्तव्य जारी करते हुए इस सौदे को अस्वीकार करते हुए कहा कि "[यह] तृतीय राज्यों के संप्रभुता अधिकारों का उल्लंघन करता है (और) (सन्युक्त राज्य) समुद्री कानून के अनुसार नहीं है”[xii]. मिस्र ने इसे "अवैध और अबाध्यकारी " कहा है, जबकि इज़राइल ने कहा है कि यह क्षेत्र में शांति और स्थिरता को खतरे में डालेगा ।”[xiii].
अगस्त 2020 में, मिस्र और ग्रीस ने एक समुद्री समझौते पर भी हस्ताक्षर किए, जिसने उनकी समुद्री सीमा तय की और समुद्री आर्थिक क्षेत्रों का सीमांकन किया। मिस्र के विदेश मंत्री के अनुसार, “यह समझौता दोनों देशों को विशेष आर्थिक क्षेत्र में उपलब्ध संसाधनों, विशेष रूप से सम्भावित तेल और गैस भंडारों के अधिकतम उपयोग को बढ़ावा देगा ।”[xiv]. हालाँकि, तुर्की ने इस सौदे की निंदा की थी जिसमें कहा गया था कि समझौते के तहत नामित विशेष आर्थिक क्षेत्र इसके महाद्वीपीय क्षेत्र का हिस्सा हैं जिससे उसने समझौते को अमान्य करार दिया । इसके अलावा, यह जोड़ते हुए कि "तुर्की इन क्षेत्रों में किसी भी गतिविधि की अनुमति नहीं देगा और पूर्वी भूमध्यसागरीय और साथ ही स्व-घोषित पूर्वी सिप्रस के तुर्की गणराज्य के उत्तरी क्षेत्र में अपने वैध अधिकारों और हितों का पूरी तरह से बचाव करेगा, समझौते ने लीबिया के समुद्री अधिकार का उल्लंघन किया "[xv]।
यह संधि जून 2020 में इटली और ग्रीस के बीच एक समझौते पर हस्ताक्षर करने के अतिरिक्त थी, जिसने प्राकृतिक संसाधनों के अधिकारों को लेकर भूमध्यसागरीय क्षेत्र में तनाव के बीच आयोनियन सागर में उनकी संबंधित समुद्री सीमाओं, विशेष आर्थिक क्षेत्र और मछली पकड़ने के विशेष अधिकारों का सीमांकन किया था। यह समझौता 1977 के समझौते का विस्तार था और इससे ग्रीस और इटली के लिए इस क्षेत्र में हाइड्रोकार्बन संसाधनों की खोज और दोहन के लिए लाइसेंस जारी करने की नई संभावनाएं खुल गईं। [xvi].
मानचित्र: पूर्वी भूमध्यसागर में विशेष आर्थिक क्षेत्र समझौते
स्त्रोत: डीड्ब्ल्यू, 11 अगस्त 2020, https://www.dw.com/en/egypts-leadership-feels-markedly-threatened-by-turkey/a-54533478
5. एक से अधिक इकाइयों की भागीदारी
कई देशों की उपस्थिति और उनके द्वारा लिए गए निर्णयों से स्थिति और जटिल हो गई है। रणनीतिक रूप से, कई वाणिज्यिक इकाइयों की भागीदारी से इस क्षेत्र में संसाधनों के लिए संघर्ष हो रहा है। सिप्रस से गैस भंडार की खोज ने सिप्रस सरकार, ग्रीस, इज़राइल और मिस्र को एकसाथ मिलकर संसाधनों की खोज करने के लिए प्रेरित किया है। एनी (इटली), टोटल (फ्रांस), और डेलेक (इज़राइल) जैसे कई वाणिज्यिक खिलाड़ी अपने व्यवसाय को बढ़ाने के लिए क्षेत्र में शामिल हैं, और अपनी ऊर्जा और संसाधनों को अपनी सरकारों की प्राथमिकताओं के अनुसार विविधता प्रदान कर रहे हैं। पूर्वी भूमध्यसागरीय संसाधन आर्थिक विकास और ऊर्जा सुरक्षा को आगे बढ़ाने के लिए इन कंपनियों और उनके संबंधित देशों के लिए महत्वपूर्ण बने हुए हैं। तुर्की की बढ़ती गतिविधियों जैसे ड्रिलिंग, अपने सर्वेक्षण जहाजों को भेजने और क्षेत्र में नए क्षेत्रों की खोज के लिए लाइसेंस जारी करने से, क्षेत्र में तनाव पैदा हो गया है । समुद्री सीमाओं का परिसीमन एक महत्वपूर्ण मुद्दा बना हुआ है।
