ऑस्ट्रेलिया के उप प्रधानमंत्री और रक्षा मंत्री रिचर्ड मार्लेस ने 20 से 23 जून, 2022 तक भारत का दौरा किया। यह यात्रा लेबर पार्टी के नेता एंथनी अल्बानीज के 23 मई, 2022 को ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री के रूप में पदभार संभालने के बाद ऑस्ट्रेलिया से नई दिल्ली की पहली उच्चस्तरीय यात्रा थी। रक्षा मंत्री मार्लेस की प्रारंभिक द्विपक्षीय यात्रा, एक स्पष्ट संकेत है कि दोनों लोकतंत्रों के बीच समग्र व्यापक रणनीतिक साझेदारी (सीएसपी) का एक प्रमुख फोकस क्षेत्र निश्चित रूप से रक्षा और सुरक्षा सहयोग है। भारत की अपनी आधिकारिक यात्रा की घोषणा करते हुए, रक्षा मंत्री मार्लेस ने कहा कि "मैं भारत के साथ ऑस्ट्रेलिया के रक्षा और सुरक्षा सहयोग को मजबूत करने के लिए प्रतिबद्ध हूं। ऑस्ट्रेलिया एक खुले, समावेशी और लचीले इंडो-पैसिफिक क्षेत्र के समर्थन में भारत के साथ मिलकर काम करने के लिए तैयार है।[i]
भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच द्विपक्षीय संबंधों ने हाल के वर्षों में लगातार उच्चस्तरीय बातचीत के साथ एक ऊपर की ओर प्रक्षेपवक्र देखा है। हाल के वर्षों में ऑस्ट्रेलिया के लगभग सभी नीति दस्तावेजों ने इस बात पर प्रकाश डाला है कि भारत के साथ संबंध देश की विदेश नीति की प्राथमिकता है। 2017 के विदेश नीति श्वेत पत्र में इस बात पर जोर दिया गया था कि "भारत अनुकूल सुरक्षा हितों के साथ ऑस्ट्रेलिया की अंतरराष्ट्रीय साझेदारी में सबसे आगे है:" [ii] जुलाई 2020 में ऑस्ट्रेलियाई रक्षा विभाग द्वारा जारी नवीनतम रक्षा सामरिक अपडेट में दोहराया गया है कि ऑस्ट्रेलिया के लिए ‘वैश्विक नियमों और मानदंडों में साझा हितों का समर्थन' करने में भारत एक महत्वपूर्ण आर्थिक और सुरक्षा साझेदार है।[iii] नई लेबर सरकार के तहत विदेश नीति के दायरे में भी बहुत कुछ बदलने की संभावना नहीं है। ऑस्ट्रेलिया भारत को एक महत्वपूर्ण साझेदार के रूप में देखता रहा है।[iv]
22 जून, 2022 को भारतीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और उनके ऑस्ट्रेलियाई समकक्ष के बीच बैठक के बाद जारी एक संयुक्त प्रेस बयान में इस बात पर प्रकाश डाला गया कि "कोविड -19 महामारी की चुनौतियों के बावजूद दोनों देशों के बीच रक्षा सहयोग गतिविधियां बढ़ रही हैं", साथ ही उन्होंने "बढ़ती विविधता" और रक्षा अभ्यास और आदान-प्रदान की बढ़ती आवृत्ति” का स्वागत किया।[v]
बैठक के दौरान, दोनों रक्षा मंत्रियों ने "रणनीतिक चुनौतियों और क्षेत्रीय सुरक्षा स्थिति की समीक्षा की और एक खुले, मुक्त, समावेशी, समृद्ध और नियम-आधारित इंडो-पैसिफिक क्षेत्र के अपने साझा उद्देश्य की पुष्टि की"।[vi]
दोनों देशों के बीच मजबूत रक्षा एवं सुरक्षा साझेदारी को मान्यता देते हुए हाल का सबसे महत्वपूर्ण घटनाक्रम 11 सितंबर 2021 को विदेश और रक्षा मंत्रियों के स्तर पर आयोजित चिर प्रतीक्षित पहले 2+2 संवाद के रूप में सामने आया। 2 + 2 वार्ता को सीएसपी के अनुसरण में आयोजित किया गया था, जिसका उद्देश्य "पारस्परिक हित के द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों की एक श्रृंखला" पर दोनों देशों के बीच रणनीतिक और रक्षा सहयोग को आगे बढ़ाना था।[vii]
