Page 8 - ICWA Newsletter Hindi April-June 2021
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स�ू हाउस






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            आईसीडब्लए अभभििागार इकाई: पहिा कदम
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                                                                                                          ैं
              "राष्ट् की सभी संपत्तियों में, अभभलेखागार सबसे कीमती संपत्ति ह,
                ये एक पीढी द्ारा दूसरी पीढी को दिए गए उपहार ह, और उनकी
                                                                                       ैं
                                                                                                ै
                                                                      े
                      िखभाल का स्तर हमारी सभ्यता क स्तर को िराशाता ह।"
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                                         - कनेडियन िोमिमनयन आडक कि विस्ट सर आर्थर िौटी


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            भारत क उपराष््पनत और आईसीडब्लए क अध्यक्ष श्ी एम. वेंकया नायड ने डॉ. टीसीए राघवन, डीजी, आईसीडब्लए और डॉ.
                                                                                                    ं
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            नववेक ममश्ा, शोध अध्येता, आईसीडब्लए द्ारा ललखित और िाल िी में प्काशशत पुस्तक 'सप््यू िाउस: ए स्ोरी ऑफ इस्ीट््यूशन
                        चा
                                                                                   चा
                                                                   ै
            नबस््डंग इन व्ड अफयस' की प्स्तावना में ललिा िै, "मुझे बेिद प्सन्नता ि हक इनतिास को दज करने की इस प्हरिया में,
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            ऐनतिाससक और अशभलिीय ररकॉड का नवशाल सग्ि जमा िो गया ि और इसललए इसक उचचत सरक्षण एव रिरिाव िेतु एक
                                       चा
                                                                                            ं
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            'आईसीडब्लए अशभलिागार इकाई' की स्ापना की जा रिी ि।"
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                                                           े
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            आईसीडब्ल्यूए ने अपनी स्ापना क लगभग 78 वषषों में, अशभलिों का एक नवशाल सग्ि तयार हकया िै, श्जनमें से कई का मित्व
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                                                     ैं
            स्ायी ि, जो न कवल नवदश नीनत क पिल को दशाचाते ि बल्कि भारत क अतीत क सामाश्जक, आर्थक, राजनीनतक एव सांस्नतक
                                                                                                         ृ
                                                                 े
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            गनतशीलता को भी दशाचाते ि। अब तक नबिर पड़ य ररकॉड अब एक जगि समहकत हकए जा रि ि। मिाननदशक, आईसीडब्लए
                                                                                             े
                                                        चा
                                                                       े
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            क नवज़न क अनुसार, आईसीडब्लए पुरालि की स्ापना का काय फरवरी 2021 में शुरू हुआ और भारतीय राष््ीय अशभलिागार
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            क प्यूवचा उप ननदशक डॉ. श्ी तसदुक हुसैन को प्शशक्षुओं की एक टीम की मदद से इस पररयोजना को परा करने का श्जम्ा सौंपा गया
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                                                                                       ्यू
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                                                                                             े
            ि। एक वररष् शोध अध्येता को भी तैनात करने का ननणय ललया गया ि, नवशेष रूप से आईसीडब्लए अशभलिागार क ललए।
                                                                ै
                                                     चा
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                                                    ैं
                                    चा
            आईसीडब्ल्यूए में रिे गए ररकॉड नवशभन्न श्शणयों क ि जैसे हक फाइल, रश्जस्र, ररपोट, फो्डर, िाता-बिी, उदरण, फोटो, प्ेस
                                                                                                  ्यू
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                                                    चा
            क्लिनपंग आहद। चहक उनमें से कई का उपयुक्त सदभ ज्ात निीं था, इसललए एक व्यवस्स्त और उचचत दस्तावेज-सचीकरण
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                                                                                                 ं
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                                                                           चा
            शुरु हकया गया ि। इसक अलावा, अशभलिों, नवशेष रूप से पुराने रश्जस्रों जैसे कायकारी सममनत की कायवािी एव कायवृत्त,
            अनुसधान बोड, नवत्त सममनत, वार्षक आम बिक आहद, जो पररषद की स्ापना से पिल क ि, उनपर वैज्ाननक सरक्षण ितु नवशेष
                                                                                                      े
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            मरम्त और लममनेशन को लकर नवशेष ध्यान हदया गया ि। य अशभलि 1940 क दशक क बाद से पररषद क सस्ागत नवकास,
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            समय क साथ इसक अनुसधान क नवशभन्न प्क्षेप पथ और राज् द्ारा नवदश नीनत तयार करने व उसकी आलोचना करने में सरकार
                                                                         ै
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            क बािरी नवद्ानों व नवश्षकों की समान भममका पर प्काश डालते ि। य ररकॉड भारत में आईआर अध्ययन क गिन इनतिास पर
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            शोध करने में रुचच रिने वाल नवद्ानों क ललए म्यूलवान ि।
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                                     चा
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            अपने िुद क आसधकाररक ररकॉड क अलावा, आईसीडब्ल्यूए ने आईसीडब्लए क इनतिास से जुड़ प्काशकों जैसे एच.एन. कजरू,
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                                                                                                        ं
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            क.एम. पशणक्कर और नेिरू स्मारक सग्िालय एव पुस्तकालय, राष््ीय अशभलिागार आहद जैसे अन् सगिनों से भी ननजी दस्तावेज
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                                                           े
            िाससल हकए ि। भनवष्य में, पररषद से सबसधत ऐसे और अशभलि प्ाप्त करने का प्यास हकया जाएगा, जो हकसी व्यक्क्त या
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            सस्ान क पास िो। समहकत और प्लखित िो जाने क बाद, इससे न कवल आईसीडब्ल्यूए अशभलिागार की शोभा बढगी, बल्कि
                                                                े
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                                                                                           ं
            अध्येताओं को अनुसधान में भी सनवधा ममलगी। समय क साथ आईसीडब्लए का सग्ि भारत में नवदश एव राजनययक नीनत से
                                                                                       े
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            जुड़ प्मि व्यक्क्तयों क ननजी दस्तावेजों का भडार बन सकता ि।
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            आईसीडब्ल्यूए का उदश्य एक ऐसा जीवत सग्ि बनाना ि, जो भारत की सबसे पुरानी नवदश नीनत सथंक टक क रूप में मान्ता प्ाप्त
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            सस्ान की समद नवरासत को सरशक्षत एव प्दर्शत करगा।
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            अगर आप प्शशक्षु क रूप में काम करने और आईसीडब्लए अशभलिागार क समेकन में योगदान करने क इच्ुक ि, तो कपया:
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                                                                                                  ैं
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            ननदशक (अनुसधान) सुश्ी ननवेहदता र से directorresearch@icwa.in पर सपक कर। चयननत उम्ीदवारों को उचचत
                                                                             चा
                                                                          ं
                                     ै
            पाररश्ममक भी हदया जा सकता ि।
            अक : 25  |  अप्रैल-जून 2021                                                                     8
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