यूरोपीय संघ (ईयू) द्वारा महामारी से बाहर निकलने हेतु रोडमैप तैयार किए जाने के क्रम में, महामारी की वजह से सामने आईं चुनौतियों से निपटने के लिए विभिन्न स्तरों पर कई उपाय और पहल शुरु किए जा चुके हैं। हालांकि, यूरोपीय संघ के सदस्य देशों द्वारा वायरस को फैलने से रोकने के लिए लगाये गए नेशनल लॉकडाउन के एक साल बाद भी संक्रमण की तीसरी लहर को देखते हुए नए प्रतिबंधों के लागू होने से स्थिति आज भी पहले जैसी ही बनी हुई है। यह शोध-पत्र यूरोपीय संघ में कोविड-19 की स्थिति पर संक्षिप्त जानकारी प्रस्तुत करता है और यूरोपीय संघ के देशों द्वारा अपनाई गई टीकाकरण की रणनीति पर चर्चा करता है। यह यूरोपीय संघ द्वारा महामारी के प्रभाव को कम करने के उद्देश्य से शुरु की गईं आर्थिक सुधार योजनाओं का भी विश्लेषण करता है।
कोविड - आगे की जानकारी
यूरोपीय देशों में नए साल की शुरुआत कोरोनावायरस के अधिक संक्रामक वेरिएंट की वजह से लोगों की आवाजाही पर प्रतिबंध लगाने और आंशिक लॉकडाउन लागू करने से हुई। एक तरफ, फ्रांस ने जहां सीमा संबंधी प्रतिबंध लगाएं, नए लॉकडाउन के उपायों को नए सिरे से लागू किया, और टेस्टिंग की गति बढ़ाया, तो वहीं दूसरी तरफ, नीदरलैंड ने द्वितीय विश्व युद्ध के बाद देश में पहली बार रात का कर्फ्यू लगाया। ग्रीस ने जनवरी 2021 में रात में कर्फ्यू के साथ गैर-जरूरी दुकानों, स्कूलों आदि पर लॉकडाउन के सख्त उपायों को फिर से लागू किया। इटली में, जो यूरोपीय संघ के सबसे अधिक प्रभावित देशों में से एक है, कुछ जगहों के बीच यात्रा निषिद्ध है और देश को स्थानीय संक्रमण की दर के आधार पर विभिन्न ज़ोन में विभाजित किया गया है। बेल्जियम और पुर्तगाल में, लॉकडाउन के उपायों को क्रमशः 1 अप्रैल 2021 और मध्य मार्च 2021 तक बढ़ाया गया है। आयरलैंड में बहुत कड़े प्रतिबंध लगाये गये थे, जहां दिसंबर 2020 में पूर्ण लॉकडाउन लग गया था। इन प्रतिबंधों के 5 अप्रैल 2021 तक लगे रहने की उम्मीद है। ब्रिटेन सरकार ने 21 जून 2021 को प्रतिबंधों को पूरी तरह से हटाने के साथ चार-चरणों वाला रोडमैप प्रस्तुत किया है। इनमें हर चरण के बाद टीकाकरण के लागू होने और मामलों की संख्या के आधार पर कुछ गतिविधियों में छूट दी जायेगी। मामलों की बढ़ती संख्या को देखते हुए, हंगेरियाई सरकार ने 4 मार्च 2021 को पूर्ण लॉकडाउन की घोषणा की, जिसके बाद 17 मार्च 2021 को स्थिति का सर्वे किया गया। चेक गणराज्य में भी इसी तरह के प्रयास किए गए, जहां सरकार ने लोगों की आवाजाही को सीमित किया और टेस्टिंग को बढ़ाया।
