Page 10 - ICWA Newsletter Hindi April-June 2021
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इडिया क्ार्टरली इडो-पैसिफिक में भारत और वियतनाम िे
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अतर्राष्ट्रीय म्मलों क् एक जरल िबसित यह अंक इफडया क्ाररली और जन्टल
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खंड 77, अक 2 िॉर इफडयन एड एशियन स्टडीज, हनोई का एक
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अप्रैल-जून, 2021 ियुक्त अंक है।
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यह भी ह डक इिो-पैससडफक से जुड डहतों की िजह
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संपादकीय
से इसकी एक्ट ईस्ट नीवत को मजबती ममलना िुरू
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हो गया ह।
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इस अंक क लख इडिया क्ाररली और वियतनाम चडक, इडिया क्ाररली क इस अक क लखों से
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जन्टल फॉर इडियन एि एशियन स्टिीज, हनोई क ज्ात होता है डक, इिो-पैससडफक को कई लोग
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बीच सहयोग को दिा्टते हैं। िे लख एक नई भू- ऐसा क्ेत्र मानते हैं, जहां प्रगवत जारी ह। इसे चीन
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राजनीवतक अिधारणा क रूप में इिो-पैससडफक को वनयमत्रत करने का प्रयास माना जाता ह और
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की समझ और इस क्त्र की राजनीवत, सरचना यह इसकी सफलता क ललए सबसे बडी चनौती
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ि सस्ानों से सबसधत कई विषयों पर प्रकाि भी है। कोंडक, अपने आसपास क क्ेत्रों पर चीन
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िालते हैं।
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का दािा चचंताजनक ह, इसललए इसका आर्रक
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विगत एक दिक में, इिो-पैससडफक मात्र और राजनीवतक प्रभाि क्ेत्र की अर्टव्िस्ाओं
िब्ार्टगत निोन्ेष से रणनीवतक िास्तविकता में काफी अहम है। जादातर इिो-पैससडफक क्ेत्र
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बन गया ह, जहाँ इसक तरितती, इस क्त्र में चीनी आपूर्त श्रखला से सबसधत है, और इनमें से
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स्स्त ि इस क्त्र क बाहर स्स्त राष्ट्र अब इस असधकांि ने क्त्रीय व्ापक आर्रक भागीदारी
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क्ेत्र में रणनीवतक स्स्वत और बहुपक्ीय सिादों (आरसीईपी) का समर्टन डकया है, श्जसका
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ि पहलों क प्रभािों से पूरी तरह से अिगत हैं। दो सचालन व्ािहाररक उद्शों क ललए, चीन द्ारा
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महासागरों, इडियन एि पैससडफक का अशभसरण, डकया जा रहा है। चीनी आपूर्त श्रखला से हरकर
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इस क्त्र में राजों क सार कारिाई और नीवत क इसमें विविधता लाने की बात क बािजूद, िैश्विक
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ललए व्ापक विस्तार प्रदान करता ह, ताडक िे अर्टव्िस्ा की स्स्वत से कोविि-19 महामारी क
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विदिों में भागीदारी की तलाि कर सक, विकास बाद से, विवनमा्टण एि व्ापार क स्ावपत परन्ट में
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ि सुरक्ा सिादों को गहरा कर सक और बहुपक्ीय बड बदलाि को दखते हुए सतत िैश्विक आर्रक
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सस्ानों ि बहुध्ुिीयता पर बहस में असधक सुधार की उम्ीद बहुत कम है। रट्रप क राष्ट्रपवत
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ऊजा्ट ला सक। गौरतलब है डक वियतनाम और रहने क विगत 4 िषषों और सयुति राज अमेररका
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इिोनेशिया जैसी मध्य िक्तियां, इिो-पैससडफक की राजनीवत से भी सकत ममलता है डक अमेररका
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क महत्व को दखते हुए अपनी क्ेत्रीय और िैश्विक की उपस्स्वत और समरन को हल् में नहीं ललया
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नीवतयों को डफर से पररभावषत करने लगी हैं।
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आससयान से आगे बढ़त हुए, िे अपने आर्रक जा सकता। इसललए, सयुति राज अमेररका क
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और सुरक्ा डहतों क ललए इस क्त्र में काफी सडरिय ललए चीन को सतुललत करना एक उद्श हो सकता
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हैं, भल ही िे आससयान को इस क्त्र क ललए है, लडकन हेश्जंग इस क्त्र के राजों के ललए सबसे
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एक मूलभूत सस्ा मानते हैं। इिो-पैससडफक क अच्ा विकल्प प्रतीत होता है।
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रणनीवतक भविष्य को खुल और मति समुद्ी क्ेत्र इसक अलािा, जबडक चीन क नेत्रत्व िाल क्ेत्रिाद
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क रूप में आकार दने में भारत की रुचच का मतलब हेतु संस्ान तेजी से स्ावपत डकए जा रहे हैं, इंिो-
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अक : 25 | अप्रैल-जून 2021 10
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