पाकिस्तान ने बड़े पैमाने पर धार्मिक विरोधों को देखा है जो पिछले दो दशकों में जान-माल के नुकसान के साथ हिंसक हो गए। बरेलवी धार्मिक राजनीतिक पार्टी, तहरीक-ए-लबैक पाकिस्तान (टीएलपी) के कारण पाकिस्तानी सरकार को कई मौकों पर पीछे हटना पड़ा। पेपर इस बात का आकलन करने की कोशिश करेगा कि हाल के विरोध प्रदर्शनों को किस तरह से अंजाम दिया गया और सरकार ने विरोध को किस तरह से संभाला।
मुस्लिम बहुल देशों में पाकिस्तान के पास सबसे सख्त 'ईशनिंदा क़ानून' है।[i] ईशनिंदा कानूनों और ईशनिंदा के आरोपों को धार्मिक अल्पसंख्यकों पर हमला करने के लिए एक उपकरण के रूप में इस्तेमाल किया गया है। पाकिस्तान के राजनीतिक क्षितिज में टीएलपी के उदय को समझने के लिए, आसिया बीबी के मामले को याद करना चाहिए, 2010 में उनकी क़ैद और 2018 में उनकी रिहाई जब उन्हें उनकी निजी सुरक्षा के लिए, एक छिपी पहचान पर विदेश भेजा गया।[ii]; 2011 में पंजाब के गवर्नर सलमान तासीर की उनके ही अंगरक्षक मुमताज़ क़ादरी द्वारा आसिया बीबी का समर्थन करने के लिए हत्या कर दी गई। पाकिस्तान के इकलौते ईसाई मंत्री शाहबाज भट्टी की हत्या [iii]; जिन्होंने आसिया बीबी की रिहाई का भी समर्थन किया; मुमताज़ क़ादरी का अपराध साबित होना और बाद में, 29 फरवरी 2016 को उनकी फांसी [iv], और उन्हें खादिम हुसैन रिज़वी के नेतृत्व में एक अति रूढ़िवादी बरेलवी इस्लामिक समूह तहरीक-ए-लब्बैक्या रसूल अल्लाह पाकिस्तान द्वारा उनकी मृत्यु को महिमामंडित करके शहीद में बदल दिया जाना। जिन्होंने बाद में अगस्त 2016 को एक राजनीतिक पार्टी के रूप में टीएलपी का गठन किया। [v]
टीएलपी विभिन्न अवसरों पर अपनी सड़क-शक्ति का प्रदर्शन करती रही है, जहां प्रत्येक अवसर पर संघीय और प्रांतीय सरकारों ने टीएलपी की मांगों को स्वीकार किया है, अधिकांश जुलूसों में बड़े पैमाने पर हिंसा हुई है और जीवन व संपत्ति का नुकसान हुआ है। हालांकि टीएलपी प्रांतीय और साथ ही संघीय स्तर पर चुनावी प्रक्रिया का हिस्सा रही है, किंतु पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ़ (पीटीआई) सरकार ने इसके आतंकवाद में लिप्त होने के कारण या बाद में प्रतिबंधित कर दिया है, लेकिन बाद में अपने स्वर को नरम करते हुए इसे एक प्रतिबंधित संस्था, एक उग्रवादी संगठन घोषित किया गया, और वर्तमान में टीएलपी को 31 अक्टूबर, 2021 को एक राजनीतिक दल के रूप में उभरने की अनुमति दी गई है। पीटीआई सरकार ने टीएलपी के वर्तमान प्रमुख साद हुसैन रिज़वी सहित गिरफ्तार किए गए अधिकांश टीएलपी सदस्यों को रिहा कर दिया है, जो जेल में थे और उनके विरुद्ध सभी आरोप हटा दिए गए।[vi]
पिछले कुछ वर्षों में, टीएलपी राष्ट्रीय या अंतरराष्ट्रीय घटनाओं या निर्णयों के विरोध में सात बार सड़कों पर उतर चुकी है। इस तरह के विरोध के दौरान, टीएलपी ने राज्य के परमादेश को चुनौती देते हुए प्रमुख राजमार्गों को कई सप्ताहों तक अवरुद्ध कर दिया, जिससे प्रदर्शनकारियों और क़ानून लागू करने वाले अधिकारियों के बीच हिंसक झड़पें हुईं। इससे कई लोगों की जान और माल का नुकसान भी हुआ।