लंबे समय से प्रतिबंध और लॉकडाउन लागू होने के वजह से यूरोपीय संघ के कुछ सदस्य राज्यों में सरकारों के उपायों के खिलाफ हिंसा और विरोध प्रदर्शन देखने को मिले। जनवरी और फरवरी 2021 के बीच नीदरलैंड, डेनमार्क, स्पेन और फ्रांस के लोगों ने कर्फ्यू और नियमों को धता बताते हुए विरोध प्रदर्शन किए गए। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने 4 मार्च 2021 को यूरोप में कोविड के बढ़ते मामलों को देखते हुए चेतावनी जारी की। डब्ल्यूएचओ के यूरोप के लिए क्षेत्रीय निदेशक डॉ. हंस क्लूज ने कहा कि, "पिछले सप्ताह की तुलना में मामलों में 9% की वृद्धि हुई है और नए मामलों में छह-सप्ताह में आई गिरावट अब बढ़ रही है।"[i] पश्चिमी यूरोप में संक्रमण की उच्च दर के साथ मध्य और पूर्वी यूरोपीय देशों में मामलों के लगाता बढ़ने की रिपोर्ट आई है। ईयू / ईईए में 592,929 से अधिक मौतों (25 मार्च 2021 तक) के साथ कुल 25,220,376 मामले सामने आए हैं।[ii]
टीकाकरण अभियान
यूरोपीय संघ में टीकाकरण रणनीति जून 2020 में लागू की गई थी, जिसमें यह निर्णय लिया गया था कि आयोग अपने सदस्य राज्यों की ओर से टीकाकरण की खरीद के लिए बातचीत करेगा। इस रणनीति के दो आधार थे - पहला, अग्रिम खरीद के समझौतों से अपने सदस्य राज्यों के लिए टीकों की खरीद तथा पर्याप्त आपूर्ति को सुरक्षित करना; दूसरा, सुरक्षा, गुणवत्ता एवं प्रभावकारिता को बनाए रखते हुए टीकों के विकास, प्राधिकरण और उपलब्धता में तेजी लाने के लिए यूरोपीय संघ के नियामक ढांचे को अपनाना।[iii] निम्नलिखित वैक्सीन निर्माताओं - अगस्त 2020 में एस्ट्राज़ेनेका (100 मिलियन के आगे के अनुरोध के साथ 300 मिलियन खुराक), सितंबर 2020 में सनोफी-जीएसके (300 मिलियन खुराक), अक्टूबर 2020 में जॉनसेन फार्मेसुटिका एनवी (200 मिलियन के आगे के अनुरोध के साथ 200 मिलियन खुराक), नवंबर 2020 में बायोएनटेक-फाइजर (100 मिलियन के आगे के अनुरोध के साथ 200 मिलियन खुराक), नवंबर 2020 में क्योरवैक (180 मिलियन के आगे अनुरोध के साथ 225 मिलियन खुराक) और नवंबर 2020 में मॉडर्ना (80 मिलियन के आगे अनुरोध के साथ 80 मिलियन खुराक) के साथ अग्रिम खरीद समझौतों (एपीए) पर हस्ताक्षर करने के बाद यह रणनीति जारी की गई।[iv]
यूरोपीय संघ ने फरवरी 2021 में मॉडर्ना के साथ 300 मिलियन खुराक के दूसरे समझौते पर हस्ताक्षर करके अपने टीकाकरण अभियान को बल दिया, जिसमें 2021 में 150 मिलियन खुराक की खरीद और 2022 में 150 मिलियन की वैकल्पिक खरीद शामिल थी।[v] इसी तरह, एक अतिरिक्त समझौते पर हस्ताक्षर किए गए थे। इसी तरह, अतिरिक्त 100 मिलियन खुराक की आपूर्ति के अनुरोध के साथ अतिरिक्त 200 मिलियन खुराक की आपूर्ति हेतु फरवरी 2021 में बायोएनटेक-फाइजर के साथ एक अतिरिक्त समझौते पर हस्ताक्षर किए गए।[vi] हालांकि, यूरोपीय संघ के वैक्सीन पोर्टफोलियो में 2.6 बिलियन खुराक शामिल थी, लेकिन यूरोपीय मेडिसिन एजेंसी (ईएमए) द्वारा केवल तीन टीकों को मंजूरी दी गई है, जिसमें बायोएनटेक-फाइजर को दिसंबर 2020 में, और एस्ट्राजेनेका तथा मॉडर्ना दोनों को जनवरी 2021 में अनुमोदित किया गया था।
