प्रस्तावना:
इजराइल के कूटनीतिक इतिहास में, 2020 को संयुक्त अरब अमीरात (यूएई), बहरीन और सूडान के अरब देशों के साथ अपने संबंधों के लिए एक ऐतिहासिक वर्ष के रूप में याद किया जाएगा। 1993 में जॉर्डन के साथ अपने संबंधों को औपचारिक रूप देने के बाद, इजराइल को इस क्षेत्र में, नए आधिकारिक मित्रबनाने में चौथाई सदी से अधिक समय लगा है।
ऐसा प्रतीत होता है कि अन्य अरब देश भी, इजराइल के साथ संबंधों को सामान्य बनाने के वर्तमान राजनयिक प्रक्षेपवक्र का अनुसरण कर सकते हैं। अमेरिका के राष्ट्रपति चुनाव से पहले, निवर्तमान राष्ट्रपति ट्रम्प के बारे में एक बयान को, अरब मीडिया मेंबड़े पैमाने पर प्रकाशित गया था कि “अगले अमेरिकी चुनाव में डोनाल्ड ट्रम्प की संभावित जीत पर एक उपहार के रूप में, इजराइल के साथ सऊदी अरब, कतर, मोरक्को, नाइजर और ओमान के संबंधों के सामान्य होने की आशा है।”[i]निर्वाचित राष्ट्रपति, बिडेन ने इजराइल के साथ संबंधों को सामान्य करने वाले अधिक देशों पर टिप्पणी नहीं की है लेकिन तेजी से सामान्यीकरण का स्वागत किया है। रिपोर्ट में राष्ट्रपति ट्रम्प द्वारा नामित देशों ने कई अलग-अलग तरीकों से इजराइल के साथ अपने संबंधों को सामान्य करने के बारे में संकेत दिया है। इजराइल के प्रधानमंत्री नेतन्याहू ने भी एकाधिक बार टिप्पणी की है कि कई अरब देश इजराइल के साथ अपने संबंधों को औपचारिक बनाने के लिए आगे आ रहे हैं।अगस्त में,इजराइल के साथ संयुक्त अरब अमीरात और बहरीन के राजनयिक घनिष्ठता के बाद, इस वर्ष सूडान इजराइल के साथ अपने राजनयिक संबंध स्थापित करने वाला तीसरा अरब राष्ट्र बन गया,[ii]सूडान ने 23 अक्टूबर, 2020 को एक आधिकारिक बयान के साथ ऐसा किया।
यह नई लहर को, विशेष रूप से सूडान के साथ, एक बडे बदलाव के रूप में देखा जाता है क्योंकि सूडान ने 1967 में महत्वपूर्ण अरब लीग शिखर सम्मेलन की मेजबानी की थी जिसमें तीन एनओ[iii]को अपनाया गया था: इजराइल के साथ कोई शांति नहीं, इजराइल को कोई मान्यता नहीं और 1967 के युद्ध में अरब की हार इजराइल के साथ कोई बातचीत नहीं।सूडान इस नए संबंध से बहुत कुछ हासिल करने की आशा है और राष्ट्रपति ट्रम्प ने सूडान को "आतंकवाद के प्रायोजकराज्यों" की सूची से हटाने का आदेश दिया है।[iv] लेकिन सूडान की मौजूदा राजनीतिक उथल-पुथल और उसके शासन की संक्रमणकालीन प्रकृति को देखते हुए पहल की सफलता के बारे में आशंकाएं बनी हुई हैं।
वर्तमान की वंशावली: सदी के समझौते से अब्राहम समझौते तक
व्हाइट हाउस में राष्ट्रपति ट्रम्प के कार्यकाल में तीन प्रमुख उद्देश्यों कोपूरा करने के प्रयास में इस क्षेत्र में एक नई भू-राजनीति की शुरुआत हुई: पहला, ईरान को सभी का शत्रुराष्ट्र घोषित करना, दूसरा इजराइल और अरब देशों के बीच संबंध को बढ़ावा देना और तीसरा दो-राष्ट्र समाधान पर अमेरिका की पिछले दृष्टिकोण की परवाह किए बिना इजराइल को हर प्रकार का समर्थन देना।उन्होंने अपनी विदेश नीति के एक उद्देश्य,बहुचर्चित'सदी का समझौता'के माध्यम से अरब-इजराइल संघर्ष को हमेशा के लिएहल करने की घोषणा साथ व्हाइट हाउस में प्रवेश किया था।[v]
