अफ़्ग़ानिस्तान में निरंतर हमलो और हिंसा के बीच 13 जनवरी 2021 को भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोभाल ने काबुल की महत्वपूर्ण यात्रा की।1 अशरफ गनी के 10 मार्च 2020 को दूसरे पॉंच वर्षीय कार्यकाल के लिए राष्ट्रपति शपथ लेने और फरवरी 2020 में भारत के विदेश सचिव हर्ष वर्धन श्रृंगला के काबुल दौरे के बाद यह भारत की पहली उच्च स्तरीय यात्रा है ।2 अपनी दो दिवसीय यात्रा की अवधि में, एनएसए ने अफगान राष्ट्रपति अशरफ गनी, पूर्व राष्ट्रपति हामिद करजई, प्रथम उपराष्ट्रपति अमरतुल्लाह सालेह, सीईओ, और अफ़ग़ानिस्तान के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार हमीदुल्ला मोहिब के साथ "आतंकवाद रोधी प्रयासों में सहयोग" और संबंधों पर चर्चा की।3
एनएसए की यह यात्रा एक ऐसे महत्वपूर्ण समय पर हुई जब काबुल और दोहा में तालिबान के बीच अंतर-अफगान-वार्ता में निष्क्रियता और हाल के हफ्तों में अफगानिस्तान में बढ़ती हिंसा जिसमे विशेष रूप से प्रभावशाली पद के लोग, ज्ञानकारक और नागरिको को निशाना बनाया जा रहा है। पिछले कुछ महीनों में, अफगानिस्तान के प्रमुख शहरों में हत्या की घटनाएं देखी गयी4, जिसमें मानवाधिकार कार्यकर्ताओं, पत्रकारों5, महिला न्यायाधीशों6 को निशाना बनाया गया था। यद्यपि, भारतीय पक्ष की ओर से कोई आधिकारिक घोषणा नहीं की गई थी, अफ़ग़ान राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद ने अफ़ग़ान नेताओं के साथ एनएसए की बैठकों की पुष्टि की। राष्ट्रपति गनी के साथ बैठक के संदर्भ में, भारत में अफ़गान चार्जे डी'आफेयर ताहिर कादिरी ने ट्वीट किया कि ”दोनों देशो ने आतंगवाद रोधी सहयोग और अफ़ग़ानिस्तान में शांति प्रतिक्रिया के मुद्दे पर क्षेत्रीय सहमति को मजबूत बनाने की प्रयासों पर चर्चा की।“7 भारतीय एनएसए के साथ अपनी बैठक का प्रसंग करते हुए, पहले उपराष्ट्रपति ने ट्विटर पर पोस्ट किया “भारत के एनएसए अजीत डोभाल के साथ एक सुखद बैठक हुई। हमने दुश्मन के बारे में चर्चा की। यह एक विस्तृत चर्चा थी।”8 इस विचार को ध्यान में रखते हुए की सालेह9 को अफ़ग़ानिस्तान की अस्थिर स्थिति में पाकिस्तान की भूमिका को लेकर अभिव्यंजक माना गया है, यहाँ "दुश्मन" का सन्दर्भ समझने में कोई भ्रम नहीं होना चाहिए। दिलचस्प बात यह है कि कुछ दिनों बाद, पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने कहा कि पाकिस्तान ने अफगान सरकार से -"सबूत के साथ"- यह उलाहना किया है कि भारत अफगान शांति प्रक्रिया को नष्ट करने की भूमिका निभा रहा है।10