ऑस्ट्रेलिया भारत को "एक बढ़ती हुई इंडो-पैसिफिक शक्ति और ऑस्ट्रेलिया के लिए एक महत्वपूर्ण सुरक्षा भागीदार, विशेष रूप से समुद्री क्षेत्र में" के रूप में मान्यता देता है।[viii] उनके साझा समुद्री भूगोल, बढ़ते सुरक्षा संबंधों के साथ, भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच समग्र द्विपक्षीय संबंधों का एक महत्वपूर्ण पहलू समुद्री सहयोग रहा है। दोनों देशों के बीच इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में समुद्री सहयोग के लिए साझा दृष्टि पर एक महत्वपूर्ण संयुक्त घोषणा की गई है, जिसका ऐलान 2020 में प्रधानमंत्रियों के पहले वर्चुअल शिखर सम्मेलन में किया गया था, जिसमें यह स्वीकार किया गया था कि "भविष्य में कई चुनौतियों के समुद्री क्षेत्र में सामने आने और इस क्षेत्र से निकलने की संभावना है।"[ix] 2020 में अन्य क्वाड देशों के साथ मालाबार अभ्यास में ऑस्ट्रेलिया के प्रवेश और भारतीय तथा ऑस्ट्रेलियाई नौसेना के बीच नियमित द्विपक्षीय अभ्यास AUSINDEX के बाद दोनों देशों की नौसेनाओं के बीच नियमित संवाद बना हुआ है। ऑस्ट्रेलिया ने संयुक्त परिचालन रक्षा क्षमता को बढ़ाने के लिए भारत को 2023 में ऑस्ट्रेलिया के सबसे बड़े युद्ध खेलों के अगले अभ्यास तलिस्मान सबरे (टीएस) में भाग लेने के लिए भी आमंत्रित किया है।[x] दोनों देशों की नौसेनाओं ने हवाई में हाल ही में संपन्न 26 देशों के RIMPAC 2022 द्विवार्षिक अभ्यास में भी भाग लिया। हाल की बैठक के दौरान, दोनों पक्षों ने व्यक्त किया कि वे अक्टूबर 2022 में होने वाले ऑस्ट्रेलियाई रक्षा बल (ADF) के इंडो-पैसिफिक प्रयास अभ्यास में भारत की भागीदारी के लिए तत्पर हैं। अभ्यास का उद्देश्य द्विपक्षीय और बहुपक्षीय भागीदारी के माध्यम से क्षेत्र में सुरक्षा और स्थिरता को बढ़ावा देना है।[xi]
मंत्री मार्लेस ने जोर देते हुए कहा कि "जैसा कि हम अपने रक्षा और सुरक्षा सहयोग को लगातार बढ़ा रहे हैं, तो हमारा अगला कदम लंबी अवधि की पारस्परिक पहुंच व्यवस्था की खोज करना है"।[xii] यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि दोनों देशों ने जून 2020 में बहुप्रतीक्षितपारस्परिक रसद सहयोग की व्यवस्था (एमएलएसए) पर हस्ताक्षर किए हैं, जिसका उद्देश्य सैन्य अंतर परिचालन और समुद्री डोमेन जागरूकता में संयुक्त क्षमता को बढ़ाना है। पारस्परिक पहुंच आगे की ओर एक उपयोगी कदम होगा, विशेष रूप से समुद्री निगरानी में।[xiii]
समुद्री क्षेत्र में हितों का बढ़ता सम्मिलन वैश्विक हितों को सुरक्षित करने और आर्थिक समृद्धि में मिलकर सहयोग करने के लिए द्विपक्षीय सहयोग को गहरा करने की गुंजाइश प्रदान करता है। ऑस्ट्रेलिया पहले भागीदारों में से भी एक है, जिसने इंडो-पैसिफिक ओशन इनिशिएटिव (आईपीओआई) पर व्यावहारिक सहयोग शुरू किया है। ऑस्ट्रेलिया ने 2019 में पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन (EAS) में पीएम मोदी द्वारा घोषित IPOI को आगे बढ़ाने के लिए भारत और इस क्षेत्र के अन्य इच्छुक भागीदारों के साथ काम करने की इच्छा व्यक्त की है। अप्रैल 2021 में, ऑस्ट्रेलिया ने IPOI के तहत 1.4 मिलियन AUD के अनुदान की घोषणा की, ताकि आईपीओआई के विभिन्न स्तंभों पर ध्यान केंद्रित करते हुए इंडो-पैसिफिक के लिए ऑस्ट्रेलिया और भारत के साझा दृष्टिकोण को आगे बढ़ाया जा सके।[xiv] 7 जुलाई, 2021 को, ऑस्ट्रेलिया-भारत इंडो-पैसिफिक ओशन इनिशिएटिव पार्टनरशिप (AIIPOIP) कार्यक्रम के लिए अनुदान के पहले दौर की घोषणा ऑस्ट्रेलियाई विदेश मंत्रालय द्वारा "खुली, समावेशी, लचीली समृद्ध और नियम-आधारित समुद्री व्यवस्था प्रदान करने में करीबी क्षेत्रीय भागीदारों के साथ काम करने की मजबूत प्रतिबद्धता" को दोहराते हुए की गई थी।” [xv] दोनों देश दक्षिण प्रशांत में छोटे द्वीपों के लिए ऑस्ट्रेलिया की 'पैसिफिक स्टेप-अप' नीति में सहयोग करने पर भी सहमत हुए।