राष्ट्रपति ट्रम्प ने इस उद्देश्य को पूरा करने के लिए, राष्ट्रपति बनने के बाद अपनी पहली विदेश यात्रा के गंतव्य के रूप में सऊदी अरब को चुनाथा। मई 2017 में अपनी रियाद की यात्रा में, उन्होंने दुनिया भर के अरब-इस्लामी नेताओं को संबोधित किया और संप्रदायवाद की आग को हवा देने के लिए ईरान को अलगकरने और चरमपंथियों और आतंकवादियों को खाड़ी के देशों से बाहर निकालने का आह्वान किया।[vi]इसका लक्ष्य सुन्नी जगत का एक ईरान-विरोधी गठबंधन बनाना था जो धीरे-धीरे अमेरिका और इजराइलके साथ शामिल हो जाएगा।उनका अगला कदम, दिसंबर, 2017 में इजराइल में स्थित अमेरिकी दूतावास को यरूशलेम में स्थानांतरित करने की एकपक्षीय घोषणा थी, जो इजराइल के लिए उनके खुले समर्थन का संकेत था। अंततः मई 2018 में यह कार्य पूरा हुआ। इसके बाद इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने अक्टूबर 2018 में ओमान का दौरा किया, जो, क्षेत्रीय संघर्ष में तटस्थ देश माना जाता है, और स्वर्गीय शाह काबूस के साथ उनकी विस्तृतचर्चा हुई।[vii]
अपनी ईरान विरोधी और इजराइल समर्थक नीति के अनुसरण में, अमेरिका ने फरवरी 2019 में, वारसा में मध्य पूर्व में शांति और सुरक्षा के भविष्य को बढ़ावा देने के लिए एक उच्च-स्तरीय बैठक बुलाई। राष्ट्र सचिव, माइक पोम्पेओ ने स्पष्ट टिप्पणी की कि, "ईरान का सामना किए बिना इस क्षेत्र में शांति प्राप्त करना असंभव है"।[viii]वॉरस में यमन के विदेश मंत्री को नेतन्याहू के साथ बैठे देखना और ओमानी विदेश मंत्री और इजराइल के प्रधानमंत्री के बीच एक खुला आलिंगन राष्ट्रपति ट्रम्प की पहल केकुछ वांछनीय परिणाम थे। अरब-इजराइल संबंधों में, बदलाव के ये दृश्य बहुत महत्वपूर्ण हैं। बाद में, नेतन्याहू ने ट्वीट किया कि वॉरस बैठक ईरान के बढ़ते खतरे के समक्ष नए अरब नेताओं के साथ खड़े होने का एक ऐतिहासिक मोड़ था।[ix]
अरब नेताओं को सदी के समझौते के पक्ष में लामबंद करने के प्रयासों कीकड़ी में समझौते के आर्थिक घटकों का अनावरण करने के लिएअमेरिका द्वारा एक और बैठक आयोजित की गई और जून 2019 में बहरीन के क्राउन प्रिंस नेइसकीमेजबानी की।इस शिखर सम्मेलन में सऊदी अरब, कतर, तुर्की और ग्रीस सहित तीस देशों के 300 से अधिक प्रतिनिधियों ने भाग लिया।[x]फिलिस्तीनी अर्थव्यवस्था के आकार को दोगुना करने के उद्देश्य से फिलिस्तीन के लिए 50 बिलियन अमरीकी डॉलर के आर्थिक पैकेज की घोषणा की गई थी।इस विशाल आर्थिक पैकेज के प्रति क्षेत्र में बहुतों ने उत्साह दिखाया, जबकि फिलिस्तीन के सभी राजनीतिक गुटों द्वारा इसका पूरी तरह से बहिष्कार किया गया।
दुबई में आयोजित होने वाले प्रतिष्ठित एक्सपो 2020 में भाग लेने के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर करने के लिएदिसंबर 2019 में इजराइल के अधिकारियों ने संयुक्त अरब अमीरात की यात्रा की।[xi]वर्षों की पैरवी, लुभाने और जोर-जबरदस्ती करने के परिणामस्वरूप, अब्राहम समझौते[xii] के रूप मेंइजराइल-अरब संबंधों के इतिहास में एक नया अध्याय शुरु करने पर भी सहमति हुई।व्हाइट हाउस में 15 सितंबर, 2020 को यूएई और बहरीन के विदेश मंत्रियों, इजराइल के प्रधानमंत्री नेतन्याहू और अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रम्प की उपस्थिति में ऐतिहासिक अब्राहम समझौते पर हस्ताक्षर करने के लिए एक विशाल समारोह आयोजित किया गया था।बहरीन और संयुक्त अरब अमीरात ने समझौते पर हस्ताक्षर किया औरमिस्र और जॉर्डन के बाद इजराइल के साथ राजनयिक संबंधों को औपचारिक बनाने वाले तीसरे और चौथे देश बन गए।‘सदी के समझौते’ के साथ आरंभ हुआ मिशन अब्राहम समझौते के साथ समाप्त हुआ और अरब जगत के अतीत के तीन एनओको दफना दिया गया।
सूडान के लिए यह सब कैसे आरंभ हुआ
