सुदृढ़ डिजिटल अवसंरचना, डिजिटल एवं वित्तीय क्षेत्रों में जन भागीदारी, जनता की डिजिटल साक्षरता में वृद्धि तथा देश के दूरदराज के क्षेत्रों तक डिजिटल सेवाओं की पैठ ने डिजिटल इंडिया बाकी देशों के लिए वैश्विक बेंचमार्क बन गया है। इसने देश भर में तकनीक-आधारित नवोन्मेषों के विकास में उत्प्रेरक भी काम किया है, जहां भारत की डिजिटल अवसंरचना नवोन्मेषों का अब विश्व स्तर पर अनुकरण किया जा रहा है। ई-संजीवनी एप्लिकेशन[i] के ज़रिए टेलीमेडिसिन को व्यापक रूप से अपनाना, वन-स्टॉप को-विन पोर्टल के ज़रिए सफल टीकाकरण अभियान, डिजिलॉकर और गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स सहाय इस दिशा में सफलता का प्रतीक हैं। नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया इंटरनेशनल (एनपीसीआईएल) का यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (यूपीआई) ऐसा ही एक अन्य नवोन्मेष है, जो भारत के बेहतरीन डिजिटल भुगतान अवसंरचना का वैश्वीकरण करके बाहरी देशों के भुगतान परिदृश्य को भी बदल रहा है। इस व्यूपॉइंट में इस बात को समझने का प्रयास किया गया है कि भारत में डिजिटल भुगतान इंटरफ़ेस का विकास कैसे हुआ और डिजिटल डिप्लोमेसी के ज़रिए इसके डिजिटल नेटवर्क और आउटरीच का विस्तार कैसे हुआ।
कई गुना बढ़ा यूपीआई फिनटेक नवोन्मेष
2021 में देश 48.6 बिलियन ट्रांजेक्शन के ज़रिए वित्तीय प्रणालियों को सुलभ और अधिक कुशल बनाने में तकनीक के इस्तेमाल से भारत वास्तविक समय के डिजिटल भुगतान में दुनिया में अग्रणी बन गया है, जो वैश्विक ट्रांजेक्शन का 40% से अधिक है।[ii] 64%[iii] के वैश्विक औसत की तुलना में भारत में फिनटेक अपनाने की दर भी 87% की है। यूपीआई, भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (एनपीसीआई) द्वारा स्वदेशी रूप से विकसित और भारतीय रिज़र्व बैंक (आरबीआई) द्वारा विनियमित एक त्वरित भुगतान प्रणाली है, इस संबंध में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। इस लोकप्रिय मोबाइल भुगतान सेवा से कई बैंक खातों को एक ही मोबाइल एप्लिकेशन (किसी भी सम्मिलित बैंक के) में जोड़कर, कई बैंकिंग सुविधाओं को मर्ज करके, निर्बाध फंड रूटिंग प्रदान करके और वन हुड के तहत मर्चेंट भुगतान को एकीकृत करके एक खाते से दूसरे खाते में तत्काल क्रेडिट हस्तांतरण की सुविधा मिलती है। 'पीयर-टू-पीयर (पी2पी)' और 'पर्सन-टू-मर्चेंट (पी2एम)' अंतर-बैंकिंग डिजिटल लेनदेन को पूरा करने की इसकी क्षमता और एंड्रॉइड व आईओएस जैसे सभी प्रमुख प्लेटफार्मों के ज़रिए पहुंच ने देश में अधिकतम डिजिटल भुगतान अपनाने को सक्षम करने की दिशा में एक सकारात्मक व्यवधान के रूप में कार्य किया है। भारत कम मूल्य के ट्रांजेक्शन हेतु यूपीआई लाइट और फीचर फोन उपयोगकर्ताओं के लिए यूपीआई 123 पे जैसे किफायती और उपयोगकर्ता अनुकूल डिजिटल भुगतान सॉल्यूशन को बढ़ावा देकर वित्तीय समावेशन को बढ़ावा दे रहा है।[iv]