नवंबर 2017 को चुनाव विधेयक 2017 की भाषा के विरुद्ध 20 दिनों तक धरना प्रदर्शन किया गया था।[vii] धरना बड़े पैमाने पर हिंसा और पाकिस्तान मुस्लिम लीग (नवाज़) सरकार द्वारा बिल की भाषा बदलने और क़ानून मंत्री ज़ाहिद हामिद को हटाने के लिए सहमत होने के साथ समाप्त हुआ, जैसी कि टीएलपी द्वारा सेना की दलाली के समझौते के माध्यम से मांग की गई थी।[viii] समझौता होने के बाद, तत्कालीन पंजाब रेंजर्स के महानिदेशक (डीजी) अज़हर नवीद हयात को प्रदर्शनकारियों के बीच नकदी के लिफ़ाफे बांटते देखा गया।[ix] यह कहा गया था कि 'टीएलपी का उदय वास्तव में आतंकवादी और जिहादी समूहों को मुख्यधारा में लाने के लिए पाकिस्तानी सेना का एक प्रयास था'।[x] पाकिस्तानी राजनीतिक टिप्पणीकार आयशा सिद्दीक़ा ने कहा कि विरोध के दौरान, टीएलपी को न केवल इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (आईएसआई) द्वारा सहायता प्रदान की गई थी, बल्कि इस्लामाबाद में पुलिस अधिकारियों पर शारीरिक हमला करने में टीएलपी प्रदर्शनकारियों ने भी सहायता की थी।[xi] “पुलिस अधिकारी अपने हमलावरों को जानते थे। राज्य के संस्थानों द्वारा सत्ता को अधिकतम करने के लिए अन्य राज्य संस्थानों को नुकसान पहुंचाने का यह दुखद मामला था।[xii]
एक फ्रांसीसी व्यंग्य साप्ताहिक पत्रिका चार्ली हेब्दो द्वारा प्रकाशित किए जा रहे पैगंबर के कार्टूनों पर टीएलपी ने अब तक तीन विरोध प्रदर्शन किए और देश के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों की इस्लाम विरोधी टिप्पणियों के लिए उनके खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया।[xiii] नवंबर 2020 को टीएलपी द्वारा खादिम हुसैन रिज़वी के नेतृत्व में एक बड़ा विरोध प्रदर्शन किया गया था। हिंसक झड़पों में टीएलपी प्रदर्शनकारियों के साथ-साथ क़ानून लागू करने वाले अधिकारियों के रैंक के भीतर कई घायल हुए। बाद में, सरकार ने टीएलपी नेतृत्व के साथ एक समझौते पर सहमति व्यक्त की कि सरकार 20 अप्रैल, 2021 की समय सीमा निर्धारित करते हुए नेशनल असेंबली में फ्रांसीसी राजदूत को बाहर करने का मुद्दा उठाएगी।[xiv] हालांकि, टीएलपी के साथ सहमत मुद्दों पर सरकार द्वारा नेशनल असेंबली में कोई चर्चा या बहस शुरू नहीं की गई।
इस समय तक, फ्रांसीसी सरकार ने फ्रांस में इस्लामी कट्टरपंथवाद, उग्रवाद और आतंकवाद को कम करने के लिए अप्रैल 2021 में फ्रांसीसी संसद में बिल पेश कर दिए, जिनके कारण बाद में कट्टरपंथी इस्लाम की शिक्षा देने के आरोप में फ्रांस के भीतर विशिष्ट मस्जिदों को बंद कर दिया गया। दिवंगत खादिम हुसैन रिज़वी के पुत्र साद हुसैन रिज़वी के नेतृत्व में टीएलपी ने फिर से फ्रांसीसी सरकार के विरुद्ध सड़क पर विरोध प्रदर्शन करने का निर्णय लिया, क्योंकि पाकिस्तानी सरकार के साथ पिछले समझौते का सम्मान नहीं किया गया था।[xv]