यूरोपीय संघ अपनी आबादी का टीकाकरण करने में मुख्य रूप से दो वजहों से पीछे रह गया है - पहला, टीकाकरण को मंजूरी मिलने की धीमी प्रक्रिया। ईएमए को टीकाकरण की मंजूरी के लिए प्रत्येक सदस्य राज्य से इनपुट लेना होता है जिसके बाद यह नियामक निकाय विपणन की सशर्त मंजूरी जारी करता है, जो वैक्सीन की अनुमोदन की मानक प्रक्रिया के समान है। क्योंकि कि हर सदस्य राज्य से इनपुट लेना आवश्यक होता है, इसलिए अनुमोदन में समय लग जाता है। इसके अलावा, यूरोपीय संघ ने इस बात पर बल दिया है कि स्वास्थ्य पर दुष्प्रभाव होने के मामले में दायित्व फार्मा कंपनियों का होता है जिससे मंजूरी की प्रक्रिया धीमी होती है।
दूसरा, प्रमुख मुद्दा टीकाकरण की आपूर्ति का था। जनवरी 2021 में, एस्ट्राज़ेनेका ने घोषणा की कि वह उत्पादन में आई समस्याओं की वजह से यूरोपीय संघ को दी जाने वाली तय आपूर्ति में 60% की कटौती कर रहा है। एस्ट्राज़ेनेका के अलावा, बायोएनटेक-फाइजर खुराक की डिलीवरी भी उत्पादन बढ़ाने के लिए निर्माता द्वारा उत्पादन प्रक्रिया में किये गए बदलाव की वजह से धीमी रही है। इसके कारण टीकाकरण की धीमी गति को लेकर सदस्य राज्यों ने संघ की आलोचना की। वैक्सीन की आपूर्ति को लेकर मौजूदा दबाव को स्पष्ट करते हुए, यूरोपीय संघ आयोग की अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेर लेयेन ने कहा कि "यूरोप ने दुनिया की पहली कोविड-19 वैक्सीन विकसित करने में मदद करने के लिए अरबों का निवेश किया... और अब, कंपनियों को इसकी आपूर्ति करनी होगी। उन्हें अपने दायित्वों को पूरा करना चाहिए।"[vii] इससे संघ में निर्मित खुराक एवं उत्पादन में पारदर्शिता पर सख्त निर्यात नियंत्रण की संभावना बढ़ती है।
टीकाकरण की प्रक्रिया धीमी होने की वजह से हंगरी और स्लोवाकिया जैसे देशों को रूस से वैक्सीन खरीदना पड़ा, जबकि ऑस्ट्रिया और चेक गणराज्य ने भी स्पुतनिक वी की खरीद में रुचि दिखाई है।[viii] इटली 9 मार्च 2021 को रूसी वैक्सीन स्पुतनिक वी के उत्पादन को मंजूरी देने वाला यूरोपीय संघ का पहला सदस्य राज्य बन गया।[ix] ईएमए की मंजूरी मिलते ही उत्पादन का काम शुरु हो जाएगा। इसी तरह, ऑस्ट्रिया और डेनमार्क जैसे देशों ने इज़राइल के साथ कोरोनावायरस के नए वेरिएंट के खिलाफ दूसरी पीढ़ी के वैक्सीनों के उत्पादन हेतु सहयोग किया है।[x] दोनों देशों की सरकारों ने कोविड-वैक्सीनों के लिए यूरोपीय संघ पर निर्भरता को कम करने के साधन के रूप में अपने सहयोग (जिसे 'फर्स्ट मूवर्स ग्रुप' कहा जाता है) को सही ठहराया।