जैसा कि पहले कहा गया है, इस क्षेत्र में कई देशों के ऊर्जा संसाधनों में महत्वपूर्ण हिस्से हैं, लीबिया में संघर्ष ने तनाव को और बढ़ा दिया है। लीबिया की राष्ट्रीय समझौते की सरकार (जीएनए) को तुर्की और संयुक्त राष्ट्र द्वारा मान्यता प्राप्त है, जबकि यूएई, मिस्र और रूस ने संघर्ष में जनरल हफ्तार, लीबिया राष्ट्रीय सेना का समर्थन किया है। जबकि फ्रांस की स्थिति स्पष्ट नहीं है, फ्रांस और तुर्की के बीच तनाव तब हुआ जब उसने अंकारा पर जून 2020 में लीबिया पर हथियारों के उल्लंघन का आरोप लगाया। तनाव बढ़ने की संभावना फरवरी 2020 में दिखाई दी जब फ्रांस ने सिप्रस के पास गैस क्षेत्रों में एक विमान वाहक तैनात किया।[xvii]. इसके बाद, जून 2020 में फ्रांस और तुर्की के बीच संघर्ष के बाद नाटो कमांड के तहत फ्रांस के युद्ध-पोत ने संयुक्त राष्ट्र के प्रतिबंध के उल्लंघन में लीबिया में हथियारों की तस्करी के संदिग्ध तंजानियाई-ध्वज वाले कार्गो जहाज का निरीक्षण करने का प्रयास किया । फ्रांस के रक्षा मंत्रालय ने कहा कि उसके युद्ध-पोत को तीन तुर्की नौसेना जहाजों ने परेशान किया गया था, जिसे बाद में तुर्की सरकार ने अस्वीकार कर दिया था। इसके चलते फ्रांस ने सी गार्डियन, नाटो के भूमध्यसागरीय मिशन में अपनी भागीदारी को समाप्त कर दिया और तुर्की के जहाजों की भागीदारी के बिना अपने नौसैनिक बलों को हथियारबंद युद्ध-पोत के लिए जिम्मेदार यूरोपीय संघ मिशन को देने की पेशकश की।[xviii] तब से, फ्रांस ने दो राफेल लड़ाकू जेट और पूर्वी भूमध्य सागर में एक नौसैनिक युद्ध-पोत को तैनात करके ग्रीस के समर्थन में इस क्षेत्र में अपनी सैन्य उपस्थिति बढ़ाई है।
पूर्वी भूमध्य सागर विभिन्न सैन्य अभ्यासों के संदर्भ में भी सक्रिय हो गया है। ग्रीस और तुर्की दोनों ने 25 अगस्त 2020 को एक ऐसे क्षेत्र में सैन्य अभ्यास की घोषणा की, जहां तुर्की का अनुसंधान पोत ओरूक रीस तुर्की युद्धपोतों की निगरानी में भूकंपीय अनुसंधान कर रहा था। अन्य देश जैसे संयुक्त अरब अमीरात भी विभिन्न सैन्य अभ्यासों में शामिल हुए, जिन्होंने फ्रांस के साथ हेलेनिक वायु सेना के साथ संयुक्त प्रशिक्षण अभ्यास के लिए ग्रीक द्वीप क्रेते पर लड़ाकू विमान भेजे।[xix]. इसी प्रकार, फ्रांस, इटली, ग्रीस 26-28 अगस्त 2020 तक सिप्रस के साथ संयुक्त नौसैनिक हवाई अभ्यासों में शामिल हुए, जिसका कोड नाम यूनोमिया था । फ्रांस और ग्रीस ने अभ्यास में भाग लेने के लिए अपने युद्धपोतों और हवाई जहाजों को तैनात किया, जबकि सिप्रस ने अपनी क्षमताओं का परीक्षण करने के लिए अपनी वायु रक्षा प्रणाली को सक्रिय किया।[xx].