एनएसए अजीत डोभाल की यात्रा को अफगानिस्तान और पड़ोस देशो दोनों के लिए एक संकेत के रूप में देखा जा सकता है कि भारत भूमिगत वास्तविकता पर चौकस रहने के साथ साथ अफ़ग़ानिस्तान को ध्यान में रखते हुए अपनी नीति को भी आगे बढ़ा रहा है। यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि एनएसए के दौरे से कुछ दिन पहले, घोषणा1 1की गई थी कि भारत तीन महत्वपूर्ण समितियों का गठन करेगा, तालिबान प्रतिबंध समिति, वर्ष 2022 के लिए आतंकवाद-रोधी समिति और लीबिया प्रतिबंधों के सदस्य के रूप में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद। यद्यपि भारत ने दोहा वार्ता के उद्घाटन समारोह में भाग लिया और "अफगान स्वामित्व, अफगान नेतृत्व और अफगान नियंत्रित" शांति प्रक्रिया के लिए लगातार अपना समर्थन दिया, परंतु तालिबान के साथ वार्ता के प्रति भारत उदासीन ही रहा। जिनेवा प्रतिज्ञा सम्मेलन12 में, अफगानिस्तान को अपना समर्थन प्रदान करते हुए, भारत ने चल रही अंतर-अफगान वार्ता के बारे में अपनी चिंता व्यक्त की और पिछले दो दशकों में हुए हित की रक्षा के महत्व पर प्रकाश डाला। ऐसी नीतियों की व्यवहार्यता के बारे में भारतीय नीति निर्माताओं के मन में वास्तविक संदेह है।
दोहा में वार्ता के दूसरे दौर की शुरुआत के तुरंत बाद जनवरी 2021 में अफगानिस्तान सुलह के अमेरिकी प्रतिनिधि ज़ाल्मे ख़लीलज़ाद की काबुल यात्रा, अंतरिम अवस्था परिवर्तन कालिक सरकार की स्थापना की संभावना में वृद्धि करता है - जो एक लंबे समय तक तालिबान की मांग थी -जिसके दुष्परिणाम राष्ट्रपति गनी के कार्येकाल में देखे गए थे।13 दी गई स्थिति के अनुसार, नई दिल्ली के लिए महत्वपूर्ण प्राथमिकता काबुल की वर्त्तमान राजनीतिक व्यवस्था की ताकत और व्यवहार्यता का आकलन करना है, जो तालिबान से व्यवस्थित हमले के विरुद्ध वैधता और अस्तित्व की लड़ाई लड़ रहा है। सामान्य रूप से वैश्विक शक्ति क्रियाशाली और वाशिंगटन में ट्रम्प से बाइडन प्रेसीडेंसी में परिवर्तन का भारी प्रकोप काबुल की स्थिति पर भी पड़ेगा। इस बीच, पेंटागन की यह घोषणा14 कि बाइडन प्रशासन मई 2021 तक अफगानिस्तान से सैनिकों की पूर्ण रूप से वापसी के लिए प्रतिबद्ध नहीं होगा क्योंकि तालिबान ने शांति समझौते की अपनी प्रतिबद्धताओं का अनुसरण नहीं किया है, विद्रोही समूह से प्रतिशोध हो सकता है। अमेरिकी चुनावों पर तालिबान के कथन15 द्वारा यह संकेत दिया गया कि पूर्ण अमेरिकी वापसी से कम कुछ भी समझौता भंग करने का औचित्य होगा, काबुल आगे आने वाले समय में हिंसा का सामना करने के लिए तैयार रहे।
पिछले वर्ष नई दिल्ली में अफगानिस्तान से कई पदाधिकारियों को देखा गया, अब्दुल्ला अब्दुल्ला, फील्ड मार्शल अब्दुल रशीद दोस्तम और जनरल अता मोहम्मद नूर जिसके कारण भारत को पुराने संबंधों को सशक्त करने के अवसर प्राप्त हुआ। अफगानिस्तान में गुटबाजी को देखते हुए, कोई भी ताकत आज अफगानिस्तान में किसी एक गुट के साथ जुड़ने के लिए स्वयं को प्रतिबंधित नहीं कर रही। एनएसए की अफ़ग़ान के सभी गुटों के नेताओं के साथ बैठक यह रेखांकित करती है की भारत उन सभी हितकारो के साथ संलग्न होगा जो भारत के विचार के सहयोगी हैं। नई दिल्ली वर्षों से, अफगानिस्तान में स्थिति का निरंतर आकलन कर रहा है, और इसलिए, एनएसए की इस यात्रा को अफगानिस्तान के परिवर्तनकाल के एक महत्वपूर्ण मोड़ पर भारत द्वारा एक प्रभावशाली संदेश के रूप में देखा जा सकता है।
