इमरान खान की पाकिस्तान तहरीक–ए–इंसाफ (पीटीआई) सरकार द्वारा जारी की गई पहली सुरक्षा नीति के दस्तावेज के रूप में घोषित राष्ट्रीय सुरक्षा नीति (एनएसपी) को आंशिक रूप से सार्वजनिक किया गया है। शोधपत्र में इस नीति को किस प्रकार तैयार किया गया है, नीति के विभिन्न विषय क्या हैं, इसकी बारीकियां या पाकिस्तान की रणनीतिक सोच में किस प्रकार का परिवर्तन आया है, को जानने की कोशिश की जाएगी।
आरंभ में यह ध्यान देने की आवश्यकता है कि यह दावा किया जाता है कि पाकिस्तान की पहली राष्ट्रीय सुरक्षा नीति–एनएसपी तथ्यात्मक रूप से गलत है। पहली राष्ट्रीय आंतरिक सुरक्षा नीति को 2014 में पाकिस्तान मुस्लिम लीग नवाज़ (पीएमएलएन) सरकार द्वारा लागू किया गया था। भूतपूर्व आंतरिक मंत्री चौधरी निसार अली खान ने इस नीति की शुरुआत की थी जो 2018 में समाप्त हो गई। राष्ट्रीय आंतरिक सुरक्षा नीति 2019-2023 के रूप में नाम बदलने के बाद इसे फिर से अपनाए जाने की योजना बनाई गई थी, जिसे पीटीआई सरकार द्वारा स्थगित कर दिया गया था।[i] यह नीति अधिकांशतः आतंकवाद, उग्रवाद, साइबर अपराध और सुरक्षा संबंधी विभिन्न प्रकार की चुनौतियों और असुरक्षाओं से संबंधित है। इसमें यह भी बताया गया है कि नीति को इस्लाम की शिक्षा, बाबा–ए–क़ौम मुहम्मद अली जिन्ना के विज़न, 1973 के संविधान और पाकिस्तान विज़न 2025 दस्तावेज़ के आधार पर नीति कैसे तैयार की जाएगी।[ii] नीति में बाहरी आयामों पर विस्तार से नहीं बताया गया है सिवाय उस हिस्से को छोड़कर जो क्षेत्रीय दृष्टिकोण, पड़ोसी देशों और चीन पाकिस्तान आर्थिक कॉरिडोर (सीपीईसी) के महत्व से जुड़ा है। जब दिसंबर 2014 में पेशावर के आर्मी पब्लिक स्कूल पर हुए आतंकवादी हमले के बाद जनवरी 2015 में पाकिस्तान सेना द्वारा बनाई गई राष्ट्रीय कार्य योजना को पाकिस्तान नेशनल असेंबली द्वारा पारित किया गया था तो राष्ट्रीय आंतरिक सुरक्षा नीति के साथ– साथ अनुकूलित सभी नीतियों को दरकिनार कर दिया गया था।[iii]
एनएसपी को 14 जनवरी 2022 को “नागरिक केंद्रित दृष्टिकोण” के वादे के साथ शुरु किया गया था। पाकिस्तान के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार मोईद यूसुफ द्वारा जारी का गया, जिन्होंने एक साक्षात्कार में स्वयं कहा था कि यह नीति बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि ‘क्योंकि यह एक ऐसे सुरक्षा घेरे के रूप में कार्य करेगी जो पाकिस्तान, उसके नागरिकों और विश्व को पाकिस्तान की मंशा के बारे में स्वयं बताएगी’।[iv] आठ खंड़ों में विभाजित नीति को निम्नलिखित विषयों में बांटा गया है– नीति निर्माण, राष्ट्रीय सुरक्षा रूपरेखा, राष्ट्रीय एकजुटता, पाकिस्तान के आर्थिक भविष्य को सुरक्षित करना, रक्षा एवं क्षेत्रीय अखंडता, इसकी आंतरिक सुरक्षा, बदलते विश्व में विदेश नीति और अंतिम विषय है मानव सुरक्षा।[v]