क़ानून और व्यवस्था बनाए रखने के लिए, लाहौर क़ानून लागू करने वाले अधिकारियों ने 12 अप्रैल, 2021 को टीएलपी प्रमुख साद रिज़वी को गिरफ्तार किया, जिसके कारण दस दिनों तक पाकिस्तान के सभी प्रमुख शहरों में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन और हिंसा हुई। विरोध के दौरान प्रदर्शनकारियों ने क़ानून लागू करने वाले कई अधिकारियों को बंधक बना लिया, जबकि क़ानून लागू कारने वाले अधिकारी और प्रदर्शनकारी मारे गए, 500 से अधिक पुलिसकर्मी घायल हो गए।[xvi] साद रिज़वी का नाम आतंकवाद विरोधी अधिनियम (एटीए) की चौथी अनुसूची में रखा गया, उनकी संपत्ति को जब्त कर लिया गया और टीएलपी को प्रतिबंधित संगठन सूची में रखा गया।[xvii] लेकिन, टीएलपी ने विरोध को बंद करने के लिए सहमति व्यक्त की क्योंकि संघीय सरकार ने फ्रांसीसी राजदूत के निष्कासन पर बहस करने के लिए संसद में एक प्रस्ताव पेश कर दिया था। सरकार इस बात पर भी सहमत हुई कि वे जल्द ही साद रिज़वी को रिहा कर देंगे, और प्रदर्शनकारियों के विरुद्ध सभी आपराधिक मामले वापस ले लिए जाएंगे।[xviii]
हालाँकि, सरकार सहमत समय अवधि के दौरान साद रिज़वी को रिहा करने में असमर्थ थी और नेशनल असेंबली पाकिस्तान से फ्रांसीसी राजदूत को बाहर करने का निर्णय लेने में असमर्थ थी। इसके कारण 22 अक्टूबर, 2021 से टीएलपी के नवीनतम विरोधों की शुरुआत हो गई, जिसमें इस्लामाबाद तक एक लंबा मार्च शुरू किया गया। इमरान खान सरकार ने शुरू में प्रदर्शनकारियों के विरुद्ध बल प्रयोग को मंजूरी दी थी, जिसका पाकिस्तानी सेना द्वारा विरोध किया गया।[xix] विरोध के दौरान 8 से अधिक पुलिसकर्मियों की जान चली गई और क़ानून लागू करने वाले सैकड़ों अधिकारी गंभीर रूप से घायल हो गए।[xx] विदेश मंत्री शाह महमूद क़ुरैशी और नेशनल असेंबली के अध्यक्ष असद क़ैसर की अध्यक्षता वाली एक सरकारी टीम ने 31 अक्टूबर, 2021 को टीएलपी का प्रतिनिधित्व करने वाले एक प्रमुख सुन्नी मौलवी मुफ़्ती मुनीब-उर-रहमान के साथ एक समझौता किया, जिसने संकट को आंशिक रूप से हल किया। हालांकि समझौते का अभी तक जनता के सामने खुलासा नहीं किया गया है, लेकिन टीएलपी के प्रवक्ता ने बाद में बताया कि टीएलपी को प्रतिबंधित संगठन सूची से हटा दिया जाएगा और साद रिज़वी को रिहा कर दिया जाएगा।[xxi] मुफ़्ती मुनीब ने टीएलपी प्रदर्शनकारियों को संबोधित करते हुए कहा कि अगर सरकार समझौते को लागू करने में विफल रहती है तो टीएलपी सड़कों पर फिर से लौट आएगी।[xxii]
Tसंघीय सरकार ने, जैसा कि सहमति हुई थी, 07 नवंबर, 2021 को टीएलपी को प्रतिबंधित संगठनों की सूची से हटा दिया और टीएलपी प्रमुख साद रिज़वी का नाम 11 नवंबर, 2021 को आतंकवाद विरोधी अधिनियम (एटीए) की चौथी अनुसूची से हटा दिया। साद रिज़वी के नाम के साथ, टीएलपी के 54 अन्य सदस्यों के नाम, जो सार्वजनिक संपत्ति को नष्ट करने और पुलिस को गंभीर चोट पहुंचाने में शामिल थे, को भी एटीए अधिनियम की चौथी अनुसूची से हटा दिया गया।[xxiii] पंजाब सरकार के अनुसार, अकेले पिछले विरोध प्रदर्शन में प्रांत को लगभग 35-40 अरब रुपये का नुकसान हुआ था।[xxiv]
