Page 4 - ICWA Newsletter Hindi April-June 2021
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प्यास करती ि। पुस्तक राजनीनत, समाज पिलओं का श्जरि हकया गया ि: नवशभन्न
और अथचाव्यवस्ा क सदभ में नेपाल मलों और मानदडों क बीच सघषचा (सामती
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की सैदांनतक रूपरिा और इनतिास की / सत्तावादी और लोकतांमत्क ताकतों क
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जानकारी दती ि। यि 2015 तक की बीच सघषचा); नवशभन्न राजनीनतक और
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राजनीनतक पररस्स्नतयों, नवकास और सामाश्जक ताकतों क बीच सत्ता-सघषचा;
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सनवधानों क पतन पर भी प्काश डालती और सवैधाननक प्हरिया और धारणा में
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ि। नेपाल में 1948 और 2015 क बीच
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कल सात सनवधान बनाए गए थे। सनवधानों भारत की भममका, तथा भारत को लकर
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में इस बार-बार िोने वाल बदलाव, एक नेपाली राजनीनतक ताकतों की प्ाथममकताए ं
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तरफ, लोगों की आकांक्षाओं का परा न और इसक नवलोमतः। भारत क ललए, सवैधाननक प्हरिया में
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िोना और, दूसरी तरफ, शासकों क बीच लोकतांमत्क ताकतों का समथचान करना राजनीनतक प्ाथममकता
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सत्ता सघषचा को इमगत करता ि। पुस्तक रिी ि। इस दौरान नेपाल में िाललया राजनीनतक घटनारिम पर
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में नेपाल की सवैधाननक प्हरिया क तीन भी चचाचा हुई।
प्ो. पुरुषोत्तम भट्ाचार्य द्ारा लिखित 'स्ेटस ऑफ रूरोनपरन इटीग्ेशन
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पॉससबि टजेक्ी' पुस्तक का ऑनिाइन नवमोचन और चचचा
09 अप्रैल 2021
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भारतीय वैश्विक पररषद् (आईसीडब्ल्यूए) ने 9 ि। लिक ने य्यूरोपीय पररयोजना की
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Aअप्ैल, 2021 को स्वगगीय प्ो. पुरुषोत्तम भट्ाचायचा सफलता का आकलन करते हुए इससे
(आईसीडब्ल्यूए; मैकममलन) द्ारा ललखित अपने नवीनतम िाससल हुए लाभ, इसने नए सदस राज्ों का हकस तरि से
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प्काशन ''स्टस ऑफ य्यूरोनपयन इटीग्शन पॉससबल ट्जेक््ी' स्वागत हकया, अपनी एकीकरण की सीमाओं का हकस तरि से
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पुस्तक का नवमोचन और चचाचा का आयोजन हकया। इस सत् नवस्तार हकया िै, आहद नवषयों पर प्काश डाला ि। लिन ने
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की अध्यक्षता भारत क प्यूवचा नवदश सचचव कष्णन श्ीननवासन य्यूरोपीय सघ द्ारा सामना की जाने वाली प्मुि चनौनतयों, जैसे
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ने की। माच 2020 में लिक क दुभाचाग्यप्यूणचा ननधन की वजि ब्ेक्सिट, अंतरराष््ीय बनाम राष््ीय पिचान, सप्भु ऋण सकट,
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से पुस्तक को डॉ. अंहकता दत्ता, शोध अध्येता आईसीडब्ल्यूए प्वासन, जलवायु पररवतचान का आकलन करत हुए एकीकरण,
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द्ारा प्स्तुत हकया गया। पैनल क सदसों में प्ो. अननंध्या उतार-चढाव, समझौता पर एक मित्वप्यूणचा अवलोकन प्दान
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ज्ोनत मजमदार, अंतराचाष््ीय सबध नवभाग, जादवपुर हकया िै। इस बात पर चचाचा हुई हक य्यूरोपीय
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नवविनवद्ालय, कोलकाता, प्ो. शशबाशीष चटजगी, प्ोफसर सघ हकस तरि से भारत क ललए एक चनौती
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अंतराचाष््ीय सबध एव शासन अध्ययन नवभाग, शशव नादर और अवसर दोनों ि। य्यूरोपीय सघ की
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नवविनवद्ालय, नोएडा और प्ो. गुलशन सचदवा, य्यूरोपीय समसाए बढ रिी ि कोंहक इसे प्वाससयों
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अध्ययन कद्र, जवािरलाल नेिरू नवविनवद्ालय मौजद थे। क प्नतरोध, बजट जारी करने में कहिनाई,
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ब्ेक्सिट का कप्बधन, आहद जसी चनौनतयों
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चचाचा क दौरान, इस बात पर प्काश का सामना करना पड़ रिा ि। भारत-य्यूरोपीय
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डाला गया हक, पुस्तक इस बात का सघ क सबध सुधर ि और यि सबध आर्थक
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ससंिावलोकन प्दान करती ि हक वतचामान मुदों से आगे बढा ि। इसक ललए य्यूरोपीय
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में य्यूरोपीय एकीकरण की का स्स्नत सघ की राजनीनत की अच्छी समझ िोना
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ि और इस समय क कछ मलभत आवश्यक ि, श्जसे यि पुस्तक सुगम बनाती
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सवालों, जैसे - का य्यूरोपीय सघ अपने ि। इस दौरान, यि उल्ि हकया गया हक
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अस्स्तत्वगत सकट से जझ रिा ि? पुस्तक लिक क नपछल 2-3 वषषों क शोध
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बदलावों पर इसकी का प्नतहरिया का निीं बल्कि य्यूरोप पर उनक जीवन भर क
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िोगी? - का जवाब दने का प्यास करती शोध का सार ि।
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अक : 25 | अप्रैल-जून 2021 4