*****
* डॉ अन्वेषा घोष, अध्येता, विश्व मामलों की भारतीय परिषद।
व्यक्त किए गए विचार व्यक्तिगत हैं
डिस्क्लेमर: इस अनुवादित लेख में यदि किसी प्रकार की त्रुटी पाई जाती है तो पाठक अंग्रेजी में लिखे मूल लेख को ही मान्य माने ।
पादटिप्पणियां :
1"एनएसए डोभाल ने अफगानिस्तान में वार्ता की"। द हिन्दू, 13 जनवरी, 2021. https://www.thehindu.com/news/national/ajit-doval-meets-afghan-leadership-dscusses-issues-of-mutual-interest-counter-terrorism-co-op/article33569718.ece पर उपलब्ध (16. 01.2021 को अभिगम्य)
2"विदेश सचिव की अफगानिस्तान यात्रा (28-29 फ़रवरी 2020)”. विदेश मंत्रालय, भारत सरकार, 29 फ़रवरी, 2020. https://mea.gov.in/press-releases.htm?dtl/32441/Visit+of+Foreign+Secretary+to+Afghanistan+February+2829+2020 पर उपलब्ध (16. 01.2021 को अभिगम्य)
3 रेज़ौल एच लस्कर, “सिंक्रोनाइजिंग प्रयास, एनएसए अजीत डोभाल की काबुल छोड़ो यात्रा पर अफगानिस्तान ने कहा”. द हिंदुस्तान टाइम्स, 13 जनवरी, 2021. https://www.hindustantimes.com/india-news/nsa-doval-visits-afghanistan-for-talks-on-strategic-issues-101610537602831.html पर उपलब्ध (16. 01.2021 को अभिगम्य)
4 अफगानिस्तान हमलों में चार की मौत, कई घायल” अल जज़ीरा, 28 दिसंबर, 2020. https://www.aljazeera.com/news/2020/12/28/at-least-four-killed-in-afghanistan-attacks पर उपलब्ध (16. 01.2021 को अभिगम्य)
5 “अफगानिस्तान हिंसा: बिस्मिल्लाह आईमैक मरने वाले पांचवें पत्रकार है”. बीबीसी न्यूज़, 1 जनवरी, 2021. https://www.bbc.com/news/world-asia-55509695 पर उपलब्ध (16. 01.2021 को अभिगम्य)
6 ”काबुल में दो महिला न्यायाधीशों की गोली मारकर हत्याओं की लहर जारी”. द गार्डियन, 17 जनवरी, 2021. https://www.theguardian.com/world/2021/jan/17/two-female-judges-shot-dead-in-kabul-as-wave-of-killings-continues पर उपलब्ध (20.1.2021 को अभिगम्य)
7 “ महामहिम राष्ट्रपति @ अशरफ घनी ने भारतीय एनएसए महामहिम अजीत डोभाल से मुलाकात की जो आज राष्ट्रपति पैलेस में #काबुल की 2 दिवसीय यात्रा पर हैं । दोनों पक्षों ने आतंकवाद का मुकाबला करने और अफगान शांति प्रक्रिया पर क्षेत्रीय सहमति को मजबूत करने में सहयोग पर चर्चा की” @TahirQadiry- महामहिम ताहिर करिडी का ट्विटर हैंडल, 13 जनवरी, 2021. https://twitter.com/tahirqadiry/status/1349309997394530305/photo/1 पर उपलब्ध (20.1.2021 को अभिगम्य)