वर्ष 1998 में दार एस सलाम और नैरोबी में अमेरिकी मिशनों पर हमलों के अलावा, 1993 में अमेरिका में वर्ल्ड ट्रेड सेंटर पर हुए हमले में इसकी संदिग्ध भूमिका,1995 में मिस्र के राष्ट्रपति मुबारक की हत्या के असफल प्रयास, और 1990 के दशक में सूडान[xiii] में ओसामा बिन लादेन की उपस्थिति कोदेखते हुए यह मान लेना गलत नहीं होगा कि ईरान के बाद, सूडान इस क्षेत्र में हमास, जिहाद-अल-इस्लामी और हिजबुल्लाह को अपना समर्थन देने वाला अगला राष्ट्र बना।सूडान में नये शासन के लिए'आतंकवाद प्रायोजक राष्ट्र' की सूची से हटाया जाना चुनौतीभरा होने के बावजूद सबसे वांछनीय उद्देश्य था, इसे अमेरिका द्वारा दो दशकों से अधिक समय तक इस सूची मेंरखागया था। सूडान के प्रधानमंत्री हमदौक नेएक से अधिक बार प्रतिबंधों को हटाने की इच्छा व्यक्त की थी।यूएई और बहरीन के साथ अपनी सफलताओं के बाद, अमेरिका ने सूडान पर दबाव डाला कि वह आतंकी सूची से हटाए जाने के लिए अपनी वार्ता के साथ इजराइल के साथ अपने संबंधों की घोषणा करे। संप्रभुता परिषद के अध्यक्ष अब्देल फतह अल-बुरहान, आतंकवादी सूची से हटाए जाने की परवाह किए बिनाइजराइलके साथ संबंधों के लिए उत्सुक थे, जबकि प्रधानमंत्री हमदौक आतंकवादी सूची से हटाए जाने के लिएइजराइल के साथ संबंधों को सामान्य करने के पक्ष में नहीं थे।[xiv] अतीत में भी इस तरह के प्रयास किए गए थे, उदाहरण के लिए 2016 में इजराइल ने, सूडान के ईरान के साथ अपने संबंध समाप्त कर लेने की शर्त परसूडान की मदद करने का वादा किया था।[xv]बुरहान के युगांडा की गुप्त यात्रा के साथ इजराइल और सूडान के बीच फरवरी 2020 मेंगुप्त वार्ता शुरू हुई। बुरहान नेप्रधानमंत्री नेतन्याहू से भेंट की और दोनों ने संबंधों को सामान्य बनाने[xvi] के लिए काम करने का संकल्प लिया। बैठक का उद्देश्य संबंधों के सामान्यीकरण के अलावासूडान को आतंकी सूची से हटाना भी था।
पिछली बैठक के एजेंडे को आगे बढ़ाने के लिए अगस्त 2020 में, अमेरिकी विदेश मंत्री पोम्पिओ की सूडान यात्रा के बाद बुरहान-नेतन्याहू बैठक हुई थी।2005 में कॉन्डोलेज़ा राइस की यात्रा[xvii]के पंद्रह वर्षों के बाद, सूडान में अमेरिकी विदेश मंत्री की यह पहली यात्रा थी। दोनों पक्षों (सूडान और इजराइल) ने 23 अक्टूबर, 2020 को अपने संबंधों की सार्वजनिक घोषणा की।संयुक्त बयान में एक-दूसरे के देश में राजदूतों के आदान-प्रदान या मिशनों को खोलने का कोई उल्लेख नहीं किया गया।[xviii]
संभवतः लोगों के प्रतिघात के डर के कारण मिशन खोलने कीकोई योजना नहीं है, क्योंकि शासन की संक्रमणकालीन प्रकृति के कारण कई लोग पहले ही समझौते पर विवाद कर चुके हैं। दोनों राष्ट्रीय सहमति बल, ‘स्वतंत्रता और परिवर्तन की सेना’और सूडानी पीपुल्स कांग्रेस पार्टी के महत्वपूर्ण गुटों में से एक, बशीरसमर्थक इस्लामवादी समूह ने समझौते की निंदा की है। एक दिग्गज इस्लामवादी नेता और उम्माह पार्टी के प्रमुख, अल-मेहदी ने गठबंधन से समर्थन वापस लेने की धमकी दी और इसे संक्रमणकालीन सरकार के अधिकार क्षेत्र से बाहर का कृत्य करार दिया।[xix]
आशंकाओं और आक्रोश को दूर करने के लिए, सूडान के विदेश मंत्री, उमर क़मर-अल-दीन पहले ही यह घोषणा कर चुके हैं कि संसदीय अनुसमर्थन के बिना समझौता लागू नहीं होगा।[xx]इस बीच सरकार में कई लोग इसके क्रियान्वयन के विरुद्ध नहीं हैं क्योंकि सूडान के न्याय मंत्री नसरुद्दीन अल-बारी ने टिप्पणी की कि अंतरिम संवैधानिक घोषणा में ऐसा कोई प्रावधान नहीं है (फरवरी 2019 में संक्रमणकालीन सैन्य परिषद और विपक्षी बलों के बीच हस्ताक्षर किए गए) जो इजराइल के साथ संबंधों के लिए शत्रुतापूर्ण है औरबाद में यह भी कहा कि विदेश नीति वैचारिक आक्षेपों की बंधक बन कर नहीं रह सकती,यह राष्ट्रीय हितों से निर्धारित होती है।[xxi]
सूडान और इजराइल के लिए समझौते का क्या अर्थ है?