अगस्त 2020 में तुर्की वायु और नौसैनिक बलों ने “संयुक्त अंतर-बल ऑपरेशन की परिचालन क्षमता को बढ़ाने, बनाए रखने और सुधारने” के लिए एजियन सागर में संयुक्त प्रशिक्षण अभ्यास किया और तुर्की के सशस्त्र बलों तथा उत्तरी सिप्रस तुर्की गणराज्य (टीआरएनसी) ने 6 सितंबर 2020 को मेडिटेरेनियन स्टॉर्म नामक संयुक्त सैन्य अभ्यास शुरू किया।
मूल्यांकन
पूर्वी भूमध्यसागर में तनाव बहुस्तरीय और बहुआयामी है । क्षेत्र की फॉल्ट-लाइनें पारंपरिक विवादों (सिप्रस और समुद्री सीमा परिसीमन) और उभरती हुई वास्तविकताओं (ऊर्जा अन्वेषण और दोहन,क्षेत्रीय संरेखण) का एक संयोजन हैं। ऊपर से देखने पर, यह ऊर्जा की खोज पर भिन्नता प्रतीत होती है, लेकिन यदि बारीकी से देखा जाए तो यह विवाद अतिव्यापी समुद्री सीमाओं, यूएनसीएलओएस की व्याख्या और महाद्वीपीय क्षेत्रों के परिसीमन से संबंधित प्रश्नों के बड़े मुद्दों की ओर इशारा करता है । तुर्की और ग्रीस दोनों के पूर्वी भूमध्यसागरीय क्षेत्रों के दावे हैं, जिसमें तुर्की का विवाद यह है कि प्रत्येक द्वीप उसके महाद्वीपीय क्षेत्र का है।
मानचित्र: पूर्वी भूमध्यसागर
स्त्रोत: दी इकॉनोमिस्ट, 20 अगस्त 2020, https://www.economist.com/international/2020/08/20/a-row-between-turkey-and-greece-over-gas-is-raising-tension-in-the-eastern-mediterranean
नवीनतम चिंताओं के अतिरिक्त, संघर्ष सिप्रस की स्थिति जैसी ऐतिहासिक समस्याओं की ओर आकर्षित करता है। 1974 में तुर्की द्वारा सिप्रस पर आक्रमण के परिणामस्वरूप द्वीप का विभाजन हुआ, उत्तर में तुर्की और दक्षिण में यूनानी सिपरॉइटों ने कब्जा कर लिया। तुर्की ने तर्क दिया है कि जैसा कि द्वीप की स्थिति अभी भी विवादित है, सिप्रस केवल 12- समुद्री मील विशेष आर्थिक क्षेत्र का हकदार है और उत्तरी सिप्रस को ग्रीक सिपरॉइटों के जलीय क्षेत्र में भी खोज करने का अधिकार है। संकट के बढ़ने से, तुर्की और ग्रीस दोनों ने क्रमशः समुद्री समझौतों पर हस्ताक्षर करके तथा लीबिया और मिस्र के साथ विशेष समुद्री आर्थिक क्षेत्रों बनाकर करके अपनी स्थिति मजबूत करने का प्रयास किया है।
फ्रांस, मिस्र, इजराइल और लीबिया जैसे कई देशों की भागीदारी ने इस क्षेत्र को एक सक्रिय भू-राजनीतिक क्षेत्र में बदल दिया है जिसमें यूरोपीय संघ और एमईएनए क्षेत्र के मुद्दे और देश शामिल हो रहे हैं।
तुर्की ने लीबिया जीएनए के साथ समुद्री समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं जिससे क्षेत्र में तुर्की ड्रिलिंग का विस्तार हुआ है। इस समझौते को न तो अमेरिका द्वारा मान्यता प्राप्त है और न ही यूरोपीय संघ द्वारा। तथापि, इससे तुर्की लीबिया के गृहयुद्ध में हस्तक्षेप करने के लिए प्रेरित हो गया है। दूसरी ओर, फ्रांस, सन्युक्त अरब अमीरात और मिस्र ने लीबिया नेशनल आर्मी को सैन्य या वित्तीय सहायता प्रदान की है, जिससे उन्हें इस क्षेत्र में हितधारक बनाया गया है।
पूर्व-मेड पाइपलाइन और पूर्वी भूमध्यसागरीय गैस फोरम जैसी पहलों ने क्षेत्रीय समीकरणों को बदल दिया गया है। इन दोनों पहलों ने तुर्की को बाहर कर दिया है, जिसने इन पहलों का विरोध इस आधार पर किया है कि वे पूर्वी भूमध्यसागरीय प्रमुख गैस अन्वेषण और ऊर्जा निर्यात केंद्र के रूप में उसकी स्थिति को कम करती हैं। जैसे ही इस क्षेत्र में अस्थिरता बढ़ती है, संघर्ष में आकस्मिक वृद्धि की संभावना भी बढ़ जाती है। हालाँकि, तुर्की ने ग्रीस को पूर्वी भूमध्य सागर में तनाव को कम करने और देशों की सेनाओं के बीच अवांछित दुर्घटनाओं को रोकने के लिए नाटो समर्थित वार्ता करने का आह्वान किया[xxi], लेकिन इस मुद्दे पर कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया।