पंजाब के गृह विभाग ने 12 नवंबर, 2021 को पहले चरण में साद हुसैन रिज़वी के विरुद्ध 40 मामले वापस लेने का फ़ैसला किया। दूसरे चरण में, सरकार ने पांच साल तक की सज़ा वाले मामलों को रद्द कर दिया।[xxv] साद रिज़वी को बाद में 18 नवंबर, 2021 को खादिम हुसैन रिज़वी की पुण्यतिथि पर रिहा किया गया।[xxvi] अपनी रिहाई के बाद, साद रिज़वी ने अपने अनुयायियों से, जिन्होंने टीएलपी नेतृत्व के प्रति पूर्ण समर्थन दिखाया है, आगामी 2023 चुनावों में टीएलपी को वोट देने के लिए कहा।[xxvii] 20 नवंबर, 2021 को, पीटीआई के सीनेटर एजाज़ अहमद चौधरी ने सद्भावना स्वरूप, साद रिज़वी से मुलाकात की और उन्हें जेल से रिहा होने पर बधाई दी। ऐसी संभावना है कि पीटीआई आगामी चुनावों में टीएलपी को गठबंधन में सहयोगी बनाने की उम्मीद कर रही है।[xxviii]
यह इस पर ध्यान दिया जाना चाहिए कि वर्तमान में, पाकिस्तान में नियुक्त फ्रांसीसी राजदूत, राजदूत मार्क बैरेटी को मिस्र में फ्रांसीसी राजदूत के रूप में नियुक्त किया गया है, और फ़िलहाल, फ्रांस ने पाकिस्तान में कोई नया राजदूत नियुक्त नहीं किया है।[xxix] इस पर भी ध्यान दिया जाना चाहिए कि 2020 के मध्य से, फ्रांस में अपने दूतावास के लिए पाकिस्तान में कोई भी राजदूत नियुक्त नहीं किया गया है।[xxx] इसलिए, पाकिस्तान के फ्रांसीसी राजदूत के निष्कासन पर चर्चा करने के बारे में जनादेश के ज्यादा मायने नहीं हैं। इस्लामाबाद उच्च न्यायालय के अतिरिक्त न्यायाधीश, बाबर सत्तार ने कहा है, “वैचारिक रूप से प्रेरित चरमपंथी समूहों को नियंत्रित करने और उन्हें सामरिक हथियारों के रूप में उपयोग करने की उम्मीद में उनका पोषण और तुष्टिकरण किया जाना हमारी सबसे बड़ी गलती रही है। इन समूहों के नेताओं को नियंत्रित किया जा सकता है, लेकिन उनके अनुयायियों के बारे में इसका पता नहीं लगाया जा सकता है।इस प्रकार, जब राज्य को नीति बदलने की आवश्यकता होती है, जैसा कि 9/11 के बाद हुआ, ये वैचारिक हथियार राज्य को उत्तेजित कर देते हैं।[xxxi] जिस तरह से नागरिक नेतृत्व एक धार्मिक चरमपंथी भीड़ के विरुद्ध राज्य के परमादेश की रक्षा करने में बुरी तरह विफल रहा है, हर बार उनकी सनक से हार मान कर, केवल दर्शक बने रह कर, जब वे सार्वजनिक और निजी संपत्तियों को लूटते हैं, तो यह धार्मिक समूहों और गुटों के विरुद्ध कोई भी कार्रवाई करने के लिए नागरिक नेतृत्व की राजनीतिक इच्छाशक्ति की कमी को दर्शाता है। सरकार क़ानून लागू करने वाले उन अधिकारियों को न्याय प्रदान करने में भी विफल रही है जिन्होंने इस तरह के विरोध प्रदर्शनों के दौरान अपनी जान गंवाई। पिछले 2018 के चुनावों में, टीएलपी 2 मिलियन से अधिक वोट हासिल करने में सक्षम थी [xxxii], और निश्चित रूप से आने वाले वर्षों में एक प्रमुख राजनीतिक ताकत में बदल रही है।
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*डॉ. ध्रुबज्योति भट्टाचार्जी, अध्येता, भारतीय वैश्विक परिषद, नई दिल्ली।.