इन दोनों देशों के अतीत के संबंधों को देखते हुए, हाल के वर्षों मेंसूडान काकोई भी राजनयिक कदम इजराइल को मान्यता देने से अधिक आश्चर्यजनक नहीं हो सकता है। इजराइल केवल दक्षिणी सूडान की स्वतंत्रता को मान्यता देने वाले पहले राष्ट्रो में ही शामिल नहीं था, बल्कि वह विद्रोही सेनाओं को प्रशिक्षित करके सूडान के विभाजन में बहुत मदद की थी।[xxii]
इजराइल में विजय की भारी भावना का अनुमान प्रधानमंत्री मिनस्टर नेतन्याहू के इस कथन से लगाया जा सकता है कि "इजराइल अब मध्य पूर्व के नक्शे को बदल रहा है और इजराइलअब पूरी दुनिया के संपर्क में है"।[xxiii]उन्होंने समझौते को संबंधों, आर्थिकीऔर इजराइल की सुरक्षा के लिए अच्छा करार दिया।[xxiv]इजराइल के खुफिया मंत्री, एली कोहेन ने इस समझौते को अरब दुनिया में ऐतिहासिक परिवर्तन का एक प्रमाण और इजराइल की आर्थिक और सैन्य ताकत की पहचान कहा।[xxv]इसमें कोई संदेह नहीं है कि अफ्रीका में एक नया सहयोगी खोजने के अलावा, यह समझौता,इजराइल के लिए रणनीतिक गहराई का स्रोत होगा और अब सुरक्षा या रणनीति के किसी भी खाके को बनाते समय इस क्षेत्र के देशों के लिए इजराइल की उपस्थिति को अनदेखा करना मुश्किल हो सकता है। उदाहरण के लिए, इजराइल अब मिस्र, सूडान और इथियोपिया के बीच नील जल विवाद में एक नए हितधारक के रूप में उभर सकता है क्योंकि इजराइल पहले से ही इथियोपिया का समर्थक है। सूडान में नील की मौजूदगीइजराइल को‘ग्रेटर इजराइल’की अपनी पौराणिक उक्ति को जारी रखने में मदद कर सकती है, जिसके अनुसार इजराइल की सीमा नील नदी से यूफ्रेट्स तक फैली हुई है।[xxvi]
लाल सागर और भूमध्य सागर में जॉर्डन और यूएई के सहयोग से इजराइल कई रेलवे, समुद्री, तेल और गैस पाइपलाइन परियोजनाओं का लाभार्थी है।[xxvii]सूडान का प्रवेश इजराइल के आर्थिक और सैन्य हित को आगे बढ़ा सकता है और इजराइल कोक्षेत्र में निर्विरोध नेता के रूप में स्थापित कर सकता है। सूडान के लगभग 150,000 सूडानियों का निर्वासन,समझौते का एक प्रमुख लेकिन ध्यान न दिया जाने वाला एक घटकहै, जो 1960 -70 के दशक में इजराइल आए थे, क्योंकि उन्हें इजराइलराष्ट्र की यहूदी पहचान के लिए खतरा माना जाता है।यह इजराइल की दशकों पुरानी मांगों की पूर्ति होगी। पुरस्कार के रूप में, सूडान को पहले से ही इजराइल से पांच मिलियन टन गेहूं प्राप्त हो चुका है।[xxviii]
सूडान पर जीत हासिल करके, इजराइल क्षेत्र में फिलिस्तीन के कट्टर सहयोगियों में से एक को अलग करने में सक्षम हो गया है। सूडान पर, सिनाई प्रायद्वीप के माध्यम से फिलिस्तीन के कट्टरपंथी समूहों को हथियारों की आपूर्ति करने का आरोप लगाया गया है और इजराइल ने कई बार ऐसी कई जगहों पर बमबारी की है। अब इजराइल मिस्र, जॉर्डन, दक्षिण सूडान और सऊदी अरब के साथ लाल सागर में एक सुरक्षा घेरा बनाने का काम पूरा कर सकता है।यह आतंकवादी गतिविधियों के साथ-साथ सूडान, माली, और नाइजर जैसे सीमावर्ती क्षेत्रों में उन गतिविधियोंको नियंत्रित कर सकता है, जो इसके हितों के प्रतिकूल हो सकती हैं। इसके अतिरिक्त, इजराइल ने सूडान के रूप में ईरान की रणनीतिक परिवेश से पृथक करदिया है।[xxix]नए समझौते के अंतर्गत, सूडान हिजबुल्लाह को एक आतंकवादी समूहके रूप में सूचीबद्ध करने के लिए सहमत हो गया है, जो इजराइल के लिए एक प्रमुख रणनीतिक सफलता है।[xxx]बहरीन, यूएई और सूडान के साथ इजराइल के राजनयिक संयोजन को ईरान और तुर्की के बढ़ते प्रभाव का मुकाबला करने के लिए इजराइल के नेतृत्व वाले सुन्नी गठबंधन के विस्तार के रूप में भी देखा जा रहा है। शायद 2017 में, राष्ट्रपति ट्रम्प की सऊदी अरब की यात्रा के दौरान ईरान के खिलाफ सुन्नी नेतृत्व वालापहलागठबंधन बनाने के प्रयास का कुछ लाभ हो रहा है।