इस बात का उल्लेख किया गया है कि पड़ोसी राष्ट्रों के साथ शांति एवं आर्थिक कूटनीति को राष्ट्रीय सुरक्षा नीति का केंद्रिय विषय बनाया गया है। हालांकि, इसमें ‘भू– राजनीति’ से ‘भू– अर्थशास्त्र’ में कैसे बदलाव किया जाएगा या परंपरागत और गैर– परंपरागत खतरों एवं चुनौतियों संबंधी प्राथमिकताओं में कोई बदलाव किया गया है, इसका कोई उल्लेख नहीं है। एनएसपी यह स्पष्ट नहीं करता है कि पाकिस्तान क्षेत्रीय एवं बड़े देशों के साथ किस प्रकार रणनीतिक संतुलन बनाएगा या अपना आर्थिक भविष्य किस प्रकार सुरक्षित करेगा।
एनएसपी के अनुसार पाकिस्तान किसी विशेष राष्ट्र या गुट के साथ गठबंधन करने से, विशेष रूप से संयुक्त राज्य अमेरिका और चीन के बीच बढ़ती दूरियों और आक्रामक प्रतिस्पर्धा को देखते हुए, बच जाएगा। उस हिस्से में जो बाहरी कारकों से संबंधित है जो पाकिस्तान की विदेश नीति तैयार करने को प्रभावित करता है, नीति दस्तावेज़ में जम्मू और कश्मीर, अफगानिस्तान, चीन, भारत और ईरान से संबंधित खंड हैं और अन्य देशों को ‘बाकी दुनिया’ शीर्षक वाले खंड में रखा गया है, जिसमें मध्य पूर्व और पश्चिम एशिया, संयुक्त राज्य अमेरिका, यूनाइटेड किंग्डम और यूरोप एवं मध्य एशिया और रूस एक ही क्लस्टर में हैं।[vi]
पाकिस्तान ने देशों का चुनाव कि तरह से किया है, इसे विस्तार से समझाने के लिए, 4 फरवरी 2022 को चीन के शीतकालीन ओलंपिक, जिसका लगभग 25 देशों द्वारा राजनयिक स्तर पर बहिष्कार किया गया था और 108 देशों ने इन खेलों में हिस्सा नहीं लिया, के उद्घाटन समारोह में भाग लेने हेतु, जिसमें प्रधानमंत्री खान भी शामिल थे, बीजिंग जाने वाले उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमंडल पर गौर करना चाहिए[vii], जबकि राष्ट्रपति बाइडेन के प्रशासन के तहत संयुक्त राज्य की कोई आधिकारिक यात्रा नहीं की, जिससे यह स्पष्ट हो गया कि उसने बीजिंग का पक्ष लिया है। जिस तरह से पाकिस्तान ने रूस के साथ बेहतर संबंध बनाने का प्रयास किया जो चीन द्वारा समन्वित था, यह भी दर्शाता है कि पाकिस्तान किन देशों के साथ गठबंधन करना चाहता है।[viii]
कश्मीर, भारत और नियंत्रण रेखा के संबंध में पाकिस्तानी नेतृत्व द्वारा अपनाई गई पिछली रणनीतियों, समझौतों एवं नीतियों को देखते हुए यह सर्वविदित है कि पाकिस्तान द्वारा अपनाई गई सभी नीतियां भारत विरोधी बयानों से भरी होंगी। एनएसपी, इसी प्रकार दुविधाग्रस्त है, जहां वह अपने पड़ोसियों के साथ घनिष्ठ साझेदारी बनाने एवं शांति बनाए रखने की बात करता है जबकि भारत को पूरे दस्तावेज़ में पाकिस्तान के लिए एक बड़ा खतरा बताता है। इसलिए, भारत और कश्मीर के संबंध में, पाकिस्तान की नीति में कोई परिवर्तन नहीं किया गया है।