सरकार द्वारा शुरू किए गए विभिन्न नीतिगत उपायों तथा योजनाओं की वजह से बेहद कम समय में डिजिटल परिदृश्य में जबरदस्त बदलाव आया है। एक तरफ, राष्ट्रीय डिजिटल साक्षरता मिशन (एनडीएलएम) और डिजिटल साक्षरता अभियान (दिशा); आधार सक्षम भुगतान प्रणाली, फास्टैग, रुपे और आईएमपीएस सरलीकृत भुगतान जैसी नीतियों एवं योजनाओं ने डिजिटल साक्षरता में सुधार किया; तो वहीं दूसरी ओर, भारतनेट और डिजीधन मिशन जैसे प्रोजेक्ट्स ने इंटरनेट पैठ को बढ़ावा दिया, जिससे मर्चेंट पेमेंट हेतु सुदृढ़ व्यवस्था बनाने में मदद की और डिजिटल ट्रांजेक्शन में बदलाव लाया। डिजिटल अवसंरचना और जनता द्वारा इसे अपनाने में इस दशक में जबरदस्त वृद्धि देखी गई है क्योंकि बैंक खातों वाले वयस्कों की संख्या 17% से बढ़कर 80% से अधिक हो गई है, जबकि पहले केवल 4% के पास ही विशिष्ट आईडी दस्तावेज़ होती थी, अब एक बिलियन से अधिक लोगों के पास डिजिटल आईडी दस्तावेज़ है, कुल घनत्व 93% तक पहुंच गया है और 2022 तक, प्रति माह 6 बिलियन से अधिक डिजिटल ट्रांजेक्शन पूरे हो रहे हैं।[v]
इसके अलावा, डिजिटल भुगतान इंटरफेस के साथ जेएएम की तिकड़ी (जन धन योजना, आधार और मोबाइल) जैसी सरकारी नीतियों एवं कार्यक्रमों का एकीकरण वित्तीय समावेशन लाने, कल्याणकारी सेवाओं तक पहुंच बढ़ाने और जनता को, विशेषतः दूरस्थ क्षेत्रों में, वित्तीय लाभों के पारदर्शी और समय पर वितरण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। आर्थिक सर्वेक्षण 2022-2023 के अनुसार, 2016 में इसके सृजन के पश्चात से, रियल-टाइम पेमेंट सिस्टम का हिस्सा बनने वाले बैंकों की संख्या दिसंबर 2017 में 35 से बढ़कर दिसंबर 2022 में 380 से अधिक हो गई। इसके अलावा, वित्तीय वर्ष 2019 में देश के कुल 31 बिलियन डिजिटल ट्रांजेक्शन के साथ 17% की तुलना में, वित्तीय वर्ष 2022 में 88.4 बिलियन वित्तीय डिजिटल ट्रांजेक्शन हुआ, जिसमें का हिस्सा 52% है, और हाल ही में, दिसंबर 2022 के महीने में यूपीआई ने ₹12.8 ट्रिलियन मूल्य के 7.82 बिलियन ट्रांजेक्शन के साथ अपने अब तक के उच्चतम स्तर को छू लिया है।
महामारी के मुश्किल समय में लोगों ने इसे तेजी से अपनाया, इसका इस्तेमाल और कवरेज बढ़ा, क्योंकि इस दौरान यूपीआई से वित्त वर्ष 23 (दिसंबर 2022 तक) में ₹21.7 ट्रिलियन से अधिक के कुल मूल्य के साथ 29.22 बिलियन संपर्क रहित मर्चेंट ट्रांजेक्शन के साथ यूपीआई से लघु तथा सूक्ष्म व्यापारियों को एक महत्वपूर्ण जीवन रेखा।[vi] आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, भीम यूपीआई नागरिकों के लिए भुगतान का सबसे पसंदीदा माध्यम बन गया और जनवरी 2023 में ₹12.98 ट्रिलियन के मूल्य के साथ 8.03 बिलियन डिजिटल ट्रांजेक्शन दर्ज किए गए।[vii] यूपीआई की सफलता ने इसे न केवल घर बल्कि विदेश में भी लोकप्रिय बना दिया।
भारत के डिजिटल भुगतान इंटरफेस का संवर्धन
विकासात्मक सहयोग और पहुंच बढ़ाने के प्रयास में, भारत रुपे/यूपीआई-संचालित ऐप, सीमा-पार प्रेषण, और एनपीसीआई की अंतर्राष्ट्रीय शाखा, एनपीसीआईएल के ज़रिए अंतर्राष्ट्रीय बाजारों में यूपीआई जैसी व्यवस्था को बढ़ावा देकर भुगतान परिदृश्य को बदल रहा है। देश में एनपीसीआई के अनुकरणीय नवोन्मेषों से प्रेरित होकर, कई देशों ने 'वास्तविक समय भुगतान प्रणाली' या 'घरेलू कार्ड योजना' शुरु करने की दिशा में रुचि दिखाई है। यहां तक कि अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) की प्रबंध निदेशक क्रिस्टालिना जॉर्जीवा ने इस बात पर प्रकाश डालते हुए कि भारत किस तरह से वैश्विक विकास में सबसे अग्रणी बना हुआ है, इस बात पर बल दिया कि यूपीआई 'वित्तीय समावेशन को बढ़ावा देने वाली प्रौद्योगिकी का एक उत्कृष्ट उदाहरण' है।[viii]