जहां तक सूडान का संबंध है, यह अमेरिका द्वारा लगाए गए प्रतिबंधों के कारण आर्थिक कठिनाइयों और राजनीतिक अलगाव से चिह्नित अपनी दशकों की पिछली विरासत से छुटकारा पा लेगा।सूडान के विदेश मंत्री ने समझौते का जिक्र करते हुए कहा कि इससे देश को काफी आर्थिक और राजनीतिक लाभ होगा। [xxxi]उन्होंने यह भी कहा कि समझौता आर्थिक निवेश लाएगा और राजनीतिक और राजनयिक लाभांश का स्रोत बनेगा।[xxxii] एक अनुमान के अनुसार, सूडान को अमेरिकी प्रतिबंधों से बचने के लिए अपने आयात पर, विशेष रूप से संयुक्त अरब अमीरात के बिचौलियों को व्यापार करने के लिए सालाना लगभग 1.5-2 बिलियन अमरीकी डॉलर का भुगतान करनापड़ रहा था।[xxxiii]इजराइल के साथ तालमेल, सूडान को कृषि और बाहरी आर्थिक सहायता पर अधिक ध्यान केंद्रित करके अपनीबरबाद अर्थव्यवस्था को फिर से सुधारने की अनुमति देगा।कई विदेशी कंपनियां बाजार में निवेश के लिए सूडान आएंगी और सूडान वैश्विक संस्थानों से ऋण के लिए पात्र होगा।सूडान अब,दक्षिणी सूडान, चाड, इथियोपिया, युगांडा, और मध्य अफ्रीका जैसे अन्य अफ्रीकी देशों के माल के लिए एक आउटलेट और पारगमन बिंदु बनने के लिए, अमेरिका और इजराइल की मदद से लाल सागर पर बंदरगाह स्थापित कर सकता है।[xxxiv]एक रिपोर्ट के अनुसार, प्रतिबंधों को हटाने से, सूडान को60 बिलियन अमरीकी डॉलर के पिछले ऋणों से राहत मिलेगी, जिसमें 3 बिलियन अमरीकी डॉलर का अमेरिका का ऋण भी शामिल है।[xxxv]अमेरिका ने मानवीय कार्यक्रमों में सहायता के लिए पहले ही 81 मिलियन अमरीकी डॉलर की आर्थिक सहायता का वादा किया है। [xxxvi]
सूडान के एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि आने वाले सप्ताहों में दोनों पक्ष कृषि, व्यापार, वाणिज्य और विमानन क्षेत्र में सहयोग के बारे में विस्तृत बातचीत करेंगे।[xxxvii]अमेरिका और इजराइल दोनों ने खाद्य सुरक्षा में सुधार के लिए सूडान की सहायता करने की प्रतिबद्धता स्वीकार की है। सूडान कृषि और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में इजराइल के अनुभव का लाभमिल सकता है। इजराइलविशेष रूप से बीज उत्पादन के क्षेत्र में,अपनी उन्नत कृषि तकनीकके लिए विश्व-विख्यात है और सूडान को अपना कृषि उत्पादन बढ़ाने के लिए इस तकनीक की आवश्यकता है।[xxxviii]सूडान जैसा पानी की कमी वाला देश,इजराइल की विकसित जल तकनीकसे भी लाभ उठा सकता है।यह प्रौद्योगिकी, साइबर सुरक्षा और समुद्री डकैती और अन्य अवैध गतिविधियों के विरुद्ध लड़ाई में भी इजराइल की सहायता ले सकता है।
सूडान को यूएई और सऊदी अरब जैसे देशों से भी बड़ी आर्थिक सहायता मिलने की संभावना है। यूएई के विदेश मंत्री ने इस कदम का स्वागत किया है और कहा है कि यह नया समझौता सूडान के साथ आर्थिक, राजनीतिक, राजनयिक और सुरक्षा सहयोग की संभावना को बढ़ाएगा।[xxxix]ऐसी अपुष्ट खबरें हैं कि सऊदी अरब ने केन्या और तंजानिया में अमेरिकी दूतावासों पर बमबारी.[xl] के पीड़ितों के लिए मुआवजे के रूप में, सूडान की ओर से 350 मिलियन अमरीकी डॉलर की राशि[xli]का भुगतान किया है।
निष्कर्ष:
सूडान में सरकार की क्षणभंगुर प्रकृति को देखते हुए, समझौते पर राजनीतिक गुटों के बीच सहमति न होना और सड़क पर विरोध, इसकी सफलता के बारे में कोई निश्चित भविष्यवाणी करना कठिन बनाता है।हालांकि, इसमें कोई संदेह नहीं है कि यदि इसे लागू किया जाता है, तो सूडान को समझौते से आर्थिक और राजनीतिक रूप से महत्वपूर्ण लाभ होगा।[xlii]यह समझौता इस क्षेत्र में राजनीतिक यथार्थवाद और व्यावहारिकता की एक और अभिव्यक्ति है और सूडान इसका अपवाद नहीं है।हालाँकि देश के सर्वसम्मति के दृष्टिकोणों का परीक्षण अभी नहींहुआ है।जहां तक इजराइल का संबंध है, सूडान उन देशों की सूची में एक महत्वपूर्ण जोड़ है जिन्होंने इसे मान्यत दी है। इजराइल के पक्ष में मौजूदा कूटनीतिक प्रक्षेपवक्र की अभूतपूर्व गति को देखते हुए, यह अनुमान लगाया जा सकता है कि बहुत जल्द ही कई और देश इजराइलके लिए खुलेंगे और इस प्रकार इजराइलऔर अरब मोर्चों को मजबूत कर सकते हैं। लेकिन यह फिलिस्तीन की कीमत पर होगा जो इजराइल के साथ रिश्ते को सामान्य करने की मौजूदा दौड़ आरंभ होने से पहले ही हार चुका है। इसके अलावा, अमेरीका-इजराइल-अरब/फिलिस्तीन राजनयिक और राजनीतिक प्रक्षेपवक्र के पिछले सात दशकों को देखते हुए, हमें राष्ट्रपति ट्रम्प के बाहर जाने के बाद भी इस परिदृश्य में बदलाव की आशा नहीं करनी चाहिए।
*****
*डॉ. फज़ूर रहमान सिद्दीकी, विश्व मामलों की भारतीय परिषद में शोधकर्ता हैं ।
व्यक्त किए गए विचार व्यक्तिगत हैं।
डिस्क्लेमर: इस अनुवादित लेख में यदि किसी प्रकार की त्रुटी पाई जाती है तो पाठक अंग्रेजी में लिखे मूल लेख को ही मान्य माने ।
अंत टिप्पण
[i]अब्दुल बारी अटवान, इस्लामी दुनिया का अरब नेतृत्व,रेल यूम, एक अरबी दैनिक,https://bit.ly/35ABJbG 28 अक्तूबर, 2020 को उपयोग किया गया
2संयुक्त राष्ट्र में इजरायल का स्थायी प्रतिनिधि, एक ट्वीट में राजदूत डैनी दानोन https://twitter.com/dannydanon/status/1319567825560895489?s=0329 अक्तूबर, 2020 को उपयोग किया गया।
3लाहव हरकोव, खार्तूम से इज़राइल कोहाँ करना केवल एक नाटक का अनुषंगी विषय है। एकविश्लेषण, द यरुशलम पोस्ट,24 अक्तूबर,2020 , https://bit.ly/34B8zK625 अक्तूबर,2020 को उपयोग किया गया।
[iv]जोसेफ फेडरमैन और सामी मैगी, सूडान के अधिकारी: इज़राइल के साथ राजनयिक समझौता निकट है, एसोसिएट प्रेस,23अक्तूबर,2020 , https://bit.ly/2TGrJrD24अक्तूबर, 2020को उपयोग किया गया।
5यह अरब-इज़राइल संघर्ष को सुलझाने के लिए अमेरिकी प्रशासन द्वारा प्रस्तावित एक शांति योजना है।
6ट्रम्प द्वारा अच्छे और बुरे भाषणों में ईरान पर हमला, फाइनेंशियल टाइम्स, 18 मई, 2017, https://on.ft.com/384sbJ120 अगस्त, 2020 को उपयोग किया गया।
7इसराइल के नेतन्याहू की अचानक ओमान यात्रा में काबूस के साथ बैठक, अलजजीरा, 26 अक्तूबर, 2018, उपयोग किया गयाhttps://bit.ly/3e8D9xLअगस्त 24, 2019 को उपयोग किया गया।
8पोम्पेओ से नेतन्याहू: ईरान का सामना करना मध्य पूर्व की शांति, स्थिरता की कुंजी, हारेत्ज़
एक इजरायली अंग्रेजी दैनिक, 14 फरवरी, 2019 https://bit.ly/34DQ7AM 25 फरवरी, 2019को उपयोग किया गया।
[viii]पोम्पेओ से नेतन्याहू: ईरान का सामना करना मध्य पूर्व की शांति, स्थिरता की कुंजी, हारेत्ज़
एक इजरायली अंग्रेजी दैनिक, 14 फरवरी, 2019 https://bit.ly/34DQ7AM 25 फरवरी, 2019को उपयोग किया गया।
[ix]अब्दुल बारी अटवान, दो शिखर सम्मेलनों की कहानी: वारस और सोची, रेल यूम, एक अरबी दैनिक, 11फरवरी 2019, https://bit.ly/37R41Bm23 अक्तूबर,2020को उपयोग किया गया।
[x]जेफरी सोननफेल्ड, बहरीन सम्मेलन: जो मीडिया विशेषज्ञोंको नहीं जानपाए, फार्चून, 30जून, 2019,https://bit.ly/31Skj9z05 अक्तूबर,2020 को उपयोग किया गया।