8 “ भारत के एनएसए अजीत डोभाल के साथ सुखद मुलाकात हुई। हमने दुश्मन पर चर्चा की। यह गहन चर्चा थी । धन्यवाद @ @NSCAfghan & @IndianEmbKabul for the good work”. @AmrullahSaleh2--Twitter Handle of His Excellency महामहिम अमरुल्लाह सालेह का ट्विटर हैंडल, 13 जनवरी, 2021. https://twitter.com/AmrullahSaleh2/status/1349982288101208064/photo/1 पर उपलब्ध (20.1.2021 को अभिगम्य)
9 “हम पाकिस्तान के सामने कभी नहीं झुकेंगे, अफगान उप-राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार अमरुल्लाह सालेह ने कहा”. फ्रांस 24 इंग्लिश , 27 मार्च, 2019. https://www.youtube.com/watch?v=4KvKODoKLlY पर उपलब्ध (20.1.2021 को अभिगम्य)
10 शकील अहमद, “भारत अफगान शांति प्रक्रिया खराब कर रहा है: कुरैशी”, डाउन, 18 जनवरी, 2021. https://www.dawn.com/news/1602130/india-spoiling-afghan-peace-process-qureshi पर उपलब्ध (20.1.2021 को अभिगम्य)
11 “ India heads crucial UNSC panels, gets foothold in Afghan peace process and Pakistan's terror record भारत ने यूएनएससी के महत्वपूर्ण पैनलों की अगुवाई की, अफगान शांति प्रक्रिया और पाकिस्तान के आतंकी रिकॉर्ड में पैर जमाने का काम”. ज़ी न्यूज़, 8 जनवरी, 2021. https://zeenews.india.com/india/india-heads-crucial-unsc-panels-gets-foothold-in-afghan-peace-process-and-pakistans-terror-record-2334832.html?fbclid=IwAR2904-WoODgOzr4W97VuPErqxq1eHv6ImdpM3Cgx3mn4SSkDF2QZ1rbu-Q पर उपलब्ध (29.1.2021 को अभिगम्य)
12 “2020 अफगानिस्तान सम्मेलन”.विदेश मंत्रालय फिनलैंड, 23-24 नवंबर, 2020. https://um.fi/afghanistan-conference-2020 पर उपलब्ध. (29.1.2021 को अभिगम्य)
13 “ राजनेताओं ने अंतरिम सरकार की स्थापना का संकेत दिया”. अरियाना न्यूज़, 7 जनुअरी , 2021. https://ariananews.af/politicians-hint-at-establishment-of-interim-government/?fbclid=IwAR0l27U0KoNw_Qq0VromefYjmfNVIL5Qc2_I0rVOE2rndEsOOQ6ceVpUcII पर उपलब्ध (29.1.2021 को अभिगम्य)
14 जेनिफर हंसलर और ओरेन लीबरमैन, “, says Taliban are not honoring commitments to US पेंटागन मई तक अफगानिस्तान सेना वापसी के लिए प्रतिबद्ध नहीं होगा, कहते हैं, तालिबान अमेरिका के प्रति प्रतिबद्धताओं को नहीं मान रहा है”. सीएनएन, 29 जनवरी, 2021. https://edition.cnn.com/2021/01/28/politics/pentagon-afghanistan-taliban-commitments/index.html?fbclid=IwAR1ofwKAVyEz7Ma8ltV_glfYGeQrfyLoD67jpx1C37yaQF6o0cwBUvVWa2o पर उपलब्ध
15 https://edition.cnn.com/2021/01/28/politics/pentagon-afghanistan-taliban-commitments/index.html?fbclid=IwAR1ofwKAVyEz7Ma8ltV_glfYGeQrfyLoD67jpx1C37yaQF6o0cwBUvVWa2o (29.1.2021 को अभिगम्य)
16 “हाल ही में अमेरिकी चुनावों के बारे में इस्लामी अमीरात का बयान”, वॉइस ऑफ़ जिहाद , नवंबर. http://alemarahenglish.net/?p=39175 पर उपलब्ध (29.1.2021 को अभिगम्य)