इसी तरह, हालांकि नीति में कहा गया है कि आर्थिक सुरक्षा राष्ट्रीय सुरक्षा का मुख्य घटक है, इसमें यह स्पष्ट नहीं किया गया है कि अर्थव्यवस्था में आयात–निर्यात घाटे के बीच किस प्रकार संतुलन प्राप्त किया जाएगा। राजकोषीय प्रबंधन का जिक्र करते हुए इसमें यह नहीं बताया गया है कि पाकिस्तान अपने घरेलू और विदेशी कर्ज़ का भुगतान कैसे कर पाएगा। ध्यान देने की बात है कि पिछले तीन वर्षों में पीटीआई सरकार ने 35 बिलियन अमेरिकी डॉलर से अधिक का विदेशी ऋण ले रखा है, और 30 सितंबर 2021 तक पाकिस्तान का कुल बाहरी ऋण एवं देयताएं 127 बिलियन अमेरिकी डॉलर का था।[ix] अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष के निर्देशों पर पाकिस्तान ने भी पाकिस्तानी रुपये का तेज़ी से अवमूल्यन किया है, जिससे पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था को मुद्रास्फीति में अधिक वृद्धि एवं अनिवार्य वस्तुओं के मूल्य में बढ़ोतरी का सामना करना पड़ा।[x] पाकिस्तानी अर्थव्यवस्था उच्च मुद्रास्फीति, कम विकास, ऊर्जा एवं अन्य अनिवार्य वस्तुओं की कमी, बेरोज़गारी और ईंधन एवं ऊर्जा के उच्च मूल्य से प्रभावित है और एनएसपी ऐसी आर्थिक चुनौतियों से उबरने के लिए कोई रास्ता नहीं बताती।[xi]
एनएसपी कहता है कि पाकिस्तान की विशिष्ट इस्लामिक पहचान को संरक्षित करने के साथ– ही– साथ इसकी जातीय, धार्मिक एवं सांस्कृतिक विविधता को भी उजागर करना, प्रमुख नीतिगत उद्देश्य है। नीति निर्माता यह स्वीकार नहीं करते कि पाकिस्तान की विशिष्ट इस्लामिक पहचान को बचाए रखने के कारण ही 1971 में देश बड़े पैमाने पर अव्यवस्था उत्पन्न हुई थी। सैन्य प्रतिष्ठानों के साथ– साथ सत्तारूढ़ अभिजात वर्ग धर्म को राजनीतिक उपकरण के रूप में उपयोग करते हुए राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए इस बड़ी चुनौती की पहचान करने में विफल रहा है जो पाकिस्तान को धार्मिक अतिवाद और जातीय संघर्ष की ओर धकेल रहा है। बजाए इसकी सरकार चरमपंथी, धार्मिक समूहों को खुश करने एवं प्रेरित करने की नीति अपना रही है जो हिंसक उग्रवाद से निपटने के किसी भी प्रयास को कमज़ोर करती है, एक ऐसी घटना जो राष्ट्रीय सुरक्षा हेतु सबसे गंभीर खतरा बन गई है।[xii]
एनएसपी ने उन फायदों का स्पष्ट रूप से उल्लेख किया है जो भविष्य में पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था हेतु चीन पाकिस्तान आर्थिक गलियारा तैयार करेगा लेकिन सीपीईसी के तहत चलाई जाने वाली परियोजनाओं के संबंध में प्रांतों में स्थानीय आबादी की शंका, जिसके कारण कुछ प्रांतों में हिंसा और सामाजिक अशांति पैदा हुई, को कम करने के लिए कुछ नहीं कहा है।[xiii]
