Page 29 - ICWA Newsletter Hindi October_December 2020
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िव� मामल� क� स�ू हाउस
भारतीय प�रषद
इडिया क्ाररर्ी
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वश्वक ववचार एव व्यव्ार शोध पवरिका
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विन्दी सस्करण खड 1 (अक 4)
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मौसम पिल ववशेषांक
क््य सि्श-सि्यिेशी हो ज्यने
संपादकीय
पर भी इस शब्द क्य अपन्य
अथ्श जों क्य तों बच्य रहेग्य।
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विश्व धरोहरों क लिप्यंकन क लिए यनेस को की ह्यि्यंदक विश्व को इस िरह अि्यि्य स््यनीय स्तर पर इदियन ओशन ररि
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विश्व धरोहर समिवि की दोह्य बठक िें भ्यरि पनुपररभ्यवषि करने क इद-मगद होने ि्यिी एसोधसएशन (IORA) जैसे क्ेत्रीय स स््यनों
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सरक्यर द््यर्य 2014 िें शरू की गई ‘िौसि’ र्यजनीवि को बय्यनब्यजी क सह्यर आस्यनी से क ि्यध्यि से दकय्य ज्य सकि्य ह, श्जनक े
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पररयोजन्य की ददश्य पर विच्यर-वििश्श क रूप वनपर्य लिय्य ज्यि्य है, दक ं ि ऐसी पुनुपररभ्यष्यओ वनध्य्शररि क्यिों िें यह श्यमिि ह। यदद हि
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िें शरू हुई ब्यि अब इस चच्य्शिें बदि चकी हैु क्य आध्यर बनने ि्यि अिीि क सिदु्ययों क्य िौसि पहि जैसी असैन्य शक्ति पहिों िथ्य
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दक ‘िौसि’ पहि की शक्तिय्यं क््य है और इस पुनसजन करन और िह्यस्यगर िथ्य इसक सिद्ुरी अक्भय्यनों को विश्वसनीयि्य प्रद्यनकरन्य
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पहि की दृवटि को क से ि्यगू दकय्य ज्य सकि्य सिद्ों पर उन सिदु्ययों क प्रभुतब और सप्रभु च्यहिे हैं िो अिीि पर शोध िें वनिेश करने
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है। इस ब्यि पर भी चचंि्यए स्यिने आई हैं दक अधधक्यरों क ित्त्ों की ज्यंच करन्य बहुि की अविररति श्जम्ेद्यरी भी होगी ि्यदक हि
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सस्वि िथ्य, विर्यसि और र्यजनीवि से सबधधि िुशदकि है। इस अक क िखों िें भ्यरि और सही इविह्यस ज्यन सक और अिीि क कतों
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कई विषयों िें अक्यदमिक अनसध्यन की शचचि्य दहंद िह्यस्यगरीय सिदु्यय क लिए दहंद दहं को गौरिश्यिी बि्यने क लिए ऐविह्यधसक
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की अनदखी क वबन्य भी सस्वि दकस िरह से िह्यस्यगर क सिस्यिययक अथथों पर एक बडी िथों की बलि न चढ्यए। यदद सम्पककीयि्य पर
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िहत्त्परू्ण वबंदओ पर प्रभ्यिी होकर इस पहि बहस शरू करने क इर्यद से इनीं ित्त्ों की ज्यंच सिक्यिीन ध्य्यनकद्ण ने एक्शय्यई भू-र्यजनीवि
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क क द्ीय प्रभ्यि क्ेत्र दहंद दहं िह्यस्यगर क ब्यर े करने की प्रदरिय्य शरू की गई है। को प्रभ्यविि दकय्य है और शक्ति सि िन से
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िें हि्यरी प्यर पररक ध्यरण्यओ को धिस्त करने य िख इस ब्यि पर गौर करि हैं दक ‘िौसि जि़ी सिूची विच्यर प्रदरिय्य को प्रभ्यि सििन
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ि्यिी असैन्य (सौम्य/िदि ) शक्ति (soft पहि’ क्य क््य अथ्श है और यदद इसक की ओर सरक्य ददय्य ह िो भ्यरिीय नीवि क े
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power) क्य दहस््य बन सकिी ह। इदिय्य ि्यध्यि से दहंद दहंिह्यस्यगर क िरििली दशों भविष्य क लिए िौसि पहि क द्ीय िहत्त्
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क््यरिली क इस अक क िख कई अिग-अिग क सिहू िें परस्पर विश्व्यस और भरोसे क क्ेत्र की हो सकिी ह। सिुद्ी धसद्यंि दृवटिकोण
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अंिर्िषयी प्रेक्ण वबंदओ से इस चच्य्श को प्रस्तुि विकधसि दकए ज्यने ह िो दहंद दहं िह्यस्यगर (Maritime Theory Approach) क े
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करिे हैं। प्रक्यय्य्शत्मक ित्र पर ध्य्यन दकर दहंद िह्यस्यगर
की बहुदशीय इविह्यस परम्पर्यओ को आगे नौसेन्य सगोष्ी (Indian Ocean Naval
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इस िुद् पर हि्यरी अिध्यरण्यत्मक दरप्पणी िें बढ्यने की आिश्यकि्य क्ों है िथ्य, भ्यरिीय Symposium; IONS) और िौसि पहि
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कह्य गय्य थ्य: ‘भ्यरि की िौसि पररयोजन्य नीवि क लिए दहंद दहं िह्यस्यगर क्य िहत्त् क््य क ि्यध्यि से भी सपर्कयि्य को प्रोत््यदहि दकय्य
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िश्वीकरण, िैश्श्वक बहुदशीयि्य और है। जह्यं एक ओर हिें दहंद दहं िह्यस्यगर क े ज्य सकि्य ह।
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भूर्यजनीविक ि्यनचचत्रों क पनुर्चत्रण पर भूर्यजनीविक िहत्त् और इसक सिदु्यय की
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सिक्यिीन बहसों क सक्ि अंिर्यिों पर खडी प्रकवि को सिझने क लिए अपने पनुर्दशीकरण दहि्यंशु प्रभ्य र (अविधथ सप्यदक)
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है।’ िौसि’ पहि जैसी पहिों िें श्यमिि की आिश्यकि्य है, िहीं इस धरोहर को सरक्क्ि िधु भल््य (सप्यदक, इदिय्य क््यररिी)
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र्यजनीवि की जदरिि्यओ को पहच्यनने की करने क अधधक िहत्त्पण्श क लिए नीवियों
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जरूरि है। इसक्य बहुि बड्य दहस््य इस ब्यि क और दहस्द्यरी क्य विकधसि दकय्य ज्यन्य
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इद-मगद घिि्य है दक िह ब्यि क््य है जो दहंद भी आिश्यक है। एक िख रख्यंदकि करि्य
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दहं िह्यस्यगर की दुवनय्य को पररभ्यवषि करिी है दक इस क्यि को िैश्श्वक स्तर पर युनेस्ो
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है, इस पररभ्यष्य क्य वनध्य्शरण कौन करि्य ह और क विश्व विर्यसि सम्ेिन िें प्रस्तुि करने क
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अक: 23 | अक्बर -दिसंबर 2020 29
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