[xi]कोविड-19 के कारण एक्सपो 2020 बाद में रद्द कर दिया गया था।
[xii]संयुक्त अरब अमीरात और इजरायल के बीच संबंधों की औपचारिकता को आधिकारिक रूप से अब्राहम अकार्ड शांति समझौता:संयुक्त अरब अमीरात और इजरायल राष्ट्र के बीच शांति, राजनयिक संबंध और पूर्ण सामान्यीकरण की संधि का नाम दिया गया हैजबकि बहरीन और इजरायल के बीच समझौते को आधिकारिक तौर पर अब्राहम समझौता: शांति की घोषणा कहा गया है।यह संधि सभी राज्यों और क्षेत्र के लोगों के लिए स्थिर, समृद्ध और शांतिपूर्ण मध्य पूर्व के दृष्टिकोण को साकार करने की बात करती है।अकॉर्ड शांति और कूटनीतिक संबंध स्थापित करने और उनके और उनके लोगों के बीच संबंधों को पूर्ण रूप से सामान्य बनाने की बात करता है।समझौता विशेष रूप से अरब और यहूदियों के सामान्य वंश पर केंद्रित है और उस भावना में, यह मध्य पूर्व में एक वास्तविकता को बढ़ावा देने के लिए प्रेरित करता है जिसमें मुस्लिम, यहूदी, ईसाई और सभी धर्मों, विश्वासों और राष्ट्र के लोग रहते हैं और सह-अस्तित्व की भावना के लिए प्रतिबद्ध हैं।
[xiii]अबू हुरैरा अब्दुर्रहमान, अमेरिका और दुनिया भर में यहूदी लॉबी का प्रभाव,अल-ताघयीर,एक सूडानीअरबी दैनिक, 24 अक्तूबर,2020, https://bit.ly/3jzxxhe29 अक्तूबर, 2020 को उपयोग किया गया।
[xiv]लाहव हरकोव, खार्तूम से इज़राइल कोहाँ करना केवल एक नाटक का अनुषंगी विषय है। एकविश्लेषण, द यरुशलम पोस्ट,24 अक्तूबर,2020 , https://bit.ly/34B8zK625 अक्तूबर, 2020को उपयोग किया गया।
[xv]अल-हिंद अज़ुद्दीन, विश्वास और राष्ट्रीय हितों के बीच दुविधा, अल-मजहर, सूडानीअरबी दैनिक, 23 अक्तूबर, 2020, https://bit.ly/2TuoJhY24 अक्तूबर, 2020को उपयोग किया गया।
[xvi]पोम्पेओ की सूडान यात्राने इजरायल के साथ संबंधों को सामान्य बनाने बनाने पर जोर दिया, द वाशिंगटन पोस्ट, 25 अगस्त, 2020, https://wapo.st/2HOtZL6September 30 सितंबर 2020 को उपयोग किया गया।
[xvii]पोम्पेओ की सूडान यात्राने इजरायल के साथ संबंधों को सामान्य बनाने बनाने पर जोर दिया,द वाशिंगटन पोस्ट, अगस्त 25, 2020, https://wapo.st/2HOtZL6 30 सितंबर 2020को उपयोग किया गया।
[xviii]हारेत्ज: इजरायल के साथ सामान्यीकरण उत्सव की बजाय सावधानी का एक कारण है, अलजजीरा, अरबी दैनिक, 25 अक्तूबर,2020, https://bit.ly/34AH7MB25 अक्तूबर, 2020 को उपयोग किया गया।
[xix]इजरायल के साथ सामान्यीकरण सूडान में विपक्षियों में गुस्से का कारण बना, रेल यूम, एक अरबी दैनिक, 24 अक्तूबर, 2020, https://bit.ly/2Jeftgg27 अक्तूबर,2020 को उपयोग किया गया।
[xx]हारेत्ज: इजरायल के साथ सामान्यीकरण उत्सव की बजाय सावधानी का एक कारण है,, अलजजीरा, अरबी दैनिक, 25 अक्तूबर, 2020, https://bit.ly/34AH7MB25 अक्तूबर, 2020 को उपयोग किया गया।
[xxi]नेतन्याहू: एक प्रतिनिधिमंडल जल्द ही सूडान जाएगा,रेल यूम, एक अरबी दैनिक, 24 अक्तूबर, 2020, https://bit.ly/31Ti1ad27 अक्तूबर, 2020 को उपयोग किया गया।
[xxii]हिबा जमाल-अल-दीन, इजरायल और सूडान, बर्नार्ड लेविस से संयुक्त राज्य अमेरिका का सूडान: डील ऑफ द सेंचुरी का एक और अध्याय, अरब सेंटर फॉर रिसर्च एंड स्टडीज, 20अप्रैल 2020, https://bit.ly/3e4cfHk 23 मई, 2020को उपयोग किया गया।
[xxiii]अरब दुनिया के साथ समझौते के बारे में नेसेट में नेतन्याहू की वर्तमान योजना, रेल यूम, एक अरबी दैनिक, 24 अक्तूबर, 2020, https://bit.ly/31U4Ohd28 अक्तूबर, 2020को उपयोग किया गया।