नाटो ने 1 अक्टूबर 2020 को ग्रीस और तुर्की के बीच एक संघर्ष-विराम समझौते की रूपरेखा की घोषणा की, जिसके तहत वे भूमध्यसागरीय क्षेत्र में आकस्मिक संघर्षों से बचने के लिए एक तंत्र स्थापित करने पर सहमत हुए।[xxii] समझौते में विरोध की स्थिति में वरिष्ठ अधिकारियों के बीच उपयोग के लिए एक हॉटलाइन की स्थापना शामिल है । ग्रीस के प्रधान मंत्री ने 6 अक्टूबर 2020 को एक साक्षात्कार में, संकट कम करने की दिशा में कदम का स्वागत करते हुए कहा कि संकट के शांतिपूर्ण समाधान का दायित्व अंकारा पर है।[xxiii] इसके अलावा, यूरोपीय संघ ने 2 अक्टूबर 2020 को आयोजित एक विशेष शिखर सम्मेलन में ऊर्जा संसाधनों और समुद्री सीमाओं पर ग्रीस के साथ तनाव में वृद्धि के बीच तुर्की पर प्रतिबंध लगाने की चेतावनी दी है। यूरोपीय आयोग के अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेर लेयेन ने अंकारा से शांति और क्षेत्रीय स्थिरता बनाए रखने और पूर्वी भूमध्यसागरीय क्षेत्र में "एकतरफा कार्यों से दूर रहने" का आग्रह किया है। [xxiv]. हालांकि, 11 अक्टूबर 2020 को तुर्की की नौसेना ने एक परामर्शिका जारी की कि उसका जहाज ओरूच रीस अगले दस दिनों में पूर्वी भूमध्यसागर में एक भूकंप सम्बंधी सर्वेक्षण करेगा। दो अन्य पोत, आत्मान और केंगिज़ हान भी 22 अक्टूबर 2020 तक कस्तेलोरिज़ो के यूनानी द्वीप के दक्षिण सहित एक क्षेत्र में काम जारी रखेंगे। तुर्की के इस कदम से क्षेत्र के विभिन्न भागीदारों के बीच तनाव बढ़ने की संभावना है।
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*डॉ. अंकिता दत्ता विश्व मामलों की भारतीय परिषद में शोधकर्ता हैं ।
व्यक्त किए गए विचार व्यक्तिगत हैं।
डिस्क्लेमर: इस अनुवादित लेख में यदि किसी प्रकार की त्रुटी पाई जाती है तो पाठक अंग्रेजी में लिखे मूल लेख को ही मान्य माने ।
अंत टिप्पण
[i] UNCLOS, https://www.un.org/Depts/los/convention_agreements/texts/unclos/unclos_e.pdf, Accessed 10 September 2020
[ii] Visit Greece, http://www.visitgreece.gr/en/greek_islands#:~:text=Greek%20sovereign%20land%20includes%206%2C000,phenomenon%20for%20the%20European%20continent, Accessed on 10 September 2020
[iii]Reuters, 19 January 2020, https://www.reuters.com/article/us-turkey-cyprus/turkey-spars-with-eu-over-fresh-drilling-off-cyprus-idUSKBN1ZI0G0?il=0, Accessed on 10 September 2020
[iv] Luigi Scazzieri, “Gas Heats Up The Eastern Mediterranean”, Centre for European Reform, April 2020, https://www.cer.eu/insights/gas-heats-eastern-mediterranean, Accessed on 10 September 2020
[v]Assessment of Undiscovered Oil and Gas Resources of the Levant Basin Province, Eastern Mediterranean, US Geological Survey, 2010, https://pubs.usgs.gov/fs/2010/3014/pdf/FS10-3014.pdf, Accessed on 10 September 2020
[vi] John V. Bowlus, “Eastern Mediterranean gas: Testing the field”, European Council on Foreign Affairs, https://www.ecfr.eu/specials/eastern_med/gas_fields, Accessed on 11 September 2020
[vii]Politico, 16 September 2015, https://www.politico.eu/article/eni-gas-egypt-israel-cyprus-zohr/, Accessed on 11 September 2020
[viii] Eastern Mediterranean Pipeline Project, NS Energy, https://www.nsenergybusiness.com/projects/eastern-mediterranean-pipeline-project/, Accessed on 11 September 2020
[ix]Mavi Marmara Incident - The relations between the two countries strained after the killing by Israeli commandos of 10 Turkish activists on board a ship that was part of an aid flotilla attempting to breach the blockade of Gaza on 31 May 2010.