कोविड-19 वैक्सीनों की कमी के संदर्भ में एपीए के तहत वितरित राशि और निर्माण निगरानी के लिए, यूरोपीय आयोग ने जनवरी 2021 में पारदर्शिता एवं प्राधिकरण प्रणाली के संदर्भ में अपने दिशानिर्देश जारी किए, जिसके तहत फार्मा कंपनियों को यूरोपीय संघ में उत्पादित टीकों का निर्यात करने के संदर्भ में सदस्य राज्यों को अपना इरादा बताना आवश्यक था। ये दिशानिर्देश मार्च 2021 के अंत तक लागू रहें और केवल उन्हीं कंपनियों पर लागू हैं जिनके साथ यूरोपीय संघ ने एपीए किया है।[xi] पहली बार इस तंत्र का इस्तेमाल 4 मार्च 2021 को इटली द्वारा किया गया था जब इसने ऑस्ट्रेलिया में 250,000 एस्ट्राजेनेका खुराक का निर्यात रोक दिया था। इन खुराकों का निर्माण इटली के अंगनी क्षेत्र में किया गया था।[xii] यूरोपीय संघ द्वारा समर्थित ईयू और इटली में वैक्सीन की आपूर्ति में कमी को देखते हुए, यूरोपीय आयोग द्वारा समर्थित, एस्ट्राजेनेका द्वारा निर्यात के अनुरोध को खारिज कर दिया गया। इटली में टीकाकरण की जरुरत को स्वीकार करते हुए, ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन ने आयोग से निर्यात से जुड़े निर्णय की समीक्षा करने का अनुरोध किया। फ्रांस ने यह कहते हुए निर्णय का समर्थन किया कि "यदि जरुरत पड़ी तो वह दवा निर्माताओं के साथ अपने स्वयं के अनुबंधों को लागू करने के लिए यूरोपीय संघ के बाहर कोरोनोवायरस के टीकों के निर्यात को रोकने में मुकदमा कर सकता है।"[xiii] ऑस्ट्रेलिया में निर्यात इसलिए बंद कर दिया गया था क्योंकि वह यूरोपीय संघ की कमजोर देशों की सूची में नहीं है, क्योंकि नियमन सदस्य देशों द्वारा अवरुद्ध होने से मध्य पूर्व और उत्तरी अफ्रीका और 92 निम्न एवं निम्न मध्यम आय वाले राज्यों में वितरण को छूट देता है। ब्रिटेन, जापान, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड आदि देशों को यह छूट नहीं दी गई है।
आर्थिक सुधार का रास्ता - अनिश्चितता के दौर में असमानता
कोविड-19 महामारी की वजह से यूरोपीय संघ की अर्थव्यवस्थाओं पर काफी गहरा आर्थिक प्रभाव पड़ा है। मार्च 2020 में यूरोप के वायरस का केंद्र बनते ही, यूरोपीय संघ ने देशों से अपने घाटे को सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के 3% से कम करने और जीडीपी के 60% के लक्ष्य तक न पहुंचने तक हर साल सार्वजनिक ऋण को कम करने का अनुरोध करते हुए राजकोषीय नियमों को निलंबित कर दिया था। इन उपायों के 2021 तक निलंबित रहने की उम्मीद है। यूरोपीय संघ ने यूरोजोन अर्थव्यवस्था को कम करने हेतु कई प्रोत्साहन कार्यक्रम शुरू किए हैं - जैसे मध्यम एवं लघु उद्योगों के लिए तत्काल राहत, कोविड-19 प्रकोप के लिए सामंजस्य नीति के तहत €37 बिलियन का निर्देशन, सॉलिडैरिटी फंड के तहत, 2020 तक €800 मिलियन तक की पहुंच देना आदि। पदच्युत श्रमिकों और स्वरोजगार करने वाले लोगों का समर्थन करने के लिए €179 मिलियन तक का यूरोपीय वैश्वीकरण समायोजन फंड भी शुरू किया गया था।[xiv]