अस्वीकरण: व्यक्त विचार व्यक्तिगत हैं
डिस्क्लेमर: इस अनुवादित लेख में यदि किसी प्रकार की त्रुटी पाई जाती है तो पाठक अंग्रेजी में लिखे मूल लेख को ही मान्य माने ।
पाद-टिप्पणियां
[i] The offences relating to religion were first codified by India's British rulers in 1860, and were expanded in 1927. Pakistan inherited these laws when it came into existence after the partition of India in 1947. Between 1980 and 1986, a number of clauses were added to the laws by the military government of General Zia-ul Haq. The Human Rights Commission of Pakistan (HRCP) - a voluntary organisation - has been documenting blasphemy cases for decades. It says that Muslims constitute the majority of those booked under these laws, closely followed by the Ahmadi community. “What are Pakistan's blasphemy laws?”, BBC, May 08, 2019, https://www.bbc.com/news/world-asia-48204815 accessed on October 28, 2021. For understanding the Blasphemy laws in Pakistan read RoswithaBadry, “The Dilemma of “Blasphemy Laws” in Pakistan – Symptomatic of Unsolved Problems in the Post-Colonial Period?”, Politeja, No. 2(59), India and Pakistan: Reflections on Politics and Culture 70 Years After Independence (2019), pp. 91-106.
[ii]Suhasini Haidar, “Who is Asia Bibi?”, The Hindu, November 10, 2018, https://www.thehindu.com/news/international/who-is-asia-bibi/article25464283.ece accessed on October 28, 2021
[iii] “Pakistan minister Shahbaz Bhatti shot dead in Islamabad”, The Guardian, March 02, 2011, https://www.theguardian.com/world/2011/mar/02/pakistan-minister-shot-dead-islamabad accessed on October 28, 2021
[iv] “Salman Taseer murder: Pakistan hangs Mumtaz Qadri”, BBC, February 29, 2016, https://www.bbc.com/news/world-asia-35684452 accessed on October 28, 2021
[v] “Historic gathering at Qadri’s funeral in Rawalpindi”, The News International, March 02, 2016, https://www.thenews.com.pk/print/102301-Historic-gathering-at-Qadris-funeral-in-Rawalpindi accessed on October 28, 2021
[vi] “Government bans TLP under anti-terrorism law”, Dawn, April 15, 2021, https://www.dawn.com/news/1618391 accessed on October 29, 2021; “Proscribed TLP crossed red line, says Pakistan NSA”, ANI, October 29, 2021, https://www.aninews.in/news/world/asia/proscribed-tlp-crossed-red-line-says-pakistan-nsa20211029151239/ accessed on October 29, 2021; “Govt establishes 'red line' on Chenab, Jhelum bridges to stop TLP”, The Express Tribune, October 29, 2021, https://tribune.com.pk/story/2326890/govt-establishes-red-line-on-chenab-jhelum-bridges-to-stop-tlp accessed on October 29, 2021
[vii] The electoral bill changed the wording of the declaration while swearing in a member of the parliament to “I believe” from “I solemnly swear”. It was seen as a softening of the state’s position against the Ahmadis, who are considered to be ‘non Muslims’. “Anti-blasphemy protesters block entrance to Islamabad”, Al Jazeera, November 13, 2017, accessed on October 29, 2021
[viii] Zahid Hussain, “The capital under siege”, Dawn, November 15, 2017, https://www.dawn.com/news/1370547 accessed on November 01, 2021; “Islamist Protest Spreads as Pakistan Tries to End It”, VOA News, November 25, 2017, https://www.voanews.com/a/pakistan-islamist-protest/4136269.html accessed on November 01, 2021
[ix] Amir Wasim and Munawer Azeem, “Faizabad sit-in ends as army brokers deal”, Dawn, November 28, 2017 https://www.dawn.com/news/1373274 accessed on November 01, 2021