[x]Daily Sabah, 17 January 2020, https://www.dailysabah.com/business/2020/01/17/ankara-disparages-surreal-steps-by-eastern-mediterranean-gas-forum, Accessed on 11 September 2020
[xi] Bloomberg, 5 December 2019, https://www.bloomberg.com/news/articles/2019-12-05/turkey-s-parliament-backs-contentious-maritime-deal-with-libya, Accessed on 11 September 2020
[xii]Reuters, 11 December 2019, https://www.reuters.com/article/us-eu-summit-greece-turkey/eu-leaders-to-reject-turkey-libya-deal-draft-statement-idUSKBN1YF228, Accessed on 12 September 2020
[xiii]The Washington Post, 20 August 2020, https://www.washingtonpost.com/business/energy/how-tensions-are-rising-over-mediterranean-gas-fields/2020/08/20/e3fa14be-e2fc-11ea-82d8-5e55d47e90ca_story.html, Accessed on 12 September 2020
[xiv]Reuters, 6 August 2020, https://www.reuters.com/article/us-egypt-greece/egypt-and-greece-sign-agreement-on-exclusive-economic-zone-idUSKCN252216, Accessed on 12 September 2020
[xv]Al Jazeera, 7 August 2020, https://www.aljazeera.com/news/2020/08/turkey-denounces-maritime-deal-greece-egypt-200807065300640.html, Accessed on 12 September 2020
[xvi]Bloomberg, 9 June 2020, https://www.bloomberg.com/news/articles/2020-06-09/greece-and-italy-agree-on-maritime-border-for-two-countries, Accessed on 13 September 2020
[xvii]LGC News, 2 February 2020, https://www.lgcnews.com/french-aircraft-carrier-deployed-to-cyprus/, Accessed on 13 September 2020
[xviii]Reuters, 7 July 2020, https://www.reuters.com/article/us-nato-france-turkey-analysis/france-turkey-tensions-mount-after-nato-naval-incident-idUSKBN2481K5, Accessed on 14 September 2020
[xix]Forbes, 26 August 2020, https://www.forbes.com/sites/pauliddon/2020/08/26/uae-sends-fighter-jets-to-support-allies-against-turkey/#5c59501327e1, Accessed on 14 September 2020
[xx]Naval News, 28 August 2020, https://www.navalnews.com/naval-news/2020/08/eunomia-cyprus-greece-france-and-italy-conducting-combined-drills-in-eastern-med/, Accessed on 15 September 2020
[xxi] No: 195, 3 September 2020, Press Release Regarding the Statement of NATO Secretary-General on the Launch of Technical Meetings between Turkey and Greece within NATO, Ministry of Foreign Affairs, Republic of Turkey, http://www.mfa.gov.tr/no_-195_-nato-genel-sekreteri-nin-ulkemiz-ile-yunanistan-arasinda-nato-bunyesinde-teknik-gorusmeler-baslatilmasi-aciklamasi-hk.en.mfa, Accessed on 18 September 2020
[xxii] DW, 1 October 2020, https://www.dw.com/en/greece-turkey-agree-to-nato-deal-to-avoid-conflict-in-mediterranean/a-55127024, Accessed on 12 October 2020
[xxiii] Al Jazeera, 6 October 2020, https://www.aljazeera.com/news/2020/10/6/us-greece-call-for-peaceful-resolution-for-disputes-in-east-med Accessed on 12 October 2020
[xxiv][xxiv] BBC, 2 October 2020, https://www.bbc.com/news/world-europe-54381498, Accessed on 12 October 2020