9 अप्रैल 2020 को, यूरोपीय संघ के वित्त मंत्रियों ने कोरोवायरस से संकटग्रस्त अर्थव्यवस्थाओं की सहायता करने के लिए €540 बिलियन की एक बड़ी प्रोत्साहन योजना को मंजूरी दी थी। इसमें मजदूरों, व्यवसायों और राज्यों को उनकी अर्थव्यवस्था को बचाए रखने की लड़ाई में मदद करने के उपाय शामिल थे। इसके अलावा, यूरोपीय संघ के मंत्रियों ने यूरोपीय संघ के व्यवसायों के लिए यूरोपीय निवेश बैंक (ईआईबी) से €200 बिलियन के ऋण और €100 बिलियन की नौकरी सहायता कार्यक्रम को मंजूरी दे दी थी, जिसे यूरोपीय आयोग द्वारा 2 अप्रैल 2020 को प्रस्तावित किया गया था।[xv] इसके पश्चात्, महामारी से होने वाले नुकसान को दूर करने और, 'हरित, डिजिटल, सामाजिक और अधिक लचीला यूरोपीय संघ' में निवेश को बढ़ाने के उद्देश्य से मई 2020 में €750 बिलियन के 'नेक्स्ट जेनरेशन रिकवरी प्लान' की शुरुआत की गई। इस योजना के तहत, सदस्य राज्यों को सुधारों और निवेशों का समर्थन करने के लिए ऋण और अनुदान में €672.5 बिलियन की नई रिकवरी एवं लचीलापन सुविधा (आरआरएफ) प्रस्तावित की गई थी।[xvi] रिकवरी पैकेज को यूरोपीय संघ के सदस्य राज्यों द्वारा जुलाई 2020 में अनुमोदित किया गया और इसे यूरोपीय संघ के देशों के लिए 'हैमिल्टनियन मोमेंट' कहा गया था। ऐसा दो कारणों से हुआ - पहला, ऐसा पहली बार था जब यूरोपीय संघ के देश व्यक्तिगत के बदले सामूहिक रूप से बांड बेचकर मौद्रिक राशि जुटाएंगे; और दूसरा, पैकेज ऋण नहीं बल्कि अनुदान के रूप में उन सदस्य राज्यों को प्रदान किया जाएगा जो सबसे अधिक प्रभावित हैं। नेताओं ने €1.074 ट्रिलियन के ब्लॉक के अगले सात-वर्षीय बजट पर भी हस्ताक्षर किए। महामारी के सामाजिक-आर्थिक प्रभाव को कम करने के राष्ट्रीय उपायों को धन मुहैया कराने के लिए आरआरएफ तक पहुंच के उद्देश्यों, वित्तपोषण एवं नियमों पर नियमन फरवरी 2021 में अपनाया गया था। यह धन तीन साल के लिए उपलब्ध होगा।[xvii]
यूरोपीय संघ द्वारा पर्याप्त प्रोत्साहन देने के बावजूद, आर्थिक स्थिति निराशाजनक बनी हुई है। यूरोपीय आयोग द्वारा फरवरी 2021 में जारी नवीनतम आर्थिक पूर्वानुमान के मुताबिक, 2020 में 6.8% के संकुचन के बाद 2021 में अर्थव्यवस्था की वृद्धि 3.7% और 2022 में 3.9% रहेगी। हालांकि, सदस्य राज्यों में आर्थिक सुधार एक जैसा नहीं रहेगा। इस पूर्वानुमान में कहा गया है कि पोलैंड, लिथुआनिया और लातविया आदि जैसे सदस्य