Page 24 - ICWA Newsletter Hindi October_December 2020
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िव� मामल� क� स�ू हाउस
भारतीय प�रषद
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आईसीडब्ल्यूए-सीपीपीआर मलयालम में राष्ीय निबंध प्रततयोनगता
2 दिसंबर 2020
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आईसीडब्ल्यूए ने 2 ददसबर 2020 को स्ल क ललए तवषय थे-' भारत एक वैश्श्वक शक्ति कसे बन सकता ह?
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A छात्ों (15- 18 वष्ड) और स्ातक/स्ातकोत्तर छात्ों और भारत अपने पड़ोधसयों क साथ अपने सबध बनाने क
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(18-25 वष्ड) क ललए अपने समझौता ज्ापन साझेदार सेंटर तरीक क्ा ह? वररष्ठ स्तर क ललए तवषय थे-' कोतवद वैश्श्वक
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फॉर पब्लिक पॉललसी ररसर, कोस्च्च क सहयोग से आयोश्जत व्यवस्ा क बाद भारत की भममका क्ा होनी रादहए? ' और
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मलयालम में तनबध प्ततयोमगता क पररणामों की घोषणा
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की। तनबध का आयोजन करना भारत की तवदश नीतत और ' भारत की पड़ोस नीतत क नए आयाम क्ा ह?'। तवजेता
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अंतरा्डष् टट्रीय मामलों से जड़ म्द्ों क बार में जागरूकता पैदा प्तवतष्यां कोट्टायम, एना्डकलम, ततरुवनतपरम, कालीकट, इग् ्यू
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करने क पररषद् क प्यासों का दहस्ा था। जतनयर स्तर क और मडपरामब्यू से आईं ।
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आईसीडब्ल्यूए-आईसीएस-जेएिय्यू पुस् तक निमोचि और चचरा 'नबयॉन्ड पैि-एक्शयनिज्म: चीि
और भारत को जोड़िा, 1840-1960 क दशक', तािसेि सेि और ब्ायि त्ुई द्ारा संपाहदत
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3 दिसंबर 2020
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आईसीडब्ल्यूए ने रीनी अध्ययन सस्ान और क व्यापक कनवास में कई तवषयों का समाधान करती है और
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Aजवाहरलाल नेहरू तवश्वतवद्ालय के सहयोग से 2 जांर की तवभभन्न परतें खोलती है। एनवाईय्यू शघाई क सेंटर
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ददसबर 2020 को तानसेन सेन और ब्ायन त्ई द्ारा सपाददत फॉर लिोबल एभशया क इततहास और तनदशक क प्ो.फसर
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"पैन-एभशयतनज्म से पर: रीन और भारत को जोड़ने, 1840- तानसेन सेन ने इस बात पर प्काश डाला दक यह पस्तक एक
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1960 क दशक" पर एक पस्तक तवमोरन और ररा्ड का महामारी जांर है और इस बात पर जोर ददया दक इसका
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आयोजन दकया। जेएनय्यू क सेंटर फॉर ई्ट एभशयन ्टडीज उद्श्य इस तवषय पर अततम राय दना नहीं है बग्कि उन म्द्ों
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की प्ो. फसर और ररा्ड की अध्यक्ष डॉ. अलका आराय ने पर सलग् करना ह जो बहुतायत में हैं। हांगकांग पॉललटतक्क
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इस बात पर जोर ददया दक यह पस्तक एभशया क भभाग का तवश्वतवद्ालय क एसोधसएट प्ो. फसर और पस्तक क सह-
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अध्ययन करने क ललए है और यह पड़ताल करती ह दक हमें सपादक प्ो. ब्ायन त्ई ने बताया दक यह पस्तक प्मख
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एभशया क रूप में क्ा जोड़ता ह। उनोंने कहा दक इस मात्ा तवषयों अभभलखागार और पस्तकालय, अखखल एभशयाईवाद
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में ब्ने गए कई तवषय बौमद्धक अध्ययन क महत्वप्यूण्ड तवषय और इसकी जदटल तवरासत, राजनीतत और सीमाओं से पर े
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रहे हैं। आईसीडब्ल्यूए क महातनदशक डॉ. टी.सी. राघवन और रीन/भारत एक तवधध क रूप में पर कदरित है। अन्य
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ने अपने म्ख् भाषण में इस बात पर प्काश डाला दक यह प्ततभामगयों ने अंतःतवषय दृतष्कोण पर जोर दने सदहत मौजदा
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पस्तक एभशया और अखखल एभशयाईता, भारत-रीन सबधों सादहत् क ललए मात्ा क हस्तक्षेप पर प्काश डाला।
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शांतत अथ्तव्यिस्ा पर डीएमजैडअतरराष्ीय फोरम, कोररया गणराज्य
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4 दिसंबर 2020
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आईसीडब्ल्यूए क महातनदशक डॉ. टी.सी.ए. राघवन ने अपने सबोधन में भारत की ऐततहाधसक भममका और कोररयाई
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A4 ददसंबर, 2020 को कोररया गणराज्य के अंतरा्डष्ट्रीय प्ायद्ीप में शांतत प्दक्रया क ललए उसक तनरतर समथ्डन पर
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आर्थक नीतत सस्ान (कईईपी) और नेशनल ररसर ्ड प्काश डाला। उद्ाटन सत् में, ली इन-यग-एकीकरण मत्ी,
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काउधसल फॉर इकोनॉममक्, ह््यूमैतनटीज और सोशल साइसेज
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(एनआरसी) द्ारा आयोश्जत "डीएमजेड अंतरा्डष्ट्रीय फोरम कोररया गणराज्य भी चरमत्त दकया गया; हातोयामा य्दकओ-
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ऑन द पीस इकोनॉमी 2020" क उद्ाटन सत् में लगभग जापान क प्यूव्ड प्धानमत्ी ने भी भाग ललया। महातनदशक की
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वतिा क रूप में भाग ललया। आईसीडब्ल्यूए क महातनदशक ने दटप्पणी का पाठ bit.ly/3ogdKG4 पर है।
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अक: 23 | अक्बर -दिसंबर 2020 24
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