एनएसपी में इस बात का उल्लेख है कि पाकिस्तान आतंकवादी समूहों पर शून्य– सहिष्णुता की नीति अपनाता है, जबकि वह 2018 से संयुक्त राष्ट्र वित्तीय कार्रवाई कार्यदल (एफएटीएफ) की ग्रे सूची में रहा है। 19 फरवरी 2022 को पेरिस में एफएटीएफ के कार्यालय के बाहर अफगानों, बलूचों और उइगरों द्वारा विरोध प्रदर्शन किया गया था जिन्होंने पाकिस्तान को एफएटीएफ की काली सूची में रखने की मांग की थी।[xiv] ध्यान दें कि एफएटीएफ का पूर्ण सत्र 21 फरवरी 2022 को शुरू हुआ और पाकिस्तान को ग्रे सूची में ही रखा गया क्योंकि वह संयुक्त राष्ट्र के नामित आतंकी समूहों के वरिष्ठ नेताओं और कमांडरों को निशाना बनाने में असफल रहा था। एनएसपी शब्दजालों एवं मुहावरों से भरी एक नीति बनी हुई है जिसे लागू नहीं किया जाएगा क्योंकि सरकार के पास आतंकवाद का मुकाबला करने के लिए कोई सख्त कद़म उठाने की राजनीतिक इच्छाशक्ति की कमी है।[xv]
पाकिस्तान में घरेलू और सामरिक नीति निर्माण में सैन्य प्रतिष्ठानों की भूमिका के बारे में सभी जानते हैं और यह अच्छी तरह से प्रलेखित भी है। लेकिन निर्णय लेने में नागरिक– सैन्य संबंधों की महत्वपूर्ण भूमिका को एनएसपी में पूरी तरह से नज़रअंदाज कर दिया गया है। पाकिस्तान की रणनीतिक और विदेश नीति बनाने में खुफिया एजेंसियों के साथ– साथ पाकिस्तानी सैन्य प्रतिष्ठान की भूमिका को पूरी तरह से नज़रअंदाज़ कर दिया गया है और पाकिस्तान के सामने आने वाली सभी चुनौतियों के लिए विपक्ष एवं पड़ोसी देशों को दोषी ठहराते हुए नीति निर्माण का दोषपूर्ण चित्र तैयार किया गया है।[xvi]
कोई भी व्यक्ति विभिन्न नीतिगत दस्तावेज़ों को देख सकता है लेकिन नागरिक नेतृत्व द्वारा ऐसी अनुकूलित नीतियों को लागू करने के लिए राजनीतिक इच्छाशक्ति की कमी पूरे पाकिस्तान के इतिहास में देखी गई है। इन वर्षों में ऐसी कई घटनाएं हुई हैं जहां सरकार द्वारा की गई कार्रवाई, अपनाई गई नीतियों के विरुद्ध रही है। एनएसपी में यह भी नहीं बताया गया है कि पाकिस्तान नागरिकों के कल्याण एवं सुरक्षा को प्रमुखता देते हुए अपने सामरिक सैन्य– केंद्रित वातावरण को नागरिक–केंद्रित नीति निर्माण में किस प्रकार बदलेगा। एनएसपी के उन हिस्सों के संबंध में भी कोई स्पष्टता नहीं है जिन्हें सार्वजनिक नहीं किया गया है। जबकि पाकिस्तान में आतंकवाद एवं जातीय संघर्ष बढ़ रहा है, इस बात की संभावना बेहद कम है कि भविष्य में एनएसपी का कोई महत्वपूर्ण सकारात्मक परिणाम देखने को मिले।
*****
*डॉ. ध्रुबज्योति भट्टाचार्य, शोध अध्येता, भारतीय वैश्विक परिषद, नई दिल्ली।
अस्वीकरण: व्यक्त किए गए विचार व्यक्तिगत हैं।
डिस्क्लेमर: इस अनुवादित लेख में यदि किसी प्रकार की त्रुटी पाई जाती है तो पाठक अंग्रेजी में लिखे मूल लेख को ही मान्य माने ।
पाद टिप्पणियां
[i] Abdul Basit, “Pakistan’s National Security Policy Faces an Expectations Gap”, National Interest, February 10, 2022, https://nationalinterest.org/feature/pakistan%E2%80%99s-national-security-policy-faces-expectations-gap-200432 accessed on February 21, 2022
[ii] National Internal Security Policy 2018-2023, Ministry of Interior, Government of Pakistan.