राज्य फिनलैंड और स्वीडन के साथ पूरी तरह से वापस पटरी पर आने में सफल हो सकेंगे। फ्रांस, जर्मनी, बेल्जियम आदि जैसे सदस्यों के लिए, विकास की दर घाटे को कवर करने हेतु पर्याप्त नहीं होगी और अपनी पूर्व विकास दर करने के लिए उन्हें 2022 तक का इंतजार करना होगा। हालांकि, इटली, स्पेन और ग्रीस जैसे महामारी से सबसे अधिक प्रभावित देशों को इससे पूरी तरह से उबरने के लिए 2022 तक से अधिक समय लग सकता है। पूर्वानुमान में "चिकित्सा उपकरण, फार्मास्यूटिकल्स और कंप्यूटर सेवाओं में विशेषज्ञता वाले बहुराष्ट्रीय कंपनियों के निर्यात की वजह से" आयरलैंड 3% जीडीपी वृद्धि के साथ एकमात्र सदस्य राज्य है, जहां अच्छी रिकवरी दर देखने को मिल सकती है।[xviii]
यूरोपीय संघ के सामने मौजूदा चुनौतियां
यूरोपीय संघ में संक्रमण की तीसरी लहर देखने को मिल रही है, जहां रोजाना 125,000 से अधिक नए कोरोनोवायरस मामले सामने आ रहे हैं।[xix] यूरोपीय संघ के सामने सबसे बड़ी चुनौतियां कोविड मामलों की बढ़ती संख्या, नए सिरे से लॉकडाउन उपायों को लागू करना और इसकी टीकाकरण अभियान की धीमी गति है, जिससे इसका आर्थिक सुधार भी प्रभावित हो रहा है। कई सदस्य राज्यों द्वारा एस्ट्राजेनेका वैक्सीन के इस्तेमाल पर रोक लगाने की वजह से यह चुनौती और बढ़ गई है।[1] हालांकि, ईएमए ने कहा है कि वैक्सीन का लाभ इसके जोखिम से कहीं अधिक हैं, टीकाकरण पर रोक से वैक्सीन वितरण की गति धीमी हो सकती है। ब्रिटेन में 36% और अमेरिका में 21% की तुलना में अब तक यूरोपीय संघ की आबादी के केवल 7.7% हिस्से को ही वैक्सीन की पहली खुराक मिली है।[xx] टीकाकरण को लेकर सदस्य राज्यों की प्रतिक्रिया पहले से ही सकारात्मक नहीं रही है। 25 फरवरी-1 मार्च 2021 के बीच चार देशों - यूके, फ्रांस, जर्मनी और इटली में टीकाकरण रणनीति पर किए गए यूरोन्यूज द्वारा एक सर्वेक्ष में - 75% फ्रेंच, 77% जर्मन और 68% इतालवी अपने-अपने देश के टीकाकरण कार्यक्रम से नाखुश थे, जबकि ब्रिटेन में 85%[xxi] लोगों ने अपने टीकाकरण कार्यक्रम संतोष व्यक्त किया।
इसके अलावा, एस्ट्राजेनेका के साथ गतिरोध के बाद सख्त निर्यात नियंत्रणों को लेकर कनाडा जैसे देशों से अलग-अलग प्रतिक्रियाएं देखने को मिली है, जिसकी वजह से यूरोपीय संघ को "महत्वपूर्ण स्वास्थ्य और चिकित्सा आपूर्ति श्रृंखलाओं को और 'खुले और लचीला' बनाने पर सोचने को मजबूर होना पड़ा है।[xxii] इसी तरह, जापान की महामारी प्रतिक्रिया के प्रभारी मंत्री टारो कोनो ने अपनी चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि यूरोपीय संघ वैक्सीन के निर्यात पर रोक लगाना चाहता है, जब तक कि इसके ब्लॉक के भीतर की मांग पूरी न हो जाये। डब्ल्यूएचओ ने भी यूरोपीय संघ के फैसले की आलोचना करते हुए कहा कि इस तरह के उपायों से महामारी के लंबे समय तक बने रहने का खतरा है और "वैक्सीन का राष्ट्रवाद रिकवरी में देरी का कारण बन सकता है।"