[x] Tilak Devasher, “India should be worried: Is Pakistan army trying to mainstream jihadi groups?”, India Today, December 02, 2017, https://www.indiatoday.in/magazine/up-front/story/20171211-pakistan-army-trying-to-mainstream-jihadi-groups-india-tlyra-1097531-2017-12-02 accessed on November 01, 2021
[xi] Ayesha Siddiqa, “Imran Khan’s secret agreement with TLP has brought the Barelvi jinni out of the bottle”, The Print, November 03, 2021, https://theprint.in/opinion/imran-khans-secret-agreement-with-tlp-has-brought-the-barelvi-jinni-out-of-the-bottle/760968/ accessed on November 15, 2021
[xii] Ayesha Siddiqa, “Imran Khan’s secret agreement with TLP has brought the Barelvi jinni out of the bottle”, The Print, November 03, 2021, https://theprint.in/opinion/imran-khans-secret-agreement-with-tlp-has-brought-the-barelvi-jinni-out-of-the-bottle/760968/ accessed on November 15, 2021
[xiii] “French satirical magazine Charlie Hebdo draws more controversy with new cartoon on Islam”, France 24, August 24, 2017, https://www.france24.com/en/20170823-france-satirical-magazine-charlie-hebdo-new-cartoon-controversy-islam-barcelona-cambrils-at accessed on November 15, 2021
[xiv] “Imran Khan govt reaches secret agreement with TLP, accepts demands”, The Siasat Daily, November 05, 2021 https://www.siasat.com/imran-khan-govt-reaches-secret-agreement-with-tlp-accepts-demands-2220713/ accessed on November 15, 2021
[xv] The Bill “Supporting respect for the principles of the Republic” was passed in the French lower house, the National Assembly in February 2021 and the French upper house, the Senate on April 2021. After the passage of the bill, 92 mosques have been closed for specific time periods, after inspection as they were harbouring radical Islamic leanings. “Apologie du terrorisme : la mosquéed'Allonnesfermée pour six mois”, France Bleu, October 26, 2021, https://www.francebleu.fr/infos/faits-divers-justice/apologie-du-terrorisme-la-mosquee-d-allonnes-fermee-pour-6-mois-1635224503 accessed on November 15, 2021; “France shuts mosque in Allonnes; set to close seven mosques over 'radicalism'”, WION¸ October 28, 2021, https://www.wionews.com/world/france-shuts-mosque-in-allonnes-set-to-close-seven-mosques-over-radicalism-424820 accessed on November 15, 2021
[xvi] “Clashes in Pakistan after TLP takes several police hostage”, Al Jazeera, April 18, 2021 https://www.aljazeera.com/news/2021/4/18/clashes-in-pakistan-after-tlp-takes-several-police-hostage accessed on November 16, 2021
[xvii] “Banned party TLP's chief Saad Rizvi placed on fourth schedule, assets frozen”, Geo News, April 17, 2021 https://www.geo.tv/latest/345893-banned-party-tlp-chief-saad-rizvi-placed-on-fourth-schedule-assets-frozen accessed on November 16, 2021
[xviii] “TLP calls off nationwide protests as NA debates French envoy expulsion”, The Express Tribune, April 20, 2021 https://tribune.com.pk/story/2295806/tlp-calls-off-nationwide-protests-as-na-debates-french-envoy-expulsion accessed on November 16, 2021
[xix] “Imran Khan authorised force against TLP but Pak military opposed”, DT Next, November 10, 2021 https://www.dtnext.in/News/World/2021/11/10123145/1328134/Imran-Khan-authorised-force-against-TLP-but-Pak-military-.vpf accessed on November 16, 2021