[iii] Abdul Basit, “Pakistan’s National Security Policy Faces an Expectations Gap”, National Interest, February 10, 2022, https://nationalinterest.org/feature/pakistan%E2%80%99s-national-security-policy-faces-expectations-gap-200432 accessed on February 21, 2022
[iv] Will Pakistan's National Security Policy work? | Inside Story, Al Jazeera, January 15, 2022, https://www.youtube.com/watch?v=f9IwgbKCGsc&t=161s&ab_channel=AlJazeeraEnglish accessed on February 21, 2022
[v] National Security Policy of Pakistan 2022-2026, National Security Division, 2022, Government of Pakistan
[vi]National Security Policy of Pakistan 2022-2026, National Security Division, 2022, Government of Pakistan
[vii] Beijing Olympics 2022 controversy: Why and which nations are boycotting Winter Games?, DNA, February 04, 2022, https://www.dnaindia.com/sports/report-beijing-olympics-2022-controversy-why-and-which-nations-are-boycotting-winter-games-2932188 accessed on February 21, 2022
[viii] Prime Minister Imran Khan during an interview to Russia Today confirmed that China facilitated Prime Minister Khan’s visit to Moscow on February 2022. Pia Krishnankutty, “Did China help Pakistan build bridges to Russia? Imran Khan nods yes & then slams Modi’s India”, The Print, February 23, 2022, https://theprint.in/world/did-china-help-pakistan-build-bridges-to-russia-imran-khan-nods-yes-then-slams-modis-india/843819/ accessed on February 24, 2022
[ix] Javid Husain, “Economic woes”, The News International, January 23, 2022, https://www.thenews.com.pk/print/927319-economic-woes accessed on February 21, 2022
[x]Javid Husain, “Economic woes”, The News International, January 23, 2022, https://www.thenews.com.pk/print/927319-economic-woes accessed on February 21, 2022
[xi] Sushant Sareen, “Pakistan’s National Security Policy: A yay or a yawn?” Observer Research Foundation, https://www.orfonline.org/expert-speak/pakistans-national-security-policy-a-yay-or-a-yawn/ accessed on February 21, 2022
[xii]MahendraVed, “Pakistan’s National Security Policy: Old thoughts in new packaging”, South Asia Monitor, January 20, 2022, https://www.southasiamonitor.org/spotlight/pakistans-national-security-policy-old-thoughts-new-packagingaccessed on February 21, 2022
[xiii]SumitGanguly, What Pakistan’s New National Security Policy Leaves Out, Foreign Policy, February 2, 2022, https://foreignpolicy.com/2022/02/02/pakistan-national-security-policy-internal-challenges/ accessed on February 21, 2022
[xiv] “Protest held outside FATF office in Paris calling for blacklisting of Pakistan”, The Print, February 19, 2022, https://theprint.in/world/protest-held-outside-fatf-office-in-paris-calling-for-blacklisting-of-pakistan/838745/ accessed on February 21, 2022
[xv]MahendraVed, “Pakistan’s National Security Policy: Old thoughts in new packaging”, South Asia Monitor, January 20, 2022, https://www.southasiamonitor.org/spotlight/pakistans-national-security-policy-old-thoughts-new-packaging accessed on February 21, 2022
[xvi]SumitGanguly, What Pakistan’s New National Security Policy Leaves Out, Foreign Policy, February 2, 2022, https://foreignpolicy.com/2022/02/02/pakistan-national-security-policy-internal-challenges/ accessed on February 21, 2022