[xxiii] हालांकि यूरोपीय संघ की टीका नियंत्रण प्रणाली को संरक्षणवादी बनाने के लिए आलोचना की गई, लेकिन इसने यह सुनिश्चित करने के आधार पर अपने दिशानिर्देशों को सही ठहराया है कि निर्माताओं को अपने समझौते के दायित्वों को पूरा करना चाहिए।
टीकाकरण की धीमी गति और निर्यात पर नियंत्रण के कारण इस सार्वजनिक स्वास्थ्य संकट ने यूरोपीय अर्थव्यवस्था पर भारी दबाव डाला है। अर्थशास्त्रियों ने ऐसी मंदी की भविष्यवाणी की है जो 2020 में यूरोज़ोन के 6.8% संकुचन के साथ द्वितीय विश्व युद्ध के बाद से सबसे बड़ी होगी। यूरोपीय संघ ने आर्थिक सुधार को बढ़ावा देने हेतु छोटी प्रोत्साहन योजनाओं के साथ-साथ ईसीबी द्वारा बांड खरीद कार्यक्रम, ट्रिलियन यूरो की रिकवरी की योजना, जैसे कई पहलें शुरु की हैं। हालांकि, यूरोपीय आयोग द्वारा फरवरी 2021 में जारी नवीनतम आर्थिक पूर्वानुमान के मुताबिक, विकास की गति धीमी रहेगी और सदस्य राज्यों के असमान आर्थिक प्रक्षेपवक्र की वजह से रिकवरी का मार्ग बेहद कठिन है।
डब्ल्यूएचओ द्वारा कोविड-19 को महामारी घोषित किये जाने के एक साल के भीतर ही, यूरोपीय संघ में आर्थिक, सामाजिक और राजनीतिक रूप से गंभीर दबाव देखने को मिला है। टीकाकरण अभियान, खुराक की कमी और संरक्षणवाद के आरोपों पर बढ़ती निराशा के बीच, 11 मार्च 2021 को यूरोपीय संघ ने जॉनसन एंड जॉनसन के वैक्सीन को मंजूरी दे दी, जो संघ में इस्तेमाल होने वाली चौथी वैक्सीन होगी। हालांकि, संक्रमण के मामलों के बढ़ने के साथ, टीकाकरण कार्यक्रम की धीमी गति, लॉजिस्टिक संबंधी बाधाओं, सीमित आर्थिक सुधार, नए प्रतिबंध और लॉकडाउन की वजह से संबंधित सरकारों और ब्रुसेल्स के प्रति नाराजगी बढ़ सकती है। अगर यही स्थिति बनी रही, तो यूरोपीय संघ का आर्थिक सुधार भी प्रभावित होगा क्योंकि सरकारों को प्रतिबंध और लॉकडाउन के उपायों जारी रखने पड़ेगे, जिससे रिकवरी का रास्ता और अधिक कठिन हो जाएगा।
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*डॉ. अंकिता दत्ता विश्व मामलों की भारतीय परिषद में शोध अध्येता हैं।
अस्वीकरण: व्यक्त किए गए विचार व्यक्तिगत हैं।
डिस्क्लेमर: इस अनुवादित लेख में यदि किसी प्रकार की त्रुटी पाई जाती है तो पाठक अंग्रेजी में लिखे मूल लेख को ही मान्य माने ।
पाद टिप्पणियां
[1] Denmark, Iceland and Norway on 11 March and, France, Germany, Spain and Italy on 15 March 2021 temporarily suspended the AstraZeneca vaccine over concerns related to blood-clotting.