एक रणनीतिक साझेदार के रूप में, ऑस्ट्रेलिया और भारत कोविड के बाद एक समृद्ध, खुले और स्थिर बहुपक्षीय क्षेत्रीय व्यवस्था को आकार देने के लिए मिलकर काम करने को तैयार हैं। अतीत में, द्विपक्षीय संबंधों में सकारात्मक विकास के बावजूद, जब भी एक स्थिर क्षेत्रीय व्यवस्था के निर्माण में सक्रिय भूमिका निभाने की बात आती थी, तो दोनों पक्षों के बीच कुछ हद तक राजनीतिक शंका सामने आ जाती थी। हालाँकि, महामारी ने दुनिया में भू-राजनीतिक समीकरणों को नया आकार दिया है। इंडो-पैसिफिक में भू-राजनीतिक वातावरण "तेजी से बदल रहा है"।[xvi]
पूरे मामले में एक बिंदु बीजिंग के साथ ऑस्ट्रेलिया का संबंध है, जो हाल के समय में कई मुद्दों को लेकर कठिन समय से गुजर रहा है, जैसे कि 5G, ऑस्ट्रेलिया की घरेलू राजनीति में बीजिंग के दखल की कैनबरा द्वारा आलोचना, कोविड-19 महामारी और उसके बाद दोनों के बीच व्यापार युद्ध। इन दिनों, ऑस्ट्रेलिया अपने पड़ोस यानी दक्षिण प्रशांत क्षेत्र में चीन के आक्रामक रुख को लेकर चिंतित रहा है, जो विशेष रूप से सोलोमन द्वीप और चीन के बीच सुरक्षा सहयोग समझौते के आलोक में कई महत्वपूर्ण घटनाक्रमों से गुजर रहा है। यह क्षेत्र ऑस्ट्रेलिया के लिए प्राथमिकता बना हुआ है और बीजिंग का बढ़ता दबाव कैनबरा के लिए एक गंभीर चिंता का विषय है।
अपनी यात्रा के दौरान, रक्षा मंत्री मार्लेस ने चीन के आक्रामक उत्थान और उसके कार्यों की प्रकृति के बारे में चिंता व्यक्त की। एबीसी न्यूज के साथ एक साक्षात्कार में, उन्होंने उल्लेख किया कि "भारत और ऑस्ट्रेलिया दोनों के लिए, चीन हमारा सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार है और साथ ही चीन हमारी सबसे बड़ी सुरक्षा चिंता भी है"।[xvii] उन्होंने नई दिल्ली में नेशनल डिफेंस कॉलेज में अपने भाषण में भी चीन के बारे में चिंताओं को दोहराया, उन्होंने कहा कि "चीन की सैन्य बढ़त अब सबसे बड़ी और सबसे महत्वाकांक्षी है ... यह महत्वपूर्ण है कि चीन के पड़ोसी इस बढ़त को अपने लिए जोखिम के तौर पर नहीं देखते हैं”। "2020 में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर भारतीय बलों पर हमले" को "एक चेतावनी" के रूप में संदर्भित करते हुए, उन्होंने जोर देकर कहा कि यह "महत्वपूर्ण है कि चीन अंतरराष्ट्रीय कानून के अनुरूप बातचीत की प्रक्रिया के माध्यम से विवाद को हल करने के लिए प्रतिबद्ध रहे"।[xviii]
हाल के वर्षों में भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच द्विपक्षीय संबंधों में सकारात्मक विकास ने दिखाया है कि अब उनके रणनीतिक हितों में काफी संरेखण है, क्योंकि अतीत की संदेही प्रवृत्ति समाप्त हो रही है और दोनों देश क्षेत्रीय शक्ति संतुलन की संरचना में सक्रिय भूमिका निभाने के लिए तैयार हैं, ताकि “एक स्थिर बहुध्रुवीयता और बहुपक्षवाद के लिए स्थान के साथ पुनर्संतुलित व्यवस्था' तैयार की जा सके । जैसा कि देखा जा रहा है, जब भारत के साथ संबंधों की बात आती है तो कैनबरा में नई सरकार के शासनकाल में इसमें पहले से अधिक निरंतरता की संभावना है। रक्षा और सुरक्षा सहयोग प्रगति पर हैं; दोनों देशों के लिए काफी संभावनाएं हैं। दोनों देश आगे बढ़ने के साथ-साथ रक्षा औद्योगिक सहयोग की संभावनाओं का पता लगाने के इच्छुक हैं। गतिशील भू-राजनीतिक परिदृश्यों के बीच, भारत और ऑस्ट्रेलिया इंडो-पैसिफिक क्षेत्र के लिए एक साझा दृष्टिकोण, बढ़ते व्यापार, घनिष्ठ सुरक्षा और रक्षा सहयोग तथा समान विचारधारा वाले अन्य क्षेत्रीय खिलाड़ियों के साथ भागीदारी के साथ क्षेत्रीय संतुलन को निर्धारित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे जो पारस्परिक समृद्धि और स्थिरता पर टिकी है।
*****
*डॉ. प्रज्ञा पांडे, रिसर्च फेलो, इंडियन काउंसिल ऑफ वर्ल्ड अफ़ेयर्स, नई दिल्ली।
अस्वीकरण: व्यक्त किए गए विचार व्यक्तिगत हैं।
डिस्क्लेमर: इस अनुवादित लेख में यदि किसी प्रकार की त्रुटी पाई जाती है तो पाठक अंग्रेजी में लिखे मूल लेख को ही मान्य माने ।