[xx] “Pakistan: The Martyrs of October”, The Gulf News, November 07, 2021, https://gulfnews.com/opinion/op-eds/pakistan-the-martyrs-of-october-1.1636271311294 accessed on November 16, 2021
[xxi] Salman Masood, “After Violent Standoff, Pakistan Strikes Deal With Banned Islamist Group”, The New York Times, November 01, 2021, https://www.nytimes.com/2021/11/01/world/asia/pakistan-protests-negotiations-tlp.html accessed on November 16, 2021; “Pakistan reaches agreement with banned TLP to end violent rally”, Al Jazeera, October 31, 2021 https://www.aljazeera.com/news/2021/10/31/pakistan-reaches-agreement-with-banned-tlp-to-end-violent-rally accessed on November 16, 2021
[xxii] “We will return with full force if govt fails to implement agreement with proscribed TLP: Mufti Muneeb”, The News International, November 01, 2021 https://www.thenews.com.pk/latest/905006-tlp-to-return-with-full-force-if-govt-fails-to-implement-agreement-mufti-muneeb accessed on November 16, 2021
[xxiii] “After TLP chief, 54 members removed from Pakistan terror list”, Times of India, November 12, 2021 https://timesofindia.indiatimes.com/world/pakistan/after-tlp-chief-54-members-removed-from-pakistan-terror-list/articleshow/87664485.cms accessed on November 16, 2021
[xxiv] Qamar Cheema, “Why Imran Khan Sending Flowers to TLP Leaders?”, YouTube, November 21, 2021 https://www.youtube.com/watch?v=liGZjxkjnYw accessed on November 22, 2021
[xxv] “Home Dept to withdraw cases against Saad Rizvi”, The News International, November 13, 2021 https://www.thenews.com.pk/print/908382-home-dept-to-withdraw-cases-against-saad-rizvi accessed on November 16, 2021. Ejaz Ahmed Chaudhry is a serving Pakistani senator from the PTI and former deputy mayor of Lahore. He is also the President of the Punjab chapter of PTI.
[xxvi] Imran Gabol, “TLP chief Saad Hussain Rizvi released from jail”, Dawn, November 18, 2021, https://www.dawn.com/news/1658810 accessed on November 22, 2021
[xxvii] Imran Gabol, “Saad Rizvi urges people to vote for TLP in next polls”, Dawn, November 22, 2021, https://www.dawn.com/news/1659486/saad-rizvi-urges-people-to-vote-for-tlp-in-next-polls accessed on November 22, 2021
[xxviii] Imran Gobal, “'Goodwill gesture': PTI's Ejaz Chaudhry meets TLP chief Saad Rizvi to congratulate on jail release”, Dawn, November 20, 2021 https://www.dawn.com/news/1659209/goodwill-gesture-ptis-ejaz-chaudhry-meets-tlp-chief-saad-rizvi-to-congratulate-on-jail-release accessed on November 22, 2021
[xxix] Saleh Zaafir, “France sends its envoy in Pakistan to Egypt”, The News International, October 29, 2021 https://www.thenews.com.pk/print/904044-france-sends-its-envoy-in-pakistan-to-egypt accessed on November 16, 2021
[xxx] “No Pakistan Ambassador to France for 3 months, National Assembly demands recall of its Ambassador”, ANI, October 28, 2020, https://www.aninews.in/news/world/asia/no-pakistan-ambassador-to-france-for-3-months-national-assembly-demands-recall-of-its-ambassador20201028012513/ accessed on November 17, 2021
[xxxi] Babar Sattar, “We the bigots”, The News International, December 03, 2017 https://www.thenews.com.pk/print/251504-legal-eye-we-the-bigots accessed on November 16, 2021
[xxxii] “Pakistan takes far-right leader off terror list to end protests”, Al Jazeera, November 12, 2021 https://www.aljazeera.com/news/2021/11/12/pakistan-far-right-leader-saad-rizvi-terrorism-list-protests accessed on November 16, 2021