इसके अलावा, यूपीआई भुगतान प्रणाली के वैश्वीकरण, वास्तविक समय भुगतान प्रणालियों के ज़रिए सीमा-पार प्रेषण को बढ़ावा देने और फिनटेक इकोसिस्टम को प्रोत्साहित करने के संबंध में भारत की विकास साझेदारी कुछ देशों तक सीमित नहीं है। हमारे पड़ोसी देशों में, एनपीसीआईएल नेपाल हेतु एक आधुनिक डिजिटल अवसंरचना का सृजन कर रहा है जिससे देश में वास्तविक समय भुगतान प्रणाली के निर्माण और डिजिटल ट्रांजेक्शन में मदद मिलेगी। इसके अलावा, एनपीसीआईएल और यूरोनेट ने संयुक्त रूप से म्यांमार की प्रस्तावित रीयल-टाइम रिटेल भुगतान प्रणाली के साथ-साथ क्यूआर कोड जनरेशन और रिपॉजिटरी सिस्टम बनाने हेतु बोली लगाई है।[ix] भूटान में, यूपीआई आधारित एक भारतीय मोबाइल भुगतान ऐप, भीम ऐप की शुरूआत और प्रमुख डिजिटल परियोजना रुपे की पूर्ण इंटरऑपरेबिलिटी ने विकास साझेदारी को सुदृढ़ किया है और भारत व भूटान के बीच वित्तीय संबंधों को और गहरा किया है।[x]
भारत और आसियान देश डिजिटल भुगतान कनेक्शन को सक्षम करके और फिनटेक इकोसिस्टम को शामिल करने अपनी साझेदारी को मजबूत करने हेतु संयुक्त कार्य समूह (जेडब्ल्यूजी) स्तर पर सहयोगी चर्चा के ज़रिए रणनीतिक रूप से जुड़ रहे हैं।[xi] सिंगापुर के साथ ऐसे ही एक जेडब्ल्यूजी ने हाल ही में भारतीय रिजर्व बैंक और सिंगापुर के मौद्रिक प्राधिकरण के बीच एक समझौते के तहत भारत के यूपीआई तथा सिंगापुर के पेनॉऊ को जोड़ा। इसके अलावा, यूपीआई को दुबई के नियोपे और यूके के पेएक्सपर्स के साथ जोड़ने की घोषणा भारत के डिजिटल भुगतान इंटरफ़ेस के प्रसार तथा पहले से मौजूद डिजिटल भुगतान सॉल्यूशन के साथ इसकी अंतर्संचालनीयता को दर्शाती है।[xii] हाल ही में, जापान ने भी प्लेटफॉर्म का अध्ययन करने और अंततः इसे लिंक करने में रुचि दिखाई है।[xiii] भारतीय भुगतान प्रणालियों के विभिन्न रूपों को अपनाने वाले अन्य देशों में फ्रांस, संयुक्त अरब अमीरात, सऊदी अरब, बहरीन, मालदीव और ओमान शामिल हैं। भारत मध्य-पूर्व के देशों और संयुक्त राज्य अमेरिका पर भी ध्यान केंद्रित कर रहा है, जहाँ से इसे बहुत अधिक प्रेषण आता है, साथ ही साथ नामीबिया जैसे अफ्रीकी देशों से भी।[xiv] इसके अलावा, भारत ने उन देशों के साथ 13 समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किए हैं जो डिजिटल भुगतान हेतु यूपीआई को अपनाना चाहते हैं।[xv] सामान्यतः भारत की डिजिटल सार्वजनिक अवसंरचना और विशेषतः यूपीआई में विश्व स्तर पर रुचि बढ़ रही है।
इसी दिशा में आगे बढ़ाते हुए, आरबीआई ने कुछ प्रतिबंधों के अंतर्गत उन अनिवासी भारतीयों (एनआरआई) को यूपीआई एक्सेस उपलब्ध कराई है, जिनके पास 10 देशों के एनआरई/एनआरओ खातों से जुड़े अंतरराष्ट्रीय मोबाइल नंबर हैं।[xvi] इसके अलावा, इसने जी-20 देशों के यात्रियों को मर्चेंट पेमेंट (पी2एम) हेतु भारत आने वाले सभी यात्रियों को देश में रहने के दौरान से पहले यूपीआई की सुविधा कुछ चुनिंदा अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डों पर पायलट के रूप में उपलब्ध कराई है।[xvii] ऐसा करना न केवल त्वरित, सस्ते तथा अधिक पारदर्शी सीमा पार भुगतान को सुविधाजनक बनाने की जी20 की वित्तीय समावेशन प्राथमिकता के अनुरूप है, बल्कि प्रेषण की लागत को कम करने पर जोर देने के संयुक्त राष्ट्र के सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी 10) [xviii] को हासिल करने में भी अहम है।