[i] Deputy Prime Minister to visit India, 20 June 2022, https://www.minister.defence.gov.au/minister/rmarles/media-releases/deputy-prime-minister-visit-india
[ii] Australian Government, 2017 Foreign Policy White Paper, https://www.dfat.gov.au/publications/minisite/2017-foreign-policy-white-paper/fpwhitepaper/foreign-policy-white-paper/chapter-three-stable-and-prosperous-indo-pacific/indo-pacific.html
[iii] Australian Government, Defence Strategic Update 2002, https://www.defence.gov.au/about/publications/2020-defence-strategic-update
[iv] https://twitter.com/RichardMarlesMP
[v] Raksha Mantri Shri Rajnath Singh & his Australian counterpart Mr Richard Marles discuss ways to enhance defence cooperation during bilateral talks in New Delhi, June 22, https://pib.gov.in/PressReleasePage.aspx?PRID=1836176
[vi] I.bid
[vii] First India-Australia 2+2 Ministerial Dialogue, September 09, 2021
https://www.mea.gov.in/press-releases.htm?dtl/34232/First_IndiaAustralia_22_Ministerial_Dialogue
[viii] Press Statements following India-Australia 2+2 Ministerial Meeting (11 September 2021, https://www.mea.gov.in/bilateral-documents.htm?dtl/34248/Press_Statements_following_IndiaAustralia_22_Ministerial_Meeting_11_September_2021
[ix] Press Statements following India-Australia 2+2 Ministerial Meeting (11 September 2021, https://www.mea.gov.in/bilateral-documents.htm?dtl/34248/Press_Statements_following_IndiaAustralia_22_Ministerial_Meeting_11_September_2021
[x] Talisman Sabre 21, https://www1.defence.gov.au/exercises/talisman-sabre-21
[xi] Indo-Pacific Endeavour 2021, https://www.defence.gov.au/operations/indo-pacific-endeavour#:~:text=Commencing%20in%202017%2C%20Indo%2DPacific,partnerships%20with%20regional%20security%20forces.
[xii]Defence Minister Richard Marles visits India to boost military ties, compares notes on approach to China, June 22, 2022, https://www.minister.defence.gov.au/minister/rmarles/speeches/speech-national-defence-college-new-delhi-india
[xiii] I.bid
[xiv] Australia announces Rs 81.2 million grant for Indo-Pacific Ocean Initiative, https://www.wionews.com/india-news/australia-announces-rs-812-million-grant-for-indo-pacific-ocean-initiative-378702
[xv] Australia-India Indo-Pacific Oceans Initiative Partnership, https://www.foreignminister.gov.au/minister/marise-payne/media-release/australia-india-indo-pacific-oceans-initiative-partnership
[xvi] Opening Remarks by the External Affairs Minister at the First India-Australia 2+2 Ministerial Dialogue, September 11, 2021, https://www.mea.gov.in/Speeches-Statements.htm?dtl/34246/Opening_Remarks_by_the_External_Affairs_Minister_at_the_First_IndiaAustralia_22_Ministerial_Dialogue
[xvii] Defence Minister Richard Marles visits India to boost military ties, compares notes on approach to China
https://www.abc.net.au/news/2022-06-23/new-defence-minister-richard-marles-visits-india/101175650
[xviii] Speech: National Defence College New Delhi, India, 22 June 2022, https://www.minister.defence.gov.au/minister/rmarles/speeches/speech-national-defence-college-new-delhi-india