[i]Euronews, 4 March 2021, https://www.euronews.com/2021/03/04/get-back-to-basics-urges-who-as-europe-records-first-rise-in-covid-cases-in-six-weeks, Accessed on 9 March 2021
[ii] ECDC, Data, https://www.ecdc.europa.eu/en/cases-2019-ncov-eueea, Accessed on 23 March 2021
[iii]‘Coronavirus: Commission unveils EU vaccines strategy’, European Commission, 17 June 2021, https://ec.europa.eu/commission/presscorner/detail/en/ip_20_1103, Accessed on 9 March 2021
[iv]‘Coronavirus: Commission approves contract with Moderna to ensure access to a potential vaccine’, European Commission, 25 November 2020, https://ec.europa.eu/commission/presscorner/detail/en/ip_20_2200, Accessed on 9 March 2021
[v]Politico, 17 February 2021, https://www.politico.com/news/2021/02/17/europe-300-million-moderna-vaccine-doses-469274, Accessed on 9 March 2021
[vi]Politico, 17 February 2021, https://www.politico.com/news/2021/02/17/europe-300-million-moderna-vaccine-doses-469274, Accessed on 9 March 2021
[vii]Euractiv, 26 January 2021, https://www.euractiv.com/section/health-consumers/news/covid-19-vaccine-firms-must-deliver-says-eu-chief/, Accessed on 10 March 2021
[viii]CNBC, 2 March 2021, https://www.cnbc.com/2021/03/02/russias-sputnik-vaccine-is-luring-eastern-europe-worrying-the-eu.html, Accessed on 10 March 2021
[ix]CNBC, 2 March 2021, https://www.cnbc.com/2021/03/02/russias-sputnik-vaccine-is-luring-eastern-europe-worrying-the-eu.html, Accessed on 10 March 2021
[x]CNBC, 2 March 2021, https://www.cnbc.com/2021/03/02/russias-sputnik-vaccine-is-luring-eastern-europe-worrying-the-eu.html, Accessed on 10 March 2021
[xi]‘Commission puts in place transparency and authorisation mechanism for exports of COVID-19 vaccines’, European Commission, 29 January 2021, https://ec.europa.eu/commission/presscorner/detail/en/IP_21_307, Accessed on 10 March 2021
[xii]‘Commission puts in place transparency and authorisation mechanism for exports of COVID-19 vaccines’, European Commission, 29 January 2021, https://ec.europa.eu/commission/presscorner/detail/en/IP_21_307, Accessed on 10 March 2021
[xiii]‘Commission puts in place transparency and authorisation mechanism for exports of COVID-19 vaccines’, European Commission, 29 January 2021, https://ec.europa.eu/commission/presscorner/detail/en/IP_21_307, Accessed on 10 March 2021
[xiv]‘Corona Response, Economy’, European Commission, https://ec.europa.eu/info/live-work-travel-eu/health/coronavirus-response/economy_en, Accessed on 10 March 2021
[xv]NPR, 9 April 2020,https://www.npr.org/sections/coronavirus-live-updates/2020/04/09/831395411/eu-finance-ministers-reach-590-billion-coronavirus-rescue-deal, Accessed on 10 March 2021
[xvi]‘Covid-19: the EU plan for the economic recovery’, European Parliament, 17 December 2020, https://www.europarl.europa.eu/news/en/headlines/economy/20200513STO79012/covid-19-the-eu-plan-for-the-economic-recovery, Accessed on 11 March 2021
[xvii] ‘Parliament gives go-ahead to €672.5 billion Recovery and Resilience Facility’, European Parliament, 10 February 2021, https://www.europarl.europa.eu/news/en/press-room/20210204IPR97105/parliament-gives-go-ahead-to-EU672-5-billion-recovery-and-resilience-facility, Accessed on 11 March 2021
[xviii]‘European Economic Forecast Winter 2021’, European Union, February 2021, https://ec.europa.eu/info/sites/info/files/economy-finance/ip144_en_1.pdf, Accessed on 11 March 2021
[xix] Covid-Data – European Union, https://ourworldindata.org/coronavirus, Accessed on 17 March 2021
[xx] Foreign Policy, 16 March 2021, https://foreignpolicy.com/2021/03/16/europe-france-germany-spain-italy-astrazeneca/, Accessed on 17 March 2021
[xxi]Euronews, 10 March 2021, https://www.euronews.com/2021/03/10/covid-19-vaccine-french-germans-and-italians-unhappy-over-rollout-strategy-euronews-poll-s, Accessed on 11 March 2021
[xxii]Financial Times, 31 January 2021, https://www.ft.com/content/5c15d7ea-aaf6-46f4-924e-30f168dd14dd, Accessed on 11 March 2021
[xxiii]BBC, 30 January 2021, https://www.bbc.com/news/world-europe-55860540, Accessed on 11 March 2021