वैश्विक डिजिटल समावेशन की ओर
कई देशों के भारत द्वारा विकसित डिजिटल भुगतान इंटरफेस को अपनाने और भुगतान की सीमा पार अंतर-क्षमता को बढ़ावा देने से फिनटेक इकोसिस्टम में बड़ी विकास क्षमता उत्पन्न हुई है। विकास हेतु पारंपरिक बाधाओं को दूर करके, यूपीआई से ग्लोबल ई-कॉमर्स को बढ़ावा देने, सीमा पार प्रेषण को त्वरित करने तथा हस्तांतरण को अधिक लागत प्रभावी बनाने, संबंधित देशों के सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यमों (एमएसएमई) और व्यापार व यात्रा को बढ़ावा देने में मदद मिल सकती है। इसलिए, यूपीआई की पूरी यात्रा तथा विदेशों में इसे अपनाने पर विचार करने दौरान यह ध्यान रखना जरुरी है कि इससे दुनिया भर में वित्तीय समावेशन को बढ़ावा देने हेतु एक डिजिटल पेमेंट का सुदृढ़ इकोसिस्टम का निर्माण करने में संचार के साधन के रुप में डिजिटल कूटनीति के दायरे को बढ़ाया है और इसने शामिल देशों को वैश्विक अंतर्वाह एवं बहिर्वाह के प्रशासन और सुरक्षा से संबंधित चुनौतियों का मिलकर हल करने के लिए प्रेरित किया है।
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* अवनि सबलोक, रिसर्च एसोसिएट, भारतीय वैश्विक परिषद , नई दिल्ली
अस्वीकरण: व्यक्त किए गए विचार व्यक्तिगत हैं।
डिस्क्लेमर: इस अनुवादित लेख में यदि किसी प्रकार की त्रुटी पाई जाती है तो पाठक अंग्रेजी में लिखे मूल लेख को ही मान्य माने ।
पाद-टिप्पणियां
[i] Press Information Bureau, “National telemedicine service of India - eSanjeevani achieves 8 crore teleconsultations”, Ministry of Health and Family Welfare, Government of India, December 6, 2022. Available at: https://pib.gov.in/PressReleasePage.aspx?PRID=1881185. (Accessed on 03.03.2023)
[ii] ACI Worldwide Real-Time Payments, “Prime Time for Real-Time”, April 2022. Available at: https://www.aciworldwide.com/wp-content/uploads/2022/04/Prime-Time-for-Real-Time-Report-2022.pdf. (Accessed on 16.03.2023)
[iii] ACI Worldwide Real-Time Payments, “Prime Time for Real-Time”, April 2022. Available at: https://www.aciworldwide.com/wp-content/uploads/2022/04/Prime-Time-for-Real-Time-Report-2022.pdf. (Accessed on 16.03.2023)
[iv] ACI Worldwide Real-Time Payments, “Prime Time for Real-Time”, April 2022. Available at: https://www.aciworldwide.com/wp-content/uploads/2022/04/Prime-Time-for-Real-Time-Report-2022.pdf. (Accessed on 16.03.2023)
[v] Physical and Digital Infrastructure: Lifting Potential Growth, “The Economic Survey 2022-2023”, January 31, 2023. Available at: https://www.indiabudget.gov.in/economicsurvey/doc/eschapter/echap12.pdf. (Accessed on 14.03.2023)
[vi] Physical and Digital Infrastructure: Lifting Potential Growth, “The Economic Survey 2022-2023”, January 31, 2023. Available at: https://www.indiabudget.gov.in/economicsurvey/doc/eschapter/echap12.pdf. (Accessed on 27.02.2023)