[xxiv]समझौते के बाद सूडान और इज़राइल को क्या लाभ और हानि है, बीबीसी अरबी , 25, 2020, https://bbc.in/3kGKc3p30 अक्तूबर,2020 को उपयोग किया गया।
[xxv]27 अक्तूबर, 2020 को इजरायल चैनल टीवी के साथ एक साक्षात्कार में , https://bit.ly/32Xi6db30 अक्तूबर,2020को उपयोग किया गया।
[xxvi]हिबा जमाल-अल-दीन, इजरायल और सूडान, बर्नार्ड लेविस से संयुक्त राज्य अमेरिका का सूडान: डील ऑफ द सेंचुरी का एक और अध्याय, अरब सेंटर फॉर रिसर्च एंड स्टडीज, 20अप्रैल 2020, https://bit.ly/3e4cfHk 23मई, 2020को उपयोग किया गया।
[xxvii]अब्दुल बारी अटवान, इस्लामी दुनिया का अरब नेतृत्व,रेल यूम, एक अरबी दैनिकhttps://bit.ly/35ABJbG28 अक्तूबर,2020को उपयोग किया गया।
[xxviii]अब्दुल बारी अटवान, इस्लामी दुनिया का अरब नेतृत्व,रेल यूम, एक अरबी दैनिकhttps://bit.ly/35ABJbG 28 अक्तूबर, 2020को उपयोग किया गया।
[xxix]समझौते के बाद सूडान और इज़राइल को क्या लाभ और हानि है, बीबीसी अरबी , अक्तूबर,25, 2020, https://bbc.in/3kGKc3p30 अक्तूबर,2020 को उपयोग किया गया।
[xxx]सूडान-इज़राइल संबंधों का गुप्त खंड, अल-रकुबा,एक अरबी दैनिक, 24 अक्तूबर,2020, https://bit.ly/3mH2LoT29 अक्तूबर,2020 को उपयोग किया गया।
[xxxi]सूडान विदेश मंत्रालय: इजरायल के साथ सामान्यीकरण: अनुमोदन संसद का विशेषाधिकार है, रेल यूम, एक अरबी दैनिक, अक्तूबर,23, 2020, https://bit.ly/3oymkRT30 अक्तूबर, 2020को उपयोग किया गया।
[xxxii]सूडान विदेश मंत्रालय: इजरायल के साथ सामान्यीकरण: अनुमोदन संसद का विशेषाधिकार है, रेल यूम, एक अरबी दैनिक, 23 अक्तूबर, 2020, https://bit.ly/3oymkRT30 अक्तूबर, 2020को उपयोग किया गया।
[xxxiii]अमेरिकी प्रतिबंधों के कारण सूडान को 30 बिलियन अमेरिकी डॉलर का नुकसान हुआ,अल-ताघयीर, एक अरबी दैनिक, 22 अक्तूबर,2020, https://bit.ly/35Dq8Zm30 अक्तूबर, 2020 को उपयोग किया गया।
[xxxiv]अबू हुरैरा अब्दुर्रहमान, अमेरिका और दुनिया भर में यहूदी लॉबी का प्रभाव,अल-ताघयीर,एक सूडानीअरबी दैनिक, 24 अक्तूबर, 2020, https://bit.ly/3jzxxhe29 अक्तूबर, 2020को उपयोग किया गया।
[xxxv]सूडान ऋण से राहत के लिए प्रयास कर रहा है, सूडानजेईएम, एक अरबी दैनिक, 20 अक्तूबर, 2020https://bit.ly/31NbM7A30 अक्तूबर, 2020.को उपयोग किया गया।
[xxxvi]सूडान के लिए 18 मिलियन अमरीकी डॉलर की सहायता, अल-ताघयीर, एक अरबी दैनिक, 6 अक्तूबर, 2020https://bit.ly/3mqz6jx28 अक्तूबर,2020को उपयोग किया गया।
[xxxvii]सूडान विदेश मंत्रालय: इजरायल के साथ सामान्यीकरण: अनुमोदन संसद का विशेषाधिकार है रेल यूम, एक अरबी दैनिक, 23 अक्तूबर, 2020, https://bit.ly/3oymkRT30 अक्तूबर, 2020को उपयोग किया गया।
[xxxviii]अल-हिंद अज़ुद्दीन, विश्वास और राष्ट्रीय हितों के बीच दुविधा, अल-मजहर, सूडानीअरबी दैनिक, 23 अक्तूबर, 2020, https://bit.ly/2TuoJhY24 अक्तूबर,2020को उपयोग किया गया।
[xxxix]यूएई ने इजरायल के साथ संबंधों को सामान्य बनाने के सूडान के निर्णय का स्वागत किया,रेल यूम, एक अरबी दैनिक, 24 अक्तूबर,2020 https://bit.ly/3oBjziz24 अक्तूबर, 2020 को उपयोग किया गया।
[xl]हारेत्ज: इजरायल के साथ सामान्यीकरण उत्सव की बजाय सावधानी का एक कारण है, अलजजीरा, अरबी दैनिक, 25 अक्तूबर,2020, https://bit.ly/34AH7MB25 अक्तूबर,2020को उपयोग किया गया।
[xli]जोसेफ फेडरमैन और सामी मैगी, सूडान के अधिकारी: इज़राइल के साथ राजनयिक समझौता निकट है, एसोसिएट प्रेस, 23 अक्तूबर, 2020 , https://bit.ly/2TGrJrD24 अक्तूबर,2020 को उपयोग किया गया।