[vii] Physical and Digital Infrastructure: Lifting Potential Growth, “The Economic Survey 2022-2023”, January 31, 2023. Available at: https://www.indiabudget.gov.in/economicsurvey/doc/eschapter/echap12.pdf. (Accessed on 27.02.2023)
[viii] “India remains a ‘bright spot’, to contribute 15% of global growth in 2023: IMF MD”, The Hindu, February 23, 2023. Available at: https://www.thehindu.com/business/Economy/india-remains-a-bright-spot-to-contribute-15-of-global-growth-in-2023-imf-md/article66540985.ece. (Accessed on 27.02.2023)
[ix] Harshit Rakheja, “After Foray Into Singapore, NPCI Plans To Take UPI To Myanmar”, October 29, 2020. Available at: https://inc42.com/buzz/after-foray-into-singapore-npci-plans-to-take-upi-to-myanmar/. (Accessed on 07.03.2023)
[x] Harshit Rakheja, “After Foray Into Singapore, NPCI Plans To Take UPI To Myanmar”, October 29, 2020. Available at: https://inc42.com/buzz/after-foray-into-singapore-npci-plans-to-take-upi-to-myanmar/. (Accessed on 07.03.2023)
[xi] Ministry of Finance, Government of India, “Annual Report 2021-2022”, April 8, 2022. Available at: https://dea.gov.in/sites/default/files/Annual%20Report%20%28English%29.pdf. (Accessed on 27.02.2023)
[xii] Ministry of Finance, Government of India, “Annual Report 2021-2022”, April 8, 2022. Available at: https://dea.gov.in/sites/default/files/Annual%20Report%20%28English%29.pdf. (Accessed on 27.02.2023)
[xiii] Ministry of Finance, Government of India, “Annual Report 2021-2022”, April 8, 2022. Available at: https://dea.gov.in/sites/default/files/Annual%20Report%20%28English%29.pdf. (Accessed on 27.02.2023)
[xiv] Ministry of Finance, Government of India, “Annual Report 2021-2022”, April 8, 2022. Available at: https://dea.gov.in/sites/default/files/Annual%20Report%20%28English%29.pdf. (Accessed on 27.02.2023)
[xv] Ministry of Finance, Government of India, “Annual Report 2021-2022”, April 8, 2022. Available at: https://dea.gov.in/sites/default/files/Annual%20Report%20%28English%29.pdf. (Accessed on 27.02.2023)
[xvi] “Statement on Developmental and Regulatory Policies”, Reserve Bank of India, February 8, 2023. Available at: https://rbi.org.in/Scripts/BS_PressReleaseDisplay.aspx?prid=55179. (Accessed on 27.02.2023)
[xvii] “Statement on Developmental and Regulatory Policies”, Reserve Bank of India, February 8, 2023. Available at: https://rbi.org.in/Scripts/BS_PressReleaseDisplay.aspx?prid=55179. (Accessed on 27.02.2023)
[xviii] “Statement on Developmental and Regulatory Policies”, Reserve Bank of India, February 8, 2023. Available at: https://rbi.org.in/Scripts/BS_PressReleaseDisplay.aspx?prid=55179. (Accessed on 27.02.2023)